प्रेम के इज़हार सेही महकताहुआ संसार बसाया जा सकता है|बेगर्ज़ समर्पित होना ही सही मायने में समर्पण है

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  • čas přidán 4. 07. 2023
  • परम पूज्य निरंकारी राजपिता रमित जी ने दिल्ली के विभिन्न सत्संग समारोहों में फरमाया
    नफ़रत की दीवारों की नहीं बल्कि प्रेम और भाईचारे की भावना का प्रसार करने की आवश्यकता है। प्रेम के इज़हार से ही महकता हुआ संसार बसाया जा सकता है।
    सत्गुरु की कृपा से जीवन जीने का नज़रिया बदल जाता है। ब्रह्मज्ञान होने पर सभी प्रकार के भ्रम - बंधन समाप्त हो जाते हैं।
    सत्य की महक जीवन में इस कदर बस जाये कि करीब से गुज़रने वाले को भी आपके उज्ज्वल व्यक्तित्व की महक, सहज में ही प्राप्त हो अगर सत्संग में जाने पर भी जीवन में आनंद नहीं आ रहा तो इसका कारण ढूंढ़ना होगा । कहीं हमारे विवेक पर भ्रम की धूल न जम जाये, इसलिए हमेशा चेतन होकर भक्ति करना है ।
    ब्रह्मज्ञान रूपी यह जो अमूल्य दात हमें मिली है, हम इसकी कद्र कर पायें। जैसा ब्रह्मज्ञान प्रदान किया है वैसा ही यह हमारे मन में उतर जाये तभी यह भाव साकार होगा कि तू ही तू है जो हर जगह समाया हुआ है।
    सत्गुरु बख्शनहार है। जो भी इसकी शरण में आ जाता है, यह उसे बख्श देता है पर इसके लिए हमें समर्पित भाव को अपनाना होगा।
    शर्त रख कर नहीं, बेगर्ज़ समर्पित होना ही सही मायने में समर्पण है ।
    जब इस प्रभु के साथ प्रेम और इसके दर्शन से प्रेमाभक्ति जीवन में आती है तो अब तक जो मृतक के समान जीवन था, वह सही मायने में खिल उठता है; वह जीवित हो उठता है ।
    प्रेम कारण नहीं ढूंढ़ता, प्रेम मोहताज नहीं रहता कि सामने से क्या हो रहा है। प्रेम तो इस रूप में इतना भरपूर हो जाता है कि प्रेम का स्रोत ही मिल गया तो जो मन नफरत का कारण ढूंढ़ता था, यह तुलना करने के लिए कि मैं तो बहुत दे रहा हूं पर मुझे मिल नहीं रहा है तो फिर आशा किस चीज के लिए क्योंकि मुझे तो सब कुछ प्रेम होने में ही मिल जाता है। ऐसी प्रेम वाली अवस्था सत्गुरु ही बख़्शते हैं।
    सत्गुरु का कोई भी इशारा, कोई भी शब्द साधारण नहीं होता है। इनकी हर एक चीज़ में राज़ है, शिक्षा है। इशारे इस रूप से दिए जा रहे हैं कि जीवन पूरे के पूरा परिवर्तित हो सकता है पर 'वेखण वाली अख नहीं अर्थात् आंख भी इनकी मिल सके ताकि जीवन भी इनके अनुसार जिया जा सके।
    हम पानी को नहीं बोलते हैं कि प्यास बुझाओ, सूरज को नहीं बोलते हैं धूप दो; हम अग्नि को नहीं बोलते हैं कि गर्माहट दो, पानी का तो गुण-धर्म है प्यास बुझाना, सिर्फ पीने की देरी है। सूरज रोशनी दे रहा है बस अपने घर की खिड़की, दरवाजे खोलने की देरी है, पर्दे हटाने की देरी है। इसी प्रकार सत्गुरु साकार जहां चल रहे हैं, जहां विराजमान हैं; जहां साकार रूप में विराजमान नहीं भी हैं, ये कृपा तो निरन्तर कर रहे हैं, इनको कहने की जरूरत भी नहीं है । हमें ही नहीं बल्कि सारी मानवता को, जो इस
    ब्रह्म से परिचित नहीं है; उनको भी इशारे मिल रहे हैं कि जीवन में अपनी उलझनों का जो बोझ उठा कर चल रहे हो, उससे मुक्त हो जाओ। जीवन ऐसे जिओ जैसे एक नाव के ऊपर बैठ कर नदी को पार किया जाता है पर इन्सान नाव को सिर पर उठा कर चला जा रहा है और सोच रहा है। कि मैं नदी पार कर रहा हूं और मैं कितना महान हूं कि मैंने इतनी बड़ी नाव को सिर पर उठा रखा है। वह अपनी नासमझी को महानता समझ रहा है, अपनी अज्ञानता को ज्ञान मान रहा है और सोचता है कि मुझसे बेहतर कोई भी नहीं है ।
    परमात्मा को कल्पना मात्र में ही रखने की ज़रूरत नहीं है। जो बोझ छोड़े जा सकते हैं उनको छोड़ दिया जाए । यह जो भारीपन भरा हुआ है जीवन में, उसको हल्का कर लिया जाए। एक झूठ वाला जीवन एक सोता हुआ जीवन एक मृत जीवन को जीवित कर लिया जाए; ऐसा जीवन सारी ही मानवता के हिस्से में आए।
  • Zábava

Komentáře • 8

  • @JagtarSingh-cj1ze
    @JagtarSingh-cj1ze Před rokem +1

    Dhan nirankar ji

  • @satishkanojia7858
    @satishkanojia7858 Před rokem

    Satsanga ji Prem se Kahiye Dhan Nirankar ji Sudiksha Mata Raj 👏pita ji Ek Tu Hi Nirankar ji

  • @satishkanojia7858
    @satishkanojia7858 Před 11 měsíci

    Hey Guru aur Jayanta Nirankar ji guruwar Kuchh Na Leke Aaye Hai Na Lekar jana hai Kuchh karke hi Jana Hai Yahi Soch Hai Aapki Kripa banaa Rahe Shukar Kare Baba Hardev ji Ek Tu Hi Nirankar ji

  • @satishkanojia7858
    @satishkanojia7858 Před rokem

    Dhan Nirankar ji Guruvar ji Mai Tenu Sar Na Manu box do👏

  • @NehaNeha-vi9uz
    @NehaNeha-vi9uz Před rokem

    Dhan nirankar ji🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

  • @adityatiwari8314
    @adityatiwari8314 Před rokem +2

    Sasangat Ji Bade Pyar Se Khana Dhan Nirankar Ji 🙏🏻🙏🏻💐💐

  • @NehaNeha-vi9uz
    @NehaNeha-vi9uz Před 11 měsíci

    Dhan nirankar ji