भाई बाले वाली जन्म साखी पष्ठ 189 (हिन्दी वाली) में कहा है कि:- खालक आदम सिरजिया आलम बड़ा कबीर। काईम दाइम कुदरती सिर पीरा दे पीर।। भावार्थ है कि नानक जी एक काजी को बता रहे हैं कि जिस परमेश्वर ने आदम जी को उत्पन्न किया। वह बड़ा परमात्मा कबीर है। वह सब गुरुओं का गुरु अर्थात् जगत् गुरु है। उस सबसे बड़े परमात्मा कबीर जी की उपासना (भक्ति) करो।
इसी का प्रमाण गुरु ग्रन्थ साहिब के राग ‘‘सिरी‘‘ महला 1 पृष्ठ नं. 24 पर शब्द नं. 29 शब्द - एक सुआन दुई सुआनी नाल, भलके भौंकही सदा बिआल कुड़ छुरा मुठा मुरदार, धाणक रूप रहा करतार।।1।। मै पति की पंदि न करनी की कार। उह बिगड़ै रूप रहा बिकराल।। तेरा एक नाम तारे संसार, मैं ऐहो आस एहो आधार। मुख निंदा आखा दिन रात, पर घर जोही नीच मनाति।। काम क्रोध तन वसह चंडाल, धाणक रूप रहा करतार।।2।। फाही सुरत मलूकी वेस, उह ठगवाड़ा ठगी देस।। खरा सिआणां बहुता भार, धाणक रूप रहा करतार।।3।। मैं कीता न जाता हरामखोर, उह किआ मुह देसा दुष्ट चोर। नानक नीच कह बिचार, धाणक रूप रहा करतार।।4।।
दूसरा प्रमाण:- नीचे प्रमाण है जिसमें कबीर परमेश्वर का नाम स्पष्ट लिखा है। श्री गु.ग्रपृष् ठ नं. 721 राग तिलंग महला पहला में है। और अधिक प्रमाण के लिए प्रस्तुत है ‘‘राग तिलंग महला 1‘‘ पंजाबी गुरु ग्रन्थ साहेब पृष्ठ नं. 721 यक अर्ज गुफतम पेश तो दर गोश कुन करतार। हक्का कबीर करीम तू बेएब परवरदिगार।। दूनियाँ मुकामे फानी तहकीक दिलदानी। मम सर मुई अजराईल गिरफ्त दिल हेच न दानी।। जन पिसर पदर बिरादराँ कस नेस्त दस्तं गीर। आखिर बयफ्तम कस नदारद चूँ शब्द तकबीर।। शबरोज गशतम दरहवा करदेम बदी ख्याल। गाहे न नेकी कार करदम मम ई चिनी अहवाल।। बदबख्त हम चु बखील गाफिल बेनजर बेबाक। नानक बुगोयद जनु तुरा तेरे चाकरा पाखाक।।
Sat sahib Ji
Jai ho maalik ki
Sat saheb ji ❤
🙏🙏🙏
Jai Ho Malik ki
Pujya Gurudev satguru Rampal ji Maharaj ji ke charno me daas ka koti koti dandwat parnam savikar karna Malik
बहुत अच्छा जी
परमात्मा आये हरीयाणे नू
संत रामपाल जी महाराज के रूप में।
Bandichhod sant rampal ji bhagawan ji ki Jai Ho ❤❤❤❤
Sat saheb satguru rampal Maharaj ki Jay gurudev rampal Maharaj ki Jay Ho Sat sahib bandi chhor rampal Maharaj ki Jay Ho
Inhi ki krepa ke Ham hi Sab hai
Rampal ji Bhagwan ki jay👏
Rampal ji aap ko to sir lekh ka chatan bhi dudh nhi hota
Guru Nanak Ka guru koi Nahi tha ok
Kabir bhagat he
भाई बाले वाली जन्म साखी पष्ठ 189 (हिन्दी वाली) में कहा है कि:-
खालक आदम सिरजिया आलम बड़ा कबीर।
काईम दाइम कुदरती सिर पीरा दे पीर।।
भावार्थ है कि नानक जी एक काजी को बता रहे हैं कि जिस परमेश्वर ने आदम जी को उत्पन्न किया। वह बड़ा परमात्मा कबीर है। वह सब गुरुओं का गुरु अर्थात् जगत् गुरु है। उस सबसे बड़े परमात्मा कबीर जी की उपासना (भक्ति) करो।
इसी का प्रमाण गुरु ग्रन्थ साहिब के राग ‘‘सिरी‘‘ महला 1 पृष्ठ नं. 24 पर शब्द नं. 29
शब्द - एक सुआन दुई सुआनी नाल, भलके भौंकही सदा बिआल
कुड़ छुरा मुठा मुरदार, धाणक रूप रहा करतार।।1।।
मै पति की पंदि न करनी की कार। उह बिगड़ै रूप रहा बिकराल।।
तेरा एक नाम तारे संसार, मैं ऐहो आस एहो आधार।
मुख निंदा आखा दिन रात, पर घर जोही नीच मनाति।।
काम क्रोध तन वसह चंडाल, धाणक रूप रहा करतार।।2।।
फाही सुरत मलूकी वेस, उह ठगवाड़ा ठगी देस।।
खरा सिआणां बहुता भार, धाणक रूप रहा करतार।।3।।
मैं कीता न जाता हरामखोर, उह किआ मुह देसा दुष्ट चोर।
नानक नीच कह बिचार, धाणक रूप रहा करतार।।4।।
Acha ye batao Guru Granth Sahib mein KABIR Ji ke shabad kyu hai Guru Granth Sahib mein to sirf😌Guru ki vaniya hai
👎👎👎👎👎👎👎👎👎👎
दूसरा प्रमाण:- नीचे प्रमाण है जिसमें कबीर परमेश्वर का नाम स्पष्ट लिखा है। श्री गु.ग्रपृष् ठ नं. 721 राग तिलंग महला पहला में है। और अधिक प्रमाण के लिए प्रस्तुत है ‘‘राग तिलंग महला 1‘‘ पंजाबी गुरु ग्रन्थ साहेब पृष्ठ नं. 721
यक अर्ज गुफतम पेश तो दर गोश कुन करतार।
हक्का कबीर करीम तू बेएब परवरदिगार।।
दूनियाँ मुकामे फानी तहकीक दिलदानी।
मम सर मुई अजराईल गिरफ्त दिल हेच न दानी।।
जन पिसर पदर बिरादराँ कस नेस्त दस्तं गीर।
आखिर बयफ्तम कस नदारद चूँ शब्द तकबीर।।
शबरोज गशतम दरहवा करदेम बदी ख्याल।
गाहे न नेकी कार करदम मम ई चिनी अहवाल।।
बदबख्त हम चु बखील गाफिल बेनजर बेबाक।
नानक बुगोयद जनु तुरा तेरे चाकरा पाखाक।।
Sat sahib ji
Sat sahib ji