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class 8.39। कर्म बन्ध विज्ञान - सम्यग्ज्ञान से tension free रहिये सूत्र 11

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  • čas přidán 25. 06. 2024
  • Class 8.39 summary
    नामकर्म के वर्णन में मुनि श्री ने समझाया कि
    हम मकानादि बनाने को तो महत्व देते हैं
    पर जो चीजें हमें मिली हैं पर हमने बनाई नहीं हैं
    उनकी importance नहीं समझते
    जैसे नामकर्म के कारण स्वयं संचालित यह शरीर
    या पर्याप्तियाँ - जिनके कारण से हम जी पाते हैं, दुनिया देख पाते हैं
    और जिन्हें कोई हमारे लिए बना नहीं सकता
    अगर पर्याप्ति जैसे अत्यन्त दुर्लभ चीज पर भी हमारा ध्यान नहीं होगा
    तो फिर हमें कभी नामकर्म के महत्व के माध्यम से
    अपने कर्म फल का ज्ञान नहीं हो सकेगा
    दूसरी नई चीजें या एक नया संसार बनाने की कोशिश में
    जो हमें पुण्य के उदय से मिला है
    हम उन सब चीजों को भी
    अच्छे ढंग से manage कर नहीं पा रहे हैं
    और अधिकतर आदमी रोगी, बीमार, असमय में मृत्यु के ग्रास बन जाते हैं
    अपर्याप्तक जीव तो श्वास के 18वें भाग में ही मरण को प्राप्त हो जाता है
    सभी एक से पाँच इन्द्रिय जीव अपर्याप्तक हो सकते हैं
    मनुष्य भी अपर्याप्तक होता है
    वह मनुष्य आयु का बंध करके, मनुष्य गति के उदय से मनुष्य का शरीर मिलने पर भी
    पर्याप्ति पूर्ण नहीं कर पाता
    और श्वास के 18वें भाग में ही जी करके मर जाता है
    ऐसे सम्मूर्च्छन जीव शरीर में उत्पन्न और नष्ट होते ही रहते हैं
    सम्यग्ज्ञान से हमें समझ आता है
    कि जो हमारे पास है वह बहुत दुर्लभ है
    और वह दूसरों के पास नहीं है
    और जिन चीजों की हम tension ले रहा हैं
    वे हमारे लिए जरुरी नहीं हैं
    हमें पर्याप्तियों और इनसे बनने वाले दस प्राणों पर ध्यान देना चाहिए
    इन्हें सुरक्षित करना चाहिए
    क्योंकि इनसे ही जीवन चलता है
    अपने प्राणों का घात करके कुछ दूसरा करना बुद्धिमत्ता नहीं है
    हमारे पुत्र, पुत्रियाँ, सम्बन्धी आदि सभी जीव अपने कर्म से जीते हैं
    नामकर्मों के फल से ही यह सारा का सारा शरीर
    और उसके अन्दर के सब system चलते हैं
    इसमें कुछ भी distrub होने पर, हम कुछ नहीं कर सकते
    Tattwarthsutra Website: ttv.arham.yoga/
    हमने जाना कि हर पर्याप्ति एक-एक अंतर्मुहूर्त में
    और सभी पर्याप्तियाँ भी एक अंतर्मुहूर्त में पूर्ण होती हैं
    इसके बाद जीव में योग्यता की पूर्णता आती है
    जो आयु कर्म पर्यंत बनी रहती है
    हमने जाना कि स्थिर नामकर्म के उदय के कारण से
    पर्याप्तियों के माध्यम से परिवर्तित हुई रस, रुधिर आदि धातुएँ
    सही ढंग से शरीर में बनती और जरूरत के स्थान पर पहुँचती रहती हैं
    इसके विपरीत अस्थिर नामकर्म के उदय में ये परिवर्तन सही ढंग से न होकर
    विकृत हो जाते हैं
    शरीर वात-पित्त-कफ की समायोजना balance रहने से निरोगी रहता है
    और इनमें कुछ भी distrub होने से रोगी हो जाता है
    स्थिर नामकर्म में ये सम या स्थिरता बनी रहती है
    अस्थिर नामकर्म के उदय में यह चलायमान हो जाता है
    जिससे बहुत जल्द रोग उत्पन्न होते हैं
    जब हमें जुकाम या बुखार आता है तो
    हम उसका कारण अस्थिर नामकर्म नहीं स्वीकारते
    बल्कि मौसम आदि बदलना मानते हैं
    जबकि मौसम तो सबके लिए बदलता है
    फिर भी effect सिर्फ हमें क्यों होता है?
    स्थिर नामकर्म के उदय में रोगों के लड़ने की क्षमता भी बनी रहती है
    कुछ लोग खा-पीकर के भी रोगी बने रहते हैं
    कुछ लोग बिना खाए हुए भी निरोगी रहते हैं
    स्थिर नामकर्म स्वास्थ्य और अस्थिर नामकर्म अस्वास्थ्य के लिए कारण है
    ये दोनों कर्म पर्याप्ति से भी बढ़कर हैं
    पर्याप्ति तो एक back system है
    जिसे ये कर्म distrub कर देते हैं
    वातावरण में हर जगह कोरोना होने के बाद भी
    यह हमें तभी effect करेगा जब हमारा अस्थिर नामकर्म का उदय होगा

