मौजी बतकाव || जेहि बिधि राखे राम, तेहि बिधि रहिए... ||185|| 🌝😁😂

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  • čas přidán 6. 07. 2024
  • @hamdehati22 || बुँदेली बानीं और बुँदेली जन के क्या कहने? हर स्थिति-परिस्थिति में मौज में जीने की कला बुँदेली मानस को खूब आती है। वे हँसते-हँसते कब पते की बात कह जाएँ यह समझना सहज नहीं। दीक्षित साधू रामानंदी साधू नें खूब मजे की बातें कही हैं, उनके बतकाव से समकालीन समस्याओं, पारिवारि, सामाजिक-आर्थिक स्थितियों और जन-सामान्य के सोच की गहन-गंभीर छवि उभरकर आती है।
    -विनय त्रिपाठी, सम्पादक
    मौजी बतकाव || जेहि बिधि राखे राम, तेहि बिधि... ||185|| 🌝😁😂
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Komentáře • 2

  • @agastyapath
    @agastyapath Před 14 dny +1

    बहुत सुंदर बतकाव।

  • @hamdehati22
    @hamdehati22  Před 25 dny

    जै राम जी महाराज! बहुत खूब बताई।