The rare white tigers of Maitri Bagh Zoo in Chhattisgarh.
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- čas přidán 2. 03. 2019
- Discover the awe-inspiring world of white tigers at Chhattisgarh's Maitri Bagh Zoo, a sanctuary for these majestic creatures. Witness the grandeur of not just one, but as many as eight white tigers in their regal habitat. This unparalleled experience brings you face-to-face with these magnificent animals, offering a moment you'll never forget. If you're fascinated by wildlife, Maitri Bagh Zoo is a must-visit destination. #India #bhilai #chhattisgarh #tiger #wildlife #wildcats #whitetiger
छत्तीसगढ़ का मैत्री बाघ चिड़ियाघर एक ख़ास अनुभव है उनके लिए जो शानदार वन्यजीवों को देखना चाहते हैं। यहाँ आप एक नहीं बल्कि ८ दुर्लभ सफ़ेद बाघ देख सकते हैं। #OMGIndia - Zábava
पहला सफेद🐅 शेर रीवा (मध्य प्रदेश) में मिला था।
हिंदुस्तान का दिल ही है सफेद शेरों (बाघों) के घर🏠।
Ha bhai apne yaha ka hai har safed sher..
Yes.. Rewa is home of white tiger not bhilai
Sher lion ko bolte hai bhai
@@v.king12 भाई lion को सिंह बोलते है।
शेर सभी जंगली बिल्लियों मतलब सिंह, बाग, चीता इत्यादि को बोलते है।
मतलब आप एक चीता को भी शेर बोल सकते है, एक सिंह को भी और एक बाग को भी।
Hume pta hai kyuki hum to rewa ke hi h
This is my city Bhilai..... Love from bhilai😍😍😍😍😘😘😘
Now maximum bhilai people have become carnivores.
I visited there more than 50 times because I live in bhilai
wher do you live i also live in bhilai
Me too, I'm from durg
Me to from bhilai
100 baar ja chuka hu sirf tigers ke liye also live in bhilai😍😍
@@ayushigupta3473 hii
Omg...🙈🙈Yuhoo..my bhilai..worth watching..so much childhood memories❤❤❤proud to be an bhilaian...#indian #lovechattisgarh..#lovedplace
Ye sab rewa ke mohan white tiger ke children hain..proud to be rewarian,proud to be Indian
OMG ये मेरा छत्तीसगढ़।🤞🤞
first white tiger mohan was found in rewa m.p during british rule...in bhilai the breed of mohan is there..
Bro OMG yeh hamara INDIA 😍😄
@@Satyam12155 ya right bro
@@reeta6796 bahut pyari ho aap
NANDU BHARDWAJ हमर छत्तीसगढ़
OMG ye hai mera India.... Love from Nagpur Maharashtra
[12/26/2019, 1:28 PM] Shrimatiji: 💐 सुविचार
प्रकृति से अनेकानेक या अनेकों प्रकार की वस्तुएं उपलब्ध हैं.
प्रकृति से प्राप्त वस्तुएं बिना किसी शर्त के मिली हुई है.
प्रकृति से प्राप्त वस्तुएं बिना किसी दाम के मिली हुई है.
हम प्रकृति से प्राप्त वस्तुओं की कीमत नहीं लगा सकते हैं.
इतनी सारी वस्तुएं प्रकृति में सालों साल श्रम के बाद बनी है.
य़ह सभी वस्तुएं धरती में बने रहना आवश्यक भी है.
जैसे कोयला, पेट्रोलियम, खनिज आदि सभी पदार्थ का धरती के बने रहने के लिए आवश्यक है.
कोयला काले रंग का होता है.
हमें पता ही है कि काला रंग गर्मी को सोख लेता है.
कोयला भी सूर्य की उष्मा को पचा कर धरती की उष्मा को संतुलित बनाए रखता है.
पेट्रोलियम से प्राप्त ⛽पेट्रोल से निकला धुआं या गंदगी या co2 से भी प्रदूषण होता है.
ओजोन की परत या हमारी धरती की सुरक्षा कवच को नुकसान पहुंचाता है.
इससे भी धरती गर्म होती है.
