गुरु नानक देव जी की प्रथम उदासी | Sant Rampal Ji Satsang | SATLOK ASHRAM
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- čas přidán 10. 12. 2019
- गुरु नानक देव जी की प्रथम उदासी | Sant Rampal Ji Satsang | SATLOK ASHRAM
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*Lord Kabir is suprime God*
Satguru rampal Ji mharaj ki Jay Ho
Jai ho bandi chhod ki
Kabir is a real god
सोही गूरू पुरा कहावे जो दो अक्षर का भेद बताआ वे एक लखावे एक छुढ़ावे जब प्राणी निज घर को पावे
निज घर को पावे
तीर्थ गए एक फल, संत मिलन फल चार।
सतगुरु मिले अनेक फल, कहे कबीर विचार।।
कबीर साहेब जी कहते है कि 👇
यह मनुष्य जन्म आपको बहुत युगों के बाद प्राप्त होता है!!
इसलिए आप तत्व दर्शी सन्त की शरण जाकर उनकी बताई भक्ति करके मोक्ष प्राप्ति प्राप्त करो|
देखें👇👇
साधना चैनल शाम 7.30बजे से
"सर्व शक्तिमान परमेश्वर कबीर"
पूर्ण परमात्मा आयु बढ़ा सकता है और कोई भी रोग को नष्ट कर सकता है। - ऋग्वेद अधिक जानकारी के लिए देखिए नवग्रह चैनल पर रात्रि 09:00 बजे से 10:00 बजे तक
गुरु नानक जी को कबीर परमात्मा के ज्ञान से कॉल के इस लोक को पहचान गया।अधिक जानकारी के लिये साधना टीवी7:30 शाम पर
उत्तर दक्षिण पूरब पश्चिम फिरता दाने-दाने सर्व कला सतगुरु साहिब की हरी आए हरियाण न्यू
गरीब नानक को निर्भय कीया , वाहेगुरु सत जान अदली पुरुष पछानिया, निर्गुण पद निर्माण।
गुरूवा गाम बीगाडे संतो गुरूवा गाम बीगाडे
एसे करम जिव के लादे अब जडे ना जाडे ॥
@@kihsorkumar6423 सही बात हैं आप की इन झूठे गुरुओ ने गांव गांव बिगाड़ दिये
कबीर साहेब ही पूर्ण परमात्मा हैं
"धाणक रूप रहा करतार"
राग ‘‘सिरी‘‘ महला 1 पृष्ठ 24
नानक देव जी कहते हैं :-
मुझे धाणक रूपी भगवान ने आकर सतमार्ग बताया तथा काल से छुटवाया।
कबीर,सुख मे सुमिरण किया नही ,
दुःख मे करते याद ।कहे कबीर ता दास की ,कौन सुन्ने फरियाद ।।
गुरुनानक जी के गुरु
कबीर् जी ही थे।।
अधिक जानकारी के लिए देखे साधना,चैनल प्रतिदिन शाम 7:30से
आए हैं सो जायेंगे राजा रंक फकीर एक सिंघासन चढ़ चले एक बंधे जात जंजीर
कबीर साहिब जी ने गुरु नानक देव को भी उपदेश दिया था उससे सतलोक भी ले गए थे जो सृष्टि के रचने वाले हैं 6 दिन रचना की है सातवें दिन विश्राम किया अपने तक तखत पर विराजमान हुए पूर्ण परमात्मा कबीर साहिब जी हैं
कबीर साहिब जी ने गुरु नानक देव को भी भी उपदेश दिया उसे सतरंगी ले गए जो सृष्टि के हंसने वाले शादी भेजना कि साथ ही दिन विश्राम किया
पूर्ण परमात्मा "सत कबीर" हैं।
हक्का कबीर करीम तू बेएब परवरदिगार।।
‘‘राग तिलंग महला 1‘‘ पंजाबी गुरु ग्रन्थ साहेब पृष्ठ नं. 721
नानक देव जी कहते हैं:-
