Traditional Rupi fulyach kinnaur 2020 full documentry

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  • čas přidán 31. 08. 2020
  • किन्नौर के त्यौहारों का जिक्र हो तो मन में पहला नाम “फूलैच” का आता है।
    जैसा की नाम से ही पता चलता है फूलैच का अर्थ है फूलों का त्यौहार ।इस त्यौहार को “उख्यांग” के नाम से भी जाना जाता है।जिसमें ‘उ’ का अर्थ है फूल और ख्यांग का अर्थ है देखना।अर्थात फूलो की ओर देखना।यह त्यौहार भाद्रपद मास (अगस्त एवं सितम्बर) के महीने में किन्नौर के भिन्न स्थानों में अलग-अलग समय मनाया जाता है।किन्नौर में फूलैच की शुरुआत #रूपी गांव से होती है।
    बुशैहर रियासत की पुरातन एम ऐतहासिक '#फुलैच_मेले का स्वर्णिम इतिहास ---
    बुशैहर रियासत की अद्भुत अकल्पनीय एम ऐतहासिक देव संस्कृति को नमन ❣️🙏
    किनौर का प्रसिद्ध कहे जाने वाला ' फूलैच मेले 'को ('Festival of flowers' )और स्थानीय भाषा मे' उख्यांग 'भी कहा जाता हैं ।
    फूलैच मेले की शुरुआत किन्नौर मैं सवर्प्रथम #रूपी गाँव मे देवता श्री #टेरस__नारयण जी की आज्ञा के अनुसार की जाती है ,मान्यता हैं कि एक बार देवी देवताओं के बीच एक प्रतिस्पर्धा आरम्भ हुई थी ।कि कौन सवर्पथम हिमालय की ऊंची एम ऐतहासिक चोटियो मैं पाए जाने वाले दुर्लभ पुष्प जैसे ,.':::
    #ब्रम्ह कमल (रोंगोर/डोगोर ) musk Larkspur, लोस्कारच Himalyan knotweed (शवीग-पाटीन्ग्च/ शवीग सींलग)Poa Alpina, ( जौली जी / लानू ऊ) Carex Nivalis (रोक सीलंग) Paboo uh
    Saussurea gossypiphora (खास्बाल)
    आदि दिव्य फूलो को लेकर आएगा वही विजेता कहलायेगा ।किन्तु यह कार्य कोई आसान कार्य नही था,क्योंकि माना जाता है कि इन दिव्य फूलो की रखवाली स्वयं वहाँ की परियो द्वारा की जाती है ।जिन्हें स्थानीय भाषा मे 'सोनिग' भी कहा जाता हैं इन फूलों में से प्रमुख फूल होता है “ब्रह्म कमल” जिसका उल्लेख प्राचीन धार्मिक ग्रंथो में भी मिलता है।यह एक दुर्लभ,औषधीय गुणों युक्त तथा बेहद ही खुबसूरत फूल है जो कमल की भांति कीचड में नही अपितु जमीन पर उगता है।इसकी खुशबू अत्यंत ही मादक होती है।
    इस पुष्प की मादक सुगंध का उल्लेख महाभारत में भी मिलता है जिसने द्रौपदी को इसे पाने के लिए व्याकुल कर दिया था।कहा जाता है कि जब भगवान विष्णु हिमालय क्षेत्र में आए तो उन्होंने भोलेनाथ को 1000 ब्रह्म कमल चढ़ाए, जिनमें से एक पुष्प कम हो गया था। तब विष्णु भगवान ने पुष्प के रुप में अपनी एक आंख भोलेनाथ को समर्पित कर दी थी। तभी से भोलेनाथ का एक नाम कमलेश्वर और विष्णु भगवान का नाम कमल नयन पड़ा। हिमालय क्षेत्र में इन दिनों जगह-जगह ब्रह्म कमल खिलने शुरु हो गए हैं।
    एक अन्य कथा के अनुसार जब द्रोपदी ने भीम से हिमालय क्षेत्र से ब्रह्म कमल लाने की जिद्द की तो भीम बदरीकाश्रम पहुंचे। लेकिन बदरीनाथ से तीन किमी पीछे हनुमान चट्टी में हनुमान जी ने भीम को आगे जाने से रोक दिया। हनुमान ने अपनी पूंछ को रास्ते में फैला दिया था। जिसे उठाने में भीम असमर्थ रहा। यहीं पर हनुमान ने भीम का गर्व चूर किया था। बाद में भीम हनुमान जी से आज्ञा लेकर ही बदरीकाश्रम से ब्रह्म कमल लेकर गए।
