Where do Hindu word come from? । HINDUISM IN INDIA । HINDU RELIGION HISTORY
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- čas přidán 5. 09. 2024
- आजकल सड़कों और शहरों के नाम ये कहकर बदले जा रहे हैं कि वे बाहर से आए शासकों या व्यक्तियों के नाम पर हैं। लेकिन वे उस नाम या पहचान को नहीं बदलते जो दरअसल विदेशियों द्वारा ही दी गई और वह उनकी पहचान के तौर पर दुनिया भर में स्थापित हो चुकी है। विदेशियों द्वारा दी गई ये पहचान है हिंदू शब्द। हिंदू शब्द भारत में या किसी भारतीय भाषा से पैदा नहीं हुआ है। सवाल उठता है कि ये हिंदू शब्द कैसे आया, कहाँ से आया? कैसे एक पूरी आबादी की पहचान से किस तरह से ऐसे जुड़ गया कि अब उसे अलगाना ही असंभव हो गया है? जाने माने सामाजिक कार्यकर्ता एवं इतिहास के जानकार प्रो. राम पुनियानी से प्रो. मुकेश कुमार की बातचीत-
Nowadays the names of streets and cities are being changed saying that they are after the rulers or persons who came from outside. But they do not change the name or identity that was actually given by foreigners and that has become established around the world as their identity. This identity given by foreigners is the word Hindu. The word Hindu is not originated in India or from any Indian language. The question arises that how did this word Hindu come, where did it come from? How did an entire population become so attached to the identity that it is now impossible to separate them? Eminent social worker and historian Prof. Ram Puniyani to Prof. Mukesh Kumar's conversation
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#hindu #hinduism #sachkasamna
बहुत ही सटीक जानकारी देने के लिये बहुत-बहुत धन्यवाद
धर्म सनातन है इसको उलट कर हम ही सनातन है ऐसा प्रचारित किया जाने लगा ।
हिन्दू शब्द की उतपत्ति के विषय में आपका प्रस्तुत शोध अत्यंत सीमित लगा ....मुस्लिम लोगों ने स को ह बना दिया यह एक बहुत बड़ी भ्रांति है । स से ह कैसे बना इसके लिए आपको पंजाब या पंजाबी भाषा को समझना होगा ।
S se h nahin banaya pharsi log s ko h uchharan karte thaiy abhi aap bihar mein jaaiye woh s ko sh aur sh ko s uchharan karte hein
बिहारि य लाइ ज बोल्छ
मुकेश जी हमें भारत देश की सामाजिक सच्चाई बताने के लिए आप का बहुत बहुत धनयबाद
@@sumityadav7nastik.with.science nahi
@@sumityadav7nastik.with.science chusalman+ 72 hoore🤣🤣🤣
आदरणीय @gargvijay8972🙏!
श्री पुनियानी पूरी तरह से सही नहीं हैं। यह हमारे देश की एक बड़ी समस्या है.
भारत में इतिहास एक बहुत ही चिंताजनक विषय है। इतिहास पर कुछ भी बात करें, कुछ समर्थन करेंगे, कुछ विरोध.
स्थिति ऐसी क्यों है?
स्वतंत्रता संग्राम काल में भारतीय हिन्दू धर्म को लेकर विभाजित थे। परम्परागत हिन्दू, हिन्दू धर्म के पक्षधर थे। महात्मा फुलेजी, डॉ. अम्बेडकरजी और पेरियारजी जैसे समाज सुधारक हिन्दू धर्म के विरोधी थे। वे हिन्दू धर्म को निम्न धर्म समझते थे। इसलिए उस काल की सत्तारूढ़ हिंदू पार्टी, कांग्रेस पार्टी ने नेहरूजी के नेतृत्व में हिंदू धर्म की स्थिति पर एक पवित्र समझौता अपनाया।
और इसलिए उनकी सरकार में हिंदू धर्म के दो चरमपंथ शामिल थे.... वह हैं माननीय डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकरजी और माननीय शमाप्रसाद मुखर्जी (सावरकरजी के शिष्य और वर्तमान भाजपा के पिता)
समय के साथ, चीजें गलत हो गई हैं।जिस व्यक्ति ने देश को एकता के सूत्र में पिरोया, वह अब गद्दार है।सावरकर को पाठ्यपुस्तक में शामिल करने और नेहरू को हटाने की हालिया घटना भी इसी हास्यास्पद प्रवृत्ति का हिस्सा है।
मैं बुनियादी मुद्दे पर इस विरोधाभास को दूर करने के लिए एक लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए सबसे सही तरीका बता रहा हूं। इस विरोधाभास ने जाति या धर्म या राजनीतिक झुकाव के आधार पर इतिहास के विभिन्न संस्करणों को जन्म दिया है। ऐसा इतिहास बहुत गंभीर धार्मिक और जातिगत विवादों का कारण बन रहा है। इसने हमारे देश को मूर्ख राष्ट्र में बदल दिया है। हमें इतिहास पर एकमत होने की जरूरत है. इतनी बुनियादी बात हम सुलझा नहीं पाते और दावा करते हैं विश्वगुरु होने का. हकीकत तो यह है कि मूर्खता में हम विश्वगुरु हैं।
मूलतः इतिहास एक शैक्षणिक विषय है। लेकिन भारत में यह एक राजनीतिक उपकरण बन गया है।इसे अकादमिक विषय बनाने के लिए हमें संघर्षों, विरोधाभासों का समाधान करना होगा।
मैं इतिहास, जाति और धर्म से संबंधित विवादों को सुलझाने के लिए देशव्यापी चर्चा करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। मैंने 2012 में अपनी नौकरी छोड़ दी और इन विषयों का अध्ययन करना शुरू कर दिया और अब सरकार के आशीर्वाद से मैं देशव्यापी चर्चा करने की स्थिति में हूं।सरकारी सहयोग जरूरी है.
