श्री राम को जब 14 वर्ष का वनवास दिया गया तब भरत माता कैकेयी को क्या बोले || By Anjali Arya Ji

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  • čas přidán 24. 09. 2022
  • Anjali Arya Ji
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Komentáře • 13

  • @surajmaurya5577
    @surajmaurya5577 Před 10 měsíci

    Jai shree ram ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤

  • @sarvandhull3114
    @sarvandhull3114 Před rokem +1

    ओ३म नमस्ते जी🙏

  • @satvindersingh8688
    @satvindersingh8688 Před rokem +2

    जय हो अंजली आर्य बहन जी

  • @umeshkumaryadav478
    @umeshkumaryadav478 Před rokem

    Jay..shita..ram

  • @VeerVeer-kl5of
    @VeerVeer-kl5of Před rokem +4

    राम से बड़ा राम जी का नाम। मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम चन्द्र जी की जय

  • @ganpatlalgupta8095
    @ganpatlalgupta8095 Před rokem

    Bahan Anjali aryaj ko is sunder prastuti ke liye hardik shubhkamnaye

  • @ramkumardhatterwal6618
    @ramkumardhatterwal6618 Před rokem +1

    प्राकृतिक दर्शन : --- * ब्रह्माण्ड का विस्तार अनन्त है अर्थात प्रारंभिक और अन्तिम बिन्दु नहीं है।
    व्याख्या ---
    समय के प्रारम्भिक और अन्तिम बिन्दु पर विचार किजिए अर्थात कब शुरू हुआ कब खत्म होगा, कोई प्रारंभिक और अन्तिम बिन्दु नहीं है अर्थात समय का विस्तार अनन्त है। इसी तरह ही ब्रह्माण्ड का अनन्त विस्तार है। जिस तरह पृथ्वी से आसमान में असंख्य पिण्ड (तारे ग्रह उपग्रह आदि) दिखाई देते हैं उसी तरह आसमान के पिण्ड से देखने पर भी आगे असंख्य
    पिण्डों के साथ आसमान दिखाई देगा और यह कभी न खत्म होने वाली प्रक्रिया है।
    * सब कुछ ऊर्जा से ही निर्मित है अर्थात जो भी कुछ हमें दिखाई देता है, सुनाई देता है अथवा महसूस होता है वह सब ऊर्जा के ही रूपान्तरण से बना है।
    व्याख्या ---
    सूर्य एक ऊर्जा का पिण्ड था, पृथ्वी सूर्य के छोटे से टुकड़े के रूप में अलग हुई अर्थात प्रारंभ में पृथ्वी भी ऊर्जा का ही पिंड थी। ऊर्जा का रूपांतरण होते होते पृथ्वी आज के स्वरूप को प्राप्त हुई अर्थात जो कुछ हमें दिखाई देता है, सुनाई देता है अथवा महसूस होता है वह सब ऊर्जा का ही रूपान्तरित रूप है। ऊर्जा को न तो नष्ट किया जा सकता है और न उत्पन्न किया जा सकता है केवल रूपांतरण ही हो सकता है। ऊर्जा को अभी तक सही से परिभाषित नहीं किया जा सका है।
    * निर्जीव के सम्बंध में ---
    कोई भी पदार्थ विभिन्न प्रकार के तत्वों से निर्मित है, प्रत्येक तत्व एक निश्चित संख्या के इलेक्ट्रोन, प्रोटोन व न्यूट्रॉन के परमाणुओं से निर्मित है और इलेक्ट्रोन, प्रोटोन व न्यूट्रॉन अन्ततः ऊर्जा के ही क्षेत्र है अर्थात कोई भी पदार्थ अन्ततः ऊर्जा से ही निर्मित है।
    * सजीव के संदर्भ में ---
    सजीव को दो भागों में बांटा जा सकता है वनस्पति और प्राणी। जिसमें तन्त्रिका तन्तु नहीं पाए जाते वनस्पति है और तन्त्रिका तन्तु पाए जाने वाले सजीव प्राणी है। प्राणी प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से वनस्पति पर आश्रित है अतः पहले वनस्पति का निर्माण हुआ।
    सजीव कोशिकाओं से बने हैं, कोशिकाएं विभिन्न प्रकार के पदार्थों से निर्मित है, पदार्थ तत्वों से, तत्व परमाणुओं से, परमाणु इलेक्ट्रोन प्रोटोन न्यूट्रॉन से और ये घटक अन्ततः ऊर्जा है। अतः सजीव, ऊर्जा का ही रूपांतरित रूप है।
    * ऊर्जा --- ऊर्जा की उपस्थिति दो रूपों में है स्वतन्त्र ऊर्जा और रूपांतरित ऊर्जा। ऊर्जा के रूपांतरित भाग को देखा सुना अथवा महसूस किया जा सकता है जबकि स्वतंत्र भाग के साथ ऐसा संभव नहीं।
    सजीव और निर्जीव की आन्तरिक प्रक्रियाएं तथा ब्रह्माण्ड के पिण्डों की गति का नियमित होना स्वतन्त्र ऊर्जा द्वारा निर्धारित है।
    ऊर्जा के इस स्वतन्त्र रूप को चिन्तन और मनन के माध्यम से समझा तो जा सकता है लेकिन व्याख्या करना लगभग असंभव है और संभव होने की सम्भावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

  • @rajubawa4372
    @rajubawa4372 Před rokem

    ओम् परनाम भाना जय सनातन

  • @mahenderjangra6764
    @mahenderjangra6764 Před rokem

    मर्यादा पुरुषोत्तम श्री रामचंद्र की जय

  • @kishansoni8242
    @kishansoni8242 Před rokem

    कृपा करके बहन जी मंद मंद बोले रघुराई इस भजन को गूगल पर लिरिक्स पर डालिए

  • @adityaaryasaini2476
    @adityaaryasaini2476 Před rokem

    Bahan Ji ko Sadar namaste

    • @HaridevSharma-rc1jv
      @HaridevSharma-rc1jv Před 3 měsíci

      जयश्रीराम जय आर्य समाज जय वेद भगवान्। बहिनजी अञ्जली आर्य जी को सादर नमन। ओम् शान्ति।

  • @hirdauram551
    @hirdauram551 Před rokem +3

    अंजलि बहने आप को बार बार प्रमाण करता हूं कि आप जैस देश को जरूरत है तब राम राज अनेमे देर नहीं लगेगी 🙏🙏🙏🙏