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मृत्यु, पुनर्जन्म और अमरता है क्या? Devdutt Pattanaik की पुस्तक Garuda Purana पर बतकही | Sahitya Tak

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  • čas přidán 23. 09. 2022
  • #devduttpattanaik #garudapurana #hinduideas #immoratality #aghori #journeyofthedead #ritualsforthedead #GarudaPuranaandOtherHinduIdeasonDeathRebirthandImmortality #bookcafe424 #godsofthedead #jaiprakashpandey #hindibookreview #hindisahitya #sahityatak #sahityaaajtak #ep38
    जीवन और मृत्यु का रहस्य क्या है? जीवन सत्य है या मृत्यु? आत्मा के रहस्य क्या हैं? मरने के बाद आत्मा का अस्तित्व बचा रह जाता है, तो वह जाती कहां है? पितृ पक्ष में पूर्वजों को लेकर भारतीयों की मान्यता और दुनिया के दूसरे धर्मों में क्या लिखा है. चर्चित लेखक देवदत्त पट्टनायक इस बार इसी विषय पर अपनी पुस्तक 'Garuda Purana and Other Hindu Ideas on Death, Rebirth and Immortality' के साथ हाजिर हुए हैं. पट्टनायक जाने-माने पौराणिक कथाकार, नेतृत्व सलाहकार, लेखक और संचारक भी हैं. पट्टनायक का काम धर्म, पुराण, मिथक, इतिहास और मुख्य रूप से प्रबंधन के क्षेत्रों पर केंद्रित रहा है. पट्टनायक का मत है कि "कोई भी समाज मिथक के बिना मौजूद नहीं हो सकता क्योंकि यह सही और गलत, अच्छे और बुरे, स्वर्ग और नरक, अधिकारों और कर्तव्यों की धारणा बनाता है.' अंग्रेजी में लिखी अपनी पुस्तक 'गरुण पुराण और मृत्यु, पुनर्जन्म और अमरता पर अन्य हिंदू विचार' पर चर्चा करते हुए देवदत्त पट्टनायक कहते हैं कि 'गरुण पुराण' लोग तब पढ़ते हैं जब उनका कोई करीबी मरता है. उस समय पढ़ने पर यह बड़ी पीड़ा उत्पन्न करता है. लोग आज भी रामायण और महाभारत की ही बात करते हैं जबकि हिन्दू शास्त्रों में और भी बहुत कुछ है जिसके बारे में जाना जाना चाहिए, पढ़ा जाना चाहिए और 'गरुण पुराण' ऐसा ही एक ग्रंथ है. लोग इसके बारे में बहुत कम जानते हैं और इसी कारण पट्टनायक कहते हैं कि उनकी भी जिज्ञासा थी कि वो इस बारे में जानें. उनकी इसी इच्छा ने उन्हें बाध्य किया गरुण पुराण पढ़ने के बाद यह पुस्तक लिखने के लिए. पुनर्जन्म से लेकर पट्टनायक पितृपक्ष के बारे में भी बताते हैं. वह कहते हैं कि तमाम पौराणिक परंपराएं यह मानती हैं कि जब तक इनसान धरती पर अपना ऋण नहीं चुकाता तब तक उसे मोक्ष नहीं मिलता. हिंदू अपने पूर्वजों को खाना क्यों खिलाते हैं? हिंदू धर्म में कब्रों के निर्माण की तुलना में मृतकों को जलाना क्यों पसंद किया जाता है? क्या जन्नत और दोजख़ हिंदू स्वर्ग और नर्क के समकक्ष नहीं हैं? क्या हिंदू धर्म में भी जजमेंट डे जैसी अवधारणा है? स्त्रीत्व और जाति की हिंदू धारणाओं पर मृत्यु का क्या प्रभाव है? क्या मृत्यु के लिए वैदिक दृष्टिकोण तांत्रिक मत से भिन्न है? भूत, पिशाच, प्रेत, पितृ और वेताल में क्या अंतर है? जैसी चीज़ों के पीछे क्या राज़ हैं, क्या कहानियां हैं, इन्हीं को लेकर इस पुस्तक में बात की गई है. पट्टनायक कहते हैं कि मोक्ष मिलना लेन देन पर निर्भर करता है कि कौन किसका कितना ऋणी है? और कौन किसको कितना दे रहा है? मृत्यु, पुनर्जन्म और अमरता के विचार हिंदू मन में अनुष्ठान और कहानी के माध्यम से अंतर्निहित हैं. मृत्यु न केवल दुखद है, बल्कि अस्पष्ट भी है. यह एक यात्रा का अंत है, और दूसरी की शुरुआत भी. मृत पूजनीय हैं, फिर भी मृत्यु अशुभ है, अशुद्धता का स्रोत है. इन्हीं विषयों पर वेस्टलैंड बुक्स से देवदत्त पट्टनायक की पुस्तक 'Garuda Purana and Other Hindu Ideas on Death, Rebirth and Immortality' प्रकाशित हुई है. इस पुस्तक में कुल 160 पृष्ठ हैं और इसका मूल्य है 399 रुपए. 'शब्द-रथी' कार्यक्रम में देवदत्त पट्टनायक ने वरिष्ठ पत्रकार जय प्रकाश पाण्डेय से अपनी पुस्तक 'Garuda Purana and Other Hindu Ideas on Death, Rebirth and Immortality' पर लंबी बातचीत की. इस दौरान पट्टनायक ने यह भी कहा कि स्वर्ग और नर्क स्थायी नहीं हैं. इसके पीछे उनका क्या तर्क हैं जानने के लिए सुनिए यह बतकही.
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Komentáře • 27

