हे गुरुवर! प्रात भाषिक: like dream व्यवहारिक: exist but matter only ( मिथ्या) पारमार्थिक : Truth ( like Brahm existing) " समस्त ब्रह्माण्ड मिथ्या है और ब्रह्म ( सत्य) को जानने का माध्यम है बस।" आभार 💞🙏
@@vedicarya7 हे ऋषिवर! सत्य सब के लिए एक, धर्म सब का एक ईश्वर सब का एक। सभ्यताओं संस्कृतियों और परंपराओं को इस से न जोड़ो वोह भिन्न भिन्न हैं जीने के तरीके हैं। भाषा कोई भी हो हृदय भाषा एक ही रहती है। जैसी दृष्टि होगी वैसी ही सृष्टि दिखेगी। Quatum physics के प्रयोग भी particle and wave की माथा पच्ची से अभी पूरी तरह उभरे नहीं हैं।💞🙏🤲💞
@@vedicarya7 हे गुरुवर! Your perception needs introspection. You r talking about philosophy/ Darshan not revelation.... The micro differences needs to be scrutinise with wisdom not with intellectual. For example: Mind and brain r not same Pipe and tube not same Safety valve and relief valve not same Various subjects like psychology philosophy Darshan Revelation teleology theology eschatology Physiology Psychophysics psychobiology and many more to be interpreted properly.
गुरुजी के श्रीचरणों में प्रणाम। सही बताया गुरुजी ने। इस जगत का वास्तविक सच जानने के लिए हमे अपने तर्कों से नहीं ब्लकि अपने सोच को नाम, रूप वगैरह से ऊपर उठाकर उस ब्रम्ह तक ले जाने की जरूरत है, जो गहरी साधना से ही सम्भव है। गीता में परमात्मा या ब्रह्म को जानने के लिए चार योग बताये गये हैं। भक्ति योग, कर्म योग, ज्ञान योग और राज योग। पूरे ब्रह्माण्ड के कर्ता को जानना हो तो गहरी साधना और समर्पण की जरूरत है।
गुरु जी को प्रणाम ! आज मिथ्या और असत्य का अर्थ अंतर समझ में आ गया ! यह जगत स्वप्न नहीं है वास्तव में स्वप्नवत है !! वैसे ही जैसे कि स्वप्न सत्य नहीं होता अपितु सत्यवत लगता है !! 🙏🕉️🙏
एक बहुप्रचलित कथन व काव्यात्मक पंक्ति को युक्ति युक्त ढंग से सत्यापन किया गया है🙏💕 आंखों को बंद रखने से जगत मिथ्या व मैं ( आत्मा) सत्य हूँ. आंखों को खोलने पर जगत सत्य और "मैं" मिथ्या प्रतिभासित होने लगता हूँ! श्री गुरु जी को कोटि नमन🙏💕, धन्यवाद🙏💕 बेहद की परम महा शान्ति है🙏💕. परमशान्ति🙏💕
गुरुजी, चरण स्पर्श एक प्रश्न है, संपूर्ण संसार की किताबों में से वे ऐसी कौन सी सबसे महत्वपूर्ण किताबें हैं जो हर मनुष्य को पढ़ना चाहिए, ताकि सत्य, दर्शन, विवेक, और चरित्र का निर्माण हो सके।।
गुरूदेव से अखंड निवेदन है कि कृपया भारतीय इतिहास के विषयों पर भी कुछ व्याख्यान उपलब्ध हो जाते तो आपकी अति कृपा होती। प्राचीन इतिहास एवं संस्कृति , मध्यकालीन और आधुनिक इतिहास के बारे में आप क्रमबद्ध व्याख्यान उपलब्ध करा दीजिए। सम्पूर्ण इतिहास जगत आपका आभारी रहेगा 🎓👏
Gurudev ko pranam Apse ek request hai jab guruji (babaji) refrence dete hai ki hum waha bata chuke please us video ka hum link bhi de diya jaye taki hum vistar mai samnjh paye 😊 🙏
गुरु जी प्रणाम, एक तुच्छ सा प्रश्न है पूछ रहा हूँ किंतु इग्नोर भी कर सकते हैं। हर element की अपनी चेतना है, इन्ही elements से अहमा शरीर भी बना है जिसकी चेतना इन सभी elements को अपनी इच्छा अनुसार बांधे हुए है और कार्य में रक्त किये हुए है, और एक चेतना प्रकृति या ब्रह्मांड की है जो हमे govern करती है। तो क्या ऐसा समझना चाहिए कि cosmic consciousness supreem है और हमारी चेतना उस कॉस्मिक चेतना का सब-सेट है, और शरीर के माईक्रोसोपिक एलिमेंट्स की चेतना शरीर की चेतना की सब-सेट है? याकि वह एक कॉस्मिक चेतना सब में एक जैसी ही व्याप्त है पतन्तु समय, काल, परिस्तिति और शरीर अनुसार भिन्न प्रोयोजनो से भिन्न काम करवा रही है? क्योकि वही एक प्रकाश ही तो है जो सब में व्याप्त है पर अपने को भिन्न प्रकारों से अभिव्यक्त होता है। इस विषय पर कृपया प्रकाश डालें । पंडित रिपुदमन
