राम ने शबरी का जूठा बेर नहीं खाया था | रामायण में कोई प्रमाण नहीं है | पूज्य संत श्री अभय साहब जी
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- čas přidán 24. 01. 2024
- #khushhalzindagitv
#yatindrasaheb
राम ने शबरी का जूठा बेर नहीं खाया था!
Ram did not eat Shabari's false plum!
- संत श्री अभय साहेब जी
#rammandirinauguration
#rammandirayodhya
#rammandirinauguration2024
मेरे भाई तुलसीदास जी ने पहले ही लिख दिया है कि कलयुग मैं येशे लोग हुंगे जो ग्रंथों को झूंठा मानेंगे राम जी मर्यादा में रहकर ये सब काम कर रहे थे क्यों गलत तरीके से बात करते हैं सबरी के गुरु कह कर गए थे तभी सबरी बाट जोहती है जैसे तुम्हारे पिताजी कहे की तुम यहीं पर रहना तुम्हारी मां आबेगी उसके साथ चले जाना तो आप अपने पिताजी के कहने पर बाट नहीं करेंगे आप अपने पिताजी को ही झूँठा मानेंगे कुछ तो शर्म करो मेरे देश के नए ज्ञानियों इस देश मै क्यो अराजकता फैला रहे हो कंश और जरासंधो
Kabir sahab see pahle kitne kabir aye aur chale gaye adhyatmik post par baithhe mahapurus chota badda n hote hai sab apne ko guru ka das Mante app jaisee log ki wajah see Kabir sahab ki sakh ko girati hai
परमात्मा कबीर ने पाखण्ड को खण्ड खण्ड किया❤❤❤
Kabir Parmatma kahan se ho gaya Kabir Das Ji Ne to Swayam Parmatma Ko swikar Kiya Hai ant Mein Jay Shri Ram
साहेब बंदगी साहेब 🙏🙏🙏
ये महात्मा जी को मैं प्रणाम करता हूं ❤
भगत हेतु भगवान प्रभु राम धरेउ तनु भुपl किए चरित् पावन परम प्राकृति नर अनुरूप।। राम भगवान ही थे, भक्त के लिए सगुण साकार मनुष्य का रूप धारण किया और भत्तों का कल्याण किया। जिनको आत्म दृष्टि प्राप्त था वो सर्ववापक देखते थे और जिनको नही था आत्म दृष्टि वो साधारण मनुष्य देखते थे
Kambadh nahi kabandh bolo.
अर्थ- पुरुषों में नाई पूर्त होता है, पक्षिया में कौवा धूर्त होता है. चौपाया में गीदड़ धूर्त होता है। नारियों में मालिनी (सैनी, (शाक्य कुशवाहा मौर्य) जाति की औरतें घूर्त होती है।
(3) वर्दकी नापितो गोपः आशापः कुम्भकारकः वीवक किरात कायस्थ मालाकर कुटिम्बिनः एते चान्ये च वहवः शुद्रा मिन्नः स्वकर्मभिः- 10 चर्मकारः भटो भिल्लो रजकः पुष्ठकारो नटः वरटो भेद चान्डाल दासं स्वपच कोलकाः- 11 एते अन्त्यज समा ख्याता ये चान्ये च गवारानः ॥ एषाम सम्भाषणाद स्नानं दशनादर्क दीक्षणमः-12
अर्थ- बढ़ई. नाई, अहीर, अशाप, कुम्हार, तेली, मुशहर, कायस्थ, माली और उनके कुटुम्बी ये सब अपने-आपने कर्मों से भिन्न-मिन्न प्रकार से शुद्र हैं। चमार, मट, भील, घोबी, पुस्कर, नट वरट, मेद, चाण्डाल, दुसाध, दास, गंगी, और काले लोग ये सब अन्त्यज कहे जाते हैं और मांस भक्षण करते हैं, वे भी अन्त्यज है। ब्राह्मण को इनके साथ बात करने पर स्नान करना चाहिए और इनका मुख देख लेने पर सुर्य का दर्शन करना चाहिए तभी शुद्धि होती हैं। - व्यास स्मृति, अध्याय-1 श्लोक न० 10,11,12
