कर्म हम करते हैं या भगवान कराता है | कर्म - 1 | Swami Mukundananda Hindi
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- čas přidán 23. 05. 2023
- कर्म हम करते हैं या भगवान कराता है।
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स्वामी मुकुन्दानन्द जी अपने इस नवीन वीडियो में भगवान की परिभाषा के बारे में बता रहे हैं। साथ ही भगवान एक तुच्छ जीव को कैसे मिलेंगे इस तत्वज्ञान से भी हमें अवगत करवाते हैं। एक बार भगवान राम ने महाऋषि वशिष्ठ से पूछा कि हे गुरुदेव! भगवान की परिभाषा क्या है? महाऋषि वशिष्ठ चुप रह गए। भगवान राम ने दोबारा पूछा महाऋषि वशिष्ठ से तब उन्होंने कहा कि यह चुप्पी ही परिभाषा है क्योंकि शब्द सीमित हैं और ईश्वर असीम है। स्वामीजी कहते हैं कि भगवान विरोधी धर्मों का अधिष्ठान
होता है।
भगवान की इंद्रियां बड़ी विचित्र हैं। वेद कहता है कि भगवान अपने आँख से सूंघ सकते हैं और कान से रस ले सकते हैं। क्यों? क्योंकि वह हमारी तरह सीमित व्यक्तित्व वाले नहीं है। शास्त्र यह भी कहते हैं कि ईश्वर अपनी किसी एक इंद्रियों से भी समस्त इंद्रियों के कार्य कर सकते हैं। यहाँ तक कि भगवान बिना किसी इंद्रियों के सारें इंद्रियों के कार्य करने में सक्षम हैं। स्वामीजी ने कहा कि भगवान को हम प्रवचन या बुध्दि के द्वारा नहीं जान सकते। क्यों? क्योंकि भगवान दिव्य हैं और हमारी इंद्रियां, मन और
बुद्धि लौकिक है। वही, वेद यह भी कहता है कि जिस जीव पर भगवान कृपा कर देंगे, वह उन्हें जान जाएगा और उसकी भगवत्प्राप्ति हो जाएगी।
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✨ स्वामी मुकुंदानंद परिचय -
स्वामी मुकुंदानंद एक प्रसिद्ध भक्ति योग संत, मन नियंत्रण के प्रवक्ता, आध्यात्मिक एवं योग शिक्षक और जगदगुरु श्री कृपालु जी महाराज के वरिष्ठ शिष्य हैं। स्वामीजी एक अभूतपूर्व योग प्रणाली 'जगदगुरु कृपालु जी योग ' (JKYog) के संस्थापक है। एक इंजीनियर (आईआईटी) और प्रबंधन (आईआईएम) स्नातक के रूप में स्वामीजी का प्रशिक्षण उन बुद्धिजीवियों को बहुत आकर्षित करता है, जो वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ आध्यात्मिकता सीखना चाहते हैं। ईश्वर के विषय में सच्चे दर्शन को प्रस्तुत करने की उनकी अनूठी और उच्च पद्धतिगत प्रणाली आज की दुनिया में अत्यंत दुर्लभ है। उनकी उपस्थिति भगवान् और उन सभी आत्माओं के प्रति प्रेम का संचार करती है जो मार्गदर्शन के लिए उनसे संपर्क करते हैं।
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मनुष्य को कर्म का फल क्यों भोगना पड़ता है - czcams.com/video/JGQYtqaKTDg/video.html
😊😊😊😊😊😊😊1Q
jai shree shyam baba
*ये दुनिया धोखे मे है अथवा दुनिया मे मनुष्य धोखे मे है*
*धन्यवाद*
Dhokha kaise dur ho
*"कर्म प्रधान विश्व रचि राखा"* और *"होइहि सोइ जो राम रचि राखा"* दोनो सिधांतों में कोई अंतर नहीं है !
