उन्नत शीर्षासन || लाभ, सीमाएँ और अंतर्विरोध || योगिकसोलस™

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  • čas přidán 29. 01. 2024
  • यह उन्नत शीर्षासन (शीर्षासन 2), कई कारणों से अभ्यास करने के लिए अच्छा है। जैसे कि:
    - शरीर में प्राण का समग्र प्रवाह बेहतर होता है।
    - भुजाओं और कंधों को मजबूत बनाता है।
    - लसीका तंत्र सक्रिय रहती है।
    - और नियमित अभ्यास आंतरिक आत्म से जुड़ने में मदद करता है।
    सीमाएँ और अंतर्विरोध:
    - हाई बीपी वाले या हाल ही में जिनकी सर्जरी हुयी हो उन्हें यह आसन नहीं करना चाहिए।
    - जो लोग अनिद्रा से पीड़ित हैं, उन्हें सोने से पहले यह आसन नहीं करना चाहिए।
    -गर्भवती महिलाओं को डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए यह आसन करने से पहले।
    - ग्लूकोमा, स्पोंडिलोसिस, फेफड़ों की समस्याएं, फाइब्रोमायल्जिया, कमजोर रक्त वाहिकाएं, तीव्र कान-गले के संक्रमण, मिर्गी, सूजन आंत्र रोग से पीड़ित लोगों को भी इस आसन को अभ्यास करने से बचना चाहिए, या योग चिकित्सक और चिकित्सक से परामर्श करने के बाद ही अभ्यास करना चाहिए।
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