गुरु जी मैं मधुमिता वेस्ट बंगाल से। इस दुनिया में बहुत सारे मैजिक और ब्लैक मैजिक होते हैं, यह साड़ी मैजिको को वास्तव में कौन सी शक्ति रूपांतर करती है। और गुरु जी इसका कोई चोर है। कुछ भूल हो, तो आप माफ कर देना।हरी ओम।।
कबीर दास जी ने कहा है 'पोथी पढ़ पढ़ जग मुआ पंडित (ज्ञानी) भया न कोय '। दादा जी जो भी ज्ञान बाचते है सब पढ़ लिख कर ही अर्जित किया है, इनका अपना कोई निजी अनुभव नहीं है। पढ़ लिख कर ज्ञान अर्जन करने वाले लोग ही शब्दों के हेर फेर में पड़े रहते है। दूसरे महापुरुषों के अनुभव को पढ़ कर स्वयं को वही अनुभूति कभी नही हो सकती। दरिया महराज ने कहा है कि 'दरिया सोया सकल जग, जागत नही है कोय। जागे में फिर जागना, जागा कहिए सोय। जब सपना सोते हुए ही दिखाई पड़ता है तो दरिया महराज ने तो स्पष्ट कर दिया की सभी सो रहे है, तो ये जगत वास्तव में क्या है? अगर दादाजी को इसका मर्म ज्ञात हो जाय तो ये भी स्पष्ट हो जाएगा की शब्दों से सत्य को परिभाषित नहीं किया जा सकता, अतः इन पर पूर्णतः निर्भर नही हुआ जा सकता । सत्य को जानने के लिए अनुभव करने की जरूरत है। तुलसीदास जी ने भी कहा है 'घट में है सूझे नही लानत ऐसी जिंद, तुलसी या संसार को भयो मोतियाबिंद। अब दादाजी को मोतियाबिंद शब्द के अर्थ ढूढने के बजाय, इसके मर्म को समझना जरूरी है, इसके लिए निजी अनुभव की जरूरत है, किताब पढ़ने की नही।
Great Gurujii. Please ask Gurujii, whether Earth is flat or spinning ball? If Gurujii say it's ball.. Then what is the use of all those knowledge of Vedanta if he even failed to understand the simple truth, that earth is not a planet.
@@vickramyadav7318 बन्दर क्या जाने अदरक का स्वाद ये कोई मूर्खों बाली बात नहीं है इस तथ्य पर UPSC ने निबन्ध पूछा है 2022 मे मुर्ख बालक | ये तथ्य आध्यात्म से जुड़ा है और गुरु जी को आध्यात्म का अच्छा ज्यान है इसलिए मैंने चर्चा करने के लिए कहा है |
@@OnlyStudy-RS gawar aur badtameez kya jane asli vidya ka matlab,ratte rattay uttaro se UPSC clear nahi hota,khud bhi kuch research kar lo warna rattne se aantrik yogayta ka vikas hona bandh hojata hai
मिथ्या के कई अर्थ हैं । झूठ, बनावटी, कृत्रिम। इस तरह से पुराने ग्रंथ में जो लिखा है। सब सही ही होगा । क्योंकि एक शब्द का कुछ भी अर्थ निकाला जा सकता है।
Sab moh maya hai mithya hai.yehi satya hai...aur sab satya yehi mithya hai mahamaya and narayan is none of the above..its illusion n hallucination from big bang to reverse big bang from nothing to something everything anything to nothing again
जगत मिथ्या , ब्रह्म सत्यम
मिथ्या # सत्य
उमा कहऊँ मैं अनुभव अपना, सत हरि भजन जगत सब सपना
🙏🙏🙏🙏
Guru ji आपके ज्ञान का सागर बहुत गहरा हैं जिसकी अनुभूति हर वीडियो मे होती हैं.आपका तहे दिल से धन्यवाद ❤
Guruji. Waah
Itni acchi baat hai itni acchi kahaniyan batane ke liye aapka bahut bahut dhanyavad🙏🙏🙏🙏
हे गुरुवर!
