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Class 8.38। कर्म बन्ध विज्ञान - शरीर और जीवन को automatic कौन सा नाम कर्म चलता है सूत्र 11

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  • čas přidán 24. 06. 2024
  • Class 8.38 summary
    सूत्र ग्यारह में हमने पर्याप्ति नामकर्म के वर्णन में पर्याप्तियों के विज्ञान को समझा
    इस कर्म के उदय से पर्याप्तियों की पूर्णता मिलती है
    पर्याप्तियाँ 6 हैं
    पहली आहार पर्याप्ति -
    इसकी पूर्णता से
    ग्रहण की हुई आहार वर्गणायें
    खल और रस भाग के रूप में परिणमन होती हैं
    दूसरी शरीर पर्याप्ति - इससे आहार पर्याप्ति से बना
    रस भाग आगे रुधिर आदि liquid form
    खल भाग हड्डी आदि solid form के रूप में convert होता हैं
    इस कर्म के उदय से यह system automatically चलता रहता है
    इसे कोई नहीं बना सकता
    भगवान भी नहीं बनाता
    जीव खुद नहीं समझ पाता वह किन शक्तियों का उपभोग कर रहा है
    जब इनमें कुछ कमी आती है तब समझ आता है कि कुछ रोग हो गया
    पहले से पूर्ण पर्याप्ति में कमी भी आ सकती है
    इस कर्म का उदय उम्र भर न होकर मात्र कुछ वर्षों के लिए भी हो सकता है
    या आगे धीरे-धीरे उस system में अपने आप कमी भी आ सकती है
    ऐसा होने पर जो changes होने चाहिए वो नहीं होते हैं
    इससे रोग होते हैं
    जैसे - जलोदर रोग
    इसमें पहले से पूर्ण पर्याप्ति में कमी आ जाती है
    भोजन खल भाग में परिणमित नहीं होता
    सब पानी-पानी रहता है
    मुनि श्री ने इस रोग से पीड़ित एक युवा जैन patient के विषय में बताया
    उसका कुछ भी खाया हुआ पानी बन जाता था
    डॉक्टर उसका इलाज न कर सके तो अन्ततः उसने समाधि पूर्वक मरण किया
    तीसरी - इन्द्रिय पर्याप्ति अर्थात्
    इन्द्रियाँ बनाने की योग्यता की पूर्णता आना
    यानि अब इन्द्रियाँ बन जाएगी
    इसी के कारण
    जो इन्द्रिय जहाँ बननी है,
    उसे बनाने योग्य पुद्गल परमाणु उसी जगह पर ही इकट्ठे होंगे।
    हर इन्द्रिय के पुद्गल परमाणु अलग-अलग shape में आते है
    इन्द्रियों के निर्माण के लिए, उन्हें अपने आप आहार मिलता रहता है।
    चौथी - श्वासोच्छ्वास पर्याप्ति - अर्थात्
    श्वासोच्छ्वास लेने की पूर्ण योग्यता आना,
    इसी से जीवन चलता है
    श्वास लेना नहीं पड़ती, सदैव खुद चलती रहती है
    जीवात्मा का उस पर हक़ स्वामित्व मात्र है,
    क्योंकि इन कर्मों का क्षयोपशम उसी के अन्दर है।
    पर्याप्ति होने के बाद ही प्राण आदि प्राप्त होते हैं
    पाँचवी - भाषा पर्याप्ति
    इसी शक्ति के कारण भाषा वर्गणा वचन रूप परिणमित हो पाती हैं
    हमारे वचनों का creation शरीर के अन्दर अलग-अलग parts में होता है
    उस सबका master है- भाषा पर्याप्ति।
    अन्तिम है - मनःपर्याप्ति
    मन के द्वारा
    हम कुछ विचार कर सकते हैं।
    चीज़ों को जानते हैं, सीखते-सिखाते हैं।
    मन:पर्याप्ति के कारण
    मन की रचना हो पाती है और
    उसे अपनी शक्ति मिलती है
    शरीर और जीवन इन 6 की पूर्णता से चलता है।
    और हम मकान आदि जैसी चीजों की पूर्णता चाह रहे हैं!
    बिना पर्याप्तियों की पूर्णता के अन्य किसी भी चीज़ की पूर्णता व्यर्थ है!
    हमने जाना
    सभी पर्याप्तियों की रचना शुरू एक साथ होती है
    लेकिन पूर्णता क्रम-क्रम से होती है।
    यह क्रम एक-एक अन्तर्मुहूर्त में चलता है
    पहले अन्तर्मुहूर्त में आहार पर्याप्ति फिर अगले अन्तर्मुहूर्त में शरीर पर्याप्ति आदि
    हमने पर्याप्तक और अपर्याप्तक के बारे में जाना
    आहार और शरीर पर्याप्ति पूरी होने पर जीव पर्याप्तक कहलाता है
    अब वह आगे की चारों भी पूरी कर लेगा
    अपर्याप्तक जीव के एक भी पर्याप्ति पूरी नहीं होती
    पर्याप्तक नाम कर्म के उदय से जीव पर्याप्तक होता है
    अपर्याप्तक नाम कर्म के उदय से अपर्याप्तक
    Tattwarthsutra Website: ttv.arham.yoga/

