ये है वो सतनाम, जो नानक जी जपते थे | Sant Rampal Ji Satsang | SATLOK ASHRAM
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- čas přidán 13. 12. 2019
- ये है वो सतनाम, जो नानक जी जपते थे | Sant Rampal Ji Satsang | SATLOK ASHRAM
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Kabir is supremegod
sat sahib ji
यह ज्ञान बहुत ही अनमोल है,
यह सच्चा ज्ञान है ऐसा ज्ञान मैंने कभी नहीं सुना
Sat sahib ji
Kabir is suprim God
ये सच्चा और प्रमाणित ज्ञान हैं
Jai ho bandi chhod ki
Kabir is a real god
True knowledge.this is written in pran sagli.
Great knowledge 🙏
जिन महापुरुषों ने सतनाम का जाप किया था वो पार हुए हैं। वही नाम सन्त रामपाल जी महाराज दे रहे हैं।
Sat sahib g 🙏🙏
कबीर यह तन विष की बेलरी गुरु अमृत की खान सीस दिए जो गुरु मिले तो भी सस्ता जान
परमात्मा ने सतनाम सबको दिया।सारनाम गुप्त रखा है। सतगुरु जी ही देंगे।
कबीर- चारभुजा की भक्ती मे, भूल परियो सब संत।
कबीरा सुमरे तास को, जाके भूजा अनंत।।
‘‘राग तिलंग महला 1‘‘ पंजाबी गुरु ग्रन्थ साहेब पृष्ठ नं. 721 नानक देव जी कहते हैं:- हे सर्व सृष्टि रचनहार, दयालु ‘‘सतकबीर‘‘ आप निर्विकार परमात्मा हैं।
ये है वो सतनाम , जो नानक देव जी जपते थे।
प्राण सगनलि मे आदरणीय नानक साहेब जी ने सत् नाम के सिमरन को विधि के अनुसार जाप किया और पार हुए है और सहज समाधि मे ध्यान पर वैराग्य भाव से उस पूर्ण प्रमात्मा की खोज की और उसी खोज को धरोहर के रूप मे आने वाली पीढ़ियों के लिए वसीयत नामा छोड़ गए है ये अब हमारे और हमारी बुद्दी पर है हम इस वसीयत नामे के कितने हकदार है सत् गुरु राम पाल जी महाराज जी ने सत् नाम रूपी वसीयत के सारे ओरिजनल प्रूफ पेश कर दिये है
Saty guru sahev rampal ji ki jay bandi chond kavir sahib ki jay
Kabir is 😇🙏👼
चिंता खा गई जगत को,चिंता जग की पीर!
जो चिंता को मेट दे, उसका नाम कबीर!!
🙏सत साहेब🙏
गरीब अनंत कोटि ब्रह्माण्ड का एक रति नहीं भार
सतपुरुष कबीर है कुल के सिरजनहार।
यह ज्ञान बहुत ही अनमोल है
यह सच्चा ज्ञान है इसके बारे में मैंने बहुत सुना है
Bandichor sadguru Saint Rampal das ji maharaj ki jay ho 🙏🙏
कबीर,
जब ही सतनाम ह्रदय धरयो, भयो पाप को नाश।
मानो चिगांरी अग्नि की, परि पुराने घास।।
वेदों में और गीता जी में प्रमाण है।
कबीर साहेब जी भगवान है।
कबीर राम कृष्ण से कौन बड़ा उन्होंने भी गुरु किन तीन लोक के वे धनी गुरु आगे आधीन
धन्य हो ऐसा संत धरती पर बार-बार नहीं आते जो हंस आत्मा होगी सरण में चली आएगी अपने असंख्ये युगों का कष्ट एक मिन्ट में मिटालेंगें संत रामपाल जी महाराज को पहचानने की जरुरत है बस होगया काम
अनंत कोटि ब्रह्मांड का एक रत्ती नहीं सत्य पुरुष कबीर है कुल के सिरजनहार
सत्संग की आधी घड़ी तप के वर्ष हजार।
तो भी बराबर है नहीं कह कबीर विचार।।
वास्तवि मंत्र को गुरु नानक जी जपते थे वह नाम मंन्त्र संत रामपाल जी महाराज के पास है सच्चा संत रामपाल जी है
नानक देव जी को कबीर परमात्मा जिंदा रूप में आकर मील थे।
फाही सूरत, मलूकी वेस,एह ठगवाड़ा ठगी देश,
खरा सियाना बहुता बार, एह धानक रूप रहा करतार।
गरीब झांकी देख कबीर की नानक किती वाह।
या सिखां के गल पड़ी अब कौन छुटावै ताह।।
*Nice Satsang*
सत_कबीर_द्वारे_तेरे_पर
एक_दास_भिखारी_आया_है।
भक्ति_की_भिक्षा_दे_दीजो
उम्मीद_कटोरा_लाया_है।
Sat saheb ji to all
फाही सुरत मलूकी वेश ऊह ठगवाड़ा ठग्गी देश खरा सियाना बहुता भार धाणक रूप रहा करतार।
🙏🙏🙏🙏🙏
👇🏻🙏लो भाई देख लो (नीचे के comment में) कबीर जी परमेश्वर नहीं है.......और ना ही गुरु नानक देव जी महाराज के गुरु है .....🙏✨️.
