राम-तत्व के बारे में कागभुशुण्डिजी का "निज-अनुभव"
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- čas přidán 12. 08. 2021
- निज अनुभव अब कहउँ खगेसा। बिनु हरि भजन न जाहिं कलेसा॥
राम कृपा बिनु सुनु खगराई। जानि न जाइ राम प्रभुताई॥3॥
भावार्थ:-हे पक्षीराज गरुड़! अब मैं आपसे अपना निजी अनुभव कहता हूँ। (वह यह है कि) भगवान् के भजन बिना क्लेश दूर नहीं होते। हे पक्षीराज! सुनिए, श्री रामजी की कृपा बिना श्री रामजी की प्रभुता नहीं जानी जाती,॥3॥
* जानें बिनु न होइ परतीती। बिनु परतीति होइ नहिं प्रीती॥
प्रीति बिना नहिं भगति दिढ़ाई। जिमि खगपति जल कै चिकनाई॥4॥
भावार्थ:-प्रभुता जाने बिना उन पर विश्वास नहीं जमता, विश्वास के बिना प्रीति नहीं होती और प्रीति बिना भक्ति वैसे ही दृढ़ नहीं होती जैसे हे पक्षीराज! जल की चिकनाई ठहरती नहीं॥4॥
सोरठा :
* बिनु गुर होइ कि ग्यान ग्यान कि होइ बिराग बिनु।
गावहिं बेद पुरान सुख कि लहिअ हरि भगति बिनु॥89 क॥
भावार्थ:-गुरु के बिना कहीं ज्ञान हो सकता है? अथवा वैराग्य के बिना कहीं ज्ञान हो सकता है? इसी तरह वेद और पुराण कहते हैं कि श्री हरि की भक्ति के बिना क्या सुख मिल सकता है?॥89 (क)॥
* कोउ बिश्राम कि पाव तात सहज संतोष बिनु।
चलै कि जल बिनु नाव कोटि जतन पचि पचि मरिअ॥89 ख॥
भावार्थ:-हे तात! स्वाभाविक संतोष के बिना क्या कोई शांति पा सकता है? (चाहे) करोड़ों उपाय करके पच-पच मारिए, (फिर भी) क्या कभी जल के बिना नाव चल सकती है?॥89 (ख)॥
चौपाई :
* बिनु संतोष न काम नसाहीं। काम अछत सुख सपनेहुँ नाहीं॥
राम भजन बिनु मिटहिं कि कामा। थल बिहीन तरु कबहुँ कि जामा॥1॥
भावार्थ:-संतोष के बिना कामना का नाश नहीं होता और कामनाओं के रहते स्वप्न में भी सुख नहीं हो सकता और श्री राम के भजन बिना कामनाएँ कहीं मिट सकती हैं? बिना धरती के भी कहीं पेड़ उग सकता है?॥1॥
*बिनु बिग्यान कि समता आवइ। कोउ अवकास कि नभ बिनु पावइ॥
श्रद्धा बिना धर्म नहिं होई। बिनु महि गंध कि पावइ कोई॥2॥
भावार्थ:-विज्ञान (तत्त्वज्ञान) के बिना क्या समभाव आ सकता है? आकाश के बिना क्या कोई अवकाश (पोल) पा सकता है? श्रद्धा के बिना धर्म (का आचरण) नहीं होता। क्या पृथ्वी तत्त्व के बिना कोई गंध पा सकता है?॥2॥
* बिनु तप तेज कि कर बिस्तारा। जल बिनु रस कि होइ संसारा॥
सील कि मिल बिनु बुध सेवकाई। जिमि बिनु तेज न रूप गोसाँई॥3॥
भावार्थ:-तप के बिना क्या तेज फैल सकता है? जल-तत्त्व के बिना संसार में क्या रस हो सकता है? पंडितजनों की सेवा बिना क्या शील (सदाचार) प्राप्त हो सकता है? हे गोसाईं! जैसे बिना तेज (अग्नि-तत्त्व) के रूप नहीं मिलता॥3॥
* निज सुख बिनु मन होइ कि थीरा। परस कि होइ बिहीन समीरा॥
कवनिउ सिद्धि कि बिनु बिस्वासा। बिनु हरि भजन न भव भय नासा॥4॥
भावार्थ:-निज-सुख (आत्मानंद) के बिना क्या मन स्थिर हो सकता है? वायु-तत्त्व के बिना क्या स्पर्श हो सकता है? क्या विश्वास के बिना कोई भी सिद्धि हो सकती है? इसी प्रकार श्री हरि के भजन बिना जन्म-मृत्यु के भय का नाश नहीं होता॥4॥
