मनु-शतरुपा का भगवान की पुत्ररुप से प्राप्ति के लिये तप एवं वरदान
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- čas přidán 2. 04. 2021
- चौपाई :
*अपर हेतु सुनु सैलकुमारी। कहउँ बिचित्र कथा बिस्तारी॥
जेहि कारन अज अगुन अरूपा। ब्रह्म भयउ कोसलपुर भूपा॥1॥
भावार्थ:-हे गिरिराजकुमारी! अब भगवान के अवतार का वह दूसरा कारण सुनो- मैं उसकी विचित्र कथा विस्तार करके कहता हूँ- जिस कारण से जन्मरहित, निर्गुण और रूपरहित (अव्यक्त सच्चिदानंदघन) ब्रह्म अयोध्यापुरी के राजा हुए॥1॥
* जो प्रभु बिपिन फिरत तुम्ह देखा। बंधु समेत धरें मुनिबेषा॥
जासु चरित अवलोकि भवानी। सती सरीर रहिहु बौरानी॥2॥
भावार्थ:-जिन प्रभु श्री रामचन्द्रजी को तुमने भाई लक्ष्मणजी के साथ मुनियों का सा वेष धारण किए वन में फिरते देखा था और हे भवानी! जिनके चरित्र देखकर सती के शरीर में तुम ऐसी बावली हो गई थीं कि- ॥2॥
* अजहुँ न छाया मिटति तुम्हारी। तासु चरित सुनु भ्रम रुज हारी॥
लीला कीन्हि जो तेहिं अवतारा। सो सब कहिहउँ मति अनुसारा॥3॥
भावार्थ:-अब भी तुम्हारे उस बावलेपन की छाया नहीं मिटती, उन्हीं के भ्रम रूपी रोग के हरण करने वाले चरित्र सुनो। उस अवतार में भगवान ने जो-जो लीला की, वह सब मैं अपनी बुद्धि के अनुसार तुम्हें कहूँगा॥3॥
* भरद्वाज सुनि संकर बानी। सकुचि सप्रेम उमा मुसुकानी॥
लगे बहुरि बरनै बृषकेतू। सो अवतार भयउ जेहि हेतू॥4॥
भावार्थ:-(याज्ञवल्क्यजी ने कहा-) हे भरद्वाज! शंकरजी के वचन सुनकर पार्वतीजी सकुचाकर प्रेमसहित मुस्कुराईं। फिर वृषकेतु शिवजी जिस कारण से भगवान का वह अवतार हुआ था, उसका वर्णन करने लगे॥4॥
सो मैं तुम्ह सन कहउँ सबु सुनु मुनीस मन लाइ।
रामकथा कलि मल हरनि मंगल करनि सुहाइ॥141॥
भावार्थ:-हे मुनीश्वर भरद्वाज! मैं वह सब तुमसे कहता हूँ, मन लगाकर सुनो। श्री रामचन्द्रजी की कथा कलियुग के पापों को हरने वाली, कल्याण करने वाली और बड़ी सुंदर है॥141॥
चौपाई :
* स्वायंभू मनु अरु सतरूपा। जिन्ह तें भै नरसृष्टि अनूपा॥
दंपति धरम आचरन नीका। अजहुँ गाव श्रुति जिन्ह कै लीका॥1॥
भावार्थ:-स्वायम्भुव मनु और (उनकी पत्नी) शतरूपा, जिनसे मनुष्यों की यह अनुपम सृष्टि हुई, इन दोनों पति-पत्नी के धर्म और आचरण बहुत अच्छे थे। आज भी वेद जिनकी मर्यादा का गान करते हैं॥1॥
* नृप उत्तानपाद सुत तासू। ध्रुव हरिभगत भयउ सुत जासू॥
लघु सुत नाम प्रियब्रत ताही। बेद पुरान प्रसंसहिं जाही॥2॥
भावार्थ:-राजा उत्तानपाद उनके पुत्र थे, जिनके पुत्र (प्रसिद्ध) हरिभक्त ध्रुवजी हुए। उन (मनुजी) के छोटे लड़के का नाम प्रियव्रत था, जिनकी प्रशंसा वेद और पुराण करते हैं॥2॥
* देवहूति पुनि तासु कुमारी। जो मुनि कर्दम कै प्रिय नारी॥
आदि देव प्रभु दीनदयाला। जठर धरेउ जेहिं कपिल कृपाला॥3॥
भावार्थ:-पुनः देवहूति उनकी कन्या थी, जो कर्दम मुनि की प्यारी पत्नी हुई और जिन्होंने आदि देव, दीनों पर दया करने वाले समर्थ एवं कृपालु भगवान कपिल को गर्भ में धारण किया॥3॥
* सांख्य सास्त्र जिन्ह प्रगट बखाना। तत्व बिचार निपुन भगवाना॥