...
ये कबीर जी तो खुद राम राम राम राम राम राम राम... हर हर हरि हरि जाप करके मुक्ति पाने वाले हैं...
...
*भाई संत बनो भ्रम मत बनो* ......🙏✨️
सब संत भले है गुरु गुरु ग्रंथ साहिब जी पूरे गुरु हैं ...✨️🙏👇🏻👇🏻
*ੴ सतिगुर प्रसादि ॥*
ੴ सतिगुर प्रसादि॥
*ऐसी लाल तुझ बिनु कउनु करै ॥*
हे प्यारे प्रभु ! तेरे बिना ऐसी कृपा कौन कर सकता है,
*गरीब निवाजु गुसईआ मेरा माथै छत्रु धरै ॥१॥ रहाउ ॥*
हे गुँसाई ! तू गरीब-नवाज है और मुझ दीन पर तूने छत्र धर दिया है॥ १॥ रहाउ॥
*जा की छोति जगत कउ लागै ता पर तुहीं ढरै ॥*
जिसकी छूत जगत् को लग जाती है अर्थात् जिसे दुनिया अछूत समझती है, उस पर तू ही कृपा करता है।
*नीचह ऊच करै मेरा गोबिंदु काहू ते न डरै ॥१॥*✨️
मेरा गोबिंद नीच को भी ऊँचा बना देता है और वह किसी से नहीं डरता॥ १॥✨️
*नामदेव कबीरु तिलोचनु सधना सैनु तरै ॥*✨️
उसकी अनुकंपा से नामदेव, कबीर, त्रिलोचन, सधना एवं सैन इत्यादि भी संसार-समुद्र से पार हो गए हैं।✨️
*कहि रविदासु सुनहु रे संतहु हरि जीउ ते सभै सरै ॥२॥१॥*
रविदास जी कहते हैं, हे सज्जनो ! मेरी बात जरा ध्यानपूर्वक सुनो, ईश्वर की रज़ा से सभी मनोरथ पूरे हो सकते हैं।॥ २॥
*मारू ॥*
मारू॥
*सुख सागर सुरितरु चिंतामनि कामधेन बसि जा के रे ॥*
जिसके वश में सुखों का सागर कल्पवृक्ष, चिंतामणि एवं कामधेनु हैं;
*चारि पदारथ असट महा सिधि नव निधि कर तल ता कै ॥१॥*
धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष रूपी चार पदार्थ, आठ महासिद्धियों एवं नो निधियाँ भी उस ईश्वर के हाथ में ही हैं॥ १॥
*हरि हरि हरि न जपसि रसना ॥*
हे भाई ! जिह्मा से तुम भगवान् का नाम तो जपते ही नहीं,
*अवर सभ छाडि बचन रचना ॥१॥ रहाउ ॥*
अन्य सभी वचन एवं व्यर्थ रचना को छोड़ कर प्रभु का भजन कर ले। १॥ रहाउ॥
*नाना खिआन पुरान बेद बिधि चउतीस अछर माही ॥*
अनेक आख्यान, पुराणों, वेदों एवं विधियों तथा चौंतीस अक्षरों में लिखे गए शास्त्रों का विचार करके
*बिआस बीचारि कहिओ परमारथु राम नाम सरि नाही ॥२॥*