पूर्व जन्मों में किए हुए कर्मों के अनुसार भगवान ने जो हमारे इस जन्म में (सुख दुख भोगाने हेतु) घटनाऐं रच दी हैं उन्हें कोई नहीं रोक सकता, क्योंकि प्रारब्ध का भोग अटल और अवश्यम्भावी है। इस लिए जो तय है वह *"होइहि सोइ जो राम रचि राखा"* है ! केवल भगवान और उनके अनन्य भक्त ही मन की मोज आए तो उसे बदल दें । क्योंकि भगवान के लिए कुछ भी असंभव नहीं है ! श्री व्यासजी शोक ग्रस्त अर्जुन से कहते हैं- *"कुन्तीकुमार ! वे समस्त यदुवंशी देवताओं के अंश थे । वे देवाधिदेव श्रीकृष्ण के साथ ही यहाँ आये थे और साथ ही चले गये । उनके रहने से धर्म की मर्यादा के भंग होने का डर था; अत: भगवान श्रीकृष्ण ने धर्म-व्यवस्था की रक्षा के लिये उन मरते हुए यादवों की उपेक्षा कर दी ।कुरूश्रेष्ठ ! वृष्णि और अन्धकवंश के महारथी ब्राह्मणों के शाप से दग्ध होकर नष्ट हुए हैं; अत: तुम उनके लिये शोक न करों । उन महामनस्वी वीरों की भवितव्यता ही ऐसी थी । उनका प्रारब्ध ही वैसा बन गया था । यद्यपि भगवान श्रीकृष्ण उनके संकट को टाल सकते थे तथापि उन्होंने इसकी उपेक्षा कर दी । श्रीकृष्ण तो सम्पूर्ण चराचर प्राणियोंसहित तीनों लोकों की गति को पलट सकते हैं, फिर उन महामनस्वी वीरों को प्राप्त हुए शाप को पलट देना उनके लिये कौन बड़ी बात थी ।"* (मौसल पर्व: अष्टम अध्याय: श्लोक 20-27)
हमारे कर्मों के अनुसार जो कुछ राम ने रच रखा है, वह होगा ही । जो करके आये हो वह तो भुगतना ही पडेगा क्योंकि *"जो जस करइ सो तस फल चाखा"।* इसका यह अर्थ नहीं की प्रारब्ध पर ही निर्भर रहकर कुछ किया ही ना जाए। बलकि आगे आने वाली समस्या से लडने के लिए बल को इकट्ठा किया जाय, पुरूषार्थ किया जाए क्योंकि *"कर्म प्रधान विश्व रचि राखा"।*
भीषम पितामाह महाभारत के शांति पर्व में युधिष्टर से कहते हैं *"बेटा युधिष्ठिर! तुम सदा पुरूषार्थ के लिये प्रयत्नशील रहना। पुरूषार्थ के बिना केवल प्रारब्ध तुम्हारा प्रयोजन नहीं सिद्ध कर सकता। यद्यपि कार्य की सिद्धी में प्रारब्ध और पुरूषार्थ - ये दोनों साधारण कारण माने गये है, तथापि मैं पुरूषार्थ को ही प्रधान मानता हूँ। प्रारब्ध तो पहले से ही निश्चित बताया गया है। अतः यदि आरम्भ किया हुआ कार्य पूरा न हो सके अथवा उसमें बाधा पड जाय तो इसके लिये तुम्हें अपने मन में दुःख नहीं मानना चाहिये। तुम सदा अपने आपको पुरूषार्थ में ही लगाये रखो।"* (शान्ति पर्व, अध्याय 56)
*"देवराज इन्द्र ने उद्योग (प्रयास) से ही अमृत प्राप्त किया, उद्योग से ही असुरों का संहार किया तथा उद्योग से ही देवलोक और इहलोक में श्रेष्ठता प्राप्त की। जो उद्योग में वीर है, वह पुरूष केवल वाग्वीर (खाली बातें बनानेवाला) पुरूषों पर अपना आधिपत्य जमा लेता है।"* (शान्ति पर्व, अध्याय 58)