    बुशैहर रियासत की पुरातन एम ऐतहासिक '#फुलैच_मेले का स्वर्णिम इतिहास ---( लोकगीतों के अनुसार)
    #फुलैच के संदर्भ मे लोकमान्यता हैं कि इन दिव्य पुष्पों को लाने मैं सभी देवी देवता गण असमर्थ रहे थे! पर श्री बौंडा नाग जी सबसे पहले बंगी पावांग मे इन दिव्य पुष्पों के पास पहुँच तो गए थे किन्तु इन दिव्य पुष्पों की पहचान कर इनको सबसे पहले स्थापित करने मे असमर्थ रहे थे..(संपूर्ण इतिहास किन्नौर)
    तत्पश्चात जब श्री टेरस नारायण जी इन दिव्य पुष्पों के पास पहुँचे तो उन्होंने अपनी चमत्कारिक शक्तिओ से यह असम्भव सा लगने वाला कार्य भी संभव कर दिखाया । और इन फूलों को लाकर सबसे पहले रूपी गांव मे स्थापित किया !!
    तभी से यह मेला प्रति वर्ष #जुगले #उख्यांग के नाम से रूपी वेली किन्नौर मे मनाया जाता है उसके बाद फिर पूरे किन्नौर में धीरे धीरे मनाया जाता है !
    और यह मेला प्रतिवर्ष 10 भादो (अगस्त महीने) को सबसे पहले रूपी किन्नौर15/20 में दिव्य पुष्पों समेत मनाया जाता है!!
    इन दिव्य पुष्पों को हिमालय की ऊँची-ऊँची चोटीयो से लाने का मुख्य कारण बताया जाता है कि इन दिव्य पुष्पों में अदृश्य शक्तियों देवी-देवताओं का वास होता है! तथा दिव्य पुष्पों में
    अदृश्य चमत्कारिक शक्तियां होती है जो बीमारी तथा महामारी से बचाए रखने में मदद करती है ये दिव्य पुष्प आयुर्वेद की दृष्टि से भी काफी गुणकारी सिद्ध हुई है जिसको विज्ञान भी मानता है! इन दिव्य पुष्पों को पूरे विधि विधान सहित ऊँचे कंडो से लाया जाता है उसके बाद इनको देवता जी को अर्पण किया जाता है!#### (इन दिव्य पुष्पों को ऊचे -2 पवित्र दुर्गम स्थानों से लाकर #सबसे #पहले देवता श्री रूपी #टेरस_नारायण जी को ही अर्पित किए जाते है!तभी रूपी टेरस नारायण जी के फुल्याच को #जुगले #फुल्याच भी कहा गया है! जो फूलो के इस त्योहार को अच्छे से परिभाषित करती है!!
    फुलैच के दिन देवता को चढाए गये फूल ही प्रसाद स्वरूप लोगों को बांटे जाते हैं। पितृ पक्ष होने के कारण लोग अपने पुर्वजों को याद करते हैं तथा उन्हे भोज्य सामग्री अर्पित करते हैं।देवता फसलों तथा मौसम संबंधी भविष्यवाणियां करते हैं।फूलैच के अवसर पर पूरा दिन लोग पारम्परिक बेशभूषा में स्थानीय वाद्य यंत्रों तथा लोकगीतों की धुन पर लोकनृत्य “क्यांग” का आनंद लेते हैं।पूरा दिन हर्षोल्लास का माहौल रहता है।पारम्परिक व्यंजन बनाए जाते हैं,तथा मिल बांट कर खाए जाते हैं।साथ ही साथ शराब तथा मांस का दौर भी चला रहता है।
    अगर आप किन्नौर की सम्पूर्ण संस्कृति का अनुभव एक ही दिन में लेना चाहते हैं तो फूलैच से बेहतर आपको दूसरा अवसर शायद ही मिले।
    जय श्री #टेरस___नारायण जी रूपी वैली किन्नौर 🙏🙏🙏राजा 15/20kinnaur
    🌹🌹Happy fulaich fair festival to all🌹🌹🙏 🥀🥀🌻🌼🌸💐💐🌺
    सौजन्य::#रोहित_दूध्यान_नेगी ❤✍

