सबसे ऊंची प्रेम सगाई

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  • čas přidán 27. 08. 2024
  • भगवान से प्रेम करने वाले उन पर सब कुछ निछावर करने को तैयार होते हैं लेकिन जब प्रभु की कृपा होती है ना तो फिर आप यह समझ लीजिए की जीवन में हमारे लिए कुछ भी अप्राप्य नहीं होता है लेकिन वह दुर्भाग्यशाली होते हैं जो प्रेम के बदले में कुछ और लेकर के या इस संसार के सुख लेकर के प्रसन्न हो जाते हैं प्रेम क्या है समझे

Komentáře • 16

  • @KalyanLeeza
    @KalyanLeeza Před 5 měsíci +1

    परम पूज्य परम श्रद्धेय गुरुदेव

  • @kashu318
    @kashu318 Před 5 měsíci +2

    प्रणाम गुरुदेव...🙏🏻
    जय श्री कृष्णा..🙏🏻
    प्रातः काल आपके शिक्षा से परिपूर्ण वचनों को सुनना अपने आप में सौभाग्य प्राप्त कर लेना हैं।

  • @ushasharma3689
    @ushasharma3689 Před 5 měsíci +1

    Guru ji naman 🙏

  • @shreeyoga
    @shreeyoga Před 5 měsíci +1

    अति सुन्दर कथा ❤❤❤

  • @kumarsaurbh
    @kumarsaurbh Před 5 měsíci +1

    🙏🏻🙏🏻🙏🏻प्रणाम गुरू जी ।

  • @avinashanand6016
    @avinashanand6016 Před 5 měsíci +1

    Pranam guruji🙏🙏🙏

  • @vijaybahadur849
    @vijaybahadur849 Před 5 měsíci

    अति सुन्दर प्रस्तुति,🙏🙏🙏🙏🙏🙏

  • @YuvrajSingh-vn1ln
    @YuvrajSingh-vn1ln Před 4 měsíci

    महोदय क्या आप कृपया बता सकते हैं की मथुरा में आपने कहाँ से शिक्षा ग्रहण की??

  • @subratachakraborty5250
    @subratachakraborty5250 Před 5 měsíci

    Sir a completely different question. नृशंस शब्द की व्युत्पत्ति क्या है? 🙏

    • @Hariniwas
      @Hariniwas  Před 5 měsíci +1

      नृ नर मनुष्य मात्र शंस शासन
      कठोरतम शासन
      कालांतर में कठोर शासन किसी को पसंद ना होने से नृशंस शब्द दुष्टता का प्रतीक बन गया

  • @dr.richayogmayee4249
    @dr.richayogmayee4249 Před 2 měsíci

    गुरु जी क्या मुझे आपका नम्बर मिल सकता है🙏