गायत्री माता का जन्म कैसे हुआ ? Pujya Pandit Pardeep Ji Mishra - शिव महापुराण
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- čas přidán 17. 10. 2019
- गायत्री माता का जन्म कैसे हुआ ? Pujya Pandit Pardeep Ji Mishra (Sehore Wale) - शिव महापुराण
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🌄 *गायत्री महाविज्ञान* 🌄 (pg3)
((गाय के मुख से आदि शक्ति माँ गायत्री की उत्तपत्ति नहीं हुईं थीं बल्कि ))=
🌄*ब्रह्म की स्फुर्णा से गायत्री का प्रादुर्भाव*🌄 हुआ 🪔-
अनादि परमात्मतत्त्व ब्रह्म से यह सब कुछ उत्पन्न हुआ। सृष्टि उत्पन्न करने का विचार उठते ही ब्रह्म में एक स्फुरणा उत्पन्न हुई, जिसका नाम है- शक्ति। शक्ति के द्वारा दो प्रकार की सृष्टि उत्पन्न हुई- एक जड़, दूसरी चैतन्य। जड़ सृष्टि का संचालन करने वाली शक्ति ‘प्रकृति’ और चैतन्य सृष्टि का संचालन करने वाली शक्ति का नाम ‘सावित्री’ है।
पुराणों में वर्णन मिलता है कि सृष्टि के आदिकाल में भगवान् की नाभि में से कमल उत्पन्न हुआ। कमल के पुष्प में से ब्रह्मा हुए, ब्रह्मा से सावित्री हुई, सावित्री और ब्रह्मा के संयोग से चारों वेद उत्पन्न हुए। वेद से समस्त प्रकार के ज्ञानों का उद्भव हुआ। तदनन्तरं ब्रह्माजी ने पंचभौतिक सृष्टि की रचना की। इस आलंकारिक गाथा का रहस्य यह है- निर्लिप्त, निर्विकार, निर्विकल्प परमात्मतत्त्व की नाभि में से- केन्द्र भूमि में से, अन्तःकरण में से कमल उत्पन्न हुआ और वह पुष्प की तरह खिल गया। श्रुति ने कहा कि सृष्टि के आरम्भ में परमात्मा की इच्छा हुई कि ‘एकोऽहं बहुस्याम्’ मैं एक से बहुत हो जाऊँ। यह उसकी इच्छा, स्फुरणा नाभि देश में से निकल कर स्फुटित हुई अर्थात् कमल की लतिका उत्पन्न हुई और उसकी कली खिल गई।
इस कमल पुष्प पर ब्रह्मा उत्पन्न होते हैं। ये ब्रह्मा सृष्टि निर्माण की त्रिदेव शक्ति का प्रथम अंश है। आगे चलकर यह त्रिदेवी शक्ति उत्पत्ति, स्थिति और नाश का कार्य करती हुई ब्रह्मा, विष्णु, महेश के रूप में दृष्टिगोचर होती है। आरम्भ में कमल के पुष्प पर केवल ब्रह्माजी ही प्रकट होते हैं, क्योंकि सर्वप्रथम उत्पन्न करने वाली शक्ति की आवश्यकता हुई।
अब ब्रह्माजी का कार्य आरम्भ होता है। उन्होंने दो प्रकार की सृष्टि उत्पन्न की- एक चैतन्य, दूसरी जड़। चैतन्य शक्ति के अन्तर्गत सभी जीव आ जाते हैं, जिनमें इच्छा, अनुभूति, अहंभावना पाई जाती है। चैतन्य की एक स्वतन्त्र सृष्टि है, जिसे विश्व का ‘प्राणमय कोश’ कहते हैं। निखिल विश्व में एक चैतन्य तत्त्व भरा हुआ है, जिसे ‘प्राण’ नाम से पुकारा जाता है। विचार, संकल्प, भाव, इस प्राण तत्त्व के तीन वर्ग हैं और सत्, रज, तम- तीन इसके वर्ण हैं। इन्हीं तत्त्वों को लेकर आत्माओं के स्थूल, सूक्ष्म और कारण शरीर बनते हैं। सभी प्रकार के प्राणी इसी प्राण तत्त्व से चैतन्यता एवं जीवन सत्ता प्राप्त करते हैं।