जो भक्त प्रारब्ध पर निर्भर रहते हैं वे भी भजन-ध्यानादि, परमार्थ- साधन तो करते ही हैं। अत: प्रारब्ध पर निर्भर रहने वालों को भी अपना कर्तव्य कर्म करते रहना चाहिए। हम जैसे मनुष्य बहुत ही सीमित सामर्थ्य और ज्ञान वाले हैं। आज के समय में प्रत्येक मनुष्य इस बात को एक दिन में अनेको बार दोहराता है *"होइहि सोइ जो राम रचि राखा"* । उसकी मान्यता अनुसार तो इस संसार में कोई भी घटना अथवा दुर्घटना भगवान ने पहले से ही तय कर दी है जबकी एसा नहीं है । सब कुछ प्रारब्ध नहीं होता । हाँ हमारे जीवन का कुछ हिस्सा प्रारब्ध से जुड़ा अवशय होता है । मगर हम यह पता नहीं लगा सकते कि कोन सी घटना प्रारब्ध से जुड़ी हुई है और कोनसी नहीं (एक होनी होती है, और एक अनहोनी)। इस लिए हमें सदा पुरूषार्थी ही होना चाहिए ! और प्रारब्ध भी तो हमारे पूर्व जन्मों में किए हुए कर्मों से ही बना है । क्योंकि *"कर्म प्रधान विश्व रचि राखा, जो जस करइ सो तस फल चाखा"* । पुरषार्थ करने के बाद कार्य पूर्ण न होने पर इसे राम जी की इच्छा अथवा "होनी" का नाम दे देना परमातमा की शरण लेना ही है।
इंसान बुरे कर्म करता है तो उसकी सजा वो 84 लाख योनि मे काट लेता हैं फिर मनुष्य जीवन तो सुख शान्ति भरा मिलना चाहिए
Hare Krishna Hare Rama 🙏🚩🌹
गुरु जी को प्रणाम राधे राधे 🙏 आत्मा ही परमात्मा है
भगवान् कहो ईश्वर कहो दयानिधि कहो या परमात्मा कहो तो वास्तव मे जो भी हो अपनी शक्ति से सभी कर्म करना नियत करता है
जल, थल,अग्नि, आकाश, पवन पर केवल उसकी सत्ता प्रभु इच्छा के हिल न सके एक पत्ता🎉🎉🎉🎉🎉
Jay Sri Krushn... Swamiji premaadar sah pranaam...🌺🌺💞🙏🏻
JAI ho Aapki.....
परम पुज्य महात्मा के श्री चरणो मे कोटी कोटी प्रणाम🙏🙏
Aap mahan hai guru ji ❤ Jai sai Ram Jai sai Shyam ❤️❤️🥰🥰 love you guru ji
ॐ गुरुभ्यो नमः।।
👌🏿👍जयश्रीकृष्ण राधे राधे
Following Swamiji
From Nepal,🇳🇵💗🙌
चरण स्पर्श 🙏
जय श्री कृष्ण 🙏🙏
सुन्दर ज्ञान वर्धक और अति अलौकिक भगवान और संतों के लीलामृत ।
जय श्री राधे कृष्ण 🌹🙏🌹
ॐ नमो नारायण स्वामी जी प्रणाम
जय श्री कृष्ण
Radhe Radhe my dearest and respected Swamiji.🙏🙏❤️❤️
How to get blessings
राधे कृष्ण राधे कृष्ण राधे कृष्ण राधे कृष्ण
राधे कृष्ण राधे कृष्ण राधे कृष्ण राधे कृष्ण
राधे कृष्ण राधे कृष्ण राधे कृष्ण राधे कृष्ण
राधे कृष्ण राधे कृष्ण राधे कृष्ण राधे कृष्ण
राधे कृष्ण राधे कृष्ण राधे कृष्ण राधे कृष्ण
राधे कृष्ण राधे कृष्ण राधे कृष्ण राधे कृष्ण
❤radhe radhe
Radhey Radhey 🙏
Jai shree krishna
God has Yog maya Shakti. With this energy He can do all contradictory things. They are His Leelas. Instead of reasoning God’s action we should enjoy His leelas with faith and enjoy the bliss.
jai Gurdev.jai siyaRam guruji
Mai sirf aur sirf Iswar kripa par hi bharosa karta hoon kyonki mujhe apne aap se beinthaan muhabbat hai.