व्यास जी ने यही बताया है कि राम नाम के बराबर कोई परमार्थ नहीं है॥ २॥
*सहज समाधि उपाधि रहत होइ बडे भागि लिव लागी ॥*
सहज-स्वभाव समाधि में रत होकर दुख-तकलीफों से रहित हो गए हैं और अहोभाग्य से ईश्वर में लगन लग गई है।
*कहि रविदास उदास दास मति जनम मरन भै भागी ॥३॥२॥१५॥*
रविदास जी कहते हैं कि दास की मति जग से विरक्त हो गई है, जिससे जन्म-मरण का भय भाग गया है।३॥ २॥ १५॥
Bhagat Ravidas ji / Raag Maru / / Ang 1106
Ye process kaa sirf ek part hai, ab btayo aap sikh hoo yaa nhi ... yaa sikh hone ke raste par ho yaa nhi ....?
कबीर, गुरू बिन माला फेरते, गुरू बिन देते दान।
गुरू बिन दोनों निष्फल हैं, चाहे पूछो बेद पुराण।।
गुरू बिन नाम जाप की माला फिराते हैं या दान देते हैं, वह व्यर्थ है। यह वेदों तथा पुराणों में भी प्रमाण है।
👑गुरू पूरा हो, झूठे गुरू से कोई लाभ नहीं होता।
संत रामपाल जी महाराज जी ने उस ज्ञान को सद ग्रंथों से प्रमाणित करके उजागर किया है
🙏🙏गुरु ग्रंथ साहिब में प्रमाण है कि कबीर साहेब भगवान है🙏🙏🙏
पूर्ण परमात्मा कविर्देव चारों युगों में आए हैं। सृष्टी व वेदों की रचना से पूर्व भी अनामी लोक में मानव सदृश कविर्देव नाम से विद्यमान थे। कबीर परमात्मा ने फिर सतलोक की रचना की, बाद में परब्रह्म, ब्रह्म के लोकों व वेदों की रचना की इसलिए वेदों में कविर्देव का विवरण है।अधिक जानकारी के लिए श्रद्धा चैनल दोपहर 2:00
Real spiritual knowledge
जबहीं सत्य नाम हृदय धर्यों, भयो पाप को नाश ।
जैसे चिंगारी अग्नि की, पड़ी पुराने घास।
🙏बंदीछोड़ सतगुरु रामपालजी महाराज की जय हो 🙏
गुरु नानक जी के गुरु कबीर जी थे। जिन्होने सतनाम दिया जिससे गुरु नानक जी का पूर्ण मोक्ष हुआ।
👇🏻🙏लो भाई देख लो (नीचे के comment में) कबीर जी परमेश्वर नहीं है.......और ना ही गुरु नानक देव जी महाराज के गुरु है .....🙏✨️.
...
ये कबीर जी तो खुद राम राम राम राम राम राम राम... हर हर हरि हरि जाप करके मुक्ति पाने वाले हैं...
...
