हल्दी को लगाते समय रखे ये महत्वपूर्ण जानकारी

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  • čas přidán 28. 06. 2024
  • ल्दी की खेती और उपयोग
    हल्दी की खेती
    हल्दी (कर्कुम लोंगा) एक महत्वपूर्ण मसाला फसल है, जो मुख्य रूप से एशिया में उगाई जाती है। इसे 'स्वर्ण मसाला' के नाम से भी जाना जाता है। हल्दी की खेती निम्नलिखित बिंदुओं के अंतर्गत की जाती है:
    मिट्टी और जलवायु:
    हल्दी की खेती के लिए अच्छी जल निकासी वाली दोमट मिट्टी सर्वोत्तम होती है।
    मिट्टी का पीएच 5.5 से 7.5 के बीच होना चाहिए।
    हल्दी को उष्णकटिबंधीय जलवायु की आवश्यकता होती है, जहां वार्षिक वर्षा 1500-2000 मिमी हो।
    बुवाई का समय:
    हल्दी की बुवाई का उचित समय मानसून के आरंभ (जून-जुलाई) होता है।
    हल्दी की खेती मुख्यतः कंदों द्वारा की जाती है। बुवाई से पहले कंदों को ट्राइकोडर्मा या अन्य फफूंदनाशक से उपचारित किया जाता है।
    खेत की तैयारी:
    खेत की गहरी जुताई और समान बनावट के बाद, खेत को 25-30 सेमी ऊंची और 60 सेमी चौड़ी क्यारियों में बांटा जाता है।
    प्रत्येक क्यारी में 15-20 सेमी की दूरी पर कंदों को बोया जाता है।
    सिंचाई:
    पहले 3-4 सप्ताह तक नियमित सिंचाई की आवश्यकता होती है।
    फिर, फसल की वृद्धि अवस्था के अनुसार सिंचाई की जाती है।
    खाद और उर्वरक:
    जैविक खाद (गोबर की खाद) और उर्वरकों (एनपीके) का प्रयोग किया जाता है।
    प्रति हेक्टेयर 20-25 टन गोबर की खाद और 60-90 किग्रा नाइट्रोजन, 50-60 किग्रा फॉस्फोरस, और 50-60 किग्रा पोटाश की आवश्यकता होती है।
    फसल की देखभाल:
    निराई-गुड़ाई और खरपतवार नियंत्रण महत्वपूर्ण होता है।
    रोग और कीटों से बचाव के लिए उचित फफूंदनाशक और कीटनाशक का प्रयोग किया जाता है।
    कटाई और प्रसंस्करण:
    हल्दी की फसल 7-9 महीने में तैयार हो जाती है।
    जब पत्ते पीले और सूखने लगते हैं, तो फसल काटी जाती है।
    कंदों को उबालकर, सुखाकर और फिर पीसकर पाउडर तैयार किया जाता है।
    हल्दी के उपयोग
    हल्दी का उपयोग कई क्षेत्रों में होता है:
    खानपान में:
    मसाले के रूप में: भारतीय व्यंजनों में हल्दी एक मुख्य मसाला है।
    संरक्षक के रूप में: हल्दी का उपयोग खाद्य पदार्थों के संरक्षण के लिए किया जाता है।
    औषधीय उपयोग:
    सूजन और दर्द में राहत: हल्दी का प्रमुख यौगिक करक्यूमिन सूजन-रोधी गुणों के लिए जाना जाता है।
    प्रतिरक्षा बढ़ाने में: हल्दी की चाय या दूध प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करती है।
    त्वचा रोग: हल्दी का लेप त्वचा के रोगों के उपचार में प्रभावी है।
    कॉस्मेटिक उपयोग:
    त्वचा की देखभाल: हल्दी का उपयोग फेस पैक और स्क्रब में किया जाता है।
    एंटीसेप्टिक: छोटे घाव और कटने-छिलने पर हल्दी का लेप लगाया जाता है।
    धार्मिक और सांस्कृतिक उपयोग:

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