कवि श्री प्रदीप जैन से जुड़ी अतीत की यादें | Poet, Writer & Tele Filmmaker Shri Pradeep Jain

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  • čas přidán 2. 04. 2021
  • दुर्लभ उदारमना चेतना का नाम है प्रदीप जैन।
    प्रदीप जी काव्य के एक धीर-गंभीर मौन साधक रहे हैं। कवियों का सत्संग करने में उन्हें बड़ा आनंद आता था। एक धारावाहिक उन्होंने कवियों पर बनाया, जिसे आदरणीय बाल स्वरूप राही ने संचालन करते हुए पूरा किया। कई सारे बड़े कवियों में मुझे भी शरीक़ कर लिया। मेरी सारी शूटिंग उन्होंने एक-दो दिन में पूरी कर ली। अच्छा सा कार्यक्रम बना।
    वे समाजोपयोगी, छात्रोपयोगी और छोटे-छोटे ज्ञान-बिंदु देने वाली कविताएं रचते थे।
    उनका साम्प्रदायिक सद्भाव का सोच मुझे बहुत भाता है। श्रमिकों के प्रति, निर्बल वर्ग के प्रति उनकी सहानुभूति प्रायः उनकी ग़ज़लों और कविताओं में झलकती है। वे जब तक जागे रहते थे, तब तक रचनाशील रहते थे। उन्होंने कहा भी है-
    नींद आंखों में न आए, तो ग़ज़ल कहता हूं,
    तू ख्यालों में जो छाए तो ग़ज़ल कहता हूं।
    -अशोक चक्रधर
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    #pradeepjain #poet #writer #telefilmmaker

Komentáře • 5

  • @nirmaladwivedi9236
    @nirmaladwivedi9236 Před 3 lety +2

    🙏🙏Naman

  • @Halchalharyanavi
    @Halchalharyanavi Před 3 lety +1

    प्रदीप जैन पर विस्तार पूर्वक वंचना की है, अशोक 'चक्रधर' जी को प्रणाम् !

  • @maxthrill
    @maxthrill Před 3 lety

    Sadar Naman Sir ji ! Bohot Badiya sir kaki rochak jankari mili !!

  • @Rbgurjar4674
    @Rbgurjar4674 Před rokem

    Sir mein aap se milna chata hu plz location