हमें सुखी और स्वस्थ होने के लिए धरती का स्वस्थ रहना हमारी आवश्यकता है.
हम सभी जब भी ⛽पेट्रोल का दाम दे रहे होते हैं तो हम ⛽ को धरती से निकालने, ⛽ को शुद्ध करने, ⛽ को हमारे तक पहुँचाने आदि में अनेकों मानवों का श्रम लगा होता है.
हम जो भी ⛽ की कीमत देते हैं, वह इन्हीं सब कार्यों में लगे हुए मानवों के श्रम के मूल्य को दे रहे होते हैं.
हम ⛽ का कोई भी दाम नहीं देते हैं.
⛽ हमें प्रकृति से बिना दाम के मिली हुई है. हम ⛽ की कीमत नहीं देते हैं.
जब हम बिजली का बिल भी दे रहे होते हैं, तब भी हम मानव श्रम का मूल्य दे रहे होते हैं.
क्यूंकि बिजली के लिए कोयला प्रकृति में उपलब्ध है ही.
कोयले को बिजली बनाने में मानव श्रम की कीमत हम देते हैं.
हम खनिजों से बनी हुई वस्तुएं जैसे कार, गाड़ी आदि की कीमत के रूप में मानव के श्रम का मूल्य दे रहे होते हैं.
खनिज प्रकृति में उपलब्ध है ही.
इस खनिज से उपयोग करने योग्य वस्तुएं बनाने में मानव श्रम लगा होता है.
कोयला, खनिज
[12/27/2019, 12:09 PM] Shrimatiji: हम खनिजों से बनी हुई वस्तुएं जैसे कार, गाड़ी आदि की कीमत के रूप में मानव के श्रम का मूल्य दे रहे होते हैं.
खनिज प्रकृति में उपलब्ध है ही.
इस खनिज से उपयोग करने योग्य वस्तुएं बनाने में मानव श्रम लगा होता है.
कोयला, खनिज, ⛽ हमें इस धरती पर हमारे बिना श्रम के ही उपलब्ध हो गयी है.
अब हमें केवल इन सभी का मूल्य समझना है.
इनके बिना धरती नहीं बच सकती है यही इनका मूल्य है.
धरती में प्राप्त यह संपदा हमारे लिए अमूल्य है.
हमें इनका सही मूल्य आँकना है.
और इस मूल्य के अनुसार ही इनका सदुपयोग व सुरक्षा करना है.
हम कोयला, ⛽, खनिज आदि की कीमत नहीं देते हैं.
इस तरह हम कोयला, खनिज, ⛽ आदि की कीमत लगा ही नहीं सकते हैं.
हम इन्हें खरीद ही नहीं सकते हैं.
हमें केवल अपनी आवश्यकताओ को समझ कर आवश्यकता के अनुसार ही ⛽ , कोयला, खनिज आदि का उपयोग करना है.
हमें इनका प्रयोग क्यों करना है, यह जानना आवश्यक है.
जिससे कि हमारी आवागमन या दूर गमन या कहीं आने जाने की आवश्यकता भी पूरी हो जाए और धरती पर उष्मा का संतुलन भी बना रहे.
धरती स्वस्थ रहने पर ही हम भी स्वस्थ रहकर सुखी हो पाएंगे.
Djoopnkum
@@balwantsahu3458 this video
@@eliyasahmed7715
अस्तित्व में व्यव्स्था है .
हम सभी अस्तित्व की इसी व्यवस्था के अनुसार और व्यवस्थित हो रहे हैं .
हमें गलती करने का अधिकार मिला हुआ है तो सही करने का अवसर भी मिला ही हुआ है .
इसी सही करने अवसर के साथ हम और अधिक सही की ओर ही गति कर ही रहे हैं .
[14/09, 4:22 pm] Shrimati ji: हम सभी सब कुछ को समझना चाहते हैं.
समझ के आधार पर हम विचार करते हैं.
हम सभी जितना चाहें, उतना विचार कर सकते हैं
हम सभी अपने में विचार ही हैं.
विचार के आधार पर ही हम अनेक कल्पना करते हैं.