अर्थ- पुरुषों में नाई पूर्त होता है, पक्षिया में कौवा धूर्त होता है. चौपाया में गीदड़ धूर्त होता है। नारियों में मालिनी (सैनी, (शाक्य कुशवाहा मौर्य) जाति की औरतें घूर्त होती है।
(3) वर्दकी नापितो गोपः आशापः कुम्भकारकः वीवक किरात कायस्थ मालाकर कुटिम्बिनः एते चान्ये च वहवः शुद्रा मिन्नः स्वकर्मभिः- 10 चर्मकारः भटो भिल्लो रजकः पुष्ठकारो नटः वरटो भेद चान्डाल दासं स्वपच कोलकाः- 11 एते अन्त्यज समा ख्याता ये चान्ये च गवारानः ॥ एषाम सम्भाषणाद स्नानं दशनादर्क दीक्षणमः-12
अर्थ- बढ़ई. नाई, अहीर, अशाप, कुम्हार, तेली, मुशहर, कायस्थ, माली और उनके कुटुम्बी ये सब अपने-आपने कर्मों से भिन्न-मिन्न प्रकार से शुद्र हैं। चमार, मट, भील, घोबी, पुस्कर, नट वरट, मेद, चाण्डाल, दुसाध, दास, गंगी, और काले लोग ये सब अन्त्यज कहे जाते हैं और मांस भक्षण करते हैं, वे भी अन्त्यज है। ब्राह्मण को इनके साथ बात करने पर स्नान करना चाहिए और इनका मुख देख लेने पर सुर्य का दर्शन करना चाहिए तभी शुद्धि होती हैं। - व्यास स्मृति, अध्याय-1 श्लोक न० 10,11,12
As per तुलसी जी विप्रहित जन्म लिए थे।
अध्याय १० मनुस्मृति - द्वितीय संशोधित संस्करण १९७८ ४०५
न शूद्रे पातकं किंचिन्न च संस्कार मर्हति ।
नास्याधिकारो धर्मेऽस्ति न धर्मात्प्रतियेवनम् ॥१२६
शूद्र को आजीविका ब्राह्मण से न चले तो उसे क्षत्रिय की सेवा करनी चाहिए, वह भी न हो सके तो धनी वैश्य की सेवा से जीविका करे । स्वर्ग अथवा स्वार्थ परमार्थ के लिए शद्र को 'ब्राह्मण सेवा ही करनी चाहिए, अमुक शद्र ब्राह्मण का आश्रित है ऐसा कहलाना ही उसके लिए कृत्यकृत्यता होगी । ब्राह्मण- सेवा शूद्र का विशिष्ट धर्म है, इसके अतिरिक्त अन्य कर्म निष्फल होता है। शूद्र की परिचर्या सामर्थ्य, कार्यकुशलता और उसके कुटुम्ब का व्यय देख कर अपने यहाँ से उसको जोविका निश्चित करें । उस सेवक शूद्र को जूठा अन्न, जोणं वस्त्र, असार धान्य तथा जीर्ण ओढ़ने-बिछाने का वस्त्र प्रदान करे । अखाद्य भक्षण में शूद्र को कोई पाप नहीं लगता और न उसके लिए कोई संस्कार ही है, धर्म में उसका न तो अधिकार है और न धमकार्य का उसके लिए निषेध हो है ।।१२१-१२६।।
*_लभन्ते ब्रह्मनिर्वाणमृषयः क्षीणकल्मषाः ।_*
*_छिन्नद्वैधा यतात्मानः सर्वभूतहिते रताः ॥_*
_(श्रीमद्भगवद्गीता-५.२५)_
जिनके सब पाप नष्ट हो गए हैं,जिनके सब संशय ज्ञान द्वारा निवृत्त हो गए हैं, जो सम्पूर्ण प्राणियों के हित में रत हैं और जिनका जीता हुआ मन निश्चलभाव से परमात्मा में स्थित है,वे ब्रह्मवेत्ता पुरुष शांत ब्रह्म को प्राप्त होते हैं।
बहोत सुन्दर अब आप जैसे लोग कुछ ही दिनों मे राम ये भी बोलेंगे की राम भी नहीं थे. सबरी को तो हटा ही दिया. क्या बात है संत जी आपके
आपने शबरी को किस रामायण में पढ़ा राम को बेर खिलाते हुए? तुलसी बाली या वाल्मिकी की?