मैं देश के हर नागरिक को इसमें शामिल करना चाहता हूं. मैंने आवश्यकताओं के अनुरूप चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिंदुओं पर उचित ध्यान देता है
1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल आबादी जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य का पता लगाने में सक्षम है।
कृपया राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें और साझा करें। आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें।
अवधूत जोशी
छत्रपति शिवाजी महाराजजी ने "हिंदवी स्वराज्य" इस शब्द का उपयोग किया था। 🙏
हिंदवी मतलब हिंदू नही
सही कहा
sambhaji unke putra ne varn dharm ka prayog kiya
*तिरंगा तो हर मन में है,*
*घर घर तो रोजगार चाहिए।*
*मंहगाई से छुटकारा चाहिए।*
*जातिवाद से मुक्ति चाहिए।*
*नफ़रत मुक्त भारत चाहिए।*
*
*राजनीति की गंदगी से आजादी चाहिए।*
🇮🇳 *तिरंगा तो हम लहराते आए हैं और लहराएंगे, तुम तो देश की इन समस्याओं पर ध्यान दो साहेब।*
🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
Right
Rojgar ke liye mehnat karna hota hai.
Allah bhi Sabke man mein hai to namaj Kyon padhna, Bhagwan bhi Sabke man mein hai to mandir Kyon Jana
@@up8199 KHANA BHI khaate ho ya SIRF NAARE laga laga kar peit bhar JATA hai , chaal ko samajho yaar , sattah HAASIL KARNE KE liye Hinduism POORAV CAG VINOD RAI NE sab clear kar DIYA hai . CAG KA HI PATA NAHIN HOGA SHAYAD ?
Tiranga.ka.samman.pahle.rss.walo.ko.sikhaeye
मुकेशजी विदेशी यो ने हमें जीना सिखाया था, वे हमें सभ्य बनाने आए थे, और सभ्य बनाकर अपने देश चले गए, हमे उनका आभारी होना चाहिए।
तो फिर वेद पुराण और गीता भी वही लिख के गए?
गजब का ज्ञान बांट रहे हो।
एहसान मान लो उनका सभ्य बना के गए, बड़ी हमदर्दी थी उन्हें सनातनियों से या हमारी संस्कृति बर्बाद कर गए?
Mukesh sir , आप लोगों के विश्लेषण से तो यह पता चलता है कि ' हिंदू ' कोई धर्म है हि नहीं.... लेकिन , यह बात अगर कोई 'गैर हिंदू ' कह दे तो बवाल मच जाएगा....;
😂
Kuchh kahney ki zaroorat nhi, khamoshi behtar hai.
Muze to wo dharm pasand h jisme bum fodne pr 72 hoore milti hai 🤣🤣🤣🤣
@@ayazfarooqui4491 muze to wo dharm pasand h jisme bum fodne pr 72 hoore milti hai 🤣🤣🤣
Unse bda pakhandi kaun hoga
🤣🤣🤣🤣🤣
@@ravisinha517 तो , उस धर्म को ही अपना लो , भाई.... रोका किसने है....?
हम और हमारे धर्म ग्रंथ धर्म पर जोर देते हैं और उपासना पद्धति की स्वतंत्रता देते है
सबका मालिक ,पालक और मंजिल एक ही " कुदरत " है !
बस जीवन के सफ़र के रास्ते अलग - अलग है !