प्रात भाषिक: like dream
व्यवहारिक: exist but matter only ( मिथ्या)
पारमार्थिक : Truth ( like Brahm existing)
" समस्त ब्रह्माण्ड मिथ्या है और ब्रह्म ( सत्य) को जानने का माध्यम है बस।"
आभार 💞🙏
🙄 bhai islam chor ke vedic Dharma me wapsi krli kya?
@@vedicarya7 हे ऋषिवर!
सत्य सब के लिए एक, धर्म सब का एक ईश्वर सब का एक।
सभ्यताओं संस्कृतियों और परंपराओं को इस से न जोड़ो वोह भिन्न भिन्न हैं जीने के तरीके हैं।
भाषा कोई भी हो हृदय भाषा एक ही रहती है। जैसी दृष्टि होगी वैसी ही सृष्टि दिखेगी।
Quatum physics के प्रयोग भी particle and wave की माथा पच्ची से अभी पूरी तरह उभरे नहीं हैं।💞🙏🤲💞
@@IrfanAli-db6kb esa nhi h , islam aur christianity me ,God kafir non kafir dekhke justice karta hai , jabki ishvar Karma dekhke
@@vedicarya7 हे गुरुवर!
Your perception needs introspection. You r talking about philosophy/ Darshan
not revelation....
The micro differences needs to be scrutinise with wisdom not with intellectual.
For example:
Mind and brain r not same
Pipe and tube not same
Safety valve and relief valve not same
Various subjects like psychology philosophy Darshan Revelation teleology theology eschatology Physiology Psychophysics psychobiology and many more to be interpreted properly.
@Advaita7 brother advait naam rkh kr bhi kyu yeh bhed krte ho ? Aur muslim ne kafir ka arth alag ha aur kafir ke agyanta ko marne ki bt ki gyi ha 🙌
असत्य और मिथ्या में कितना सूक्ष्म लेकिन कितना गहरा भेद!आपके अभ्यास एवं विवेचन सामने वाणी अशब्द हो जाती हे. सुबह के शुभ काल में नमन गुरुजी
कोई सूक्ष्म अंतर नही है। एक शब्द के कई अर्थ होते हैं हिंदी में ।।सब अपने हिसाब से फिट कर देते हैं। कोई अपने आपको गलत साबित होते देखना नहीं चाहता है।
गुरुजी के श्रीचरणों में प्रणाम। सही बताया गुरुजी ने। इस जगत का वास्तविक सच जानने के लिए हमे अपने तर्कों से नहीं ब्लकि अपने सोच को नाम, रूप वगैरह से ऊपर उठाकर उस ब्रम्ह तक ले जाने की जरूरत है, जो गहरी साधना से ही सम्भव है। गीता में परमात्मा या ब्रह्म को जानने के लिए चार योग बताये गये हैं। भक्ति योग, कर्म योग, ज्ञान योग और राज योग। पूरे ब्रह्माण्ड के कर्ता को जानना हो तो गहरी साधना और समर्पण की जरूरत है।
हर हर महादेव 🕉️🔱🕉️🔱🕉️🔱🕉️🔱🕉️🔱🕉️🕉️🔱🕉️🔱🔱🕉️🔱🕉️🔱🕉️🔱
गुरुजी को कोटी कोटी प्रनाम.... 🙏
श्री. गुरुजी को कोटी कोटी वंदन.
Pranam Gurudev aapko sunke ni shabad feel aapke baare abhi abhi pata chala sirf aapko sunke jeewan dhaniya ho jaye Parmatama kripa kare ham par...