कल्पनाओं के अनुसार हम कार्य करते हैं.
हम अपने में हमेशा सार्थक और सकारात्मक सोच विचार को ही चाहते हैं.
हम भूतकाल की पीड़ा नहीं चाहते हैं.
हम भूतकाल की पीड़ा को भूलना चाहते हैं.
हम भूतकाल की पीड़ा या अनावश्यक को छोड़ना ही चाहते हैं.
हम भविष्य की चिंता नहीं चाहते हैं.
हम भविष्य के प्रति आश्वस्त होना चाहते हैं.
भविष्य में और अधिक सुख से जीने की आशा के साथ होते हैं.
हम वर्तमान से विरोध नहीं चाहते हैं.
हम वर्तमान में ही जीते हैं.
जीना वर्तमान में ही होता है.
वर्तमान में ही जीना चाहते हैं.
[14/09, 4:34 pm] Shrimati ji: स्वीकृति के भाव में जीना ही सुख है.
स्वीकृति व्यवस्था के लिए होती है.
व्यवस्था की स्वीकृति जितनी गहरी होती है, व्यवस्था का सुख उतना ही गहरा होता है.
व्यवस्था में जीने की स्वीकृति से अपनेपन का विस्तार बढ़ता है.
अपनेपन का विस्तार बढ़ने पर अपने सुख का सागर फैलता है.
[14/09, 4:34 pm] Shrimati ji: अस्तित्व में मानव के लिए सही जीने के नियम
हम सभी जितना जान पाते हैं, उतना चाह भी नहीं पाते हैं.
हम सभी हमेशा जितना चाहते हैं, उससे अधिक ही जानते हैं.
हम सभी जितना चाह पाते हैं, उतना कर नहीं पाते हैं.
हम सभी जितना करते हैं, उससे अधिक ही चाहते हैं.
हम सभी हमेशा ही जितना कर पाते हैं, उतना भोग नहीं पाते हैं.
हम सभी हमेशा जितना भोगते हैं, उससे अधिक ही करते हैं.
इस नियम को समझ कर ही हम में हमेशा समृद्धि का भाव बना रहता है.
@@eliyasahmed7715
स्वीकृति के भाव में जीना ही सुख है.
स्वीकृति व्यवस्था के लिए होती है.
व्यवस्था की स्वीकृति जितनी गहरी होती है, व्यवस्था का सुख उतना ही गहरा होता है.
व्यवस्था में जीने की स्वीकृति से अपनेपन का विस्तार बढ़ता है.
अपनेपन का विस्तार बढ़ने पर अपने सुख का सागर फैलता है.
[14/09, 4:34 pm] Shrimati ji: अस्तित्व में मानव के लिए सही जीने के नियम
हम सभी जितना जान पाते हैं, उतना चाह भी नहीं पाते हैं.
हम सभी हमेशा जितना चाहते हैं, उससे अधिक ही जानते हैं.
हम सभी जितना चाह पाते हैं, उतना कर नहीं पाते हैं.
हम सभी जितना करते हैं, उससे अधिक ही चाहते हैं.
हम सभी हमेशा ही जितना कर पाते हैं, उतना भोग नहीं पाते हैं.
हम सभी हमेशा जितना भोगते हैं, उससे अधिक ही करते हैं.
इस नियम को समझ कर ही हम में हमेशा समृद्धि का भाव बना रहता है.
[14/09, 4:34 pm] Shrimati ji: 🙏बहुत ही सुन्दर है.
धर्म की सबसे सरल व्याख्या तो है.
इसकी और व्याख्या की जा सकती है.
किसी की भी आत्मा हमारी वज़ह से नहीं दुखी होगी.
जब हम धर्म को पूरा का पूरा समझ लेंगे.
धारण करना धर्म है.
अपने से अलग नहीं कर पाना ही धर्म है.
हम अपने को सुख से
अलग कर ही
नहीं सकते हैं,
इसीलिए सुख ही
हमारा धर्म है.
जिसके बिना हम अपने
होने की कल्पना भी
नहीं कर सकते हैं,
वही हमारा धर्म है.