Komentáře • 49

  • @himalyanmonk9252
    @himalyanmonk9252 Před rokem +1

    प्रभु के दर्शन हो गए जय हो देव भूमि किन्नौर की 🙏🙏 बहुत ही सुंदर संस्कृति है हमारे देश की जहाँ पर लोगों का भगवान पर अटुट विश्वास है हिमाचल प्रदेश देव भूमि है और इस धरती पर एक स्वर्ग है ! बहूत ही सुंदर और बेहतर वीडियो है हम रोज इसको देखते है फिर भी दिल नही भरता है कृपया किन्नौर की संस्कृति पर और भी वीडियो डालते रहना जी 😊
    और आपका दिल से शुक्रिया हमे इतनी अच्छी और प्यारी संस्कृति द्वारा देवता जी के दर्शन कराने के लिए जय हो महादेव जी❤ 🙏🙏🙏🙏😍😍😍

  • @sitaramnegi9654
    @sitaramnegi9654 Před rokem +1

    रोहित जी बहुत अच्छी जानकारी दी आपने।

  • @nitishnegi8014
    @nitishnegi8014 Před 3 lety +1

    Jai ho Malik....

  • @sitaramnegi9654
    @sitaramnegi9654 Před rokem

    बहुत अच्छा बाया साब।

  • @mohansinghnegi432
    @mohansinghnegi432 Před rokem +1

    Rohit Dudhin ji all the best Go ahead 👍👌👍✌

  • @sudarshankumari4032
    @sudarshankumari4032 Před rokem +1

    Very nice culture

  • @ankitchauhan-yi9dc
    @ankitchauhan-yi9dc Před 3 lety +1

    Great rohit 👍❤️

  • @cyborg50
    @cyborg50 Před rokem

    Wow very beautiful culture 😍 loe this place

  • @khagoking9921
    @khagoking9921 Před 3 lety +4

    Katai zehar yar.

  • @nickey950
    @nickey950 Před rokem +1

    🙏🙏

  • @SolanYouTuberKT
    @SolanYouTuberKT Před 2 lety

    Beautiful ❤️👌

  • @flyingkids0007
    @flyingkids0007 Před 3 lety +4

    Awesome 🔥🔥🔥🔥🔥🔥 jai terass Narayan jii 🙏🙏

  • @akashlama9826
    @akashlama9826 Před rokem

    i love you brother for peace videos of top Hills

  • @majestickinnaur7572
    @majestickinnaur7572 Před 3 lety +1

    बहुत ही खूबसूरत और अतुल्य 👌🔥🔥😍😍😍जय हो टेरस नारायण जी की 🙏🙏🙏🔥🔥🔥🔥🔥👌👌👌

  • @aleenakhan8578
    @aleenakhan8578 Před 3 lety +1

    Keep it up besti

  • @anjunegi5804
    @anjunegi5804 Před 3 lety +2

    Jai teras narayan ji🙏

  • @mebarheights9563
    @mebarheights9563 Před 3 lety +4

    Jai ho rupi teras Narayan ji 💖

  • @Gauravkumar-pk2lt
    @Gauravkumar-pk2lt Před 3 lety +4

    Dev bhoomi kinnaur..

  • @Kinnaur_vibe
    @Kinnaur_vibe Před 3 lety +2

    Jai ho teras Narayan ji....well done Rohit bayu

  • @nitishnegi8014
    @nitishnegi8014 Před 3 lety +1

    Poori documentary show karte toh badiya rehta

    • @RohitDhudyAnNeGi
      @RohitDhudyAnNeGi  Před 2 lety

      Temple complete hone k baad jai श्री टेरस नारायण जी रूपी वेली किन्नौर

  • @sujatanegi487
    @sujatanegi487 Před 3 lety +2

    Super 👌

  • @himalayansnowbird7064
    @himalayansnowbird7064 Před 3 lety +3

    Beautiful vlog. 🙏🙏🙏

  • @RajKumar-ij5wk
    @RajKumar-ij5wk Před 3 lety +1

    Jai shree treus naaraayn jee rupi 🙏 🙏 🙏 🙏🙏 🙏🙏 🙏🙏 🙏🙏 🙏🙏 🙏🙏 🙏🙏 🙏🙏 🙏🙏 🙏🙏 🙏🙏 🙏

  • @nehanegi5676
    @nehanegi5676 Před 3 lety +3

    My friend Dr suchita negi is frm Rupi...

  • @kanyanegi7238
    @kanyanegi7238 Před 3 lety +1

    This is undoubtedly the most engaging and beautiful video I have come across in ages. Such rich true rustic culture is something rare to witness these days. Just loved every bit of it. Soul appealing background music beautiful vocals the bajantri everything is so delightful to sense n feel. This video is definitely a finder's treasure n a treat to eyes.

  • @Rudrakhosh
    @Rudrakhosh Před 3 lety +4

    Nice 👌 dear

  • @pradeepnegi375
    @pradeepnegi375 Před 3 lety +1

    Nice

  • @diwansing6911
    @diwansing6911 Před 3 lety +1

    SO beautiful

  • @sunnydudhyannegi3013
    @sunnydudhyannegi3013 Před 3 lety +3

    So in this way a fair is celebrated in Rupi Fulayech (Ukhyang), it is celebrated at the earliest in Kinnaur. Only after that this fair starts in the entire Kinnaur.

  • @chetnaneginegi1716
    @chetnaneginegi1716 Před 3 lety +1

    👍👍👍👍👍🙏🙏🙏🙏🙏❤️

  • @aloknegi2981
    @aloknegi2981 Před 2 lety +1

    Gane Ka kya Nam ha