जड़ सृष्टि निर्माण के लिए ब्रह्माजी ने पञ्चभूतों का निर्माण किया। पृथ्वी, जल, वायु, तेज, आकाश के द्वारा विश्व के सभी परमाणुमय पदार्थ बने। ठोस, द्रव, गैस- इन्हीं तीन रूपों में प्रकृति के परमाणु अपनी गतिविधि जारी रखते हैं। नदी, पर्वत, धरती आदि का सभी पसारा इन पंचभौतिक परमाणुओं का खेल है। प्राणियों के स्थूल शरीर भी इन्हीं प्रकृतिजन्य पंचतत्त्वों के बने होते हैं।
क्रिया जड़- चेतन दोनों सृष्टि में है। प्राणमय चैतन्य सृष्टि में अहंभाव, संकल्प और प्रेरणा की गतिविधियाँ विविध रूपों में दिखलाई पड़ती हैं। भूतमय जड़ सृष्टि में शक्ति, हलचल और सत्ता इन आधारों के द्वारा विविध प्रकार के रंग- रूप, आकार- प्रकार बनते- बिगड़ते रहते हैं। जड़ सृष्टि का आधार परमाणु और चैतन्य सृष्टि का आधार संकल्प है। दोनों ही आधार अत्यन्त सूक्ष्म और अत्यन्त बलशाली हैं। इनका नाश नहीं होता, केवल रूपान्तर होता रहता है।
जड़- चेतन सृष्टि के निर्माण में ब्रह्माजी की दो शक्तियाँ काम कर रही हैं-(१) संकल्प शक्ति (२) परमाणु शक्ति। इन दोनों में प्रथम संकल्प शक्ति की आवश्यकता हुई, क्योंकि बिना उसके चैतन्य का आविर्भाव नहीं होता और बिना चैतन्य के परमाणु का उपयोग किसलिए होता? अचैतन्य सृष्टि तो अपने में अचैतन्य थी, क्योंकि न तो उसको किसी का ज्ञान होता और न उसका कोई उपयोग होता है। ‘चैतन्य’ के प्रकटीकरण की सुविधा के लिए उसकी साधन- सामग्री के रूप में ‘जड़’ का उपयोग होता है। अस्तु, आरम्भ में ब्रह्माजी ने चैतन्य बनाया, ज्ञान के संकल्प का आविष्कार किया, पौराणिक भाषा में यह कहिए कि सर्वप्रथम वेदों का प्राकट्य हुआ।
उमापति महादेव की जय हर हर महादेव हर हर महादेव मां पार्वती की जय हो मां सबका कल्याण करो और कल्याण करो
Satyam shivm sundram
Jai ho ved Mata Gayatri ji ki 🙏
Jai ho gaayatri mata ki...
Apne guru ji aur maa gayatri ji ko sat sat pradam karta hu es vishv ka kalyan karo maa en sabke ke pichchhi mera bhi kalyan karo prabhu aur paap se bachana parmtama
क्या हमारे गुरुदेव ने ये कहा की गायत्री माता किसी की पत्नी हैं।
Har har mahadev
हर हर महादेव हर हर महादेव ओम नमः शिवाय ओम नमः शिवाय ओम नमः शिवाय ओम नमः शिवाय ओम नमः शिवाय ओम नमः शिवाय।
धन धन सद्गुरू धन्यवाद जय गुरुदेव
जयमं
@@aatmprakash5224 जय माँ दुर्गा देवी की जय हो
Har Har Mahadev Mata Sati ki Jay Gurudev ke Charanon Mein Ghut Ghut Pranam
बहुत सुंदर कथा भैजनै के लिए घन्यबाद
हर हर महादेव जय हो महाराज प्रदीप मिश्रा जी बहुत ही सुंदर वाली है आपकी
नमः शिवाय ओम नमः शिवाय