हे सर्व सृष्टि रचनहार, दयालु ‘‘सतकबीर‘‘ आप निर्विकार परमात्मा हैं।
ऊत्तर दक्षिण पूर्ब पश्चिम, क्यों फिरता दाने, दाने नू।
सर्व कला सत् गुरू साहेब की, हरि आये हरियाने नू।।
झांकी देख कबीर की नानक कीती वाह।
वाह सिख्खों के गल पडी है कौन छुटावै ताह।।
गुरु नानक,धर्मदास जी, गरीब दास जी महाराज,घीसा दास, दादू जी सभी ने सतलोक को देखा और सतलोक में विराजमान कबीर परमात्मा को देखा है।अधिक जानकारी के लिए साधना चैनल रात्रि 7:30 बजे
Kabir_Is_Godपूर्ण परमात्मा "सत कबीर" हैं।
हक्का कबीर करीम तू बेएब परवरदिगार।।
‘‘राग तिलंग महला 1‘‘ पंजाबी गुरु ग्रन्थ साहेब पृष्ठ नं. 721
नानक देव जी कहते हैं:-
हे सर्व सृष्टि रचनहार, दयालु ‘‘सतकबीर‘‘ आप निर्विकार परमात्मा हैं।
वर्तमान युग में पूर्ण संत रामपाल जी महाराज हैं जो शास्त्रों के अनुसार सद्भक्ति बता रहे हैं अधिक जानकारी के लिए देखें साधना टीवी 7:30 बजे प्रतिदिन शाम को
कबीर परमात्मा जी कहते हैं
वेद पढ़े पर भेद ना जाने, ये बाचे पुराण अठारह !
पत्थर की ये पूजा करते,भूल गए सिर्जनहारा !
ਸਾਧ ਮਿਲੇ ਸਾਡੀ ਸ਼ਾਦੀ ਹੁੰਦੀ। ਵਿਛੜ ਜਾਏ ਦਿਲਗੀਰੀ ਵੇ।ਆਖਦੇ ਨਾਨਕ ਸੁਣੋ, ਜਹਾਨਾ ਮੁਸ਼ਕਲ ਹਾਲ ਫਕੀਰੀ ਵੇ।
प्रथम उदासी (पहली प्रचार यात्रा) भाई लालो और मलिक भागो
श्री गुरू नानक देव जी परमात्मिक ज्ञान बाँटने के लिए पहली प्रचार यात्रा (पहली उदासी)पर निकले, गुरू जी सुल्तान पुर लोधी से लम्बा सफर तय करके सैदपुर नगर में पहुँचे। वहाँ पर उनको बाजार में एक बढ़ई लकड़ी से तैयार की गई वस्तुएँ बेचता हुआ मिला जो कि साधू सँतों की सेवा किया करता था। जिसका नाम लालो था। उसने नानक जी को अपने यहाँ ठहरने का निमन्त्रण दिया। गुरू नानक देव जी ने यह निमन्ण स्वीकार करके भाई मरदाना सहित उसके घर जा पधारे।
भाई लालो समाज के मध्य वर्ग का व्यक्ति था जिसकी आय कठोर परीश्रम करने पर भी बहुत निम्न स्तर की थी तथा उसे हिन्दू वर्ण-भेद के अनुसार शूद्र अर्थात नीच जाति का माना जाता था। इस गरीब व्यक्ति ने गुरुदेव की यथा शक्ति सेवा की जिसके अन्तर्गत बहुत साधारण मोटे अनाज, बाजरे की रोटी तथा साग इत्यादि का भोजन कराया। मरदाने को इस रूखे-सूखे पकवानों में स्वादिष्ट व्यँजनों जैसा आनन्द मिला।
तब भाई मरदाना ने गुरुदेव से प्रश्न किया कि यह भोजन देखने में जितना नीरस जान पड़ता था सेवन में उतना ही स्वादिष्ट किस तरह हो गया है ? तब गुरुदेव ने उत्तर दिया,इस व्यक्ति के हृदय में प्रेम है, यह कठोर परीश्रम से उपजीविका अर्जित करता है। जिस कारण उसमें प्रभु कृपा की बरकत पड़ी हुई है। यह जानकर भाई मरदाना सन्तुष्ट हो गया। गुरू जी भाई लालो के यहाँ रहने लगे। उस समय किसी ऊँचें कुल के पुरूष का किसी शूद्र के घर में ठहरना और उसके घर में खाना खाना बहुत बुरा समझा जाता था। पर गुरू जी ने इस बात की कोई परवाह नहीं की।