Prabhu Ram ka gatha bahut hi anadar rup se bol rahe ho ,ye Katha kar nahi hai
आप से बड़ा सर्वज्ञ कोई नहीं है क्योंकि सबको पाखंड करना नहीं आता
Wah साहेब .... साहेब bandagi 🙏🙏🙏 andh bhakt hai sab jo hai hi nahi uski pooja karte hai jo b hai hum swayam hi hai ...khud hi hai baki sab bhram hai 😊
भगवान राम मर्यादा पुरुषोत्तम हैं उन्होंने स्वयं को सामान्य मनुष्य के रूप में पृथ्वी पर दुष्टों का संहार किया...
भगवान श्रीकृष्ण लीलापुरुषोत्तम हैं,
उन्होंने स्वयं को ईश्वर कहां किसी से कोई सहायता न ली और ईश्वर के रूप में दुष्टों का संहार किया
लीला पुरुष हत्या पुरुष है
समझ रहे हैं।आप समझ गए तो ठीक। कबीर जी ने अपना दर्शन रखा आपकी तरह आलोचना नहीं करते थे।
साहेब बंदगी गुरु साहेब 🙏🌹🌹🌹
मोतियाबिंद तो आपको भी है। भगवान् श्रीनराम मानव लीला कर रहे हैं। जानते हुए सब कुछ अनभिज्ञ हो आम मनुष्य जैसे व्यवहार कर रहे हैं।
जिस समय तुलसी और सूरदास राम और कृष्ण के भक्ति से ओत पोत भक्तिमय साहित्य लिख रहे थे, यह नीरु और नीमा नामक जुलाहे के घर पलने वाला अनाथ कबीर, गुरु रामानंद जी जो भगवान् श्री राम के उपासक थे का शिष्य बने । फिर भी अन्न तो जुलाहे का खाये थे । जैसा अन्न वैसा मन। जैसे घर में पले थे उस वातावरण का प़भाव उन पर पड़ा था। वैसे ही उनके संस्कार बने। वे अनपढ़ थे और भक्ति विरोधी विचारों से घर से ही प़भावित थे।
जुलाहे दम्पति भक्ति थोड़े सिखायेगे अपने गोद लिये अनाथ बच्चे को। इन्ही कारणों से वे साकार ब़ह्म के विरोध में विचार रखते थे। वे कुछ तुकबंदी भी लिखने लगे। हिन्दू लोगों को तो विरोध किसी का करनो नहीं । सर्वे भवन्तु सुखिनः। इसी में मजा है। काहे को खाम खा तनाव मोल लेना। वे सबके हां में हां मिलाने के नाते कबीर को निराकार ब़ह्य की कविता लिखने वाला कवि मान बैठे। कबीर कवि से कबीर साहब कस बन गया भगवान् जाने। भारत के लोग भी धन्यवाद के पात्र हैं। बकलोल को भी भगवान् बना देते हैं और उसकी उपासना करने लगते हैं।🎉
Raju bheekh ka aur pakhand ki dakshina ka jo Anna khaye hai unki buddhi lampat hogi hi
Murkh ko kya
Very nice प्रवचन साहेब जी🙏 के
क्या वेरी नाइस
किसी भी आयु का ब्राह्मण पितातुल्य होता है। सौ वर्षों का वृद्ध क्षत्रिय भी 10 वर्ष के बालक ब्राह्मण को पिता बराबर ही समझे। (मनुस्मृति, 2/138)
4. शूद्र द्वारा अर्जित धन को ब्राह्मण निर्भीक होकर ले सकता है, क्योंकि शुद्र को धन रखने का अधिकार नहीं है। (मनुस्मृति, 8/416)
