Tulsi Mata Ki Kahani | तुलसी माता की कहानी

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  • čas přidán 27. 08. 2024
  • Tulsi Mata Ki Kahani | तुलसी माता की कहानी | आर्यावर्त की कहानियां
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    एक डोकरी थी।वह तुलसी, पीपल सींचती थी और कहती कि तुलसी माता सबकी दाता गड़वो दीजे, लड़वो दीजे, खीर खाण्ड का भोजन दीजे, दाल-भात का जीमण दीजे, पाट-पिताम्बर पहनने को दीजे, चटके की चाल दीजे, पटके की मौत दीजे, एकादशी का दिन दीजे।श्री कृष्ण भगवान की कांध दीजे, बैकुण्ठा का वास दीजे। वह रोज तुलसी माता को यही प्रार्थना करती थी।तुलसा मातासुक-सुककर दुबली-पतली हो गयी।
    भगवान ने पूछा कि अभाता कार्तिक का महिना है। माता-बहिनें आपको खूब दूध, दही, पानी से सींचते है। जब तुलसी माता ने कहा-एक डोकरी रोज मुझसे इतने वास मांगती है। मैं उसको सब कुछ दे दं, लेकिन आपकी कांध कहां से दूं। भगवान ने कहा-मैं डोकरी को कांध दे दूंगा।
    नमस्कार दोस्तों 🙏🙏
    कहानी कहने के बाद लप्सी तपसी की कहानी कही जाती है :-
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