जैन मंदिर मदनपुर । श्री दिगंबर अतिशय क्षेत्र मदनपुर l Madanpur Jain Temple, ललितपुर U.P. बुंदेलखंड
Vložit
- čas přidán 5. 06. 2023
- जैन तीर्थ क्षेत्र मदनपुर । श्री दिगंबर अतिशय क्षेत्र मदनपुर , Madanpur, ललितपुर UP बुंदेलखंड जैन मन्दिर
विजयार्थ (विन्ध्याचल )-उत्तरप्रदेश के झाँसी के पास ललितपुर जिले में दक्षिण पूर्व के कोने मै मदनपुर मड़ावरा ग्राम से दक्षिण की ओर 19 कि.मी. दूरी पर मदनपुर नाम का ऐतिहासिक ग्राम है। यह 9वीं शताब्दी से बारहवीं शताब्दी तक की वास्तुकला का जीता-जागता निदर्शन है। इस क्षेत्र में जहाँ एक और पाषाण कला के अवशेष बिखरे है वहीं दूसरी ओर इस क्षेत्र की भूमि में अनेक धातुओं के भण्डार भी है। जिनके खनन से आज यह अंचल विकसित हो सकेगा।
सोरई ग्राम से 4 मील उत्तर की ओर यह कला का पुरातन तीर्थ मदनपुर है जहाँ की ऐतिहासिकता कलात्मकता व प्राचीनता का यथार्थ चित्रण आपके सामने प्रस्तुत कर रहे हैं।
परिचय- जब इस ग्राम की सीमा में प्रवेश करते हैं तो एक विशाल नाला है। जो पश्चिम से पूर्व की ओर बहता है। इसी के पास से पूर्व की ओर एक शासकीय विश्रामगृह है जो आगे चलने पर दायें हाथ को ओर आरक्षी केन्द्र का कार्यालय है। आगे दक्षिण पूर्व की ओर एक प्राचीन तालाब का बांध सामने दिखता है। और उसी से लगे हुए शान्त उत्तंग पर्वता के अंचल में दो विशाल भवन दिखते है जो आल्हा ऊदल की बैठक के नाम से ख्यात है।
यह दोनों भवन पुरातत्त्व विभाग के अधिकार में है। मदनपुर ग्राम के पूर्व दक्षिण में स्थित एक ऊँचे स्थान पर जमीन तल से 10 फुट की कुर्सी पर इनका निर्माण किया गया है। पहले 10 खम्बों से युक्त पत्थरों एक चौकोर खुली बैठक है जिसमें दक्षिण उत्तर की ओर लगे पत्थरों पर शिलालेख अंकित है जो अस्पष्टता के कारण आसानी से नहीं पड़े जा सके। इसके दक्षिण में लगभग 10 फीट की दूरी पर इसी प्रकार का दूसरा भवन बना है जिसमें 3 खण्ड है। मध्य में पूर्व-पश्चिम की ओर से खुला एक कमरा है जो दक्षिण व उत्तर की ओर बने हुए गृहों से संबंधित है। 17 फीट चौड़े और 1311 फीट लम्बाई से इन गृहों का निर्माण है प्रत्येक गृह के ऊपर छत के रूप में एक ही पत्थर का उपयोग किया गया है जो कि 1311 फीट लम्बा 811 फीट चौड़ा और 10 इंच मोटा है। इस पत्थर पर सुन्दर आकार की पच्चीकारी से युक्त बेल, फूल व देवी-देवता के रूप बने हुए हैं।
अगल-बगल के बैठकों में तीन तरफ 10 फुट 8 इंच ऊँची, 2 फुट 8 इंच चौड़ी और 10 फीट लम्बे बेंचनुमा पत्थर पड़े है। इन पत्थरों में खांचा देकर 1 फुट 10 इंच ऊँची 3 इंच मोटी और लगभग 5 फीट लम्बे पत्थरों की पीठिका (तकिया) बाहर की दीवालों के समानान्तर लगी है।