तेहिं मनु राज कीन्ह बहु काला। प्रभु आयसु सब बिधि प्रतिपाला॥4॥
भावार्थ:-तत्वों का विचार करने में अत्यन्त निपुण जिन (कपिल) भगवान ने सांख्य शास्त्र का प्रकट रूप में वर्णन किया, उन (स्वायम्भुव) मनुजी ने बहुत समय तक राज्य किया और सब प्रकार से भगवान की आज्ञा (रूप शास्त्रों की मर्यादा) का पालन किया॥4॥
सोरठा :
* होइ न बिषय बिराग भवन बसत भा चौथपन॥
हृदयँ बहुत दुख लाग जनम गयउ हरिभगति बिनु॥142॥
भावार्थ:-घर में रहते बुढ़ापा आ गया, परन्तु विषयों से वैराग्य नहीं होता (इस बात को सोचकर) उनके मन में बड़ा दुःख हुआ कि श्री हरि की भक्ति बिना जन्म यों ही चला गया॥142॥
चौपाई :
* बरबस राज सुतहि तब दीन्हा। नारि समेत गवन बन कीन्हा॥
तीरथ बर नैमिष बिख्याता। अति पुनीत साधक सिधि दाता॥1॥
भावार्थ:-तब मनुजी ने अपने पुत्र को जबर्दस्ती राज्य देकर स्वयं स्त्री सहित वन को गमन किया। अत्यन्त पवित्र और साधकों को सिद्धि देने वाला तीर्थों में श्रेष्ठ नैमिषारण्य प्रसिद्ध है॥1॥
* बसहिं तहाँ मुनि सिद्ध समाजा। तहँ हियँ हरषि चलेउ मनु राजा॥
पंथ जात सोहहिं मतिधीरा। ग्यान भगति जनु धरें सरीरा॥2॥
भावार्थ:-वहाँ मुनियों और सिद्धों के समूह बसते हैं। राजा मनु हृदय में हर्षित होकर वहीं चले। वे धीर बुद्धि वाले राजा-रानी मार्ग में जाते हुए ऐसे सुशोभित हो रहे थे मानों ज्ञान और भक्ति ही शरीर धारण किए जा रहे हों॥2॥
* पहुँचे जाइ धेनुमति तीरा। हरषि नहाने निरमल नीरा॥
आए मिलन सिद्ध मुनि ग्यानी। धरम धुरंधर नृपरिषि जानी॥3॥
भावार्थ:-(चलते-चलते) वे गोमती के किनारे जा पहुँचे। हर्षित होकर उन्होंने निर्मल जल में स्नान किया। उनको धर्मधुरंधर राजर्षि जानकर सिद्ध और ज्ञानी मुनि उनसे मिलने आए॥3॥
* जहँ जहँ तीरथ रहे सुहाए। मुनिन्ह सकल सादर करवाए॥
कृस सरीर मुनिपट परिधाना। सत समाज नित सुनहिं पुराना॥4॥
भावार्थ:-जहाँ-जहाँ सुंदर तीर्थ थे, मुनियों ने आदरपूर्वक सभी तीर्थ उनको करा दिए। उनका शरीर दुर्बल हो गया था। वे मुनियों के से (वल्कल) वस्त्र धारण करते थे और संतों के समाज में नित्य पुराण सुनते थे॥4॥
दोहा :
* द्वादस अच्छर मंत्र पुनि जपहिं सहित अनुराग।
बासुदेव पद पंकरुह दंपति मन अति लाग॥143॥
भावार्थ:-और द्वादशाक्षर मन्त्र (ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय) का प्रेम सहित जप करते थे। भगवान वासुदेव के चरणकमलों में उन राजा-रानी का मन बहुत ही लग गया॥143॥
चौपाई :
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ये मानस का पाठ इतना सुंदर है की बचपन की याद आ जाती है जब पूज्य पिता जी इसको रेडियो में सुनते थे और परिवार को भी सुनाते थे।प्रभु श्री सीता राम जी के चरणों में नमन वंदन दास का ,प्रभु मेरे पूज्य माता पिता को अपने श्री चरणों में स्थान प्रदान करें यही मेरे प्रभु श्री सीता राम जी सहित हनुमान जी से प्रार्थना है 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
1
Ise sunane ke bad bahut hi
👏🏼
@@raghvendraraghavji4511 जय जय श्री सीता राम राघवेन्द्र जी।🙏🙏🙏🙏
Aap.ne.bilkul.sahi.kaha.hai.bhaiya.Jai.shree.ram.
