Raisen Fort (Killa): Glory Of Gondwana - Dr. Suraj Dhurvey
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- čas přidán 28. 12. 2019
- Raisen fort is one of the ancient forts of Madhya Pradesh. It is located on the north west corner of the Gondwana on a hilltop on Vindhyachal range. Raisen fort has strong connection with the Sallam Dynasty of gondwana who has also erected two strong forts (Ginnaurgarh fort and Fatehgarh fort ) in Bhopal kingdom. Unfortunatelly contribution of Gond kings especially Sallam dyansty never been appreciated and acknoledged by the historians and writers. Raja Sangram Shah and Rani Durgawati of garha mandla have strong holds through many other rajpoot kings on this fort upto 1564. Naval Shal along with Rani Kamlapati has ruled this forte for years. This is one of the great fort of the Gondwana and Gond rajas.
Dr.Suraj Dhurvey
रायसेन किला मध्यप्रदेश के प्राचीन किलों में से एक है। यह गोंडवाना के उत्तर पश्चिम कोने पर विंध्याचल पर्वत श्रेणी की एक पहाड़ी पर स्थित है। रायसेन किले का गोंडवाना के सल्लाम राजवंश के साथ मजबूत संबंध है जिन्होंने भोपाल राज्य में दो मजबूत किले (गिन्नौरगढ़ किला और फतेहगढ़ किले) भी बनाए हैं। यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण रहा है कि इतिहासकारों और लेखकों ने गोंड राजाओं के विशेष रूप से सल्लाम राज वंश के योगदान को कभी भी सराहना नहीं की । गढ़ मंडला के राजा संग्राम शाह और रानी दुर्गावती ने 1564 तक इस किले पर कई अन्य राजपूत राजाओं के माध्यम से शासन किया। रानी कमलापति के साथ नवल शाह ने वर्षों तक इस किले पर शासन किया। यह गोंडवाना और गोंड राजाओं के महान किले में से एक है।
डॉ. सूरज धुर्वे
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गोंडवाना राजचिन्ह हो तो वो भी प्रदर्शित करे 🙏 सेवा जोहार 🏹
जय आदिवासी साथीयो सब आदीवासी समाज एक हो जावं बिनती करता हुं माली पुणा महाराष्ट्र से
धुर्वेज़ी आप बहुत शानदार काम करके आदिवासी क़ो जगाने का काम कर रहे है, डॉ
जय सेवा जय गोंडवाना,,,,,🙏👏🙏👏🙏
बेहत भव्यतापूर्ण किल्ला है गोंडवाना का। जय गोंडवाना
सेवा सेवा ज़ोहर sir
बहुत सुघ्घर.. सेवा जोहार
बहुत बढ़िया जानकारी ।
🙋 Jay Gondwana......
शानदार सर जी ,जय गोंडवाना
रैयासिंगोला नाम से गोंडी कहानियो मे इसका उल्लेख मिलता है। मैने इसे सरोताओ का गढ़ा है सुना था।
बहुत अच्छे से बताया है आपने ।
मावा नाटे मावा राज 🏹🏹
प्राचीन वैभव जिनका सम्बन्ध कोयतुरो से रहा है,1857 की क्रांति का नेतृत्व महाराज शंकर शाह ने किया था इस क्षेत्र में,इसलिए इन किलो को क्रांतिकारियों के लिए खोल दिया था ।क्रांति के पतन के बाद 1868 तक उन सभी किलो को ब्रिटिश सरकार ने ढहा दिया था ।जिनका इस्तेमाल क्रांतिकारियों किया था ।
कोई हमें मिटा सके ज़माने में दम नहीं,
App ko dikhane ke liye dhanbad.
गोंडवाना की विरासत
Dr suraj dhurve ji aap ko many many thanks for making video on Raisen Fort .
गोंडवाना के अमूल्य धरोहर से परिचित कराने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद सर जी, जय सेवा सेवा जोहार।