क्योंकि हम किसी भी
पल अपने लिए
दुखी होने की
कल्पना भी नहीं
करना चाहते हैं.
हम सुखी हुए बिना जीना ही नहीं चाहते हैं.
इसीलिए सुख ही हमारा धर्म है.
समझ ही हम सभी के सुखी होने की एक मात्र विधि है.
समझ या सही में हम सभी एक है.
जैसे गणित के किसी भी प्रश्न को करोड़ों लोग भी बनाएं.
तो करोड़ों के उत्तर भी सही में सही होने पर एक ही होगा.
और प्रश्न का उत्तर
गलत होने पर
करोड़ों गलत उत्तर
हो सकते हैं.
ऐसे ही अनेकों गलतियों
से हम सभी गलती में
अनेक हो जाते हैं.
हम सभी अपने अपने
शरीर के माध्यम से
सही को समझ सकते हैं.
हम सभी में सही को समझने की क्षमता समान है.
इसीलिए हम सभी की जाति भी एक है.
इसीलिए मानव जाति एक है.
और हम सभी समझ कर सुखी होकर जी सकते हैं.
इसीलिए मानव धर्म एक है.
मानव सुख धर्मी है😊
Yeah! Bhilai is my second home.. I have visited twice 😍 *maitri garden*
[12/26/2019, 1:28 PM] Shrimatiji: 💐 सुविचार
प्रकृति से अनेकानेक या अनेकों प्रकार की वस्तुएं उपलब्ध हैं.
प्रकृति से प्राप्त वस्तुएं बिना किसी शर्त के मिली हुई है.
प्रकृति से प्राप्त वस्तुएं बिना किसी दाम के मिली हुई है.
हम प्रकृति से प्राप्त वस्तुओं की कीमत नहीं लगा सकते हैं.
इतनी सारी वस्तुएं प्रकृति में सालों साल श्रम के बाद बनी है.
य़ह सभी वस्तुएं धरती में बने रहना आवश्यक भी है.
जैसे कोयला, पेट्रोलियम, खनिज आदि सभी पदार्थ का धरती के बने रहने के लिए आवश्यक है.
कोयला काले रंग का होता है.
हमें पता ही है कि काला रंग गर्मी को सोख लेता है.
कोयला भी सूर्य की उष्मा को पचा कर धरती की उष्मा को संतुलित बनाए रखता है.
पेट्रोलियम से प्राप्त ⛽पेट्रोल से निकला धुआं या गंदगी या co2 से भी प्रदूषण होता है.
ओजोन की परत या हमारी धरती की सुरक्षा कवच को नुकसान पहुंचाता है.
इससे भी धरती गर्म होती है.
हमें सुखी और स्वस्थ होने के लिए धरती का स्वस्थ रहना हमारी आवश्यकता है.
हम सभी जब भी ⛽पेट्रोल का दाम दे रहे होते हैं तो हम ⛽ को धरती से निकालने, ⛽ को शुद्ध करने, ⛽ को हमारे तक पहुँचाने आदि में अनेकों मानवों का श्रम लगा होता है.
हम जो भी ⛽ की कीमत देते हैं, वह इन्हीं सब कार्यों में लगे हुए मानवों के श्रम के मूल्य को दे रहे होते हैं.
हम ⛽ का कोई भी दाम नहीं देते हैं.
⛽ हमें प्रकृति से बिना दाम के मिली हुई है. हम ⛽ की कीमत नहीं देते हैं.
जब हम बिजली का बिल भी दे रहे होते हैं, तब भी हम मानव श्रम का मूल्य दे रहे होते हैं.
क्यूंकि बिजली के लिए कोयला प्रकृति में उपलब्ध है ही.
कोयले को बिजली बनाने में मानव श्रम की कीमत हम देते हैं.
हम खनिजों से बनी हुई वस्तुएं जैसे कार, गाड़ी आदि की कीमत के रूप में मानव के श्रम का मूल्य दे रहे होते हैं.
खनिज प्रकृति में उपलब्ध है ही.
इस खनिज से उपयोग करने योग्य वस्तुएं बनाने में मानव श्रम लगा होता है.