बिल्कुल आनंद विभोर कर देने वाला प्रसंग है
प्रभु श्री राम का चरित्र ही सनातन चरित्र है, यह मृत्यु लोक में ही अमर कर
देने वाला अमृत है !
जय जय श्री राम जी की ,,,,,
सिया राम में सब जग जानी करब प्रणाम जोरि जुग पानी सीताराम चरण रति मोरे अनु दिन बढ़ई अनुग्रह तोरे
He karuna nidhan prabhu aapke charano me anurag ho he dayanidhan
।।जय सियाराम।।जय सियाराम।।जय सियाराम।।
बहुत ही मधुर रामचरितमानस पाठ मधुर स्वर अति आनन्द दायक। * जय सियाराम * जय सियाराम * जय सियाराम *.......
श्री राम जय राम जय जय राम
राम राम रोम रोम मन चित राम राम है
ओउम् 🎉🎉🎉🎉🎉🌹🌹🌹🌹🌹🙏🙏🙏🙏🙏 कोटि कोटि प्रणाम, हे नाथ हम आपकी शरण में है
He raghunathji apni kripa hamesha karna bhagwan
स्कन्दपुराणोक्त श्रीरामायणमहात्म्ये -
ब्रह्मा विष्णु महेशाद्याः यस्यांशाः लोकसाधकाः ।
तमादि देवं श्रीरामं विशुद्ध परमं भजे ॥ अर्थ -
लोक-व्यवहार साधन परायण ब्रह्मा, विष्णु, महेश्वर आदि जिनके अंश हैं उन आदिदेव परम विशुद्ध भगवान् श्रीराम का मैं भजन करता हूँ।🙏🙏🙏
जय श्री सीताराम
जय श्री राम जय हनुमान जी ❤❤❤❤❤❤
परमानंद ....,
Jay ho manu maharaj satroopa mata ki 🙏
🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉 ॐ जय श्री सीता राम ॐ
Jay Jay Siyaram Jay Jay Siyaram👌🙏❤️❤️
Om namo Bhagwate Vasudevay namah.
Jai Jai Shri Raghubir 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
जय सिया राम🏹
Mere Ram 🙏🏻🙏🏻
जय जय सियाराम जय सियाराम जय सियाराम जय सिया राम जय सियाराम जय सियाराम आपके श्री चरणों में साष्टांग दंडवत प्रणाम कोटि कोटि प्रणाम सत सत प्रणाम
जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम
जय श्री राम 🙏 जय श्री सीताराम 🙏
जय श्री राम 🙏 जय श्री सीताराम 🙏
जय जय श्री राम 🙏 जय जय श्री सीताराम 🙏
जय जय श्री राम 🙏 जय जय श्री सीताराम 🙏
Ram ramg ram ram jay siyaram om hariom nma shivay puspanjli pranat istut bhuvidhaom shantiom
अत्यन्त सुन्दर और मधुर वाणी
Jai. Serei. Sheita. Ram. 🙏🏿🙏🏿
अति सुन्दर 🚩🔔🌹🌿👏👏👏
Jai Siya Ram
धन्य प्रभु श्री राम जी की महिमा |
🙏🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹🌹
जय जय श्री राम जय जय श्री राम जय जय श्री राम 🙏🙏🙏
Sri Ram Jai Ram Jai Jai Ram
💜💧 राम 💧💜
Jay Shree ram🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Ati Sundar prasang....apse sadar anurodh hi ki saprasang sahit vyakhya karne ki kripa Kare. ....