Komentáře • 16

  • @prabhajain6878
    @prabhajain6878 Před měsícem +1

    संत शिरोमणि आचार्य गुरुदेव श्री विद्यासागर जी महाराज की जय 🙏💖🙏💖🙏💖 अर्हं योग प्रणेता पूज्य गुरुवर श्री प्रणम्यसागर जी महाराज की जय जय जय 🙏💖🙏💖🙏💖

  • @poojawadkar7096
    @poojawadkar7096 Před měsícem

    सरस्वती पुत्र मुनी श्री प्रणम्यसागरजी महाराज श्री के चरणों में त्रिवार नमोस्तु 🙏🙏🙏

  • @arunjain1571
    @arunjain1571 Před měsícem

    णमौस्तू गूरुवर, कोटिश: नमन्

  • @vinayjain4748
    @vinayjain4748 Před měsícem

    Namostu guruver bhagwan

  • @pratibhajain7228
    @pratibhajain7228 Před měsícem

    धर्मसूर्य , मुनिश्रेष्ठ श्री १०८ प्रणम्य सागर जी महामुनिराज ससंघ के श्रीचरणों में कोटि - कोटि नमोस्तु 🙏🙏🙏

  • @priyankajain2260
    @priyankajain2260 Před měsícem

    नमोस्तु नमोस्तु नमोस्तु गुरूजी 🙏🏻🙏🏻

  • @manjushashah5597
    @manjushashah5597 Před měsícem

    Namostu gurudev

  • @anjujain3552
    @anjujain3552 Před měsícem

    Namostu gurudev 🙏🙏🙏

  • @manjujain1039
    @manjujain1039 Před měsícem

    Namostu guru dev Namostu 🙏🏻🙏🏻🙏🏻

  • @nalinimishrikotkar3011
    @nalinimishrikotkar3011 Před měsícem

    Namostu Guruvar🙏🙏🙏

  • @veenajain7481
    @veenajain7481 Před měsícem

    Namostu gurudev❤

  • @seemamadankumar1521
    @seemamadankumar1521 Před měsícem

    🌹🌹🌹🙏🏻🙏🏻🙏🏻ಮಹಾರಾಜೀ

  • @neelamkothari5233
    @neelamkothari5233 Před měsícem

    🙏🙏

  • @vinayjain4748
    @vinayjain4748 Před měsícem +1

    Answer 2 ...indriya prapti

  • @abhinavjain6659
    @abhinavjain6659 Před měsícem

    Namostu gurudev

  • @SuvratJainDL
    @SuvratJainDL Před měsícem

    Namostu gurudev