मध्य के गृह के चारों दिशाओं पर तीन-तीन खम्भे खड़े है। पूर्व दिशा से इन बैठकों में आने के लिए 10 सीढ़ियाँ चढ़नी होती है। इन कमरों के सभी खम्भे विशालकाय और तत्कालीन पाषाण कलाकृति से अलंकृत है। प्रत्येक गृह का एक खम्भा एक दूसरे के रूप आकार में समानता लिए हुए है। बीच के गृह के चारों पायों पर प्रशस्तियाँ अंकित है। इन भवनों के प्रत्येक पत्थर पर तत्कालीन वास्तुकला के कलात्मक निदर्शन है।
इन भवनों के चारों तरफ बड़े विशालकाय नाना प्रकार की कलाकृतियुक्त कलाकृति युक्त अनेक पत्थर पड़े है जिनको मिलाकर एक ऐसा ही भवन बनाया जा सकता है। दूसरे बैठक के पश्चिम में 3 मूर्तियाँ नृत्य करती हुई अंकित है इनके नीचे पूर्व की ओर पत्थर की खान है। संभवतः इन भवनों में लगे पत्थर यही से निकाले गये होंगे।
इतिहास- ग्राम में प्रवेश करते है तो देखते है कि अनेक भवन आज भी अतीत के गीत मूक भाषा में गा रहे हैं। ग्राम में एक सुन्दर वैष्णव मंदिर मिलता है इसके बाद दीवान परिवार का निवास स्थल है। इनके पूर्वज दीवान प्यारेजू तत्कालीन महाराजा वखतवली सिंह के सेनानी थे सन् 1858 को गदर के समय अंग्रेजों के कर्नल हफरोज ने शाहगढ़ नरेश राजा बखतवली सिंह पर इस ओर से आक्रमण किया था। दीवान प्यारेज के पौत्र दीवान गजराज सिंह प्राचीन पुरपट्टनपर बहुत अनुरक्त है। और समाज को 2 मूर्तिय इनके जीर्णोद्धार के लिए प्रेरित करते रहते हैं।
जैन मन्दिर मध्य ग्राम में एक शिखरचन्द विशाल पुरातन जैन मंदिर है। यह जीर्णशीर्ण हो गया है। अन्दर 24 पत्थर के खम्भों पर आधारित पूरे मंदिर की छत है मध्य के छह खम्भों के बीच दीवालें खड़ी करके मंदिर का गर्भालय बना हुआ है। गर्भालय के ऊपर मंदिर की लगभग 40 फीट ऊँची शिखर बनी हुई है। वेदी प्राचीन है। जिसमें किसी प्रकार का एक नवनिर्माण नहीं किया गया है। उत्तर में एक द्वार है जिसे बंद कर दिया गया है। दक्षिण में एक द्वार है जिसके आगे 10 खम्भों की खुली दालान है। कराता मंदिर के अंदर की परिक्रमा संकीर्ण व अन्धकारमय है। मंदिर के आस-पास की शि अनेक खण्डहर भवन हैं।
मंदिर में 6 सफेद पत्थर की पद्यासन मूर्तियाँ है। जिसमें सं. 1548 बना हु की एक प्रतिमा पद्य प्रभु की है। एक सं. 1595 वैशाख शुक्ला 3 सहस फणी पार्श्वनाथ की प्रतिमा है। शेष 2 सत्रहवीं व 2 अठारहवीं शताब्दी की भाग में हैं। 6 प्रतिमाएँ धातु की है जिनमें 2 सोलहवीं, 1 सत्रहवीं एवं 3 अठारहवीं रे शताब्दी की हैं। सभी पर प्रशस्तियाँ ऑकित है। मंदिर में पूर्ण अव्यवस्था व में अर्थ जीर्ण-शीर्णता के कारण रौनकता नाममात्र की नहीं है । अब मंदिर का की ख जीर्णोद्धार किया गया है तथा चौबीसी प्रतिमाऐं विराजमान की गई हैं।
पता - सागर ललितपुर मार्ग पर बरोदिया से 12 किलोमीटर दाई ओर मुड़कर मडावरा मार्ग पर बीच में अतिशय क्षेत्र मदनपुर स्थित है यह रात्रि विश्राम करने की और भोजन की संपूर्ण व्यवस्था है
Email:chaitanyaautosagar@gmail.com
बीना बारहा- • श्री दिगम्बर जैन अतिशय...
मंगलगिरि सागर- • मंगलगिरि जैन मन्दिर ! ...
सिद्दायतन सागर- • सिद्धायतन जैन मन्दिर द...