*भाई संत बनो भ्रम मत बनो* ......🙏✨️
सब संत भले है गुरु गुरु ग्रंथ साहिब जी पूरे गुरु हैं ...✨️🙏👇🏻👇🏻
*ੴ सतिगुर प्रसादि ॥*
ੴ सतिगुर प्रसादि॥
*ऐसी लाल तुझ बिनु कउनु करै ॥*
हे प्यारे प्रभु ! तेरे बिना ऐसी कृपा कौन कर सकता है,
*गरीब निवाजु गुसईआ मेरा माथै छत्रु धरै ॥१॥ रहाउ ॥*
हे गुँसाई ! तू गरीब-नवाज है और मुझ दीन पर तूने छत्र धर दिया है॥ १॥ रहाउ॥
*जा की छोति जगत कउ लागै ता पर तुहीं ढरै ॥*
जिसकी छूत जगत् को लग जाती है अर्थात् जिसे दुनिया अछूत समझती है, उस पर तू ही कृपा करता है।
*नीचह ऊच करै मेरा गोबिंदु काहू ते न डरै ॥१॥*✨️
मेरा गोबिंद नीच को भी ऊँचा बना देता है और वह किसी से नहीं डरता॥ १॥✨️
*नामदेव कबीरु तिलोचनु सधना सैनु तरै ॥*✨️
उसकी अनुकंपा से नामदेव, कबीर, त्रिलोचन, सधना एवं सैन इत्यादि भी संसार-समुद्र से पार हो गए हैं।✨️
*कहि रविदासु सुनहु रे संतहु हरि जीउ ते सभै सरै ॥२॥१॥*
रविदास जी कहते हैं, हे सज्जनो ! मेरी बात जरा ध्यानपूर्वक सुनो, ईश्वर की रज़ा से सभी मनोरथ पूरे हो सकते हैं।॥ २॥
*मारू ॥*
मारू॥
*सुख सागर सुरितरु चिंतामनि कामधेन बसि जा के रे ॥*
जिसके वश में सुखों का सागर कल्पवृक्ष, चिंतामणि एवं कामधेनु हैं;
*चारि पदारथ असट महा सिधि नव निधि कर तल ता कै ॥१॥*
धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष रूपी चार पदार्थ, आठ महासिद्धियों एवं नो निधियाँ भी उस ईश्वर के हाथ में ही हैं॥ १॥
*हरि हरि हरि न जपसि रसना ॥*
हे भाई ! जिह्मा से तुम भगवान् का नाम तो जपते ही नहीं,
*अवर सभ छाडि बचन रचना ॥१॥ रहाउ ॥*
अन्य सभी वचन एवं व्यर्थ रचना को छोड़ कर प्रभु का भजन कर ले। १॥ रहाउ॥
*नाना खिआन पुरान बेद बिधि चउतीस अछर माही ॥*
अनेक आख्यान, पुराणों, वेदों एवं विधियों तथा चौंतीस अक्षरों में लिखे गए शास्त्रों का विचार करके
*बिआस बीचारि कहिओ परमारथु राम नाम सरि नाही ॥२॥*
व्यास जी ने यही बताया है कि राम नाम के बराबर कोई परमार्थ नहीं है॥ २॥
*सहज समाधि उपाधि रहत होइ बडे भागि लिव लागी ॥*
सहज-स्वभाव समाधि में रत होकर दुख-तकलीफों से रहित हो गए हैं और अहोभाग्य से ईश्वर में लगन लग गई है।
*कहि रविदास उदास दास मति जनम मरन भै भागी ॥३॥२॥१५॥*
रविदास जी कहते हैं कि दास की मति जग से विरक्त हो गई है, जिससे जन्म-मरण का भय भाग गया है।३॥ २॥ १५॥
Bhagat Ravidas ji / Raag Maru / / Ang 1106
Ye process kaa sirf ek part hai, ab btayo aap sikh hoo yaa nhi ... yaa sikh hone ke raste par ho yaa nhi ....?
Very good spiritual satsang
सत्यनाम पालड़े रंग होरी हो ,
चौदह लोक चड़ाये राम रंग होरी हो ।
तीन लोक पासंग धरे रंग होरी हो ,
तो न तुले तुलाये राम रंग होरी हो ।।
Nice knowledge
सतनाम बिना मोक्ष नहीं हो सकता।सतनाम केवल तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के पास है।
पुरब पश्चिम उत्तर दक्षिण क्यों फिरता दाने दाने नु ।
सर्व कला साहेब सतगुरु की हरि आए हरियाणा नु ।।
पूर्ण परमात्मा "सत कबीर" है।
हक्का कबीर करीम तू बेएब परवरदीगार।।
"राग तिलंग महला 1पंजाबी गुरु ग्रंथ साहेब पृष्ठ न 721
नानक देव जी कहते है:-
हे सर्व सृष्ठी रचनहार,दयालु "सतकबीर" आप निर्विकार परमात्मा है ।
👇🏻🙏लो भाई देख लो (नीचे के comment में) कबीर जी परमेश्वर नहीं है.......और ना ही गुरु नानक देव जी महाराज के गुरु है .....🙏✨️.