कोयला, खनिज
[12/27/2019, 12:09 PM] Shrimatiji: हम खनिजों से बनी हुई वस्तुएं जैसे कार, गाड़ी आदि की कीमत के रूप में मानव के श्रम का मूल्य दे रहे होते हैं.
खनिज प्रकृति में उपलब्ध है ही.
इस खनिज से उपयोग करने योग्य वस्तुएं बनाने में मानव श्रम लगा होता है.
कोयला, खनिज, ⛽ हमें इस धरती पर हमारे बिना श्रम के ही उपलब्ध हो गयी है.
अब हमें केवल इन सभी का मूल्य समझना है.
इनके बिना धरती नहीं बच सकती है यही इनका मूल्य है.
धरती में प्राप्त यह संपदा हमारे लिए अमूल्य है.
हमें इनका सही मूल्य आँकना है.
और इस मूल्य के अनुसार ही इनका सदुपयोग व सुरक्षा करना है.
हम कोयला, ⛽, खनिज आदि की कीमत नहीं देते हैं.
इस तरह हम कोयला, खनिज, ⛽ आदि की कीमत लगा ही नहीं सकते हैं.
हम इन्हें खरीद ही नहीं सकते हैं.
हमें केवल अपनी आवश्यकताओ को समझ कर आवश्यकता के अनुसार ही ⛽ , कोयला, खनिज आदि का उपयोग करना है.
हमें इनका प्रयोग क्यों करना है, यह जानना आवश्यक है.
जिससे कि हमारी आवागमन या दूर गमन या कहीं आने जाने की आवश्यकता भी पूरी हो जाए और धरती पर उष्मा का संतुलन भी बना रहे.
धरती स्वस्थ रहने पर ही हम भी स्वस्थ रहकर सुखी हो पाएंगे.
And I live in Bhilai so mai mairti garden mai itni bar ja chuki hu ki aankhe band karke bhi pura zoo ghum skti hu aur bta skti hu kha pe konse animal hai.. 😂😂😂😂 . Apart from that I am proud of my Bhilai ❤
सफेद बाघ मैंने भी पहली बार यही देखा.. शानदार..
My birth place is Bhilai-home of white Tiger
&
My home town is Rewa-Land of White Tiger
😍😍😍😍😘😘😘😘😎😎😎😎
bhaii sabse pehla white tiger rewa me hi mila tha...mohan
Im also from Rewa .
@@Priy05 hamu rewa ke aahyan 😀😀 aapan rewa aapan bagheli
[12/26/2019, 1:28 PM] Shrimatiji: 💐 सुविचार
प्रकृति से अनेकानेक या अनेकों प्रकार की वस्तुएं उपलब्ध हैं.
प्रकृति से प्राप्त वस्तुएं बिना किसी शर्त के मिली हुई है.
प्रकृति से प्राप्त वस्तुएं बिना किसी दाम के मिली हुई है.
हम प्रकृति से प्राप्त वस्तुओं की कीमत नहीं लगा सकते हैं.
इतनी सारी वस्तुएं प्रकृति में सालों साल श्रम के बाद बनी है.
य़ह सभी वस्तुएं धरती में बने रहना आवश्यक भी है.
जैसे कोयला, पेट्रोलियम, खनिज आदि सभी पदार्थ का धरती के बने रहने के लिए आवश्यक है.
कोयला काले रंग का होता है.
हमें पता ही है कि काला रंग गर्मी को सोख लेता है.
कोयला भी सूर्य की उष्मा को पचा कर धरती की उष्मा को संतुलित बनाए रखता है.
पेट्रोलियम से प्राप्त ⛽पेट्रोल से निकला धुआं या गंदगी या co2 से भी प्रदूषण होता है.
ओजोन की परत या हमारी धरती की सुरक्षा कवच को नुकसान पहुंचाता है.
इससे भी धरती गर्म होती है.
हमें सुखी और स्वस्थ होने के लिए धरती का स्वस्थ रहना हमारी आवश्यकता है.