दोहा :
* बिनु बिस्वास भगति नहिं तेहि बिनु द्रवहिं न रामु।
राम कृपा बिनु सपनेहुँ जीव न लह बिश्रामु॥90 क॥
भावार्थ:-बिना विश्वास के भक्ति नहीं होती, भक्ति के बिना श्री रामजी पिघलते (ढरते) नहीं और श्री रामजी की कृपा के बिना जीव स्वप्न में भी शांति नहीं पाता॥90 (क)॥
सोरठा :
* अस बिचारि मतिधीर तजि कुतर्क संसय सकल।
भजहु राम रघुबीर करुनाकर सुंदर सुखद॥90 ख॥
भावार्थ:-हे धीरबुद्धि! ऐसा विचारकर संपूर्ण कुतर्कों और संदेहों को छोड़कर करुणा की खान सुंदर और सुख देने वाले श्री रघुवीर का भजन कीजिए॥90 (ख)॥
चौपाई
* निज मति सरिस नाथ मैं गाई। प्रभु प्रताप महिमा खगराई॥
कहेउँ न कछु करि जुगुति बिसेषी। यह सब मैं निज नयनन्हि देखी॥1॥
भावार्थ:-हे पक्षीराज! हे नाथ! मैंने अपनी बुद्धि के अनुसार प्रभु के प्रताप और महिमा का गान किया। मैंने इसमें कोई बात युक्ति से बढ़ाकर नहीं कही है। यह सब अपनी आँखों देखी कही है॥1॥
* महिमा नाम रूप गुन गाथा। सकल अमित अनंत रघुनाथा॥
निज निज मति मुनि हरि गुन गावहिं। निगम सेष सिव पार न पावहिं॥2॥
भावार्थ:-श्री रघुनाथजी की महिमा, नाम, रूप और गुणों की कथा सभी अपार एवं अनंत हैं तथा श्री रघुनाथजी स्वयं भी अनंत हैं। मुनिगण अपनी-अपनी बुद्धि के अनुसार श्री हरि के गुण गाते हैं। वेद, शेष और शिवजी भी उनका पार नहीं पाते॥2॥
* तुम्हहि आदि खग मसक प्रजंता। नभ उड़ाहिं नहिं पावहिं अंता॥
तिमि रघुपति महिमा अवगाहा। तात कबहुँ कोउ पाव कि थाहा॥3॥
भावार्थ:-आप से लेकर मच्छरपर्यन्त सभी छोटे-बड़े जीव आकाश में उड़ते हैं, किंतु आकाश का अंत कोई नहीं पाता। इसी प्रकार हे तात! श्री रघुनाजी की महिमा भी अथाह है। क्या कभी कोई उसकी थाह पा सकता है?॥3॥
* रामु काम सत कोटि सुभग तन। दुर्गा कोटि अमित अरि मर्दन॥
सक्र कोटि सत सरिस बिलासा। नभ सत कोटि अमित अवकासा॥4॥
भावार्थ:-श्री रामजी का अरबों कामदेवों के समान सुंदर शरीर है। वे अनंत कोटि दुर्गाओं के समान शत्रुनाशक हैं। अरबों इंद्रों के समान उनका विलास (ऐश्वर्य) है। अरबों आकाशों के समान उनमें अनंत अवकाश (स्थान) है॥4॥
दोहा :
* मरुत कोटि सत बिपुल बल रबि सत कोटि प्रकास।
ससि सत कोटि सुसीतल समन सकल भव त्रास॥91 क॥
भावार्थ:- अरबों पवन के समान उनमें महान् बल है और अरबों सूर्यों के समान प्रकाश है। अरबों चंद्रमाओं के समान वे शीतल और संसार के समस्त भयों का नाश करने वाले हैं॥91 (क)॥
* काल कोटि सत सरिस अति दुस्तर दुर्ग दुरंत।
धूमकेतु सत कोटि सम दुराधरष भगवंत॥91 ख॥
भावार्थ:-अरबों कालों के समान वे अत्यंत दुस्तर, दुर्गम और दुरंत हैं। वे भगवान् अरबों धूमकेतुओं (पुच्छल तारों) के समान अत्यंत प्रबल हैं॥91 (ख)॥
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जय सियाराम 🧡🌟🧡जय सियाराम