पटेरिया जी गढ़ाकोटा
#सागर जैन मन्दिर! Sagar jain mandir
#बुंदेलखंड जैन मन्दिर
#बुंदेलखंड यात्रा
#jain
#jain dharam
#jain trith
#bundelkhand jain mandir
#mp jain mandir
#abhishekjainvlog
#अभिषेक जैन
#बुंदेलखंड जैन भजन
#मदनपुर जंगल
#अभिषेक जैन सागर
जहां देखो वहीं पर जैन मंदिर ही मिलता है जहां देखो वहीं पर जैन मूर्तियां ही निकलती है हमारा इतिहास कितना संपन्न था जिसे आजका जैन अपने कर्मों से अपने सशक्त संपन्न धर्म को क्षति पहुंचा रहे हैं आज हर जैन को सोचना चाहिए कि हमने पिछले जन्म में जरूर ही पुण्य किये थे परन्तु सनातन इतिहास को अपने हिसाब से लिख रहें हैं और जैन धर्म के इतिहास को तहस नहस कर दिया था आज समाज के हर व्यक्ति का कर्तव्य होना चाहिए कि हमें अपने इतिहास और विरासत को सुरक्षित रखने हेतु हर संभव प्रयास करें
जयजिनेन्द्र!
🙏🙏🙏
बहुत सुन्दर।
Jai ho jinendra dev ke
😊
बहुत सुंदर दर्शन कराये धन्यवाद
🙏🙏🙏🙏🙏
Jai jinedra
Jai Jinendraji
Very nice
धण्णवाद
बहुत बहुत सुन्दर है
Namostu bhagwan
🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Bahut sundar
Sadar Aabhar bhaiya....Jainam Jayatu Sashanam....Jain dharm is aryakhand ke liye 18500 saalo tak aise hi prayaso se uplabdh rahega
Nmoshtu bhagwan
अत्यंत सराहनीय प्रयास| आप जैसे श्रमणों की अत्यंत आवश्यकता है वर्तमान समय में|
Jai Jinendra.
Bohot acche darshan karaye, video bhi bohat accha banaya hai
Aapaka bahot bahot dhanyavad.
जैनम जयतु शाशनम
बहुत सुंदर पड़ेगी चाचा बहुत सुंदर व्यास आपको बहुत
Good
जय हो प्रभो अद्भुत मैने रूचि पूर्वक पूरा वीडियो देखा आधे घंटे मै बहुत अच्छे से दर्शन हुए लोग तो 3घंटे सिनेमा देखकर बरबाद कर देते3घंटे आपके वीडियो देखे तो सतिशय पुण्य उपार्जन कर सकते हैं
👌🏻👌🏻👌🏻namostu bhagavan
Bahut sundar jin dharam hamara❤
Aapka acchha prayash hai bahut bahut anumodna aapke puny ki
YOUR EFFORTS IS REALLY VERY GOOD NICE SHRI JI BLESS YOU
Aap ki liye bahut danybaad aap ki mahnat se siree ji ke darsan karne ka sobhag parpt huaa
Bohot accha bhaiya log lalitpur tak jate per logo ko pata nahi
Jin darshan 🙏🙏🙏🙏
Jay ho
भाई साहब यह बहुत बढ़िया काम है आपने,,,,,,
bahut sundar jankari di
Excellent 👍
👍👍🙏🙏🙏🙏
Aapki video dekh kar man me prasannta aati h or ek or naye chhetra ke darsan hojate h
Jai Jinendra
Good job
sabcribe karo.