एक बार उसी नगर के बहुत बड़े धनवान जागीरदार मलिक भागो ने ब्रहम भोज नाम का बड़ा भारी यज्ञ किया और नगर के सब साधूओं और फकीरों को निमंत्रण दिया साथ ही गुरू नानक देव जी को भी निमंत्रण दिया गया। इस ब्रहम भोज (यज्ञ) में जबरदस्ती गरीब किसानों के घरों से गेहूँ, चावल आदि का सँग्रह किया गया था। इसी प्रकार और गरीब लोगों से भी नाना प्रकार की सामग्री इकटठी की गई थी। परन्तु नाम मलिक भागो का था,इसलिए गुरू जी ने यज्ञ में जाने से इन्कार कर दिया और सब साधु सन्त फकीर आदि खूब पेट भरकर यज्ञ का भोजन खा आये थे।
इतिहास में लिखा है कि गुरू जी को जब मजबूर करके यज्ञ स्थान में ले गये।
और अभिमानी मलिक भागो ने गुरू जी को कहाः ब्रहम भोज में क्यों नहीं आये? जबकि सब मतों के साधु भोजन खा कर गये हैं। यज्ञ का पूरी-हलवा छोड़कर एक शूद्र के सूखे टुकड़े चबा रहे हो।
तब गुरू जी ने मलिक भागो को कहाः आप कुछ पूरी हलवा ला दो, मैं आपको इसका भाव बताऊं कि मैं क्यों नहीं आया ? उधर गुरू जी ने भाई लालो के घर का सूखा टुकड़ा मंगवा लिया।
गुरू जी ने, एक मुटठी में मलिक भागो का पूरी हलवा लेकर और दूसरी मुटठी में लालो का सूखा टुकड़ा पकड़ कर निचोड़ा, तब "हलवा और पूरियों से खून की धार" बहने लगी और "सूखे रोटी के टुकड़े से दूध की धार" हजारों लोग इस दृश्य को द खकर दंग रह गये। तब गुरू जी ने कहा भाइयों यह है "धर्म की कमाई: दूध की धारें" और यह है "पाप की कमाई: खून की धारें" इसके बाद वह मलिक भागो गुरू जी के चरणों में लिपट गया और पहले किये गये पापों का प्रायश्चित करके, धर्म की कमाई करने लगा।
शरण पङे को गुरू सम्भाले जानके बालक भोला रे।कहे कबीर चरण चित राखों ज्यूं सूई में डोरा रे।
कबीर परमात्मा कहते हैं
याशोदा फिर नहीं संता योशोदा फिर नाही
लोहे जैसा ताब जात है काया दे ही देही ठेराती रे संतो योशोदा फिर नाही
True guru always leads his disciples to true spiritual path
@SaintRampalJiM
"आलम बडा कबीर"नानक देव"
"सर्व शक्तिमान परमेश्वर कबीर"
पूर्ण परमात्मा आयु बढ़ा सकता है और कोई भी रोग को नष्ट कर सकता है। - ऋग्वेद
Complete Spiritual Knowledge by Saint Rampal Ji Maharaj Ji
दादू जी समझाते है सतगुरूशब्द उल्घंकर जो कोइ शिष्य जाइ।
दादू पग पग काल है,जहा जाइ तहा खाइ।।
बिन सतगुरु भेटे मुक्ति न होई। बिन सतगुरु भेटे नाम पाइआ न जाई। - श्री गुरु ग्रन्थ साहिब पृष्ठ 946
गुरु जी की शरण बिना नाम नहीं मिल सकता। नाम बिना मुक्ति नहीं हो सकती।
Sat sahib ji malik
जगत के लोगो।
जागो।
पूर्ण परमात्मा धरती पर आए हुए हैं।
सन्त रामपाल जी महाराज के रूप में।
