नित्य सत्संग - रसवर्षा:श्री राधा महिमा part33|श्री स्वयं प्रकाश गिरि जी महाराज|

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  • čas přidán 24. 06. 2024
  • सभी श्रोताओं को सूचित किया जाता है कि पूज्य श्री 1008 स्वयम् प्रकाश गिरी जी महाराज का नित्य सत्संग प्रारंभ हो गया है । आज के सत्संग में हम श्री राधा महिमा का वाचन करेंगे, जो रसवर्षा के पृष्ठ 40 से होगा। इसका पीडीएफ भी उपलब्ध कराया जाएगा।
    आज के पाठ का अंश:
    कियो ध्यान तब ऋषि श्याम को । कृपा सिन्धु हरि प्रमधामको ॥ प्रगटे मन मोहन तत्कालहिं । सुनि ऋषि वचन कहे ता बालहिं ॥ आवहु बाहर मातु कष्ट लखि । तुव माया भय नहिं आवौंझखि ॥ राधावर बोले मुसुकाई । राधा कृपा माया मरि जाई ॥ तोहि न व्यापै माया मोरी । ज्ञान विराग अटल गति तोरी ॥ इतना कहि भए अन्र्तधाना । वेदव्यास न मरमु कछु जाना ।।
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    रस्वाशा: श्री राधा महिमा की pdf:
    1drv.ms/b/s!AheUr6SqJixPhGFhE...
    धन्यवाद🙏🏻|

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