Bhagavad Gita Chapter 3 Verse 10

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  • čas přidán 1. 05. 2024
  • सहयज्ञ: पेज: सृष्ट्वा पुरोवाच प्रजापति: |
    अनेन पूर्वश्यध्वमेष वोऽस्त्विष्टकामदुक् || 10||
    सह-यज्ञः प्रजाः सृष्ट्वा पूर्वाच प्रजापतिः
    अनेन प्रविष्यध्वम् एषा वो 'स्तविष्ट-काम-धुक्'
    सह - सहित ; यज्ञः - बलिदान ; प्रजाः - मानवजाति ; सृष्ट्वा - निर्मित ; पुरा - प्रारम्भ में ; उवाच - कहा ; प्रजा-पतिः - ब्रह्मा ; अनेना - इसके द्वारा ; प्रसविष्यध्वम् - समृद्धि बढ़ाएँ ; एषाः - ये ; वः - आपका ; अस्तु - होगा ; इष्ट-काम-धुक - सभी कामनाओं को प्रदान करने वाला

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