जल्दी आओ।
Time कम है।
कबीर परमात्मा सम्पूर्ण शान्ति दायक है-
यजुर्वेद अध्याय 5मंत्र 32।
अवश्य पड़े अनमोल पुस्तक "ज्ञान गंगा"।
जिस परमात्मा ने सब ब्रह्मांड की रचना की उस परमात्मा का नाम है कवीरदेव
पवित्र बाइबल उत्पत्ति ग्रंथ में
जिसने 6 दिन में सर्व सृष्टि की रचना की तथा फिर विश्राम किया।।
जानने के लिए देखें साधना चैनल पर रात 7:30 से ।
पूर्ण परमात्मा की सत भक्ति करने से ही मोक्ष प्राप्त हो सकता है इसके लिए जगतगुरु तत्वदर्शी संत संत रामपाल जी महाराज से दीक्षा लेकर अपना मोक्ष कराएं
🙏🏻Bandhi Chhod Satguru Sant Rampal Ji Maharaj ki Jay Ho🙏🏻
सतगुरु मिलै तो इच्छा मैटे पद मिलै पदै समाना।
चल हंसा उस लोक पठाऊं,जहां आदि अमर स्थाना।।
देखें साधना टीवी 7.30pm
Almighty kabir is the creator of whole universe-
पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब है यह बात गुरु नानक देव जी भली-भांति जानते थे इसेलिए कबीर साहिब की महिमा का बखान किया
✨ गुरु नानक देव जी की प्रथम उदासी।
जानने के लिए देखिए साधना टीवी पर 7:30pm
कबीर,मानूश जन्म पाए कर,नहीं रटे हरि नाम।
जैसे कुंवा जल बिना,बनवाया क्या काम।।
जो जन मेरी शरण है, ताका हूं मैं दास।
गैल गैल लागा फिरू, जब लग धरती आकाश।।
True spiritual knowledge
Guru Nanak Dev Ji meet the real and supreme god Kabir dev ji.
He is also a real Saint.
कबीर,ये संसार समझता नाही, कहदा शाम दोपहरे नु।
गरीब दास ये वक्त जात है, रोओ गे इस पहरे नु।।
श्री गुरुग्रंथसाहिब जी पृष्ठ 1257, मलार महला 1, घरु 2 में नानकदेवजी ने साकार परमात्मा की महिमा में कहा है-
बागे कापड़ बोले बैण
लम्मा नकु काले तेरे नैण
कबहु साहिबु देखिया भैण।
पूरब पश्चिम उत्तर दक्षिण फिरता दाने-दाने नू सर्व कला सतगुरु साहेब की, हरि आये हरियाणे नूँ
सत पुरुष जिन जाणिया, सत गुरू तिस का नाऊ।
जिनके संग सिख उधरे, नानक हरि गुण गाऊ।
नानकजी ने कबीर साहेब को सतलोक में देखा फिर काशी में देखा ।तो बोले
यक अर्श गुफ़्तम पेश तो दर कूंन करतार।
हक्काकबीर करीम तू,बे ऐब परवरदिगार।
उत्तर, दक्षिण, पूरब,पश्चिम फिरता दाणे-दाणे नू।
सर्व कला सतगुरु साहब की हरियाणा आये हरियाणे नू।
परमात्मा कविर्देव जी के लिए नानक देव जी की प्रथम वाणी
गुरु नानक देव जी की प्रथम उदासी
Lord kabir is supreme god
Amazing guru
झांकी देख कबीर की,नानक किती वाह।यही सीखो के गल पड़ी,इन्हे कौन छुड़ावे ता।
जिसको कहते कबीर जुलाहा,सब गति पूरन अगम अगाहा ।
संत शरण में आनेवाले से आई टले बल्ला जै मस्तक में सूली हो कांटे मे टल जा।
Guru nanak ji said that kabir is the almighty god
ਗੁਰੂ ਨਾਨਕ ਦੇਵ ਜੀ ਦੀ ਪਹਿਲੀ ਉਦਾਸੀ.