5. बिल्ली, नेवला, चिड़िया, मेढक, गधा, उल्लू और कौवे की हत्या में जितना पाप लगता है, उतना ही पाप शूद्र (अनुसूचित जाति, जनजाति एवं पिछड़ा बर्ग) की हत्या में है। (मनुस्मृति, 11/131)
6. ब्राह्मण दुश्चरित्र भी पूजनीय है और शूद्र जितेंद्रिय होने पर भी पूज्य नहीं। (पराशर स्मृति, 8/33) 7. जो शूद्र अपने प्राण, धन और स्त्री को ब्राह्मण को अर्पित कर दे, उत्त
शूद्र का भोजन करने योग्य है। (विष्णु-स्मृति, 8/33) 8. चाहे वह खरीदा गया हो अथवा नहीं, लेकिन शूद्रों से सेवा ही करानी चाहिए, क्योंकि शूद्रों की उत्पत्ति ब्रह्मा ने ब्राह्मणों की सेवा के उद्देश्य से ही की है। (मनुस्मृति, 8/412)
9. इन शूद्रों को श्मशान, पहाड़ और उपवनों में ही अपनी जीविका के कर्म करते हुए निवास करना चाहिए। (मनुस्मृति, 10-49)
10. इन नीची जाति वालों के लिए कफन ही इनका वस्त्र है, फूटे बर्तनों में ये भोजन करें, इनके आभूषण लोहे के हों और वे सर्वदा भ्रमण करते रहें तथा एक स्थान पर बहुत दिनों तक ना रहें। (मनुस्मृति, 10-51) 11. धर्माचरण करने वाला मनुष्य इन नीच जाति वालों के साथ बातचीत न करे तथा उन्हें ना देखे। (मनुस्मृति, 10/52)
12. यदि नीची जाति का व्यक्ति ब्राह्मण अथवा गाय के लिए अपने प्राण त्याग दे, तो वह उच्च पद को प्राप्त होता है। (मनुस्मृति, 10/61)
13. यदि किसी कारणवश यज्ञ पूरा ना हो रहा हो तो उसकी पूर्णता के लिए वैश्य के यहाँ से धन ना मिलने पर शूद्र के यहाँ से धन ले सकता है, क्योंकि शूद्र का यज्ञ से कोई संबंध नहीं होता। (मनुस्मृति, 11/13) 4. जिस ब्राह्मण ने शूद्र का वध किया है, उसे छः माह के व्रत तथा एक वैल तथा ग्यारह गायें दूसरे ब्राह्मण को दान में देनी चाहिए।
(मनुस्मृति, 11/130; पराशर स्मृति, 6/16)
वर्ण-व्यवस्था के जनक और शूद्र /
कंबध नाम का राक्षस नहीं था कबंध नाम का था।
बहुत अच्छा ज्ञान दिया है. आपने धन्यवाद.
तुम भी लगता है वैसे ही हो भाई ये कलुवा शक्ल से भी और अकल तो है ही नही
Jay shree ram
साहेब वंदगी साहेब। बहुत सुंदर प्रवचन दिये हैं जागरुकता कार्यक्रम है
Kahan se aa haate hain be sir per ki baat karne waale
, आप राधा को एक नारी जानते हों ओर कृष्ण को आदमी । आप अपने ज्ञान से केवल अंहकारी हो गए ज्जबकी राधा और कृष्ण दो नही हैं एक माया है एक ब्रह्म है। ये दोनों kabhi alag nahi ho sakte.
तब रूक्मिणी से विवाह क्यों किया ??