**ये हम लोग बचपन मे रोज सुबह रेडियो पर सुनते थे। किस किस ने रेडियो पर ये रामायण सुनी है।**
मैं नजीबाबाद उपजनपद के क्षेत्र अर्थात आकाशवाणी केंद्र नजीबाबाद के पास से हुँ जब रामायण की ये चौपाई आकाशवाणी केंद्र नजीबाबाद से रेडियो पर प्रसारित होती थी तब हमने भी अपने परिवार सहित श्रीरामचरितमानस की सभी चौपाई प्रातः काल में इसको प्रतिदिन निरंतर सुनते थे..... जयश्रीसीताराम, जयश्रीहनुमान
राम चरित मानस एहि नामा, सुनत श्रवन पाइहि विश्रामा। जय सियाराम
Jai shree Ram
हे राम 😭😭😭😭😭😭
मैं तो अज्ञानी हूँ. ईश्वर कौन है, यह मैं नहीं जानता. लेकिन मेरी अंतरआत्मा यही कहती है कि ईश्वर एक ही है वे अपने को अनेक रूपो में प्रकट करते है. वे ही राम है वे ही ब्रह्म, शिव, कृष्ण, देवी दुर्गा, लक्ष्मी, सरस्वति है. जय श्री राम. हम ज्ञान से भगवान को नहीं जान सकते.
जय श्री राम
Jai sitaram 🙏🙏
प्रभु राम ही परब्रह्म परमात्मा है।
अनेकरूप रूपाय विष्णवे प्रभविष्णवे ।
जय जय श्री सीताराम हनुमान 🙏🙏🌺🌺🌼🌼🙏🙏
💐🙏🙏🙏सीता राम💐
जय श्री गणेश जी जय माता दी जय श्री सीताराम जय श्री सीताराम जय श्री सीताराम जय श्री सीताराम जय श्री सीताराम जय श्री सीताराम जय श्री सीताराम जय श्री सीताराम जय श्री सीताराम जय श्री सीताराम जय श्री सीताराम जय श्री सीताराम जय श्री सीताराम जय श्री सीताराम ऊँ नमः शिवाय ऊँ नमो नमः ऊँ नमः शिवाय ऊँ नमो नमः ऊँ नमः शिवाय ऊँ नमः शिवाय ऊँ नमः शिवाय ऊँ नमः शिवाय भगवान शिव माता पार्वती जी को सादर प्रणाम करता हूँ सादर नमस्कार करता हूँ हर हर महादेव हर हर महादेव हर हर महादेव हर हर महादेव उमापति कैलाशपति भोलेनाथ भगवान शिवशंकर महादेव उमापते नमः स्वाहा उमापते नमः स्वाहा उमापते नमः स्वाहा देवाधिदेव महादेव
अब प्रभु कृपा करौं यही भांति सब तज भजन करौं दिन राति
जय जय श्री राम जय जय श्री राम
|| जय श्री राम |||| जय श्री राम |||| जय श्री राम |||| जय श्री राम |||| जय श्री राम |||| जय श्री राम |||| जय श्री राम |||| जय श्री राम |||| जय श्री राम ||
जय सियाराम लखन हनुमान भरत शत्रुघ्न शोभा धाम।।
सियावर रामचंद्र की जय सियावर रामचंद्र की जय सियावर रामचंद्र जी की जय सियावर रामचंद्र जी की जय सियावर रामचंद्र जी की जय सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम
💜💧 राम 💧💜
Jay Shriram
जय श्री सीताराम
🌹🙏जय सियाराम🙏🌹
Jai Shri Ram
जो मानव का कल्याण करें उन्हें सन्मार्ग पर ले जाएं प्रकृति और सृष्टि की रक्षा का संदेश देते हैं वही ईश्वर स्वरूप होते हैं इसीलिए कहा गया कि हर एक व्यक्ति के आत्मा में परमात्मा निवास करता है, वह कल्याण के मार्ग पर अग्रसर हो ,दीन दुखी दरिद्र की सेवा करने वाले ही ईश्वरत्व को प्राप्त होते हैं ऐसा अपना विचार है?जै श्री राम 🎉🎉🎉
जय सियाराम जय जय सियाराम जय सियाराम जय जय सियाराम जय जय सियाराम
Dhanya ho mere mere baba ji,
श्री सीताराम शरणं🙏🙏🙏
❤🌹🙏🌹 जय श्री सीता राम 🌹🙏🌹
राम चरित मानस पूरे विश्व को जीवन को जीने का ज्ञान देता है जिससे पूरे विश्व का कल्याण होगा, हर हर महादेव