Jai guruji 🙏🙏🙏
गुरु जी को प्रणाम ! आज मिथ्या और असत्य का अर्थ अंतर समझ में आ गया ! यह जगत स्वप्न नहीं है वास्तव में स्वप्नवत है !! वैसे ही जैसे कि स्वप्न सत्य नहीं होता अपितु सत्यवत लगता है !! 🙏🕉️🙏
आदि शकराचार्य ही मिथिया थे ??
प्रणाम आदरणीया गुरू जी 😭🙏
Gratitude Guruji 🙏
Very great philosopher.
Greatman
Sir his philosophy is based on idealism and very near to revelation also.
Osho phiposophy based on pragmatism and far away from revealed granths.💞🙏💞
जय गुरूजी 🙏🌷🙏
प्रणाम गुरू जी, चरण स्पर्श🙏
बहुत सुंदर व्याख्या।
Pranam Guruji🙏
Haardik pranaam 🙏Charan sparsh guruji 💐kitna saral tarike Satya ko samjhate hai....sundartam
कोटि कोटि नमन गुरु जी 🙏🙏🙏🚩🚩🚩
प्रणाम गुरुदेव
ॐ नमः शिवाय
गुरु जी के अनमोल वचनों को शत् शत् प्रनाम
Pranam guruji🙏🙏
Jay Jay guru ji🙏🙏
What a awesome explanation. Thank you so much for this video.
एक बहुप्रचलित कथन व काव्यात्मक पंक्ति को युक्ति युक्त ढंग से सत्यापन किया गया है🙏💕 आंखों को बंद रखने से जगत मिथ्या व मैं ( आत्मा) सत्य हूँ. आंखों को खोलने पर जगत सत्य और "मैं" मिथ्या प्रतिभासित होने लगता हूँ! श्री गुरु जी को कोटि नमन🙏💕, धन्यवाद🙏💕 बेहद की परम महा शान्ति है🙏💕. परमशान्ति🙏💕
ek dum satya guruji
चरण स्पर्श गुरुजी
गुरुजी, चरण स्पर्श एक प्रश्न है, संपूर्ण संसार की किताबों में से वे ऐसी कौन सी सबसे महत्वपूर्ण किताबें हैं जो हर मनुष्य को पढ़ना चाहिए, ताकि सत्य, दर्शन, विवेक, और चरित्र का निर्माण हो सके।।
[ जीवन ]
यहीं किताब पढ़ने योग्य है.! ऊँ..
प्रेम।
Buddha philosophy
श्रीमद भागवत गीता।।
सत्यार्थ प्रकाश
महत्वपूर्ण विश्लेषण
प्रणाम uncle ji 🙏
जय हो महात्मा की
Bahut gyanvardak video hai. Om shanti guru g.❤🙏👍
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
गुरूदेव से अखंड निवेदन है कि कृपया भारतीय इतिहास के विषयों पर भी कुछ व्याख्यान उपलब्ध हो जाते तो आपकी अति कृपा होती। प्राचीन इतिहास एवं संस्कृति , मध्यकालीन और आधुनिक इतिहास के बारे में आप क्रमबद्ध व्याख्यान उपलब्ध करा दीजिए। सम्पूर्ण इतिहास जगत आपका आभारी रहेगा 🎓👏
Guruji ne aaj Badiya gyan Dedia jo me dhoond raha tha Bandar k haath me ustra wala....iski bhot jarurat thi 🙏🙏🙏
Dhanyvad
Ha hai
प्रणाम गुरुजी
Bahut shandar vivechana
Thanks for this Answer.
legend
Bahut khoob
*चरण स्पर्श सर*
🙏💐👣👣💐🙏
गुरु पुर्णिमा पर गुरुजी को प्रणाम
जय श्री गणेश जी
SHAT SHAT NAMAN
जय श्री राम
🙏
मोह निशा जग सोवनिहारा | देखहिं स्वप्न अनेक प्रकारा |
उमा कहहुँ मैं अनुभव अपना, सत हरि भजन जगत सब *सपना* । - गोस्वामी तुलसीदास (राम चरित मानस)
हरि ॐ तत् सत्
Guru Jï Jai Shri Krishna from Raghav Verma Karnal
🙏🙏🙏
🕯️🙏💐
Great
पहले जगत मिथ्या बाद में अनुभव के बाद यह सपना हो जाता है।
❤❤naman ji
⭐⭐⭐⭐⭐
Sir, can you start a series on Yamraj and Nachiketa dialogues.