हम सभी जब भी ⛽पेट्रोल का दाम दे रहे होते हैं तो हम ⛽ को धरती से निकालने, ⛽ को शुद्ध करने, ⛽ को हमारे तक पहुँचाने आदि में अनेकों मानवों का श्रम लगा होता है.
हम जो भी ⛽ की कीमत देते हैं, वह इन्हीं सब कार्यों में लगे हुए मानवों के श्रम के मूल्य को दे रहे होते हैं.
हम ⛽ का कोई भी दाम नहीं देते हैं.
⛽ हमें प्रकृति से बिना दाम के मिली हुई है. हम ⛽ की कीमत नहीं देते हैं.
जब हम बिजली का बिल भी दे रहे होते हैं, तब भी हम मानव श्रम का मूल्य दे रहे होते हैं.
क्यूंकि बिजली के लिए कोयला प्रकृति में उपलब्ध है ही.
कोयले को बिजली बनाने में मानव श्रम की कीमत हम देते हैं.
हम खनिजों से बनी हुई वस्तुएं जैसे कार, गाड़ी आदि की कीमत के रूप में मानव के श्रम का मूल्य दे रहे होते हैं.
खनिज प्रकृति में उपलब्ध है ही.
इस खनिज से उपयोग करने योग्य वस्तुएं बनाने में मानव श्रम लगा होता है.
कोयला, खनिज
[12/27/2019, 12:09 PM] Shrimatiji: हम खनिजों से बनी हुई वस्तुएं जैसे कार, गाड़ी आदि की कीमत के रूप में मानव के श्रम का मूल्य दे रहे होते हैं.
खनिज प्रकृति में उपलब्ध है ही.
इस खनिज से उपयोग करने योग्य वस्तुएं बनाने में मानव श्रम लगा होता है.
कोयला, खनिज, ⛽ हमें इस धरती पर हमारे बिना श्रम के ही उपलब्ध हो गयी है.
अब हमें केवल इन सभी का मूल्य समझना है.
इनके बिना धरती नहीं बच सकती है यही इनका मूल्य है.
धरती में प्राप्त यह संपदा हमारे लिए अमूल्य है.
हमें इनका सही मूल्य आँकना है.
और इस मूल्य के अनुसार ही इनका सदुपयोग व सुरक्षा करना है.
हम कोयला, ⛽, खनिज आदि की कीमत नहीं देते हैं.
इस तरह हम कोयला, खनिज, ⛽ आदि की कीमत लगा ही नहीं सकते हैं.
हम इन्हें खरीद ही नहीं सकते हैं.
हमें केवल अपनी आवश्यकताओ को समझ कर आवश्यकता के अनुसार ही ⛽ , कोयला, खनिज आदि का उपयोग करना है.
हमें इनका प्रयोग क्यों करना है, यह जानना आवश्यक है.
जिससे कि हमारी आवागमन या दूर गमन या कहीं आने जाने की आवश्यकता भी पूरी हो जाए और धरती पर उष्मा का संतुलन भी बना रहे.
धरती स्वस्थ रहने पर ही हम भी स्वस्थ रहकर सुखी हो पाएंगे.
ऐसे ही वन्यजीव की देखभाल करनेवाले मेरे सभी भाईयों को प्रणाम। 🙏 आप की वजह से इन्सानियत जिंदा है। Lot's of thanks बोहोत respect 🇮🇳
I'm a typical bhilaian but i never knew this phase of matri garden. proud to see this on historytv 18
Wow... Chhattisgarh state is in History TV 18 !!!!!
My bhilai and matri garden is in my neighbour love to see my city from diffrent prespectives
Thank you for sharing this. I'm from Bhilai and this is one of the best place ever I have seen.
Mesmerising bhilai..so beautifully describe by ur video😍 proud to be a bhilian.mera birth place..mera dil 🤗
Proud on my chhattisgarh and my second home bhilai.....
Mellifluous Voice❤🥰
मेरा भारत महान हैं। जय हिंद
Really bahot hi sanmaniya hai ye log jo pranio se itana nirdosh prem karte hai🙏🏻🇮🇳
It's what we as human needs to look forward to having a bond between us and the nature loving dangerous unsolved but adorable animals. The initiatives in India conserving any type of animals definitely incredible and these steps might go long to have a healthy and populated society of these animals in our country too.