Ha aap sab vhi Dekh rahehe to jo sach oohi bole kou ki sach bolne hi vhagawan Saath he jay ho saraswati maa
Or abhi sabko pata chal gaya guru ji
Har har mahadev 🙏🏻🙏🏻 Maharaj ji aaj Sree gansh ji ka vivah dekh aakhe dhany ho gyi mahraj ji 🙏🏻 har har mahadev 🙏🏻🙏🏻
गायत्री माता की जय
Saraswati hi maa savitri hai, jai parvati Mata 🙏🙏🙏🙏
Ts
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7
meanness
GanpatiBappaMorya JaiMataDi JaiSiyaRamJi HarHarMahadev JaiShivShakti RadheyRadhey JaiShriShyam JaiShriKrishna RadheyRadhey JaiHoYashodaMaiyya JaiHoGauMataki JaiHoGangaMaiya JaiHoYamunaMaiyya JaiShivShakti RadheyRadhey JaiBajrangBali JaiShanidev JaiSuryadev 🙏 JaiShanidev 🙏🕉️❤️❤️
Shree Shivay namastubhay Shree Shivay namastubhay Shree Shivay namastubhay Shree Shivay namastubhay Shree Shivay namastubhay
ब्रह्मा जी मन्दिर 14 भारत में 2 विदेश में है
अशोतरा राजस्थान
Shree gauri shankar namah ❤️❤️🙏🙏🌺🌺🙏❤️❤️🙏🌺🌺🙏🙏🌺🌺🙏🙏🙏🙏🌺🌺
हरी अनंत हरी कथा अनंता कहही सुन्ही बहू विधि सब संता
हर हर महादेव
Jai Duru Dev ❤❤❤
🕉️ जय शम्भो 🙏❤🌹🌹🇳🇵🇳🇵🇳🇵
Jai Shri Ganesh Ji Ki
Jai Shri Gauri Shankar Ji Ki 🙏
Jay Baba Ke.Gurdev Kotte Kotte Naman
जे सी औ
Jai bholenath ki parnam guruji bahut achchha
प्रणाम गुरुजी हर हर महादेव शिव शिवाय नमः
भगवान आप को और आपके परिवार को भगवान हमेशा खुश रखे यह कामना करते हैं जी आप हमेशा खुश रहे और मुस्कराते रैना जी यह मेरी प्रार्थना करता रहूंगा जी 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 जय श्री भोलेनाथ हर हर महादेव हर हर महादेव हर हर महादेव हर हर महादेव हर हर महादेव हर हर महादेव
हरहरमहादेवकीजय
गुरुदेव जी गाय मुख अपूज्य है तो गायत्री जी भी पूज्य होतीं हैं क्यों - उपनयन संस्कार में मां गायत्री जी की मंत्र का उच्चारण होता है?
ॐ जय बाबा विश्वनाथ
हर हर हर महादेव
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🌺🌼🌺
🙏🙏
Harharmahadev
श्री शिवाय नमस्तुभयम
Ram ram gi
Jay Shiv Shankar 🙏🙏🌺🌺🌻🌻🌹🌹
(गायत्री के विषय में आज सही जानकारी लोगों को नहीं है तभी पता नहीं क्या मन गणत बातें करते हैं भोले लोग 😊🙏🙏 आशा है यह लेख देव माता विश्वमाता माँ गायत्री का स्वरूप समझने के लिये काफ़ी होगा ऐसी आशा है 🙏🙇🏻♂️🙇🏻♂️)
🌄 *गायत्री महाविज्ञान*🌄
भूमिका -🪔