Sat gyan
"सर्व शक्तिमान परमेश्वर कबीर"
पूर्ण परमात्मा आयु बढ़ा सकता है और कोई भी रोग को नष्ट कर सकता है। - ऋग्वेद
अधिक जानकारी के लिए देखिए ईश्वर चैनल पर रात्रि 8:30pm पर सत्संग।
Holy Vedas proves that Kabir is supreme God
"न जाने काल की कर डारे किस विधि ढल जां पासा वे। जिन्हादें सिर पर मौत खूड़ग दी उन्हानूं केड़ा हासां वे।।"
कबीर परमात्मा पाप का शत्रु है, पाप विनाशक है।
यजुर्वेद 5:32
आदरणीय नानक साहिब जी अधिक समय तक उदास रहते थे क्योंकि उन्होंने सतलोक को आंखों से देख लिया था, और यह भी पता लग चुका था कि यह काल का लोक है, यहां किसी का कोई भरोसा नहीं कब मृत्यु हो जाए।
गरीब दास साहिब ने कहा है
शंखों लहर मिहिर की उपजे, कहर नहीं जहां कोई ।
दास गरीब अचल अविनाशी, सुख का सागर वोही ।।
💠गीता जी के अध्याय 18 के श्लोक 66 में गीता ज्ञान दाता ने अपने से अन्य परम अक्षर ब्रह्म की शरण में जाने को कहा है।
अधिक जानकारी के लिए देखिए
साधन tv पर शाम 7:30 से
It is true spiritual knowledge
गुरु नानक,धर्मदास जी, गरीब दास जी महाराज,घीसा दास, दादू जी सभी ने सतलोक को देखा और सतलोक में विराजमान कबीर परमात्मा को देखा है।
पढ़े पुस्तक ज्ञान गंगा
@SaintRampalJiM
झांकी देख कबीर की नानक किन्हीं वाह।
वाह शिख्कों के गल पडी अब कौन छुटावे ताह।।
Sat guru rampal ji Maharaj ji ki Jai be ho
पूरा गुरु धारण किए बिना मोक्ष नहीं हो सकता ।
अधिक जानकारी के लिए साधना चैनल पर सत्संग देखे 7:30 p.m.