बहुत सुंदर व्याख्यान ऐसा हैआप का
Satguru, Satnam ❤❤❤
Sant ji aapane kabhi Ramayan padha Hai To yah bataiye ki Shri Ram ji pahle use raksh se aur Sabari se mila tha ya fir jatayu se mila tha yadi jatayu Se Mila To jatayu yah Nahin bataya tha ki Sita ji ko Ravan Utha Ke Le Gaya Hai Kyon Jhuthe Baat faila Rahe Hain Ki vah raksh Se poochha Ki Sita kahan gai Dekhe ho kya aap Jaise Sadguru Kabir sahab ke naam ko bhi Badnaam kar rahe hain
आपके अनुसार राम चरित मानस असत्य है कृपा करके पुनः किसी सत्य गुरु का सान्निध्य प्राप्त करें। जय सीताराम
Bhut Sundar prvachan hkikat se prichay huwa
अब तक तो आप हक़ीक़त से दूर रहें पर आज इन ज्ञानी ने आप को सत्य से रूबरू करा दिया अब तो भगवान तो आप मानते नहीं पर कबीर जी तो मिल जायेंगे अब तो उद्धार होना तय है। भाई अब आप लोग दलितों में नफ़रत के बीज बो रहे हो इन ढोंगी ज्ञानी जी द्वारा समाज में नफ़रत के अलावा कुछ नहीं दे रहे हैं। वैसे ही नव दलित बौद्ध बन कर हिन्दू धर्म को बदनाम करना हिन्दू देवी देवता का अपमान करना अपना पेशा बना लिया है। पर किसी की आस्था को चोट पहुंचाना भी तो पाप है। हां मैं यह ज़रूर मानता हूं कि हिन्दू धर्म का जितना सत्यानाश ब्राह्मण जाति ने किया है उतना नुक्सान किसी भी जाति ने नहीं किया। भारत को गुलाम बनाने में सौ प्रतिशत यदि किसी जाति का हाथ है तो वह है ब्राह्मण इस मक्कार ठग आलसी परजीवी कौम ने अपने एशो-आराम के खातिर वर्ण एवं जाति व्यवस्था का निर्माण किया जिससे यह जाति बिना मेहनत के एशो-आराम की जिन्दगी जिये रक्षा करने पर मरें राजपूत धन कमा कर दे बनिया और फिर रात दिन सेवा करें शुद्र यह सब इस कोम ने अपने हिसाब से धर्म की रचना की इसमें कोई दो राय नहीं है। पर आपसे विनती है कि अब आप लोग भी इन ब्राह्मणो की तरह समाज में फूट मत डालों। वर्तमान में सभी दलित संगठन हिन्दुओं की बदनामी में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। यह गन्दी बात है और तो और अब दलित संगठन राष्ट्र से विरोध भी करने लग गये है। अरे भाई यह राष्ट्र ही नहीं रहेगा तो न बौद्ध बचेगा न ही दलित। अभी जो समय चल रहा है सभी हिन्दुओं को जालीदार टोपी पहनाने की तैयारी चल रही है हां आप इस हरामी कोम का विरोध करिये हम भी इस हरामी जाति के कारण आज हिन्दुओं की यह दुर्गति हुई है उसके शिकार हैं। आज इस समय यह मक्कार कोम मुस्लमानो की पैरोकार बनी हुई है। चाहे वह पत्रकार राजनेता मानवाधिकार कार्यकर्ता जज सब ब्राह्मण उसमें लगे हुए हैं इस हरामी कोम को पता है कि सत्ता की चाबी इनके पास है जहां सत्ता वहीं ब्राह्मण मिलेगा मैं भी राजपूत हूं पर इस हरामी जाति ने अपने स्वार्थ से राष्ट्र का कितना नुक्सान किया है उसको बयां नहीं किया जा सकता
राम जी राम ❤❤👏👏🙏🙏🙏👌👌👌
जैसा पाये वैसा सुनाओगे तो एक न एक दिन टूटे जाओगे
Sahab satnam satnam
