भारत का सातवां आश्चर्य वारंगल का किला - कोइतूरों की अनमोल विरासत ,( Warangal Fort) Dr Suraj Dhurvey.
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- čas přidán 6. 09. 2020
- दक्षिण भारत के काकतीय वंश और उनके इतिहास के बारे में आप लोगों ने जरूर पढ़ा या सुना होगा लेकिन काकतीय इस देश में मूलनिवासी कोइतूर थे यह बात शायद आप लोगों ने न तो सुनी होगी और न ही पढ़ी होगी। दक्षिण भारत के तेलंगाना, आँध्रप्रदेश और तमिलनाडु के ज्यादातर हिस्सों पर कभी काकतीय वंश के कोइतूर राजाओं का वर्चस्व रहा है जिन्होंने यादव वंश और चालुक्य वंश के राजाओं को हराकर यह साम्राज्य स्थापित किया था। वारंगल जिले में वारंगल शहर के दक्षिणी पूर्वी भाग में तीन दीवारों से सुरक्षित काकतीय राजाओं के प्राचीन किले के अवशेषों को आज भी देखा जा सकता है।
800 वर्षों से ज्यादा समय के बाद भी इस साम्राज्य के वैभव, समृद्ध और उन्नति को इसके किले, महलों, मंदिरों इत्यादि के खंडहरों में साफ़ साफ़ देखा जा सकता है। इस वीडियो में बहुत विस्तार से इस इस राजवंश की शासन व्यवस्था और उसके सम्राज्य के बारे में बताया गया है। तीन सुरक्षा दीवारों से घिरे इस किले में आज भी इसके राजमहल के खँडहर और अवशेष सीना ताने अपना इतिहास बयां कर रहे हैं। लाख षणयंत्रों और जान बूझ कर किये गए परिवर्तनों के बावजूद भी कोइतूरों के राजवंश की निशानियाँ आज भी इस राजमहल में देखी जा सकती हैं। इसे काकतीय कला तोरणम के नाम से जाना और पहचाना जाता है। कहने को तो आज के इतिहासकार और लेखक इसे मंदिर बताते हैं लेकिन राजमहल होने के प्रमाण ज्यादा है। इतने बड़ा किला क्या मंदिर की सुरक्षा के लिए बनाया गया होगा? अगर यह मंदिर है तो फिर किले के अन्दर का राजमहल कहाँ गया? आज वारंगल के किले के अनादर जिस खंडहर को लोग मंदिर के नाम से लिखते पढ़ते और प्रचार करते हैं वास्तव में वह कोइतूरों के महान सम्राट रुद्रदेव, महादेव, गणपति देव, रानी रूद्रमा देवी और प्रतापरुद्र जैसे महान कोइतूर राजाओं और रानियों का राजमहल है।
गोंडवाना और कोइतूरों के राजचिन्ह का प्रतीक “हाथी पर सवार शेर”(गज सुडूम) चीख चीख कर कोइतूरों की राजधानी होने का प्रमाण दे रहा है। इस राजचिन्ह के प्रति घृणा, नफरत और वैमनस्य साफ़ साफ़ देखा जा सकता है क्यूंकि हर जगह हाथी पर सवार शेर के राजचिन्ह को बुरी तरह से खंडित किया गया है। जगह जगह हाथी और शेर की टूटी हुई प्रतिमाएं और मूर्तियाँ मिलती हैं और ख़ास बात इनको एक दूसरे से अलग अलग रख कर इस राजचिन्ह को दुनिया की नज़रों से बचने का प्रयाश भी साफ़ साफ़ दिख रहा है। कहते हैं कि सत्य को कितना भी छुपाओ वह किसी न किसी रूप में दुनिया के सामने आ ही जाता है। यद्यपि राज चिन्ह के शेर के नीचे से हाथियों को बड़ी सफाई से काटकर या तोड़कर अलग कर दिया गया है लेकिन आज भी एक शिला पट्ट पर कई हाथी पर सवार शेर - राजचिन्ह, अभी भी देखे जा सकते हैं। तो आइये आज इसी रहस्य से पर्दा उठाते हैं और कोइतूरों की इस महान विरासत में किये जा रहे परिवर्तनों को समझने के कोशिश करते हैं।