...
ये कबीर जी तो खुद राम राम राम राम राम राम राम... हर हर हरि हरि जाप करके मुक्ति पाने वाले हैं...
...
*भाई संत बनो भ्रम मत बनो* ......🙏✨️
सब संत भले है गुरु गुरु ग्रंथ साहिब जी पूरे गुरु हैं ...✨️🙏👇🏻👇🏻
*ੴ सतिगुर प्रसादि ॥*
ੴ सतिगुर प्रसादि॥
*ऐसी लाल तुझ बिनु कउनु करै ॥*
हे प्यारे प्रभु ! तेरे बिना ऐसी कृपा कौन कर सकता है,
*गरीब निवाजु गुसईआ मेरा माथै छत्रु धरै ॥१॥ रहाउ ॥*
हे गुँसाई ! तू गरीब-नवाज है और मुझ दीन पर तूने छत्र धर दिया है॥ १॥ रहाउ॥
*जा की छोति जगत कउ लागै ता पर तुहीं ढरै ॥*
जिसकी छूत जगत् को लग जाती है अर्थात् जिसे दुनिया अछूत समझती है, उस पर तू ही कृपा करता है।
*नीचह ऊच करै मेरा गोबिंदु काहू ते न डरै ॥१॥*✨️
मेरा गोबिंद नीच को भी ऊँचा बना देता है और वह किसी से नहीं डरता॥ १॥✨️
*नामदेव कबीरु तिलोचनु सधना सैनु तरै ॥*✨️
उसकी अनुकंपा से नामदेव, कबीर, त्रिलोचन, सधना एवं सैन इत्यादि भी संसार-समुद्र से पार हो गए हैं।✨️
*कहि रविदासु सुनहु रे संतहु हरि जीउ ते सभै सरै ॥२॥१॥*
रविदास जी कहते हैं, हे सज्जनो ! मेरी बात जरा ध्यानपूर्वक सुनो, ईश्वर की रज़ा से सभी मनोरथ पूरे हो सकते हैं।॥ २॥
*मारू ॥*
मारू॥
*सुख सागर सुरितरु चिंतामनि कामधेन बसि जा के रे ॥*
जिसके वश में सुखों का सागर कल्पवृक्ष, चिंतामणि एवं कामधेनु हैं;
*चारि पदारथ असट महा सिधि नव निधि कर तल ता कै ॥१॥*
धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष रूपी चार पदार्थ, आठ महासिद्धियों एवं नो निधियाँ भी उस ईश्वर के हाथ में ही हैं॥ १॥
*हरि हरि हरि न जपसि रसना ॥*
हे भाई ! जिह्मा से तुम भगवान् का नाम तो जपते ही नहीं,
*अवर सभ छाडि बचन रचना ॥१॥ रहाउ ॥*
अन्य सभी वचन एवं व्यर्थ रचना को छोड़ कर प्रभु का भजन कर ले। १॥ रहाउ॥
*नाना खिआन पुरान बेद बिधि चउतीस अछर माही ॥*
अनेक आख्यान, पुराणों, वेदों एवं विधियों तथा चौंतीस अक्षरों में लिखे गए शास्त्रों का विचार करके
*बिआस बीचारि कहिओ परमारथु राम नाम सरि नाही ॥२॥*
व्यास जी ने यही बताया है कि राम नाम के बराबर कोई परमार्थ नहीं है॥ २॥
*सहज समाधि उपाधि रहत होइ बडे भागि लिव लागी ॥*
सहज-स्वभाव समाधि में रत होकर दुख-तकलीफों से रहित हो गए हैं और अहोभाग्य से ईश्वर में लगन लग गई है।
*कहि रविदास उदास दास मति जनम मरन भै भागी ॥३॥२॥१५॥*
रविदास जी कहते हैं कि दास की मति जग से विरक्त हो गई है, जिससे जन्म-मरण का भय भाग गया है।३॥ २॥ १५॥
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Kabir sahib is eternal god