जब जानकारी नहीं है तो राम पर टिप्पणी कर रहे हो,,,,,आप बहुत जानकार है तो एक रामायण की रच ना कर ले, ,,क्यों अपना समय बकवास में bita रहे हो
Aisee log hi Kabir sahab ko kahi ka n chodde raidas ji isliye koi panthh n chalaye thhe shiwaye bhakti msig kee issi boli ke chalte ek bar unke guru bhi tokke thhe baki bad mee
राम कैसे पैदा हुए। खीर से। माता को कभी अपने पति की जरूरत nhi पड़ी क्या।।।
Bilkul sahi baat hai aapane is Sant Ji ko bhi Ek Ramayan ka Rachna karna chahie chauki Gyani to bahut ho gaye hain
ये अपने अल्प ज्ञान से सब कुछ करने की कोशिश कर रहे हैं 😂😂
Jay Jay Shri Ram
बहुत खूब
Guruji aapane Satya Kahan Jay Bheem namo buddhay Jay sanvidhan Jay Kabir sahab aapke charno mein koti koti Naman 🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉
Yah kabirpanthi Sabke Sab Ravan ke Vanshaj hai abhi tak bhi Inko Ram Se Vahi Ber hai Jo Ravan ko Ram Se tha Jay Shri Ram
नास्तिक का ये काम है धर्म का अपमान करना !
Satnam sahab ji
Very thanks 🙏 👍
Abhi in guruo ne Sri Ram Ji ki leela ka gyan paya hai.jis din ye log Ram ko pa lenge sara pakhand,tanj kasna bhool jayenge.❤Jai Sri Ram❤
Good thoughts🎉
मैंने वाल्मीकि रामायण पढ़ी है और उसमे शबरी और लक्ष्मण रेखा का कोई भी विवरण नहीं है बाकि रामचरित मानस में यह सब है 👍
वहा जी वहा महाराज धन्य आप जी।
❤jai sachidanand ❤
સુંદર સંભાષણ !
Saheb bandagi saheb satnam
Jai sat guru ravidas ji
कलीयुग मे सब अपने आप को सही बताएंगे अब राम हि जाने राम अपने भगतो के संग कैसे रहे होन्गे सब अच्छे कर्म करो राम ने यही सिखाया हे।सभी अलग अलग ज्ञान सुनाते हे। जय श्री राम
❤jai satgurudev ❤
Your statement is correct
अति सुन्दर गजब विचार है साहेब जी 👌👌👌👌👌👌
लिख लोरा पत्थर का किया अर्थ होता है
रामायण तुलसी ने लिखा जो कवि थेकवि की कल्पना को आप सच मान लिए आपके पास जरा सी भी विवेक नही हैं साहेब ठीक कहते हैं कबीर इसके घोर विरोधी थे
1 no such bat h guru maharaj
मुर्ख मन काहे को बके खुद मुक्त होजा
Saheb bandhgi
Khub sundor saral vasha me bol rahe hai dada ko johar
इस कार्यक्रम को बहुत बहुत समर्थन करते हैं जय भीम जय भारत छ ग,
À00000000000000
अच्छा तो यह भीमराव वाला है, इसलिए यह इतिहास का इतना विरोध करता है,
जय श्री राम राधे कृष्णा जी 🙏🙏🙏
एक संत पुरूष को किशी धर्म ग्रंथ पर विरोधी बात नही करना चाहिए। जो विरोध करता है वह संत हो ही नही सकता है
एको ब्रहम द्गतियो नास्ति। व्यापक एक ब्रहम अविनाशी। सत् चेतन घन आनंद राशि।।
Radhe Radhe
साहेब बंदगी
Jai ho
Pandit ji sader नमन है आपको sabri ne ber अगर नहीं Khae tuo koi baat nahi kahe tuo ठीक h lakin sab log ak rahegay apas me jo प्यार bacha h उसे naa katam karo कुछ kisi ka yanha कुछ नहीं स्थाई h. Bhagwaan ne अपने हाथ रखा bus जब तक h एक Doosray का सहारा बने ये ज्ञान Do. हाथ जोड़कर नमन है.