  • @Ketaki2024
    @Ketaki2024 Před rokem +3

    His skill of sketching mythology on paper is extraordinary

  • @gkplus2877
    @gkplus2877 Před rokem +8

    जीवन में क्या करना है, यह रामायण सिखाती है।
    जीवन में क्या नहीं करना,यह महाभारत सिखाती है।
    जीवन कैसे जीना है, यह भगवदगीता सिखाती है।
    🌼🥀🦋⚘️🔅⚜️🦋🦚🌱🌺

    • @brajdhanka4944
      @brajdhanka4944 Před 20 dny

      ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻❤

  • @priyatarade5304
    @priyatarade5304 Před 3 měsíci +1

    Verrry nice!

  • @brijbhushantiwari344
    @brijbhushantiwari344 Před rokem +2

    यहां देही का अर्थ आत्मा है, अध्याय 2 श्लोक संख्या 30 गीता,
    देही नित्यमवध्योऽयं देहे सर्वस्य भारत।
    तस्मात्सर्वाणि भूतानि न त्वं शोचितुमर्हसि।।
    । हे भारत ! यह देही , आत्मा सबके शरीर में सदा ही अवध्य है, इसलिए समस्त प्राणियों के लिए तुम्हें शोक करना उचित नहीं।।

  • @anirudhachopade2465
    @anirudhachopade2465 Před rokem +1

    खुप सुंदर

  • @deepakrazdan1
    @deepakrazdan1 Před rokem +3

    चर्चा के सूत्रधार को अधिक तैयारी के साथ आना चाहिए।

  • @atheistnothing5039
    @atheistnothing5039 Před rokem +2

    भारत में कुछ लोग जो आधुनिक हैं...
    Devdutt उनमें से एक हैं...शायद...
    And I am Second...यार...

  • @bhagwannandedkar8190
    @bhagwannandedkar8190 Před 2 měsíci

    garud puran ka prnam satey hi

  • @mahendraSingh-pn3kw
    @mahendraSingh-pn3kw Před rokem +1

    सूत्रधार महोदय जबरदस्ती का इंटरफेयर कर रहे हैं, श्रोता होना चाहिए इन्हे , ये स्वयं वक्ता बने जा रहे हैं

  • @hemanginidadkar2476
    @hemanginidadkar2476 Před rokem

    Thank you very much

  • @tishmalhotra5622
    @tishmalhotra5622 Před rokem

    Pranam

  • @ramaynapath2676
    @ramaynapath2676 Před rokem +1

    🙏

  • @PrAstya8912
    @PrAstya8912 Před 6 měsíci

    क्या यह पुस्तक हिंदी भाषा में उपलब्ध है..? कृपया बताएं ।

  • @r.pdoliya4701
    @r.pdoliya4701 Před rokem +1

    Hindi version chahiye

  • @ankitsinha4334
    @ankitsinha4334 Před rokem

    First

  • @cet7294
    @cet7294 Před 6 měsíci

    Hindi edition lao sir

  • @growwithsocialsciencewiths9172

    👍👍👍👍💐💐💗

  • @samunsinghshrestha2016
    @samunsinghshrestha2016 Před rokem +1

    Question toooooo long

  • @dracharyadeepak9862
    @dracharyadeepak9862 Před 9 měsíci

    Host is not Host guest is guest and boss host is 😅fun

  • @chitrasarkar3453
    @chitrasarkar3453 Před rokem

    My question is when a man dies, what is the gap for rebirth ?

  • @AstrologerDSavitaa
    @AstrologerDSavitaa Před rokem

    Is this book available in hindi ?????

  • @devendranathpoddar8612

    hindi,virsion,chahiye

  • @shashankbhore2028
    @shashankbhore2028 Před rokem

    Sir sab Hindi book nikale

  • @dollyrathod5188
    @dollyrathod5188 Před rokem

    ☸️🛀🏼🍊

  • @hemikovsky
    @hemikovsky Před rokem

    Garud puran has been misused by Brahmins for a long time to suit their purpose. Only playing on common man's insecurities! The rituals are never ending and often confused.

    • @NewsEncounter
      @NewsEncounter Před rokem

      किसी के घर की महिला, किसी गैर मर्द के साथ भाग जाय, इससे ज्यादा दुखद कुछ नहीं..!!!