JAI SHRI RAM CHARITMANAS ATI PAVAN GRANTH ,JAI SHRI RAM SITA, JAI MAHAKAVI TULSIDASJI,JAI BHARAT BHUMI AAPKO BARAMBAR PRANAM.
बहुतसुंदर
Anmol ratan Ram charit manas se,mere to jeevan ka adhar Pran nath
Jai shree Ram 🙏
Jai shree Ram v
Om namah shivay
Jai sri ram jai sanatan jai mahaveer ji
सुबह सुबह यह सुन कर मन anandadit हो जाता था जय श्री राम
🌹🙏जय सियाराम🙏🌹
जै सिया राम जी की।
JAI SIYARAM
Jay Shri ram 😔😔😔😔😔🙏🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🏹🏹🏹🏹🏹🏹🏹🇮🇳
Jaysiyaram 🙏🏻 🙏🏻 🙏🏻 🙏🏻 🙏🏻 🙏🏻 🙏🏻 🙏🏻 🙏🏻 🙏🏻 🙏🏻 🙏🏻 🙏🏻 🙏🏻
जय श्री राम🙏🙏🙏🙏
life changing clips
🙂
Ramcharitmanas ka prasang mujhko bahut achcha lagta hai
Very beautiful
Srisitaram ji charn ka koti koti nibedan jai sriram apne bhato ko apni kripa prapt ho
Jai sachidanand Dinesha.Gun tumhar samjhhe nijhh dosha,jeheen sab bhaanti tumhar bharosa.Jai ho merre priye Eesht Dev Ji Ki.🙏🙏
Wow loved your Ramayan Recite ❤❤
Prabhu ki atishay kripa
🙏🏻🙏🙏🏻🙏🙏🏻🌺🌹🚩
Namaskar !Jai Sree Ram!
जय जय सिया राम 🙏🙏🕉️🙏🙏
Jai SiyaRam Jiki
जय श्री राम🙏🚩
Om namo bhagavatey vasudevay🙏
जय श्री राम। जय हनुमान। जय तुलसीदास।
❤ Jai shree Ram ❤
Ap ji ki
Heart touching 💐💐💐💐🌹♥️🌹♥️🌹🚩🚩
जय जय श्री सीताराम 🙏🙏
राम🙏🙏 राम🙏🙏🙏🙏 राम राम की जय
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Jai shree ram
Jaysitaram
जय श्री राम
Jai Shree Ram 🙏 Radhe Radhe 🙏
जय श्री राम 🙏
Jai Shri Ram !
🙏🙏जय श्री राम 🙏🙏
जय जय श्री राम
श्री राम जयराम जय जय राम
हर हर महादेव
श्री राम जय राम जय जय राम श्री सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम
जय श्री राम🙏🙏
अति सुंदर बहुत बहुत धन्यवाद
🙏
Sanatan ki Shakti tyag sikhati hai, Matr bhog nahi. Hamne issase kuch seekha nahi. Yeh sanataniyo ka durbhagya hai.
🎉🎉🎉
Rakesh Yadav shree sita ram shree sita ram ram ram ram ram ram ram ram ram ram ram ram
पूज्य पिता श्री कि यादेआंखे नम कर देती है❤❤
जय श्री हरि विष्णु जी
जय श्री राम
जय शिव शंभु 👏👏
Om namo bhagvate vasudevaye 🙏🙏🙏
Jai shree Ram 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Shatharam
Very nicely rendered with Raag Kalyan in inception. . .
श्री सत गुरुदेवाय नम :
Humare b bachpan se chal rha h ab bhi Radio pe FM pe Parabhu kripa bni rhe Delhi jalandhar se b chllta h shimla b
बहुत ही आनंद दाईं पाठ हैं ।
💜 🦢 💜
जय जय श्री सीताराम भगवान जी की
AAP ek bholey baba ki purvi geet gaiye sundar sa.
8:52
Bhai Esme kaun kaun se instruments ki vice h....bhut hi achha Lg rha h ...jai Shri ram
जय जय सियाराम। हर हर महादेव
Melodious voice अतीव सुंदर।
good night ji jai shree ram jai hanuman ji
Sahridya aabhaar