किस्सा-सोहनी महीवाल-1/दोचस्मी रागनियां/प्रस्तुति वर्ष-1993/Sohni Mahiwal -1- Duet KPS-MS-1993

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  • čas přidán 25. 02. 2023
  • किस्सा-सोहनी महीवाल-1
    दोचस्मी रागनियां
    रचयिता-श्री रामपाल बम्हेटा, कर्मपाल शर्मा
    गायक-कर्मपाल शर्मा और मंजु शर्मा
    प्रस्तुति-सोनोटोन कैसेटस
    प्रस्तुति वर्ष-1993
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    1. मैं कद का रूके दे मारूं, आ सोहनी तनै पुकारूं, मेरे प्यार आजा नै, मेरे यार आजा नै, कर ले प्यार आजा नै
    तर्ज-दिन सारा गुजारा तोरे अंगना.......
    2. धर कै सिर पै हाथ तनै मैं देता आर्शीवाद, ले जाओ ये फूल थारे न्यूं हो जागी औलाद
    3. के बुझेगा यार दिल की बात रै, सुपने मैं एक हूर मिली रात रै
    4. भोली भाली सूरत आली नाम बता के तेरा,
    छैल गाबरू परदेशी क्यूं फीका पड रहा चेहरा
    5. दर्शन करके प्रसन्न हो गई, सीलक पड ग्यी छाती मैं,
    तनै देख कै मन खिलग्या जणै तेल घाल दिया बाती मैं
    6. आजा कारीगरी सिखाउं, टैम नहीं बेकार करूं,
    मनै प्यार का पाठ पढा दे मै तेरे से प्यार करूं
    7. चन्द्रमुखी और मृगनैनी मेरे चंचल चित का चोर तू,
    मै सूं तेरी मोरनी मेरे मन का मोर तू
    8. काका देख हा देख तेरी सोहनी बिगड़ी जावै,
    तुला देख देख तेरी मुडी बिगडी जावै
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