पूर्व पक्षिम उत्तर दक्षिण फिरता दाने दाने नू।
सर्व कला सतगुरू साहेब की हरि आये हरियने नु।।
जगत् तारणहार सतगुरू रामपाल जी महराज जी की जय हो।।
Must watch everyone
👑गुरुग्रन्थ साहेब पृष्ठ 721 पर अपनी अमृतवाणी महला 1 में श्री नानक जी ने कहा है कि हे सर्व सृष्टि रचनहार कबीर परमात्मा आप ही निर्विकार व दयालु परमात्मा हो -
“हक्का कबीर करीम तू, बेएब परवरदीगार।
गुरु नानक जी की प्रथम उदासी काशी के लिए थी।
उत्तर दक्षिण पूरब पश्चिम, क्यों फिरता दाने-दाने नू। सर्व कला सतगुरु साहिब की, हरी आए हरियाने नू।
Kabir is supreme God
Jai ho Rampal ji Bhagwan ki
Great guru sant rampal ji
कबीर,हम सुल्तानी नानक तारे,दादू को उपदेश दिया।
जात जुलाहा भेद न पाया, काशी माहे कबीर हुआ।।
निरंजन धन तेरा दरबार,
निरंजन धन तेरा दरबार,
जहां पर तनिक न न्याय विचार |
वैश्या ओढ़े मुलमुल खासा,
गल मोतियो का हार,
पतिव्रता को सूखा निरस आहार |
निरंजन धन तेरा दरबार |
ਬੰਦੀਛੋੜ ਸਤਗੁਰੁ ਰਾਮਪਾਲ ਜੀ ਮਹਾਰਾਜ ਦੀ ਜਯ ਹੋ
परमात्मा कहते है
चाहे गंगा किनारे घर करो , चाहे पियो निर्मल
निर । मुक्ति नही हरि नाम बिन, कह गये साहेब कबीर ।।
अगर गंगा नहाने से मुक्ति होती तो उसमें रहने वाले जीव जंतु व मछलियों की मुक्ति पहले होनी चाहिए थी ।
Sat sahib ji 🌺🙏🙏🌺
अगर आपको पूर्ण मोक्ष चाहिए तो गीता जी के ज्ञान के अनुसार मोक्ष संभव है गीता जी का संपूर्ण ज्ञान जानने के लिए देखिए साधना टीवी 7:30 रात्रि
Sat sahib ji
Kabir is a real god..👏👏🙏👏👏
सत साहेब जय बंदी छोड़ की
गुरु नानक देव जी को उदासी जब होती थी जब उनके भगत चले जाते थे और खुशी जब होती थी जब उनके सभी भगत सत्संग में आ जाते थे अधिक जानकारी के लिए देखें साधना चैनल 7:30 बजे शाम को
प्रथम उदासी (पहली प्रचार यात्रा) भाई लालो और मलिक भागो
श्री गुरू नानक देव जी परमात्मिक ज्ञान बाँटने के लिए पहली प्रचार यात्रा (पहली उदासी)पर निकले, गुरू जी सुल्तान पुर लोधी से लम्बा सफर तय करके सैदपुर नगर में पहुँचे। वहाँ पर उनको बाजार में एक बढ़ई लकड़ी से तैयार की गई वस्तुएँ बेचता हुआ मिला जो कि साधू सँतों की सेवा किया करता था। जिसका नाम लालो था। उसने नानक जी को अपने यहाँ ठहरने का निमन्त्रण दिया। गुरू नानक देव जी ने यह निमन्ण स्वीकार करके भाई मरदाना सहित उसके घर जा पधारे।
भाई लालो समाज के मध्य वर्ग का व्यक्ति था जिसकी आय कठोर परीश्रम करने पर भी बहुत निम्न स्तर की थी तथा उसे हिन्दू वर्ण-भेद के अनुसार शूद्र अर्थात नीच जाति का माना जाता था। इस गरीब व्यक्ति ने गुरुदेव की यथा शक्ति सेवा की जिसके अन्तर्गत बहुत साधारण मोटे अनाज, बाजरे की रोटी तथा साग इत्यादि का भोजन कराया। मरदाने को इस रूखे-सूखे पकवानों में स्वादिष्ट व्यँजनों जैसा आनन्द मिला।