दो अख्ख्र का भेद बताबै सोहे गुरू पूरा कहावै
एक छुटावै एक लखावै तो प्राणी निज घर जावै
गरीब, अनंत कोटि ब्रह्मांड में, बंदी छोड़ कहाय। सो तौ एक कबीर हैं, जननी जन्या न माय।।
श्री नानक जी(कबीर सागर)
धन्य पुरूष ज्ञानी करतारा। जीवकाज प्रकटे संसारा।।
धन-कबीर तुम बंदी छोरा।
ज्ञान तुम्हारा महाबल जोरा।।
दिया नाम गुरु किया उबारा
नानक अमर लोक पगधारा
{साधना चैनल 7:30 शाम}
बहुत ही अच्छा रहश्मय ज्ञान है। संत जी की जय हो।
कबीर,जब ही सत्यनाम ह्रदय धरा,भयो पाप का नाश।
मानो चिंगारी अग्नि की ,पड़ी पुराने घास ॥🙏🙏
जिस सतनाम के जाप से गुरु नानक जी मोक्ष को प्राप्त करे वही सतनाम संत रामपाल जी महाराज के द्वारा हमें मिल रहा है। संत रामपाल जी महाराज ही एक मात्र संत है।
Hame kasie milage
👇🏻🙏लो भाई देख लो (नीचे के comment में) कबीर जी परमेश्वर नहीं है.......और ना ही गुरु नानक देव जी महाराज के गुरु है .....🙏✨️.
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ये कबीर जी तो खुद राम राम राम राम राम राम राम... हर हर हरि हरि जाप करके मुक्ति पाने वाले हैं...
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*भाई संत बनो भ्रम मत बनो* ......🙏✨️
सब संत भले है गुरु गुरु ग्रंथ साहिब जी पूरे गुरु हैं ...✨️🙏👇🏻👇🏻
*ੴ सतिगुर प्रसादि ॥*
ੴ सतिगुर प्रसादि॥
*ऐसी लाल तुझ बिनु कउनु करै ॥*
हे प्यारे प्रभु ! तेरे बिना ऐसी कृपा कौन कर सकता है,
*गरीब निवाजु गुसईआ मेरा माथै छत्रु धरै ॥१॥ रहाउ ॥*
हे गुँसाई ! तू गरीब-नवाज है और मुझ दीन पर तूने छत्र धर दिया है॥ १॥ रहाउ॥
*जा की छोति जगत कउ लागै ता पर तुहीं ढरै ॥*
जिसकी छूत जगत् को लग जाती है अर्थात् जिसे दुनिया अछूत समझती है, उस पर तू ही कृपा करता है।
*नीचह ऊच करै मेरा गोबिंदु काहू ते न डरै ॥१॥*✨️
मेरा गोबिंद नीच को भी ऊँचा बना देता है और वह किसी से नहीं डरता॥ १॥✨️
*नामदेव कबीरु तिलोचनु सधना सैनु तरै ॥*✨️
उसकी अनुकंपा से नामदेव, कबीर, त्रिलोचन, सधना एवं सैन इत्यादि भी संसार-समुद्र से पार हो गए हैं।✨️
*कहि रविदासु सुनहु रे संतहु हरि जीउ ते सभै सरै ॥२॥१॥*
रविदास जी कहते हैं, हे सज्जनो ! मेरी बात जरा ध्यानपूर्वक सुनो, ईश्वर की रज़ा से सभी मनोरथ पूरे हो सकते हैं।॥ २॥
*मारू ॥*
मारू॥
*सुख सागर सुरितरु चिंतामनि कामधेन बसि जा के रे ॥*
जिसके वश में सुखों का सागर कल्पवृक्ष, चिंतामणि एवं कामधेनु हैं;
*चारि पदारथ असट महा सिधि नव निधि कर तल ता कै ॥१॥*
धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष रूपी चार पदार्थ, आठ महासिद्धियों एवं नो निधियाँ भी उस ईश्वर के हाथ में ही हैं॥ १॥
*हरि हरि हरि न जपसि रसना ॥*
हे भाई ! जिह्मा से तुम भगवान् का नाम तो जपते ही नहीं,
*अवर सभ छाडि बचन रचना ॥१॥ रहाउ ॥*
अन्य सभी वचन एवं व्यर्थ रचना को छोड़ कर प्रभु का भजन कर ले। १॥ रहाउ॥
*नाना खिआन पुरान बेद बिधि चउतीस अछर माही ॥*
अनेक आख्यान, पुराणों, वेदों एवं विधियों तथा चौंतीस अक्षरों में लिखे गए शास्त्रों का विचार करके
*बिआस बीचारि कहिओ परमारथु राम नाम सरि नाही ॥२॥*
व्यास जी ने यही बताया है कि राम नाम के बराबर कोई परमार्थ नहीं है॥ २॥
*सहज समाधि उपाधि रहत होइ बडे भागि लिव लागी ॥*
सहज-स्वभाव समाधि में रत होकर दुख-तकलीफों से रहित हो गए हैं और अहोभाग्य से ईश्वर में लगन लग गई है।
*कहि रविदास उदास दास मति जनम मरन भै भागी ॥३॥२॥१५॥*
रविदास जी कहते हैं कि दास की मति जग से विरक्त हो गई है, जिससे जन्म-मरण का भय भाग गया है।३॥ २॥ १५॥
Bhagat Ravidas ji / Raag Maru / / Ang 1106
Ye process kaa sirf ek part hai, ab btayo aap sikh hoo yaa nhi ... yaa sikh hone ke raste par ho yaa nhi ....?
Kabir is god
Most watch sadhana tv 7:30pm
Kabir was God.
Not in present.
बंदी छोड़ रामपाल जी महाराज की जय सभी भक्तों को सत् साहेब जी
Great satsang by Satguru Rampal ji Maharaj
Sat sahib ji malik
Real Supreme God 🙏
नानक देव जी को कबीर साहिब जिंदा रूप में मिले थे उनको अपना मंत्र देखकर के सतलोक का नजारा दिखा करके वापस अपना मूल मंत्र मंत्र देकर के सतनाम दिया था गुरु नानक जी को
Sant Ram pal is purn satguru kbeer sahib hei sat sahib guru Ji
सन्त रामपाल जी महाराज शास्त्रों के अनुसार भक्ति बताते हैं, सभी को इनसे नाम दीक्षा लेकर भक्ति करनी चाहिए।
Kabir is supreme God ❤️
सत्य वचन।
Very nice satsang
संखो लहर महर की उपजे,कहर जहां ना कोई।
कहें कबीर अचल अविनाशी,सुख का सागर सोई। ।
जैसा भोजन खाइये , तैसा ही मन होय ।
जैसा पानी पीजिये, तैसी वाणी होय ॥
अर्थ : शुद्ध-सात्विक आहार तथा पवित्र जल से मन और वाणी पवित्र होते हैं। अर्थात, जो जैसी संगति करता है वैसा ही बन जाता है।
समरथ का सरणा गहो रंग होरी हो।
कदी ना हो अकाज राम रंग होरी हो।
तीन लोक पासिंग धरे रंग होरी हो।
तो ना तुले तुलावे राम रंग होरी हो।
जैसे किरका जहर का रंग होरी हो।
कहो कोन किस विध खाय रंग होरी।
सत्यनाम पालड़े रंग होरी हो।
अधिक जानकारी के लिए देखें साधना टीवी चैनल 7:30pm.