वारंगल का किला अपने अन्य कई विशेषताओं के लिए भी जाना जाता है जैसे दुनिया का प्रसिद्द हीरा “कोहिनूर” इसी काकतीय राजवंश का था जिसे दिल्ली के सुल्तानों ने लूटा था। मुगलों, पठानों, सरदारों और अंग्रेजों से होता हुआ महारानी विक्टोरिया तक पहुंचा था। बस्तर का प्रसिद्द काकतीय राजवंश इसी वंश की एक शाखा था जो बस्तर में 635 वर्षों तक राज्य किया। दिल्ली सल्तनत ने काकतीय साम्राज्य के धन दौलत, सोने चांदी, हीरे जवाहरात से भरे खजाने को पूरी तरह लूट कर बर्बाद कर दिया था।
दिल्ली सल्तनत के बाद आने वाले मुगलों और अंग्रेजों ने भी इसके निशानों को मिटाने का क्रम जारी रखा और कभी भी इस वंश की असली सच्चाई को दुनिया के सामने आने नहीं दिया। आशा कर हूँ कि यह वीडियो आपको सोचने पर मजबूर करेगा और आपके दिमाग में यह प्रश्न उठाने पर मजबूर करेगा कि हाथी पर सवार शेर की इस किले में उपस्थिति को क्यूँ छुपाया जा रहा है ?
डॉ सूरज धुर्वे
आप जो इतिहास खोज कर बहुत महनत कर जानकारी देते हो आप को बड़ा देव खुश रखे
आपका हृदय से आभारी हूं मसराम जी आपको सादर सेवा जोहार
जय आदिवासी साथीयो हमारी ईस विरासत को पुनर जिवीत करना चाहिए जय आदिवासी जय जोहार जय रावण जय धरती आबा बिरसा मुंडा जी
छत्तीसगढ़ के भोरमदेव और पचराही में भी गोंडवाना राज्य चिन्ह है
भारत के आधे से ज्यादा किले है सभी गोंडवाना के धरोहर है आज मंदिर में तब्दील हो गया है.
एकदम सहीं। वारंगल में राज करने वाले काकातिया असल मे आदिवासी गोंड़ हुआ करते थे जिन्हें समय के साथ दूसरे लोग राजपूत समझने लगे। आदिवासी रीत रिवाज आज भी मानते हैं वो और उनका ये किला तथा कई किताबों में उन्हें इंदिगिनस किंग के नाम से बताया गया है। जय बूढ़ा देव 🙏
राजपूत तो बिल्कुल नहीं थे
India me bahut sare jagah me gond Rajao ko rajput bataye gaye hai..
इंडिगिंनस किंग का मतलब
पुरी भारत में जहां जहां हमारा गोंडवाना शासन था वहां वहां की अमुल्य बिरासत धरोहर को हमारा समाज को जगाने के साथ वचाय रखने की शक्त जरुरत है भाई साहब जय सेवा जय जोहार जय गोंडवाना
आपको सादर सेवा जोहार जय गोंडवाना हम सब प्रयास करे की हमारा राजमहल फिर से पहले जैसे वापस हो जाए इसके लिए एक साथ एकमत होकर काम करने की जरूरत हैं
धन्यवाद आपको और शानदार जय भीम जय मूलनिवासी जय भारत जय संविधान। सेवा जोहार। जय गोंडवाना।
बहुत ही शानदार प्रस्तुति।डॉ साहब सेवा जोहार।
Jay sewa Dr. SURAJ DHURVE SIR JI .गोंडवाना का इतिहास बताने के लिये आपका बहुत बहुत धन्यवाद! और इसी तरह आप हमें गोंडवाना का सच्चा इतिहास पढ़ाते रहे । आपका बहुत बहुत आभार आदरणीय डॉक्टर साहब
Chhindwara student
Thank you so much
सेवा जोहार दादा
Sewa Sewa Dinesh JI
सेवा जोहार
सराहनीय प्रयास हमारे प्राचीन इतिहास से हमारा परिचय करवाने के लिए।
साधुवाद सर जी🙏🏻🙏🏻🙏🏻💐
आज हमे एकजुटता की संगठन होने की जरूरत है
जयसेवा,जय गोंडवाना । आज हम अपने गोंडवाना समाज और उसके भग्नावशेष अस्तित्व को देखते हैं, वह हमेशा से ऐसा नही था ।संगठन के अभाव और लुटेरों के निरंतर प्रयास का नतीजा है, जोकि आज भी लगातार जारी है ।यह हम सभी गोंडवाना के गणों के लिए शर्म की बात है ।आज हम अपने धरोहरों को बचाने के लिए अधिक कुछ नहीं कर सकते,लेकिन एक दूसरे की रक्षा के लिए एक दूसरे की सेवा करके मदद अवश्य कर सकते हैं ।यदि हम सही मायने में प्रकृति से जुड़े उसकी संतान हैं, तो पुनः संगठित होकर यह प्रमाणित करना पड़ेगा । एक दिन प्रकृति स्वतः अपने पूर्व रूप में आएगी, आततायियों का विनाश हो कर रहेगा ।जयसेवा, जय गोंडवाना ।