बहुत ही सुंदर चौपाई साहब श्री रामचरितमानस के अति सुंदर आवाज के द्वारा गाया गया जिसे सुनकर भाव विभोर हो गया रामायण पढ़ने की प्रेरणा जागृत जागृत हुई । जय श्री राम
हे राम लल्ला आप के लिये सब लभ्य है, प्रभु मेरे चित्त पर अपना अधिपत्या स्थापित कर लीजिये 💐🙏
जय श्री राम शुभ प्रभात प्यारे जीवन जीने का प्रख रामचरित में है जे। मेरा अनुभव है जिस घर में पूजा पट नहीं होता उसका घर कलह या झगडे से लिप रहथा है। चौधरी
Anupam Bhakti Nirupan By Goswami Ji.
"SITA-RAM JI KI JAY HO"
Posted
हर वो शक्स दुखी जग में जिसे थोड़ा भी अभिमान है। और राम राम जपने वालों पर बरस रहा हनुमान है 🙏🏻🙏🏻 जय श्री सीताराम जी 🙏🏻🙏🏻
जय श्री राम जय हनुमान जी महाराज की जय हो माई की जय भैरव बाबा जी 👣👣🌺👣🙏🌹🌺 ओम
😭😭😭 raam ji mujh par bhi kripa kar do,,,,,mujhe bhi Apki prabhutai janna samjhna hai😭🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸
Bahut dukh jhelna padega
Ram nam lo, ram ka mahima padho..ram ki kripa hogi aur ram ki prabhutai samaj aayegi...
@@thecelebratedhunk❤❤❤qqq❤❤❤❤❤❤❤❤❤
❤
अति सुन्दर और कार्नप्रिय। जय हो सनातन संस्कृति और सभ्यता की।
🙏🏼 राम ब्रह्म परमात्मा रूप🙏🏼
Jay siyaram 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Jai SiyaRam Jiki
जय श्री राम जय हो श्री हनुमान जी महाराज की जय हो वाल्मीकि रामायण और श्री तुलसी दास महाराज जी की
Ram Mere Ram
Aha jai siya ram adbhut anand ki prapti ..... Ramcharitmanas se sunder kuch nhi jai ho prabhu 🙏🙏🙏 dhanyawad itne acche swar me sunnae ke liye
Pp
❤
I am daily hearing ram charitmanas chopai at 6.05 am in morning on vividh bharati since it started on akashvani when vajpayee ji was pm.all the singers did astoning & best work in best voices..all great singers...ram charitmanas is best granth to follow in life.shri tulshidas ji ko sat koti pranam.jay siyaram.
जय श्री सीताराम जी
जय श्री राम जय जय श्री सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम 🙏🌹🌷💗
Man भावुक हो गया
Jai shree ram 🙏🏻 ❤❤❤❤❤❤🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉😊😊😊😊😊😊jai bajrang bali ❤❤❤❤❤🎉🎉🎉🎉😊 har har mahadev ❤❤❤❤❤🎉🎉🎉🎉🎉
Subah 7baje pratidin vividh bharti chennel par sunte the bachpan me ye hai pyor puraniyanden Jai shreeram om namah shivay har har mahadev 🌹🌹🌹🌹🌺🌺🌺🌺🌺🌻🌻🌻🌻🌻🌸🌸🌸🌸🌸🌹🌹🌹🌹🌺🌺🌻🌻
jai ho param bhakat shree kagbhushundi majaraj ki.
sita ram sita ram
Salute to Singers bringing the great treasure of Tulsidas with in beautiful voice. Pranam to Lord Rama that stays in your heart🙏🙏
Jai jai srisitaram kagbhushuni garurh sambad ki
आय हाय 🙂😍
जय-जय सियाराम अतिसुंदर मधुर कर्ण प्रिय स्वर जय-जय सियाराम
Jai shree Ram.Aanand aaya aisa gyan adbhut hai.kalakaron ne bhi bahut sunder kam kiya hai.