इसका मतलब गंदगी फैलाने वाले ग्रंथ लिखकर गंदगी फैलाते रहे, और आप उनका सहयोग करते रहें,
पाखंडी ने वेद रामायण पढ़ने व सुनने पर पहले भी पाबंदी लगाया था, और अब तुम भी......
पहली बात बात तो ये, की प्रभू श्री राम जी आप जैसे लोगों के समझ से बाहर है। जिस दिन आप भगवान राम को अच्छे से पढ़ लेंगे उस दिन से, आपकी सारी ओवर कॉन्पिडेंट खत्म हो जाएगी।
वो प्रभु श्री राम की लीला थी। मनुष्य के रूप में। पूरी जानकारी लेने के बाद ही किसी चीज की आलोचना की जाती है। जय श्री राम 🙏🙏
😂😂😂😂😂
Sat.saheb.kabir
तुलसी दास कौन थे? क्या वे राम से मिले थे, या अपनी कल्पना हो कवि लोग करते है, उससे ही रामचरित लिखे है?? जानकर व्यक्ति कोई हो तो मेरे प्रश्नों का जवाब दे
तुलसी दास जी राम से नही मिले थे। तुलसी दास जी एक ट्रांसलेटर थे, संस्कृत रामायण को हिंदी में लिखे थे।
टीबी पर देखे हैं ❤❤❤❤
स्वयं भू सन्त ना जाने कब अर्थ का अनर्थ कर दें पता ही नहीं चलता।असल में इस धन्धे में अथाह धन वैभव ऐशो आराम प्राप्त होता है वही सब कुछ इनकी बुद्धि भी हर लेता है।
Very nice
ये कबन्ध जी महाराज साक्षात इनको ऐसी-ऐसी कथा बहुत आती हैं
Saheb bandagi Ji prnam
Saheb bandagi gurudev ji
Veri nice satguru sant Kabir Das ji sat sat Naman
संत शिरोमणि को बार बार धन्यवाद नमन इस संसार में किसी व्यक्ति को यदि सही और गलत की पचान नही है तो सौ बार जन्म लेना पड़ेगा आखिर अंत 000है
Right nice
Nice
Saheb bandagi saheb
Kis mahavidyalay se aapko Shastri pad Mila hai Jara bataen Jay Ho sant ji
Maharaj ji ko jankari ka abhav hai...
आप जैसे लोग संत की उपाधी कौन दे देता है आपको
Be sir per ki nai nai baaten kahan se laate hain
जय श्री राम ! इन महाशय को यह ज्ञान होना चाहिए की आप राम कथा का ज्ञान दे रहे तो !
ये मालूम होना चाहिए की श्री विष्णु भगवान के अवतार श्री मर्यादापुरोषतम राम ने नर शरीर धारण कर पृथ्वी पर लीला की है! तो वह स्वयं साधारण मानव की तरह ही तो व्यवहार करेंगे !
देश में बहुत सारे कथा वाचक हो गए जो को सनातन धर्म व शास्त्रों की मर्यादा खंडित करते रहते है!