Plz gurujii Law of Attraction ke bare me batee
Mujhe isse inception movie ki yaad aa gayi
Dream within a dream 🙂
Actually it was made on this concept only.. Christopher Nolan all movies are inspired by these mystery theories.
नमस्कार महाराज
Gurudev ko pranam
Apse ek request hai jab guruji (babaji) refrence dete hai ki hum waha bata chuke please us video ka hum link bhi de diya jaye taki hum vistar mai samnjh paye 😊 🙏
laken Sir ...sapnay key true prediction ke bare main ap kiya farmain gain .
Good
उमा कहउँ मैं अनुभव अपना। सत हरि भजनु जगत् सब सपना॥
इस चौपाई की व्याख्या कैसे करी जायेगी?
Ek video adi shankaracharya dwara रचित ग्रंथो per banaye
RIP giant
Philosphy
short vloge 👍👍👍
Bhagwan ji mujhe please forehead k upar kuch cheje bataiye . forehead ka kitna importance hai life mai ?
गुरु जी प्रणाम,
एक तुच्छ सा प्रश्न है पूछ रहा हूँ किंतु इग्नोर भी कर सकते हैं।
हर element की अपनी चेतना है, इन्ही elements से अहमा शरीर भी बना है जिसकी चेतना इन सभी elements को अपनी इच्छा अनुसार बांधे हुए है और कार्य में रक्त किये हुए है, और एक चेतना प्रकृति या ब्रह्मांड की है जो हमे govern करती है।
तो क्या ऐसा समझना चाहिए कि cosmic consciousness supreem है और हमारी चेतना उस कॉस्मिक चेतना का सब-सेट है, और शरीर के माईक्रोसोपिक एलिमेंट्स की चेतना शरीर की चेतना की सब-सेट है?
याकि
वह एक कॉस्मिक चेतना सब में एक जैसी ही व्याप्त है पतन्तु समय, काल, परिस्तिति और शरीर अनुसार भिन्न प्रोयोजनो से भिन्न काम करवा रही है? क्योकि वही एक प्रकाश ही तो है जो सब में व्याप्त है पर अपने को भिन्न प्रकारों से अभिव्यक्त होता है।
इस विषय पर कृपया प्रकाश डालें ।
पंडित रिपुदमन
Please sir lord kartikey ke bare mei bhi puchiye guru ji se i want to know 🙏⚜️🕉️
What is para apara & parapara Vidya ??
🪔👏🧘♂️
Sir ji saint rampalji ki sristi rachana vidio ke bare me kucha bole
Sir laotse par bhi lecture laye
गुरु जी मैं मधुमिता वेस्ट बंगाल से। इस दुनिया में बहुत सारे मैजिक और ब्लैक मैजिक होते हैं, यह साड़ी मैजिको को वास्तव में कौन सी शक्ति रूपांतर करती है। और गुरु जी इसका कोई चोर है। कुछ भूल हो, तो आप माफ कर देना।हरी ओम।।
Me first
कबीर दास जी ने कहा है 'पोथी पढ़ पढ़ जग मुआ पंडित (ज्ञानी) भया न कोय '। दादा जी जो भी ज्ञान बाचते है सब पढ़ लिख कर ही अर्जित किया है, इनका अपना कोई निजी अनुभव नहीं है। पढ़ लिख कर ज्ञान अर्जन करने वाले लोग ही शब्दों के हेर फेर में पड़े रहते है। दूसरे महापुरुषों के अनुभव को पढ़ कर स्वयं को वही अनुभूति कभी नही हो सकती।
दरिया महराज ने कहा है कि
'दरिया सोया सकल जग, जागत नही है कोय।
जागे में फिर जागना, जागा कहिए सोय।
जब सपना सोते हुए ही दिखाई पड़ता है तो दरिया महराज ने तो स्पष्ट कर दिया की सभी सो रहे है, तो ये जगत वास्तव में क्या है?