Amazing 🎉🎉
Very Good...Nice....Jainam Jayatu Shashanam....🙏🙏
🙏🙏👌👌
भाई!पुरातत्व ने कहीं भी ये मंदिर है ये नहीं लिखा _ये आश्चर्य की बात है!जयजिनेन्द्र
ऐसे प्राचीन क्षेत्र का दर्शन करानेके लिए आपको ह्रदयपूर्वक धन्यवाद और अभिनंदन। आपका यह प्रयास अनुमोदनीय और अनुकरणीय हैं। आपको अनेक शुभेच्छा।
Jin dharam ke jai
Gopachal jain mandir gwalior me hai udhar ke darshan karwao, gwalior se 20 km door atishay kshetra aamaa aami gav hai aur barai aur panihari bhi hai udhar ke darshan karwao
Excellent effort Abhishek ji🙏🙏🙏
मंदिर के बाहर रखी प्रतिमा जी को एक शेड बनाकर अस्थाई संग्रहालय का रूप दे दे जिससे अमुल्य धरोहर को सुरक्षित रखी जा सके
Jin Dharm, Jin mandir, Jin deshna, jinwani, Jin darshan 🙏🙏🙏🙏
पुरातात्विक जैन संपदा में मदनपुर तीर्थ जिसमें मूलतः श्री शांतिनाथ जी , कुंथनाथ जी एवं अरनाथ जी, तीर्थंकर भगवान की भव्य प्रतिमाएं, जिनका सरल सौम्य और अद्वितीय भव्य वीतरागी छवि बरबस ही मन मोह लेती है।पुरातात्विक होने पर अधिकांश जीर्ण -शीर्ण मंदिरों में खंडित अवस्था में प्रतिमायें विद्यमान हैं । समाज का ध्यान अपेक्षित है।
❤
जय जिनेन्द्र अरविंद जी,आपका मेरे प्रति जो स्नेह है, वह मुझे बहुत प्रोत्साहित कर रहा है और आगे भी मैं इस श्रंखला को उत्साहपूर्वक जैन मंदिरों के दर्शन कराता रहूंगा।
🙏🙏🙏👌👌👌👍👍👍👍
Your blogging is very beautiful and attractive. And also your editing is good.👍👍👍👍👍🎊🎊🎊🎊
Thank you so much 🙂
Great effort bringing to light.Marvalleous.
Sahi hai digember jain samaj ki itni dharohar hai hum dhyan nahi rakhe toa koi na koi kabja karte hum bhi kab se ye bol rahe, new mandir n banate huye prachin mandir ko bachaye sarkshan kare na 13,na 20 kare sary mandir ko surkshit kare
Hum jab yesa bolte ki sona hai fir koi na koi uske liye hamare mandir pe kabja kiya jata abhi rajgiri mai songufa jain digember mandir hai per ab koi kehta hamara hai ku hum yesa bolte
Very Good Effort Abhishek Ji
Kabhi hume bhi sath lekar chale apne sath
👌👌👌👌
Huge destruction, not cared it's time to look into
पुरातात्विक जैन संपदा अवशेष सहित, भव्य मंदिर और प्रतिमाएं का दिग्दर्शन इस वीडियो के माध्यम से जैन तीर्थ क्षेत्रों में और विशेषकर पुरातात्विक तीर्थों के प्रति रुचि रखने वाले जैन धर्म यात्रियों के लिए, सुंदर आकर्षक फोटोग्राफी , सुंदर भजनों का संगीतमय संयोजन के साथ दृश्यों पर सटीक वर्णन हमारी पुरा संपदा के सौंदर्य और भव्यता का आभास कराती है। श्रेष्ठ प्रयास है, समाज जनों को चाहिए कि इसको अधिक से अधिक शेयर करें और अधिक से अधिक यात्रियों , श्रद्धालुओं तक पहुंचावे, जिससे वे क्षेत्र दर्शन के प्रेरित होकर आत्मिक लाभ प्राप्त करें।
Bhaiya Tamilnadu karnataka ke bhi mandir ke video banana kyo ki koi buddha bolte koi kya
कहा पर है नाम पता कु बताये
Mdawra dist lalitpur mdawra se 15 km door h
Your presidentr murmu
Murrm Draupudi has eaten the fless fless from the bodyof Acharya shri Kam kumar nandi ji
जैन मंदिर हैं ये उल्लेखनीय क्यों नहीं हैं??
रुकने के लिए आवास एवं ऑडर पर भोजन भी उपलब्ध हो जाता है...! इसके साथ यहां 20km मड़ावरा में भी 12 भव्य जिनालयों के दर्शन भी है जिनकी प्रसंसा पूज्य आचार्य श्री विद्यासागर जी भी बहुत बार कर चुके है...
Sary Jain mandir ko surkshit karna hoga koi na koi hamare mandir ko convert karte hai
Puratan vibhag mandir ka rakhrakhao jo tute huye mandir hai unko accha karna hoga
सभी से अनुरोध है कि मदनपुर अतिशय क्षेत्र के दर्शन हेतु अवश्य पधारे, ग्राम में स्थित मंदिर के भी दर्शन करें, अभी जीर्णोद्धार चल रहा है, भावनानुसार सहयोग अवश्य करें।
जय जिनेन्द्र।
एक मंदिर ग्राम में भी है
Bahut sundar