Komentáře • 20

  • @arunjain1571
    @arunjain1571 Před měsícem

    णमौस्तू गूरुवर, कोटिश; नमन्

  • @vinayjain4748
    @vinayjain4748 Před měsícem

    Namostu guruver bhagwan

  • @babitajain3899
    @babitajain3899 Před měsícem

    Namostu Guruvar ji

  • @nalinimishrikotkar3011
    @nalinimishrikotkar3011 Před měsícem

    Namostu Guruvar🙏🙏🙏

  • @kamalmadwanna5543
    @kamalmadwanna5543 Před měsícem

    Namostu namostu namostu gurudevji

  • @manjushashah5597
    @manjushashah5597 Před měsícem

    Namostu gurudev

  • @anjujain3552
    @anjujain3552 Před měsícem

    Namostu gurudev 🙏🙏🙏

  • @user-pn2bs8bc1q
    @user-pn2bs8bc1q Před měsícem

    नमोस्तू गुरुदेव! कोटी कोटी प्रणाम वंदन!

  • @prabhajain6878
    @prabhajain6878 Před měsícem +1

    आचार्य भगवन श्री विद्यासागर जी महाराज की जय 🙏💖🙏💖🙏💖🙏 अर्हं योग प्रणेता पूज्य गुरुदेव श्री प्रणम्यसागर जी महाराज की जय जय जय 💖🙏💖🙏💖

  • @ankitjain1611
    @ankitjain1611 Před měsícem

    Barambar namostu guruver 🙏🏻🙏🏻

  • @manjujain1039
    @manjujain1039 Před měsícem

    Namostu guru dev Namostu 🙏🏻🙏🏻🙏🏻

  • @seemapatni5343
    @seemapatni5343 Před měsícem

    Namostu namostu 🙏🙏

  • @kiranjain765
    @kiranjain765 Před měsícem

    Namastu gurudev 🌹🌹🙏🙏🙏🌹🌹

  • @TanusTips
    @TanusTips Před měsícem

    नमोस्तु गुरूदेव आचार्य श्री जी की जय हो 🙏🙏🙏🙏🙏

  • @ruchijain5462
    @ruchijain5462 Před měsícem

    Namostu gurudev 😊

  • @ektajain4944
    @ektajain4944 Před měsícem

    🙏🙏🙏

  • @narendrapidiyar7326
    @narendrapidiyar7326 Před měsícem

    🙏🙏🙏 prakrat marmagya pranamya Sagar Ji Maharaj ki Jay

  • @pratibhajain7228
    @pratibhajain7228 Před měsícem +1

    हे महाप्रभु ,महायोगी , मुनिश्रेष्ठ १०८ प्रणम्य सागर जी महामुनिराज 🙏🙏🙏
    “ वर्तमान शासन नायक भगवान महावीर स्वामी का समोशरण सा संघ “
    तेजस रिद्धि के धारी , वीतराग तपोधन
    आपके श्रीचरणों के दर्शन से “ जीवन त्यौहार हो जाता है 🙏🙏🙏

  • @seemamadankumar1521
    @seemamadankumar1521 Před měsícem

    🌹🌹🌹🙏🏻🙏🏻🙏🏻ಮಹಾರಾಜೀ

  • @reenajain8933
    @reenajain8933 Před měsícem

    Namostu gurudev