अगर दादाजी को इसका मर्म ज्ञात हो जाय तो ये भी स्पष्ट हो जाएगा की शब्दों से सत्य को परिभाषित नहीं किया जा सकता, अतः इन पर पूर्णतः निर्भर नही हुआ जा सकता । सत्य को जानने के लिए अनुभव करने की जरूरत है।
तुलसीदास जी ने भी कहा है
'घट में है सूझे नही लानत ऐसी जिंद,
तुलसी या संसार को भयो मोतियाबिंद।
अब दादाजी को मोतियाबिंद शब्द के अर्थ ढूढने के बजाय, इसके मर्म को समझना जरूरी है, इसके लिए निजी अनुभव की जरूरत है, किताब पढ़ने की नही।
भयो मोतिया बिंद पर चूर न भई कोई आस।
प्रभु प्रकाश देख लियो, जगत कहे सूर दास।।💞🤲🙏💞
किताबी ज्ञान है बाकी कुछ भी नहीं है
🇳🇵🇳🇵🌸
JSK 🙏👏🌹
Thank u...
Guru ji प्रणाम, आप कुल देवी के बारे में बताएं,अगर आप के पास टाइम होगा तो
गुरूजी परनाम नरसिंह देवता को कैसे खुस करे कैसे पूजा करे
I think it's a question here because of Netflix series 1899
Great Gurujii.
Please ask Gurujii, whether Earth is flat or spinning ball?
If Gurujii say it's ball.. Then what is the use of all those knowledge of Vedanta if he even failed to understand the simple truth, that earth is not a planet.
तेरी बुद्धि चपटी है ये पृथ्वी नहीं
Only vibration
Narayan ka sapna hai multiverse to material world 🌎 reality is narayan only
👇
"आप उसी नदी में दुबारा नहीं उतर सकते |"
👆👆👉 इस तथ्य पर चर्चा कीजिए गुरु जी 🙏🙏
Heroclitus ne kha tha ye
Buddhism m isko kshanikvaad yaani theory of momentariness khtye hn
@@shubhamsharma6600 इस तथ्य पर चर्चा (निबंध) करने के लिए बोला था सन्दर्भ देने के लिए नहीं |
@@OnlyStudy-RS jakar jahe se moorkho wali baat sunni,padhi aur rattee hai unhi kitaabo ke lekakho se pooch lo,ghamandi dhurth
@@vickramyadav7318 बन्दर क्या जाने अदरक का स्वाद ये कोई मूर्खों बाली बात नहीं है इस तथ्य पर UPSC ने निबन्ध पूछा है 2022 मे मुर्ख बालक |
ये तथ्य आध्यात्म से जुड़ा है और गुरु जी को आध्यात्म का अच्छा ज्यान है इसलिए मैंने चर्चा करने के लिए कहा है |
@@OnlyStudy-RS gawar aur badtameez kya jane asli vidya ka matlab,ratte rattay uttaro se UPSC clear nahi hota,khud bhi kuch research kar lo warna rattne se aantrik yogayta ka vikas hona bandh hojata hai
मिथ्या के कई अर्थ हैं । झूठ, बनावटी, कृत्रिम। इस तरह से पुराने ग्रंथ में जो लिखा है। सब सही ही होगा । क्योंकि एक शब्द का कुछ भी अर्थ निकाला जा सकता है।
Itna clear shayad hi koi explain kar sakey otherwise sab shabdo ka jaal bun dete hai jo samajh hi nahi aata
आज बहुत दिनों बाद कमेंट कर रहा हूं गुरु जी का स्वास्थ्य कैसा है विकास जी और आप कैसे हैं नए विषयों गुरु जी के क्या विचार है इस पर भी ज्ञान हमे दें
सर्दी का भी प्रभाव रहता है
गुरुजी आपकी वाणी सुनने के लिए कोन सा चैनल देखना चाहिए।
yhi jisse pe cmnt kr rha h
गुरुजी से मिलना आना चाहे तो कहां मिलेंगे...??
Sab moh maya hai mithya hai.yehi satya hai...aur sab satya yehi mithya hai mahamaya and narayan is none of the above..its illusion n hallucination from big bang to reverse big bang from nothing to something everything anything to nothing again
jisne yeh universe banaya he....who humare beech me aa ke ungli karta he.....who galat he😄 uske kaan ke piche maine do baar lagai he
universe locally not real .noble priz winer 2022 .