संत रामपाल जी महाराज के आध्यात्मिक ज्ञान से ही होगा पूर्ण मोक्ष
एक बार जरूर देखें साधना टीवी रात्रि में 7 30 से 8 30 तक
Wonderful satsang
Very nice satsang by Satguru Rampal ji Maharaj
very nice satsang
हम सुल्तानी नानक तारे, दादू को उपदेश दिया।
जात जुलाहा भेद न पाया,काशी में कबीर हुआ।।
अधिक जानकारी के लिए सुनीये सत्संग साधना tv7,30pm से
कबीर मानुष जन्म पाय कर,जो नहीं रटै हरि नाम।
जैसे कुआँ जल बिना, बनवाया क्या काम।।
सतनाम की सही जानकारी नानक जी ने बताई थी और आज तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी बता रहे है।
3•🌿 *ये है वो सतनाम जो नानक देव जी जपते थे*
जै सतगुरु की संगत करते सकल कर्म कटि जाई।
अमरपुरी पर आसन होते जहां धूप ना छाई।
Must watch on Sadhna Tv7:30 pm
सतगुरु रामपाल जी महाराज द्वारा महान सत्संग
राम राम सब जगत बखाने।
आदि राम कोई बिरला जाने।।
Satguru Rampalji maharaj ki jai
नानक देव जी ने भी कबीर साहेब जी से नाम दिक्षा ली थी, कबीर परमेश्वर जी ने ही नानक देव जी को दो अक्षर का सतनाम दिया गया था। नानक देव जी सतनाम का जाप करते थे, जिसका वर्णन प्राण सागली नामक पुस्तक में किया गया है।
तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के प्रवचन देखिए साधना टीवी, शाम 7,30 टू 8,30पीएम,
सत्य साहेब
कहे कबीर अखर दो भाख,होगा खसम तो लेगा राख।
Mujevi patta chal gaya kavir is complete God in the world lekin muje gyan samaz me nahi aiya vhakti kese kare gyan ganga pustakvi nahi aur jineki raha bookvi nahi only satsang youtube dekhar aur nanak aur anya sisyavi kavir mahima gaye aur tridev vi charan bandana kiya tab muje biswas huwa kavir mamuli sadu nahi God hai avv muje kya karna chahiya
Mene guru nanak jike mahima story se patta chala nanakvi kavir parmesorke mahima gaye aur jitnevi sant hai kavirke mahima gaye aur badme kavir hanuman bodh suna tav mene purna biswas kiya kavir sadu nahi God hai lekin God jesa nahi lagta sochta brama bishnu shiv dhen kiya aur sadu bana jesa laga pahele biswas nahi kiya mamuli sadu laga lekin kavir sadaran nahi jo tridevsevi bade hai tab biswas huwa na pahele kohi kavir naam suna muje sada shiv sansarke palan sangkar jesa laga aadi ant laga lekin bad kuch aur hai isliya muje samaz nahi aiya muje kya karna chahiya
अनन्त कोटि ब्रम्हांड का एक रति नही भार।
सतगुरु पुरुष कबीर है कुल के सृजनहार।।
Ram Naam Jjapkar thir hoye, Om Soham mantar doye- saint garib das ji
सतगुरुदेव जी की जय हो
जो वो हैं सो ये और जो ये हैं सो वो, ज्ञानी तो समझ गये और ना समझे कोय ! जो समझे सो श्वास से जपे और ना बुझे कोय .🙏🙏🙏
Satguru Dev ji ki Jai ho
बाइबल - Iyov 36:5 प्रमाणित करती है कि परमेश्वर कबीर (सामर्थी) है और विवेकपूर्ण है।
परमेश्वर कबीर (शक्तिशाली) है, किन्तु वह लोगों से घृणा नहीं करता।
Satguru Dev ki jai ho
सुई गुरु पूरा कहावे दो अक्षर का भेद बतावे एक लखावे एक छोड़बे सोई गुरु पूरा कहावे हमारी वेद पुराण शास्त्रों में छुपे हुए गुण रहस्य को जानने के लिए अवश्य पुस्तक 🌹जीने की राह🌹
बंदी छोड़ सतगुरु देव जी की जय हो
Sant Rampal Ji Maharaj hi puran saint h
राम कृष्ण से कौन बड़ा, उन्होंने भी गुरु कीन्ह।तीन लोक के वे धनी, गुरु आगे आधीन।।
Sat. Sahib ji 🙏🙏
🙏🙏sat saheb 🙏🙏
भाई सूरत मलू कि देश आठवडा ठगी देश खड़ा सेआना बहुत आभार धानक रूप रहा करता