Jai shree Sita ram ji 🌺🌺🌹🌹🌷🌺🙏🙏🙏🙏
❤राम राम गुरूदेव साहेबबंदगी साहेब ❤
❤राम राम राम राम राम राम राम राम ❤
❤राम राम राम राम राम राम राम राम ❤
❤राम राम राम राम राम राम राम राम❤
🙏जय सियाराम जय ऱ्हनुमान
Jay seeta ram
श्री राम श्री राम त्राहि माम् श्री राम।
The GLORY ,VIBHUTI of PRABHU SHRI RAM and the SECRET sweet fruits and effect of SURRENDERING to HIM.
Jai Shri Ram !
Not surrendering but rather dedicating everything..
श्रीरामचरितमानस और रामायण दुनिया में अद्वितीय ग्रंथ है।जय श्रीराम।
Jai shree Ram 🙏 jai sanatan dharm ki jai
jai shree ram😊😊😊😊❤❤❤❤❤❤❤🎉🎉🎉🎉🎉🎉🙏🙏🙏🙏🙏
अति सुन्दर और मनभावन। जय हो। जय जय श्री राम।
🙏जय सियाराम जय जय सियाराम जय बजरंगबली हनुमान 🌹🚩
Jay Shri Ram❤❤❤🎉🎉🎉
Jai shree Ram 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🌹🌷🌹🪴🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
Jay SitaRam prabhu ji
🌹🙏🌹Jai Shri Ram 🌹🙏🌹
हर हर महादेव
Jai Prabhu Ram
🙏🌹💐Jay Jay Sitaram🙏🌹💐
जय श्री सीता राम 🙏🚩
Sita Ram Sita Ram
Jay Shri Ram❤
🙏जय श्री राम 🕉️🙏
हे राम आपकी जय हो
जय गुरु महाराज
राम राम श्री राम प्रभू 🙏हे राम मेरे राम आपकी भक्ति से आत्मा पावन ओर पवित्र हो गई ऐसे ही भक्ति भाव बनाए रहना भक्त की आत्मा मे नमन मेरे दीनानाथ 🙏
मैं नजीबाबाद उपजनपद के क्षेत्र अर्थात आकाशवाणी केंद्र नजीबाबाद के पास से हुँ जब रामायण की ये चौपाई आकाशवाणी केंद्र नजीबाबाद से रेडियो पर प्रसारित होती थी तब हमने भी अपने परिवार सहित श्रीरामचरितमानस की सभी चौपाई प्रातः काल में इसको प्रतिदिन निरंतर सुनते थे..... जयश्रीसीताराम, जयश्रीहनुमान
जय श्री सिता राम🙏🙏🙏🙏🙏
Jai Jai Siya Ram🙏
Jai Shri Ram 🙏🙏🙏🚩🚩
jai shri ram
Ram
सीता राम
जय जय सियाराम
JAI SIYA RAM
Sadho sadho jai shree Ram
MERE RAM...
Sri ram
Jai Jai shree ram
I owe Master all divine mercy He is Universal Heart My alone cause of existence Forgiveness My Hatha ❤
जय श्री राम 🙏
Jai shree ram ji
जय जय श्री राम
Hare Krishna Hare Ram❤
जय हो प्रभु
जय श्री हरि विष्णु जी 👏👏👏👏
l
श्री हरि ॐ सद्गुरुगोविंदाय नमो नमः
श्री राम जय राम जय जय राम
जय जय विघ्नहरण श्री हनुमान
Very nice 👌 thank you ☺️ Jay shree Ram 🙏
जय श्री राम
Kalyug mahima..
Dhanyabadsar-manas-madhur-ji❤
꧁༺ Jᴀɪ ❖Sʜʀᴇᴇ❖Rᴀᴍ ༻꧂