सच में बाबा रामदेवजी मेघवाल ही थे क्योंकी ये सर्वविदित है कि अजमालजी निसंतान थे इसलिए बारह बार द्वारकाजी गए थे। संसार में सभी जीव, जन्तु एवं ईन्सान की उत्पति संसर्ग से ही संभव है। अब रही बात रामदेवजी की तो इस केस को हम ऐसे समझ सकते है कि एक निःसंतान दम्पत्ति भले ही वो किसी भी जाति का हो लेकिन उसने कोई पुत्र/ पुत्री गोद लिया है तो उस दत्तक पुत्र के सभी डॉक्यूमेंट भले ही बना दिए हो। लेकिन असली मां बाप यानि जैविक माँ बाप तो कोई दूसरे ही है वो ही उस बच्चे की असली पहचान होती है न कि गोद वाले परिवार की भले ही वे राजी हो। निश्चित रुप से रामदेवजी सायरपुत्र थे और हाँ ये बिल्कुल सत्य है कि उनका पूरा का पूरा लालन पालन बचपन से लगाकर सब तंवरो के वहां जरूर हुआ था।
लोग बोल रहे की बाबा मेगवाल थे तो फिर पुगलगढ के विजय सिंह भी मेगवाल थे बाकी रही बात जागरण व भजन की तो खेमा बाबा की जागरण मेगवाल भाई आज भी देते हैं में देवासी हु मेरे घर भोमिया जी की जागरण हमारे मेगवाल भाई देते हैं
शैतान जी बाबा रामदेव जी के सखा भक्त रतनौ राइको दुनिया में प्रसिद्ध है कृपया आप वीर रतना जी राईका का संपूर्ण इतिहास और संस्कृति और उनका योगदान बताएं उनका मन्दिर रामदेवरा के पास वीरमदेवरा मे श्री रतना राईका रेबारी मन्दिर ❤💯❤️🐪🐪🐪
तुम कहते हो रामदेव जी मेघवंशी वो बोलते राजपुत " हम क्या कहे / हम कहते वो तुम्हारे थे ही नहीं और ना रहगे ॥ वो तो भक्तो के थे और के ही है " तभी तो मेरा अनूभव है जहा तक इस संसार मे ' गरीब दुखी अहसाय कमज़ोर का सहारा ' रामसा पीर हमारा " सांचे मन से बोलये ' रामसापीर कि जय👋👋👋👋👋
बाबा रामदेव जी भगवान विष्णु के अवतार थे उनको न तो राजपूतों से मतलब था न हरिजनों से वो तो जनता की भलाई के लिए आए थे और अपना कर्तव्य निभा कर चले गए और तुम लोग लड़ते रहो लेकिन सभी उनको रामदेव जी तंवर कहा जाता हैं ❤❤
बाबा रामदेव जी मेघऋषि सायर के पुत्र थे और सत्य है मेघवाल है इसमें किसी भी प्रकार की भ्रांति न पाले
सच में बाबा रामदेवजी मेघवाल ही थे क्योंकी ये सर्वविदित है कि अजमालजी निसंतान थे इसलिए बारह बार द्वारकाजी गए थे। संसार में सभी जीव, जन्तु एवं ईन्सान की उत्पति संसर्ग से ही संभव है। अब रही बात रामदेवजी की तो इस केस को हम ऐसे समझ सकते है कि एक निःसंतान दम्पत्ति भले ही वो किसी भी जाति का हो लेकिन उसने कोई पुत्र/ पुत्री गोद लिया है तो उस दत्तक पुत्र के सभी डॉक्यूमेंट भले ही बना दिए हो। लेकिन असली मां बाप यानि जैविक माँ बाप तो कोई दूसरे ही है वो ही उस बच्चे की असली पहचान होती है न कि गोद वाले परिवार की भले ही वे राजी हो। निश्चित रुप से रामदेवजी सायरपुत्र थे और हाँ ये बिल्कुल सत्य है कि उनका पूरा का पूरा लालन पालन बचपन से लगाकर सब तंवरो के वहां जरूर हुआ था।
रामदेव जी का जन्म उंडू कश्मीर मैं हुआ था और माता का नाम मंगनी देवी और पिता का नाम शायर जी के लाल थे और वह मेघवाल इनका इतिहास भी गवाह हुआ है
लोग बोल रहे की बाबा मेगवाल थे तो फिर पुगलगढ के विजय सिंह भी मेगवाल थे बाकी रही बात जागरण व भजन की तो खेमा बाबा की जागरण मेगवाल भाई आज भी देते हैं में देवासी हु मेरे घर भोमिया जी की जागरण हमारे मेगवाल भाई देते हैं
बाबा राम देव मेघवाल समाज मे जन्मे थे l सब कुछ इतिहास छुपाया गया है
शैतान जी बाबा रामदेव जी के सखा भक्त रतनौ राइको दुनिया में प्रसिद्ध है कृपया आप वीर रतना जी राईका का संपूर्ण इतिहास और संस्कृति और उनका योगदान बताएं उनका मन्दिर रामदेवरा के पास वीरमदेवरा मे श्री रतना राईका रेबारी मन्दिर ❤💯❤️🐪🐪🐪
रामप्रकाश जी महाराज ने इसे कोर्ट में भी साबित किया और कोर्ट ने भी माना की बाबा मेघवाल थे।
मेघवाल समाज ऋषि समाज था यानी संत समाज था जिसे रिखिया (ऋषिया) कहा जाता था जिसमें अनेकों सिद्ध संत हुएं है।
मेघवंशी बाबा रामसापीर नामों 💪
मेघवाल थे रामदेवजी
राजपूत और मेगवाल हम सब हिन्दू है बाबा रामदेव जी हम सब के है ओर सबके साथ है बाबा को बाटो मत जय बाबा री सा
सायर सुत मां मंगनी रा जाया ज्योंरी महिमा भारी.. अजमल जी ने भेट कियो सुत सायर ने बलिहारी... मेघ रिखो संग तंवर वंश रा भाग जगिया भारी.. 🚩
सबूत मिलते हैं। अजमल नन्दनाय, विधिमाहिं शायर सुता धीमतन्नु रामदेवाय प्रचोदयात । मेघ शायर सुत रामदेव जी की जय 🙏
बाबा रामदेव जी मेघवाल थे और रहेंगे
सायर सुत मंगनी के जाया बाबा रामदेव जी की जय हो
जय बाबा री 🙏,जय मेघ माया जी🚩
सायर जी के लाल की जय हो
🙏🚩.. सायर सूतनी मगनी रा जाया जारी महिमा भारी भेट कियो सूत अजमल जी ने सायर ने बलिहारी मेधरिखा संग तवर वंश रा भाग
तुम कहते हो रामदेव जी मेघवंशी वो बोलते राजपुत " हम क्या कहे / हम कहते वो तुम्हारे थे ही नहीं और ना रहगे ॥ वो तो भक्तो के थे और के ही है " तभी तो मेरा अनूभव है जहा तक इस संसार मे ' गरीब दुखी अहसाय कमज़ोर का सहारा ' रामसा पीर हमारा " सांचे मन से बोलये ' रामसापीर कि जय👋👋👋👋👋
बाबा रामदेव जी भगवान विष्णु के अवतार थे उनको न तो राजपूतों से मतलब था न हरिजनों से वो तो जनता की भलाई के लिए आए थे और अपना कर्तव्य निभा कर चले गए और तुम लोग लड़ते रहो लेकिन सभी उनको रामदेव जी तंवर कहा जाता हैं ❤❤