आपकी पसन्द-168/दिनांक-22 जून, 2024/सौजन्य-आकाशवाणी रोहतक/Aapki Pasand 168/ Dt 22nd June 2024 /AIR

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  • čas přidán 25. 07. 2024
  • आपकी पसन्द-168
    दिनांक-22 जून, 2024
    सौजन्य-आकाशवाणी रोहतक
    कलाकार-राकेश बाहणिया/पाले राम दहिया/धर्मबीर सिंह/
    राजकिशन अगवानपुरिया व साथी/राजबाला व साथी
    रचनाकार-श्री बाजे भगत/शिवचरण/श्री मांगेराम/
    श्री जगन्नाथ/श्री लखमीचन्द
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    Time Line:
    00:00 प्रारम्भिक धुन
    00:35 तुम पहरे पे खड़ी रहो मैं कर लूं स्नान सखि
    08:20 भारत मां के पूत उठ ईब देर तनै क्यों लाई
    15:20 सुपना बेईमान मनै घर घाट गांव तै खोग्या
    23:18 कान पड़ा लिए जोग ले लिया, गेल गुरू की जाणा सै
    31:22 बहाण मैं मरग्यी,
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    1. प्रारम्भिक धुन
    2. तुम पहरे पे खड़ी रहो मैं कर लूं स्नान सखि,
    कदे गैर आदमी आ ज्या कोए इस बात का रखिओ ध्यान सखि।।
    स्वर-श्री राकेश बाहमणियां/रचना-श्री बाजे भगत/
    किस्सा-पदमावत
    3. भारत मां के पूत उठ ईब देर तनै क्यों लाई,
    पाकिस्तान मानता ना करी हिन्द नै बहुत समाई।।
    स्वर-श्री पालेराम दहिया/रचना-श्री शिवचरण/
    देशभक्ति गीत
    4. सुपना बेईमान मनै घर घाट गांव तै खोग्या,
    दीवान की बेटी बहाण मदन की बिषिया तै ब्याह होगा।।
    स्वर-श्री धर्मबीर/रचना-मांगेराम/किस्सा-चन्द्रहास
    5. कान पड़ा लिए जोग ले लिया, गेल गुरू की जाणा सै,
    अपणें हाथां जोग दिवाया ईब के पछताणा सै।।
    स्वर-राजकिशन अगवानपुरिया/रचना-श्री जगन्नाथ/
    किस्सा-गोपीचन्द भरथरी
    6. बहाण मैं मरग्यी,
    इस बाबाजी ने जान काढली हे मेरी।।
    स्वर-श्रीमती राजबाला/रचना-श्री लखमीचन्द/सेठ-ताराचन्द
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    नोट: आपकी पसन्द प्रोग्राम हर शनिवार आकाशवाणी रोहतक से मीडियम वेव 262.47 मीटर बैंड यानि 1143 किलोहार्टज पर प्रसारित किया जाता है। आजकल यह प्रोग्राम एमएम बैड 103.5 पर प्रसारित किया जारहा है क्योंकि पिछले दिनों आए तूफान के कारण एमएम टावर क्षतिग्रस्त हो गया है। जिसे ठीक किया जा रहा है। जैसे ही ठीक होगा इसे पुनः मीडियम वेव पर प्रसारित किया जाएगा। इसे आप आकशावाणी की मोबाईल ऐप न्यूज आन एयर पर भी सुन सकते हैं। श्रोताओं की सुविधा के लिए मैं इसको रिकार्ड करके अपने चैनल पर अपलोड कर रहा हूं जिससे दूर दराज के श्रोता इससे लाभ उठा सकें और वो जब चाहें अपनी सुविधानुसार इस प्रोग्राम को सुन सकें और हरियाणवी संस्कृति के चाहने वाले देश-विदेश के श्रोता इससे लाभ उठा सकें। इसमें मेरा कोई निजी हित सम्मिलित हित नहीं है।
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