अनमोल जानकारी प्रदान किये दादा
आपको सेवा जोहार
आपको बहुत-बहुत धन्यवाद और सादर सेवा जोहार और पोर्ते जी
जय सेवा
जय गोंडवाना
जय आदिवासी
I am from Warangal. My grandfather's home was located within the Warangal Fort. So I spent my childhood there. 50 years back, there were some "murtis " outside the Sitab Khan Mahal. But no Murtis inside Sitab Khan Mahal. At that time (the 1970s ), there was no roof also. It is recently installed. As you correctly said, recently, it has been renovated and some " Murtis " of different faiths ( Jain and Buddhist ) have been placed. Nice informative video. Regards
बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी
आदरणीय सर जी सेवा सेवा जोहार
आप के चेनल से महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्रसारित की जाती है ।हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई स्वीकारें ।
जय सेवा जय गोंडवाना साम्राज्य
सादर सेवा जोहार
जय गोंडवाना लैंड, जय सेवा, फडा़ पेन ता सेवा।
सेवा सेवा सेवा जोहार
Etihas ki sachhai ko samne lane me apka prayas bahut hi prashansa ka patra hai.
Hum tak sahi jankari pahuchane ke liye apka bahut bahut dhanyavad. Bali sir ji
आपने अपनी संस्कृति सभ्यता इतिहास की तरफ अपना ध्यान दिया और हमारी मेहनत को सार्थक किया इसलिए हम आपके आभारी हैं आपको सेवा जोहार
गोंडवाना के 252 गड़ जो पूरे देश में है उनकी विरासत को खंगालना है और नया लिखने की जरूरत है। जय सेवा जय सेवा जौहार।
जी भाई बिल्कुल सही कह रहे हैं जब तक हमारे अपने लोग इतिहास लिखेंगे पड़ेंगे नहीं तब तक ऐसे ही लोग युवा जादू खेलते रहेंगे बैल गाड़ियों के रस्से खींचते रहेंगे और दूरी से दूसरी संस्कृतियों के गुलाम बनकर इस पिछलघु बनेरहेंगे
बिल्कुल सही कहा भाई
Sahi baat hai
यह तो 1000 परसेंट सत्य है असली इतिहास छुपाकर नकली इतिहास थोप दिया गया
Yes
Thank you so much
अद्भुत औऱ इतिहासिक जानकारी सर,जय गोंडवाना✊✊✊
बहुत-बहुत धन्यवाद और सादर सेवा जोहार धर्मवीर जी जय गोंडवाना
धुर्वे जी का योगदान गोंडवाना विरासत की जानकारी समाज तक पहुंचाने में में अतुलनीय एव सराहनीय है।
जय सेवा जय जोहार
बहुत अच्छी जानकारी
बहुत अच्छी जानकारी। पहली बार सुना इस किले के बारे में।
बहुत-बहुत धन्यवाद मनोज भाई अभी तो किले का एक छोटा सा हिस्सा कवर किया है इसके लिए मैं बहुत कुछ देखने और कवर करने लायक है
Jai seva johar jankari badhane k liye
Bahot proud fill ho raha hai apne gondwana pe
बहुत बढ़िया सर जी
गोंड गोंडी गोंडवाना ता सेवा सेवा
सेवा जोहार साहब l हम लोगो को कोर्ट मे पेटीशिन दाखिल करना चाहिए l
सेवा जोहार अवधेश जी कला संस्कृति भाषा इतिहास को खुद में दाखिल कर लें फिर जब वक्त बचे तब कोर्ट चलेंगे
बहुत जल्दी नहीं तो पूरा इतिहास मिटा दिया जायेगा
Bahut bahut sewa johar sir. Aap hamesha kuchh na kuchh aitihaasik cheeje dikhate rahte hai
सेवा सेवा सेवा जोहार🙏💐
मैं अभी भुवन गिरी में, हूँ, भुवन गिरी से, कितना किलोमीटर है अभी भुवन गिरी और, वारगल,के, बीच में, हु, रहता, हूँ मैं भी, एम, पी, से, आया हूँ काम, करने जय, सेवा जय, जोहार
Dhanyawad
Mujhe bahut dukh ho raha hai........