राधे राधे
Wow! इसे सुनकर आनन्द परमानन्द। श्री राधे गोविंद 🙏
कृपा कैसे मिलेगी
RADHE RADHE
Karma hamkarte hye fal bhagaban dete hye 🎉🙏🙏
Hare ram hare krishna
Sadar vandan swamiji
Radhye radhye swami ji
🙏🙏🙏
जय जय सियाराम मेरे प्यारे प्यारे गुरुवर मेरे परम सहज कृपालु जी महाराज
Radhe Radhe ❤️🙏
Radhe Radhe❤❤❤❤
Jai ho parvhu ✨🤗🥥🥥🥭🥭🙏🙏🙇🙇🤗🤗♥️♥️🥀🥀🚩🚩🚩🚩🚩
Yogmaya ko samajana inshan ke liye mumkin nahi hai yogmaya ke dwara hi ishwar ki taraf jaaya jasakta hai yogmaya hi excellent sadhan hai aap ka sadhuvad karte hai sir ji ❤
Radhay Radhay
jai shiv hari ❤ bum B um bhole❤😅
जय जय श्री राधे
Koti koti dhanyabad
राधे राधे गुरु जी 🙏🏻🙏🏻
Jai ho
Saheb bandagi saheb bandagi saheb bandagi 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
💜 नमन् ❣️ तीर्थ ❣️ नमन् 💜
ॐ नमः शिवाय
जय श्रीकृष्ण ❤
स्वामी जी बहुत सुंदर प्रवचन🙏🙏
Reyal guru
Pranam Swamiji 🙏 Radhe Radhe 🙏
Yog Maya sakti se bhagwan kartum akartum sarbatha kartum samartha.. Radhey Radhey
Guru ji maharaj ki jai ho
We can attain God only by his grace. So beautiful lecture. Thank you Swamiji.
Absolutely true and katho upnishad 1.2.23 tells about it.
av kirpa kaise milegi
God ki to nehi bata sakta lekin har jiv Ram hai ye satay hai
@@ghanvedsingh8946har jiva ram setu bana sakte hain? 😂😂😂
Jaisree Radhey Krsna
Harekrsna... Maharaj ji Pronam
What a fantastic explanation!!! Namaskar Guruji 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
How we Get Blessings
🌹 राधे राधे 🌹♥️🙏
Pranam Guru ji🙏
We can attain God by the Grace of God and Guru only. Nice Explanation by Swamiji. Thank you Swamiji for this Divine Wisdom.
Radhey Radhey Radhey Radhey 🌹🌹🚩🔥
Radhe radhe
Thanks
Radhey Radhey Swami ji 🙏 🙌
radheee radheeee
Jay shree ram Guru Dev Ji
With the grace of God and guru we can uplift our lives . Shat Shat Naman Swami ji.
SUNDAR AUR GYANVARDHAK......... GURUWAR............22//06//2023........
राधे कृष्ण राधे कृष्ण कृष्ण कृष्ण राधे राधे
राधे श्याम राधे श्याम श्याम श्याम राधे राधे
राधे कृष्ण राधे कृष्ण कृष्ण कृष्ण राधे राधे
राधे श्याम राधे श्याम श्याम श्याम राधे राधे
Radhe Radhe Swami ji
अति सुन्दर । जय श्री कृष्णा ।
राधे राधे ,स्वामी जी ।गुरु कृपा बनी रहे ।शत शत नमन ।🙏🙏🙏
राधे राधे स्वामी जी 💐🙏🏼🙏🏼
Gurudevji Ki Vani Me Sada Shivji Ka Nasha Jo Bhi Fansa Dil Me Basa Fir Dur Jane Ka Irada Nahi Sara Sukh Hai Ek Yanhi
Jai Shri krishna
Jai ho Gyan Ganga maya ki jai ho🎉
Jay shri ram
Omji
Sat. Sat pranam🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Pranam Swami ji
ATI Sundar pravachan
Jai sachidanand ji
महाराजको नमस्ते❤
Jai Guru Dev Ji
दुनिंया के लोग कर्म करने लिए स्वतंत्र हैं भोगने के ले परतंत्र \ परमात्मा ने अछे बुरे में फर्क करने के लिए हर इन्सान को बुद्दी विवेक पहले ही दे दिया है
Bahut hi sundar parmanandaji🙏🙏💐💐💕💕
Swamijee, Radhe, Radhe. Pranam.
जय श्री राधे गोबिन्द
Amrit Vachan,Om Namo Bhagwate Vasudevaya...
Radhey Radhey
Radha Radha
Wow💐💐💕💕🙏🙏
Dhanyawaad
Bahut hi sunder parvachan
स्वामी जी प्रणाम।
आपने सुन्दर प्रवचन दिया।
यह यथार्थ ज्ञान है।
आपको साधुवाद।
Radhe radhe.
Swamiji, pranam. Bhgwan ko dekha nahin lekin aap me bhagwan love dekhlia. Islie aapko bar bar pranam. Berhampur
Radhe Radhe
Thanks Swami ji
Om Namo Namah Shivaye Om Jai Jai Sri Ram ji Om Jai Hind Jai Bharat Jai Maa Om
Radhe,radhe,swamiji,keejay
🙏🙏🙏🙏🙏hare krishna