भूमिकागायत्री वह दैवी शक्ति है जिससे सम्बन्ध स्थापित करके मनुष्य अपने जीवन विकास के मार्ग में बड़ी सहायता प्राप्त कर सकता है। परमात्मा की अनेक शक्तियाँ हैं, जिनके कार्य और गुण पृथक् पृथक् हैं। उन शक्तियों में गायत्री का स्थान बहुत ही महत्त्वपूर्ण है। यह मनुष्य को सद्बुद्धि की प्रेरणा देती है। गायत्री से आत्मसम्बन्ध स्थापित करने वाले मनुष्य में निरन्तर एक ऐसी सूक्ष्म एवं चैतन्य विद्युत् धारा संचरण करने लगती है, जो प्रधानतः मन, बुद्धि, चित्त और अन्तःकरण पर अपना प्रभाव डालती है। बौद्धिक क्षेत्र के अनेकों कुविचारों, असत् संकल्पों, पतनोन्मुख दुर्गुणों का अन्धकार गायत्री रूपी दिव्य प्रकाश के उदय होने से हटने लगता है। यह प्रकाश जैसे- जैसे तीव्र होने लगता है, वैसे- वैसे अन्धकार का अन्त भी उसी क्रम से होता जाता है। मनोभूमि को सुव्यवस्थित, स्वस्थ, सतोगुणी एवं सन्तुलित बनाने में गायत्री का चमत्कारी लाभ असंदिग्ध है और यह भी स्पष्ट है कि जिसकी मनोभूमि जितने अंशों में सुविकसित है, वह उसी अनुपात में सुखी रहेगा, क्योंकि विचारों से कार्य होते हैं और कार्यों के परिणाम सुख- दुःख के रूप में सामने आते हैं। जिसके विचार उत्तम हैं, वह उत्तम कार्य करेगा, जिसके कार्य उत्तम होंगे, उसके चरणों तले सुख- शान्ति लोटती रहेगी। गायत्री उपासना द्वारा साधकों को बड़े- बड़े लाभ प्राप्त होते हैं। हमारे परामर्श एवं पथ- प्रदर्शन में अब तक अनेकों व्यक्तियों ने गायत्री उपासना की है। उन्हें सांसारिक और आत्मिक जो आश्चर्यजनक लाभ हुए हैं, हमने अपनी आँखों देखे हैं। इसका कारण यही है कि उन्हें दैवी वरदान के रूप में सद्बुद्धि प्राप्त होती है और उसके प्रकाश में उन सब दुर्बलताओं, उलझनों, कठिनाइयों का हल निकल आता है, जो मनुष्य को दीन- हीन, दुःखी, दरिद्र, चिन्तातुर, कुमार्गगामी बनाती हैं। जैसे प्रकाश का न होना ही अन्धकार है, जैसे अन्धकार स्वतन्त्र रूप से कोई वस्तु नहीं है; इसी प्रकार सद्ज्ञान का न होना ही दुःख है, अन्यथा परमात्मा की इस पुण्य सृष्टि में दुःख का एक कण भी नहीं है। परमात्मा सत्- चित् स्वरूप है, उसकी रचना भी वैसी ही है। केवल मनुष्य अपनी आन्तरिक दुर्बलता के कारण, सद्ज्ञान के अभाव के कारण दुःखी रहता है, अन्यथा सुर दुर्लभ मानव शरीर ‘‘स्वर्गादपि गरीयसी’’ धरती माता पर दुःख का कोई कारण नहीं, यहाँ सर्वत्र, सर्वथा आनन्द ही आनन्द है। सद्ज्ञान की उपासना का नाम ही गायत्री उपासना है। जो इस साधना के साधक हैं, उन्हें आत्मिक एवं सांसारिक सुखों की कमी नहीं रहती, ऐसा हमारा सुनिश्चित विश्वास और दीर्घकालीन अनुभव है।
- श्रीराम शर्मा आचार्य
😊😊😊😊😊😊😊
Jai mata di
Jai mata
Good 🕉🚩🌄vajna
🎉🎉sita ram 😊😊❤😊
Om namah sivay har har mahadev 🙏 🙏 🙏
Har har Mahadev guruji
Shri shivaye namstubhyam
Jay shree Ganeshay namah ,
Har har mahadev 🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🙏🙏🙏🙏💜💜💜💜💜🔱🔱🔱🔱🌹🌹🌹🌹🌹🌹
Sree sevay nmstubhm🙏🙏🙏🙏🙏🙏
🙏jai Mata gayatri 🙏
ऊँ नमः शिवाय ऊं.