Same on hinduism
Really great, M,s,g, good sir
सेवा सेवा सेवा जोहार
जय जय बड़ा देव
इतिहास पढा था काकतीयवंश का लेकिन आपने बहुत शानदार समझाया
Jai johar jai gondwana
Bahut hi sunder adewaseyo Kai gorbpurn etihas ko punrjiwit krnai Ka Aapka paryas jabrdust hai
Francis Buchanan was amazed to see the treasure of jwellws and James of great tribal kingdom of India.
Bhut dukh hottaa hh bhai shab hmari sbhytaa ki esi dssaa dekhkrr ....prnam...
भाईसाहब, आपने जबरदस्त जानकारी दि है.👏👏👍👍जय आदिवासी.....
बहुत-बहुत धन्यवाद और सादर सेवा जोहार
V nice sir
Sir, marvellous knowledge, it's really adventure varangl fort of gondwana land.
Thank you so much Saiyam Sahab
Seva sewa dost seva johar
Jay sewa johar ji
जय सेवा
Sewa sewa
Jai sewa sir, ish galat kam karne wale ko hum virudh karna chahiye
Sir. Yeh brahmin logo ka hi kam hain.
Jagat Gond from Assam.
Gondwana ka Itihas batane waste bahut bahut dhanyavad . Jai gondwana land.
Bahut accha jankari hai
Hamara history bahut vishal hai 👏👏👏
बहुत धन्यवाद और सादर सेवा जोहार
Very important information. Dr sahab ko fearless commentary on kakatiya dynasty of warangal ke liye dhanyavad.
जय भीम जय सेवा जय मूलनिवासी जय गोंडवाना दादा
मै चाहता हूं कि आप लोग इस विरासत को बचाने में महत्पूर्ण भूमिका निभाओ जी
लिखित में शिकायत कराइए हम आप के साथ हैं
ज्येष्ठ भ्राता श्री जी, मैं भी घूमने के लिए तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के कुछ शहर जिनमें हैदरबाद, गुंटूर, बोनगिरी और वारोंगल मुख्य रूप से घूमा था, लेकिन समय के अभाव मे मै ये किला नही देख पाया, और काकटेया डायनेस्टी का ऐतिहासिक वीडियो प्रस्तुत करने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद, राजवाड़ा कॉइन फ्रॉम हरियाणा.
Jai gondwana jai seva
Good information bhai
Sir agee v banaaiye...
Jay seva jaj gondwana samrajya
Very good vidio.
बहुत-बहुत धन्यवाद और सादर सेवा जोहार
जय आदिवासी साथीयो छेड छाड करने वाले को कडीसे कडी सजा देनी चाहिए यहा की कानुन क्या ऊखाड रही है संविधान के तहेत कानुन चलाओ वरना हमने हातीयार उठा लिए तो
Jay gondwana sirant ke Rajaonko koti-koti sewa 'sewa johar
Sadar sewa johar
Ek sunder jankari
बहुत-बहुत धन्यवाद
Joharjohar दादा आपको सही सटीक जानकारी देते रहने के लिए औरभविष्य में यही आशा करते हैैं
इसके उपर Court मे Case लगाओ Sir hum Sath hai hamare Dharohar ko apna naam de rahe hai ye log
नाईट 🙏💞
जय गोंडवाना लैंड, जय सेवा।
Sewa sewa
Dr Dhurwey sir first of sewa johar to you, sir we are proud of you that given knowledge of all koytur society in gondwana land.
sir,
you has download all gondwana fort of vedio in youtu.be channel, great job, I slute sir & keep it up. Again sewa johar, jai gondwana, jai parsapen....