तब भाई मरदाना ने गुरुदेव से प्रश्न किया कि यह भोजन देखने में जितना नीरस जान पड़ता था सेवन में उतना ही स्वादिष्ट किस तरह हो गया है ? तब गुरुदेव ने उत्तर दिया,इस व्यक्ति के हृदय में प्रेम है, यह कठोर परीश्रम से उपजीविका अर्जित करता है। जिस कारण उसमें प्रभु कृपा की बरकत पड़ी हुई है। यह जानकर भाई मरदाना सन्तुष्ट हो गया। गुरू जी भाई लालो के यहाँ रहने लगे। उस समय किसी ऊँचें कुल के पुरूष का किसी शूद्र के घर में ठहरना और उसके घर में खाना खाना बहुत बुरा समझा जाता था। पर गुरू जी ने इस बात की कोई परवाह नहीं की।
एक बार उसी नगर के बहुत बड़े धनवान जागीरदार मलिक भागो ने ब्रहम भोज नाम का बड़ा भारी यज्ञ किया और नगर के सब साधूओं और फकीरों को निमंत्रण दिया साथ ही गुरू नानक देव जी को भी निमंत्रण दिया गया। इस ब्रहम भोज (यज्ञ) में जबरदस्ती गरीब किसानों के घरों से गेहूँ, चावल आदि का सँग्रह किया गया था। इसी प्रकार और गरीब लोगों से भी नाना प्रकार की सामग्री इकटठी की गई थी। परन्तु नाम मलिक भागो का था,इसलिए गुरू जी ने यज्ञ में जाने से इन्कार कर दिया और सब साधु सन्त फकीर आदि खूब पेट भरकर यज्ञ का भोजन खा आये थे।
इतिहास में लिखा है कि गुरू जी को जब मजबूर करके यज्ञ स्थान में ले गये।
और अभिमानी मलिक भागो ने गुरू जी को कहाः ब्रहम भोज में क्यों नहीं आये? जबकि सब मतों के साधु भोजन खा कर गये हैं। यज्ञ का पूरी-हलवा छोड़कर एक शूद्र के सूखे टुकड़े चबा रहे हो।
तब गुरू जी ने मलिक भागो को कहाः आप कुछ पूरी हलवा ला दो, मैं आपको इसका भाव बताऊं कि मैं क्यों नहीं आया ? उधर गुरू जी ने भाई लालो के घर का सूखा टुकड़ा मंगवा लिया।
गुरू जी ने, एक मुटठी में मलिक भागो का पूरी हलवा लेकर और दूसरी मुटठी में लालो का सूखा टुकड़ा पकड़ कर निचोड़ा, तब "हलवा और पूरियों से खून की धार" बहने लगी और "सूखे रोटी के टुकड़े से दूध की धार" हजारों लोग इस दृश्य को द खकर दंग रह गये। तब गुरू जी ने कहा भाइयों यह है "धर्म की कमाई: दूध की धारें" और यह है "पाप की कमाई: खून की धारें" इसके बाद वह मलिक भागो गुरू जी के चरणों में लिपट गया और पहले किये गये पापों का प्रायश्चित करके, धर्म की कमाई करने लगा।
आज पूरी विश्व मे पूर्ण गुरु संत रामपाल जी ही है
Real knowledge
हम,सुल्तानी नानक तारे, दादु को उपदेश दिया।
जात जुलाहा भेद न पाया, काशी माहे कबीर हुआ।।
कबीर, तीन लोक पिंजरा भया, पाप पुण्य दो जाल। सभी जीव भोजन भये, एक खाने वाला काल।।
👏👏दाता, जी आपका ज्ञान ज्ञान अतिउत्तम हैं
सतगुरु म्हारै वाणिया हे, करते वणज व्यापार |
विन डांडी विन पालडे हे, तोल दिया संसार |
Sat sahib 🙏🙏
Sat guru dev ki jai
Wandarful vedio
Kabir is one god.
Kavir is god पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी हैं।
हक्का कबीर करीम तू बेएब परवर दिगार
अधिक जानकारी के लिए अवश्य देखिए साधना टी वी पर शाम 7: 30 बजे।
बाइबल - Iyov 36:5 प्रमाणित करती है कि परमेश्वर कबीर (सामर्थी) है और विवेकपूर्ण है।
परमेश्वर कबीर (शक्तिशाली) है, किन्तु वह लोगों से घृणा नहीं करता।