हर हर महादेव 🙏🙏🙏🙏🙏
Jyshrrigneshji
Ram
Jay mata di
प्रणाम पंडित जी ॐ नमः शिवाय
💓💓💓Har Har Mahadev 🙏🙏🙏Shree Shivay Namahasutbhayam💄💄💄
हर हर महादेव गुरुजी🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹💖💖
हर हर महादेव ओम नमः शिवाय 💐💐🌿🌿🎂🎂
Har Har Mahadev jii
Har Har Mahadev jii
Har Har Mahadev jii
Har Har Mahadev jii
Har Har Mahadev jii
❤❤❤❤❤❤🙏🙏🙏🙏🙏 श्रीशिवाय नमस्तुभ्यम 🙏🙏🙏🙏🙏 ❤❤हर हर महादेव
Shree Shivay namastubhyam maharaj ji ke charno me koti koti naman ❤❤❤❤❤
हरहर महादेव
Har har mahadev 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🐾🌿
Shri shivay namstubham kasi k vishownath bhola baba pita parwati mata Rani kubraysawr bhola baba pita me mami bhai bhai k aurat bacha krishiv aashoutosh beti dewanti shivani hamlog k San 2137 tak surashka kigy hamlog k uper k jadu mantra rog burai badua khrab soch ankhar khrab grah rog soke burai badua dushuman dushman k shrantr k jo ghar k bagal m kuch galti cheej hai to San 2137 tak k liy nast kigy
श्री शिवाय नमस्ते बम
गायत्री माता की शक्ति से ही ब्रम्हाजी जी ने सृष्टि का निर्माण किया था गायत्री वेदमाता, देवमाता, विश्वमाता है स्वयं ब्रह्मा जी गायत्री को अपनी माता मानते है आजकल के पुराण में आधा चीज मन गढ़ित है। गायत्री माता ही विराट ब्रह्म और आदिशक्ति है।
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🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
@@dubblegamer979 🙏🙏
@@AdityaKumar-me2ho 🙏🏻🙏🏻🙏🏻 jay Mata di
@@dubblegamer979 jai maa gayatri
Jai gurudv mhraj ji
Jai shree ram
Ati sunder katha hi guru ji koti koti pranam
Jai maa kali
Sabhi alag alag kahani kathe hai mata gayatri ke baare mai
Jaimaagatry
हर हर महादेव जय भोलेनाथ
Ssssss
shree गणेशाय namah
Jay ho gaya basiyon ki taraph se gurujee ko koti koti pranam 😂❤🎉😢😮😅😊
Har Har Mahadev Radhe Shyam Shri Krishna
प्रणाम गुरु जी हर हर महादेव जी🌹🌹🙏🙏
P
@@kritikamallik3251 jiIl
@@kritikamallik3251 it
,, अवैज्ञानिक,,,,,
Shree shivay namstubhyam 🙏🙏🙏💐
Nice video maharaj ji🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Hr Hr Mahadev 🙏🙏🙏🙏
Her her mahadeo
🙏हरी ओम नमः शिवाय हर हर महादेव देवो के महादेव 🙏
Jai bhole baba
ॐ श्री सतगुरु चरणकमलभ्ययो नमः।।
Om namah shivaye
Jai Ganesh ji.👍👍🙏🙏🙏🙏🙏.
Jai MAA bamleshwari
Jay shri mahakal
Om SaJal Sradhdha Om Prakhar PraGYa Om Dada Guru Om GaYaTrI MaTa Om SaraSwaTI MaTa Om SaVITrI MaTa Om GaYaTrI MaTa Om TaT SaT Prabhu ParmaTa IShwar ParmeShwar
Jay ma gaytre
हर हर महादेव🙏🙏🙏
Har Har Mahadev Jay Ganpati Bappa morya Mangal Murti
हैप्पी बर्थडे प्रदीप जी मिश्रा महाराज
Jay shiv Shakti 🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼
जय गुरु देव दास पर किरपा बनये रखना जय
Dhany ho gurudev ji
Har Har mahadev Har ghar mahadev Har ghar mahadev Har ghar mahadev
Bam bam bhole 🙏🙏🙏
Jay shree ram jai hanuman jay bhole nath 🙏🙏
बहुत सुन्दर।
ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवायॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवायॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवायॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवायॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय
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ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवायॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवायॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय जय श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग जय श्री महाकाल
ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ( श्री शिवाय नमस्तुभ्यं )
Shri shivay namastubhyam guru dev Jay mata ki
Kou ki ham he maa saraswati kaa vhakat esaliy ham ne ye sab likha he kou ki aap ne vhagawan ka khule aam bejat kiya he jay ho saraswati maa