दादा आपलोग इसका विरोध क्यों नहीं करते जो हमारी पहचान हमारी विरासत है
Bahut bada pahal hai,. Gondwana aou Gond samaj ko ekatrit Kar ne ki,.. jay seva jay johar 🙏🙏
Hathi pe sawaaar sher
Hathi pe sawaaar sher
Hathi pe sawaaar sher
Hathi pe sawaaar sher
Hathi pe sawaaar sher
Hathi pe sawaaar sher
जय सेवा जय जोहार जय फड़ापेन
Aisi jankari dete rahna dada jay seva
Jai seva
Bastar ke sambandh bataya,,thanks
Sewa sewa
Sewa sewa
Hathi pe sawaaar sher
Hathi pe sawaaar sher
Hathi pe sawaaar sher
Hathi pe sawaaar sher
Hathi pe sawaaar sher
Hathi pe sawaaar sher
Hathi pe sawaaar sher
Hathi pe sawaaar sher
Hathi pe sawaaar sher
Hathi pe sawaaar sher
Hathi pe sawaaar sher
Hathi pe sawaaar sher
Hathi pe sawaaar sher
Hathi pe sawaaar sher
Hathi pe sawaaar sher
Hathi pe sawaaar sher
Hathi pe sawaaar sher
Hathi pe sawaaar sher
Jay seva johar dada
Jai sewa good information
Sahi bol rhe hai aap Mai bhi dekhkar aai hu
बहुत-बहुत धन्यवाद आपका
हाथी को हटाना गलत है !
Jai Seva! Jai Gondwana!!
दादा सब को सिमेंनटेड कर सकते हैं न अपनी संस्कृति बचाने के लिए आदिवासी समाज मिलकर
Sir aap kis par se bol rahe hi ki murti bahrse lai gai hai.jabki raja ka nam mahadev or ganpatidev tha jinka nam hi bhagvan ke upar se tha to kya wo khud murti nahi lagai hogi.
नाम तो बदले भी जा सकते हैं जिस तरह से मूर्तियां बदली गई हैं लेकिन क्यों बदली गई हैं उसका कारण आप भली-भांति जानते हैं
काकतीय वंश आज भी हमारे बस्तर के राजा हैं प्रवीण चंद देव महारा जी हैं
Dh. Seva johar
इतिहास तो बहुत है इतिहास को सासन प्रसासन तोडमरोड कर इतिहास लिखा गया है
Jay johar jay Seva jay Gondwana 🙏💯💯
बहुत-बहुत धन्यवाद और सादर सेवा जोहार
Jay sewa Jay Gondwana
इसके लिए गोंड को लोगो आंदोलन करना चाहिए
Yes
Jay sewa Jay bada devata devi
Bhojapuriya भाषा में Jay ho घर के devata devi,pitaro-purakho ki Jay ho.
Abhi bhojapuri भाषा ko अनुसूची 8 में सामिल karana बाकी hai jo uttar pradesh tatha बिहार में boli jati hai.
Sagajan ji history में 16 mahajanapad ek cheptar hai.
Maine bahut se rajyo me dekha hai
Gondwana rajy chinh
Sir ye hamare chinh ko ye chher char kiye gaye hai . to inka punh nirman kiya jaye
Why is it not in school syllabus ?
Jai bhim
Jai gondwana,jai aadiwasi,👍
Ham gondwana land lekar rhege
Jai seva
ऐसा करने के लिए हमें बहुत मेहनत करना पड़ेगा
Gond dhrohar ko gond Itihas ko Nast karane ki koshis ki ja rahi hai sir apaka prayas Sarahniya hai
Jai gondwana