सरकारी स्कूलों की दुर्दशा -जिम्मेदार कौन -सरकार अध्यापक या हम
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- čas přidán 4. 03. 2024
- #सरकारी स्कूलों की दुर्दशा -जिम्मेदार कौन -सरकार अध्यापक या हम
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सरकारी स्कूलों की दुर्दशा -जिम्मेदार कौन -सरकार अध्यापक या हम।विषय पर गंभीर चिंतन की आवश्यकता है।मेरी दृष्टि में सरकारी स्कूलों की दुर्दशा के तीनों ही जिम्मेदार हैं। जितनी सरकार जिम्मेदार है उससे कम जिम्मेदार शिक्षक भी नहीं है साथ ही हम भी बराबर के जिम्मेदार है। सरकार ने कभी इन सरकारी स्कूलों की तरह गंभीरता से देखा ही नहीं।और अगर गंभीरता से देखा होता इनके हालातों पर मनन किया होता तो आज इनकी हालत ऐसी न होती। दूसरे जिम्मेदार अध्यापक हैं। क्योंकि इनके ख़ुद के बच्चे ही सरकारी स्कूलों में नहीं पड़ते। इसीलिए आज सरकारी अध्यापकों की निष्ठा पर सवाल खड़े हो रहे हैं।अगर आप मन लगाकर कर बच्चों को पढ़ाते तो निश्चय ही आप अपने बच्चों का प्रवेश सरकारी स्कूलों में कराते।
सरकार को एक सर्वे कराना चाहिए जिसमें यह जानना चाहिए कि कितने सरकारी अध्यापकों के बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं और कितनों के निजी विद्यालय में। तीसरे हम भी उतने
ही जिम्मेदार हैं जितने सरकारी अध्यापक व सरकार।हम बिना निजी विद्यालय की शैक्षणिक व संसाधनों की जानकारी के अपने बच्चों को प्रवेश दिला देते हैं।शिक्षक राष्ट्र की नींव की ईंट होता है। मनोवैज्ञानिक ने बच्चे की किशोरावस्था को तूफान एवं झंझावातों की उम्र कहा है।
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Vgood
Good👍
सत्य ही कहा है। सबसे ज्यादा जिम्मेदार मास्टर ही हैं।
मास्टर जिम्मेदार हैं
Very good
Thanks
सरकारी स्कूलों की हालत सुधारो।
एकदम सटीक विश्लेषण
आपके विचार व आपका नजरिया मेरा संबल है। जिससे लाभान्वित होते रहने की कामना करता हूं।
V good
Thanks
इसके लिए सरकारी मास्टर जिम्मेदार हैं, इनको केवल अपनी तनख्वाह से मतलब है बाकी बच्चों से कोई लेना देना नहीं, सरकार का जब निरीक्षण चलता है और बच्चों का टेस्ट लिया जाता है, तब सारी कमी खुल के सामने आ जाती हैं, सरकार चाहे कितना ही प्रयास कर ले जब तक टीचर अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाएंगे तब तक सरकारी स्कूलों के हालात नहीं सुधरेंगे, क्योंकि बच्चों को नंबर देना उनके हाथ में होता है l यह कमजोर को भी होशियार दिखा देते हैं l
मास्टर ज्यादा जिम्मेदार हैं।
ऐसा नहीं है कि सरकारी स्कूलों एकदम से पढाई नही होती. हमलोगों को Private Schoolo में बच्चो को पढाने का नशा चढ गया है.