दियरा रियासत सुल्तानपुर उत्तर प्रदेश##

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  • čas přidán 10. 09. 2024
  • योगेंद्र प्रताप शाही वो शख्स हैं, जो गुलामी के दिनों में ब्रिटिश फौज में अफसर थे ,अंग्रेज परस्त दियरा राज परिवार से ताल्लुक रखते थे लेकिन ,नेताजी और उनकी आजाद हिंद फौज से कुछ यू प्रभावित हुए कि ,सब कुछ छोड़ छाड़ के आजादी के जंग में कूद पड़े योगेंद्र प्रताप शाही जो दियरा रियासत के प्रबंधक कौशलेंद्र प्रताप शाही के पुत्र थे आजादी मिलने के बाद वह लंबा वक्त एकाकी की राजधानी लखनऊ के अपने हैदराबाद कॉलोनी मैं ही गुजारे
    वह अच्छे संगीतज्ञ और विचारक भी थे सन 2011 मैं उन्होंने अंतिम सांस ली ,इनके वंशजों का ताल्लुक नेपाल राजघराने से भी था ,नेपाल में जंग बहादुर राणा ने राणा राजवंश की स्थापना की थी भारत और नेपाल के राजघराने मे रिश्तो की डोर यहीं से शुरू हुई, नेपाल के पूर्व पीएम राणा राजवंश के संस्थापक जंग बहादुर राणा ने अपनी तीन पुत्रियों का विवाह भारत के राजघरानों में कराई
    इसमें एक नैनीताल में दान सिंह बिष्ट ,दूसरी सिरवारा में बाबू भीम सिंह व तीसरी बलरामपुर राजघराने में हुई थी ,सिरवारा में ब्याही उनकी पौत्री महारानी लक्ष्मी मिट्ठू मैया रानी की पुत्री इंदुबाला शाही की शादी दियरा राजवंश के महेंद्र प्रताप शाही के साथ हुई ,तब से दियरा स्टेट से नेपाल के राणा राजवंश में रिश्तो की डोर चलती चली आ रही है

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