Really great job sir salute to all citizens whom worked here
such a proud moment to see this here.Being a native
This host is better than krishna...who agree with me hit like...👍👍👍
right
No way
True mam
Ya this sound is more peaceful
Not at all, ma'am
Thanks for the video I really like yours video
OMG यह मेरा इंडिया
Sir, your voice is outstanding.. We would love to hear you again... God's gift 😊
wow it's great our incredible bhilai and maitri Bagh😊😊
Ak nation utna mahan hota hai jitna boh animals ke sath a66e hote hai... please make our India beutiful
Love from Jharkhand ( Deoghar)
They're doing a wonderful job hats off guys.carry on 😍😍😍😍😍😍😍
Proud to live in CG 😻
Awesome... Soo nice, I will visit this place 👍👍👍👍
very peaceful.........
Nice videos.beautiful deers.
I am from bhilai and I loved matri bag zoo...
Meri city im from durg bhilai twin City 😋😋
Yah me ghar se only 5 min ka rasta hai.bahut achha lagta hai.jaane me.yaha sab chiz hai.100feet tower and bahut saare jhule hai.sabhi jagah trees plant hai.aap ek baar aayega jarur.
Durg Bhilai ♥️😍
My home my Bhilai..
Hamar chattisgarh...the best and beautiful.
Proud to see that these white tigers are children on mohan white tiger found in rewa first time in the world..kahi bhi white tiger ko dekho to garv hota h ki rewa den hain ye sare..
Ye sare white tiger mohan white tiger ke children hain jo first time rewa m.p me paya gaya tha in the world..garv hota h inko dekh kat ki ye sare rewa ki den hain..My home rewa..
Miss u Bhilai
Apna sahar 😘
Really informative video. Well done history tv 18
Loved to c this video!
❤️ bhilai
rewa m.p where the first white tiger in the world was found during brithish rule...
Apna Bhilai💖
Thanks for showing me with my छत्तीसगड़ very nearly
Hatsoff
Really it needs conservation...
But at the same time with care they also need humanity..
The camera man doing beautiful job
Amazing people with amazing animals
Proud to be bhilaian❤️❤️❤️
I love the voice..
I love bhilai 😍
Incredible India 🇮🇳😎🙏👍
Superb this place is fentestic
Definitely want to visit this place😘
Bhai mii chattisgarh se hu 😍😍😍
Amazing.
I lived there for a year.. went there so many times!. Ek bar to school reunion bhi wahi kiya tha!❤️❤️❤️
I love animals😘❤️& ye to mere town ke paas hai bhilai
Bahut khoob.
My city.... Mini India Bhilai 😊😊
Its Amazing
Thanku From Bhilai Nagar
Maitri garden 😍🤩😘
Wow i just love this show
Beautiful animals and wonderful employes
बहुत सुंदर sir
Shaandaar
Please ase aur videos upload karo
बहुत प्यारे हैं
Bhilaian Boii 💪💪 ye humara Chhattisgarh
Apna bhilai great🙏🙏🙏
Mera bhilai .❤️❤️❤️❤️
छत्तीसगढ़िया सब ले बढ़िया।
Lovely Chhattisgarh
Great episode 👍🏻🥰❤️🙏
ram Or shyam k liye hats off.you r legend
Kamal hai
Incredible chattishgadh
Mera bhilai mahan
My pride bhilai
Beautiful video for animal
Am from mp but I love you both state
Awesome my bhilai
Amazing Video 😍
Love u bro thank u
It's my bhilai city waooooo
love this video
love from punjab😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘
Heaven💚😍
Awesome
Good to see , हमर छत्तीसगढ़,
Fabulous
Maitri garden.. visited many times
Shaandaar jaanwar pinjere me..
OMG mera chhattisgarh..
Chhattisgarhiya sable bdhiya
Omg ye mere chhattisgarh ❤️
Sir you have a wonderful voice
Jabar dast books m pdha tha aaj dekh bhi liya .....
Beautiful