लकिन गोस्वामी तुलसीदास जी भी महान संत है जो किकबीर दास जी महान संत है इनकी बात को सआधारण ब्यक्ति नही समझ सकते हैं
ऐसे कथावाचक लोग ही धर्म को नष्ट कर रहे
कम ज्ञान महाकल्याण है
अबे बेकूफ कमबध नहीं ,कबंध नाम था,खुद को कुछ पता नहीं चले हो ज्ञान पेलने, इनपर तो देशद्रोह का मुकदमा होना चाहिए,
G Baba Aapka bat Saty Hai 🎉
Param pujya Gurudev ji ko koti koti naman karta hun
कबीर साहब भी राम को मानते थे आज के उनके पाखंडी भक्त लोग राम को नहीं मानते
कबीर के राम दशरथ के पुत्र नही
गर्व क्यों सोई नरहरिyo siyaramji se bhajan padho Kabir saheb ka
Jay ho kabeer das, ji ka ❤❤❤❤❤❤
आचरण ही लोग मंच पर आएंगे उसे प्रकार सी बातें करेंगे यही तो कलयुग है
राम बड़े या कबीर? क्या कबीर दास भगवान को मानते थे या वह स्वयं भगवान थे? आजकल हिन्दू हो मुसलिम हो, बौद्ध हो ईसाई हो कोई भी हो सबको राम और रामायण शूल की भांति चुभने लगे हैं । यह कबीर कथा वाचक कौन से अग्य है?
जय हो बंदी छोड की
भगवान आपको सत बुद्धी दे
बुद्धी तुमको मिले ताकि सचाई जान सके
Sachhai se pakhandio ko dar lagta hai
महात्मा कबीर के पद का बेहतरीन विश्लेषण करने वाले महाशय आपके ज्ञान पर हर किसी किसी को गर्व है परंतु महात्मा कबीर एक मुक्तक रचनाकार हैं और गोस्वामी तुलसीदास का रामचरितमानस एक प्रबंध काव्य है जिसके हर पंक्ति का संबंध शृंखलात्मक रूप से है अतः दोनों के विश्लेषण में भूमिकाओं का महत्व बढ़ जाता है
कथा के वर्णन का आधार कथाकार किस प्रसंग से लेता है यह बहुत महत्वपूर्ण होते हुए तत्कालीन परिवेश से प्रभावित होता है
तो महाशय फिर तुलसीदास जी ने राम मंदिर तोड़कर बाबरी मस्जिद बनाने का विरोध क्यों नहीं किया?
@@pooranmalverma9212 इसे समझने के लिए आप को लोकवादी तुलसी दास किताब पढ़ना पड़ेगा और यदि पढ़ा है तो फिर मेरी समझ से आपका ये प्रश्न वाद विवाद कारण नहीं होना चाहिए!
Yeh eh Asli sache gyaan dene wale Jay kabir sahab
Sabri ko guru shringi ne bataya tha ki Ram aayenge aap Ram ki Leela ko nahi Jaan paye ravan ki tarah
Jay Shree Ram 🚩🚩🙏🌹 Jai Shree Ram Bhai Ji matang ne bataya tha Sabri ko ki Ram Ji aaenge samaye nishchit nahi bataya tha
Jisne bhi bataya lekin ... Lekin is maharaj ko kuchh nhi pta😂
Ram ji ke prati inki ashtha dikhai nhi pad rhi hai.
Right gurudev
😎😎😎😎😎
Shi bat
वाह ज्ञानी महात्मा आप तो बहुत ही बड़े बाबा हो बाप रे
ऐसे ही लोग सनातन को एक दिनों ख़त्म कर देंगे. चार श्लोक कबीर जी के पड़ लिए और हमारी रामायण पर ऊँगली उठाने लगे. क्या करे ऐसे प्रवचन कारो का
Aapke baato me bahut dam hai guru ji... Bahut sunder tarike se aapne samjhaye.
Saheb bandigi
इसे,जेल,भेजो,पुरे,भारत मे,सभी,को,पताहै,सेबरी,और,राम का,नाम है,रामायण मे,
तुलसी रामायण में महिलाओं को नीचे से भी नीच कहा है, शबरी प्रकरण पढ़ लो....
अधम ते अधम अधम अति नारी,
Naya kabir bhagwan aap log paida kar de
❤
Kabir ji abiguru the kya ap ke hisab se
Kabirdas ak mahan sant the jo ram ke parm bhakt the lekin unake chela kabirdas ko parmbraham banane par tule huye hai jo ramayan bhagawat or hindu dharm par ungali utha kar Bhagwan banane ka prayas kar rahe Hai