सत्यमेव जयते 🙊🙈🙉 🇮🇳🌳🌾🌱❤️🙏
Very True, Sir!!!
today hinduism means anti-islam (and anti-christianity, but in christian lands, christianity also is anti-islam). because islam is worship of One Creator. others are multiple "gods".
पिछले सैकड़ों साल से यही कहते आए है कि सबका मालिक एक पर यहां तो राग ही एकतरफा गया जा रहा है हम तुम्हारे धर्म पे सवाल उठाएंगे कि कब आया कैसे आया ये सवाल उस धर्म के अनुयाई उठा रहे है जब हिन्दू धर्म अपने चरम पर था तब इनका पता भी नहीं था उस पर तुर्रा ये कि अगर कोई उनके धर्म पर बोल दे तो सिर तन से जुदा ।दुनिया में एक भी मुल्क ऐसा नहीं जहा के बहुसंख्यकों के खिलाफ बोलने की हिम्मत कर सके यहां तो बहुसंख्यकों की गर्दन काटी जा रही है और प्रतिक्रिया में हम चुप है क्योंकि हम देश से इसकी व्यवस्था से प्यार करते है और देश की उन्नति चाहते है
@@sumityadav7nastik.with.science नास्तिक ➡️ प्लास्टिक 🤣🤣
Abe chup fir.varn.vyvastha kyon hai.tbhi jati vyavastha hai
राम पुनियानी जी जैसे लोगों को सलाम है।🙏
सच मे आश्चर्य होता है, आज भी लोग इतने स्वतन्त्र विचारधारा के है, धन्यवाद सर.👌👌
@@sumityadav7nastik.with.science chuslman+ 72 hoore
Islma dharm pr inki awkad nhi bol ske 🤣🤣🤣🤣
Aur swantra ptrakar nhi chatukar ptrakar h
dabholkar, gauri lankesh etc ko bhi naman karo
१. भारत देश का नाम कैसे और किसने दिया? २.आद्य जगद्गुरु शंकराचार्य किस कालखंड में हुए?
३. उन्होंने हिंदू और हिंदुधर्म के लिए क्या कार्य किया?
इन बातों को लेकर इस व्हिडिओ में कुछ नहीं कहां गया।
हिंदू के बारे में कहीं गई बातों से पुर्ण समाधान नहीं होता, हिंदू के बारे में कहीं गई गोलमोल बातें से हिंदूओंकी स्तुती है या निंदा ये भी स्पष्ट नहीं होता। 🇮🇳❤️🚩 वंदे मातरम।
आदरणीय 🙏!
श्री पुनियानी पूरी तरह से सही नहीं हैं। यह हमारे देश की एक बड़ी समस्या है.
भारत में इतिहास एक बहुत ही चिंताजनक विषय है। इतिहास पर कुछ भी बात करें, कुछ समर्थन करेंगे, कुछ विरोध.
स्थिति ऐसी क्यों है?
स्वतंत्रता संग्राम काल में भारतीय हिन्दू धर्म को लेकर विभाजित थे। परम्परागत हिन्दू, हिन्दू धर्म के पक्षधर थे। महात्मा फुलेजी, डॉ. अम्बेडकरजी और पेरियारजी जैसे समाज सुधारक हिन्दू धर्म के विरोधी थे। वे हिन्दू धर्म को निम्न धर्म समझते थे। इसलिए उस काल की सत्तारूढ़ हिंदू पार्टी, कांग्रेस पार्टी ने नेहरूजी के नेतृत्व में हिंदू धर्म की स्थिति पर एक पवित्र समझौता अपनाया।
और इसलिए उनकी सरकार में हिंदू धर्म के दो चरमपंथ शामिल थे.... वह हैं माननीय डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकरजी और माननीय शमाप्रसाद मुखर्जी (सावरकरजी के शिष्य और वर्तमान भाजपा के पिता)
समय के साथ, चीजें गलत हो गई हैं।जिस व्यक्ति ने देश को एकता के सूत्र में पिरोया, वह अब गद्दार है।सावरकर को पाठ्यपुस्तक में शामिल करने और नेहरू को हटाने की हालिया घटना भी इसी हास्यास्पद प्रवृत्ति का हिस्सा है।
मैं बुनियादी मुद्दे पर इस विरोधाभास को दूर करने के लिए एक लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए सबसे सही तरीका बता रहा हूं। इस विरोधाभास ने जाति या धर्म या राजनीतिक झुकाव के आधार पर इतिहास के विभिन्न संस्करणों को जन्म दिया है। ऐसा इतिहास बहुत गंभीर धार्मिक और जातिगत विवादों का कारण बन रहा है। इसने हमारे देश को मूर्ख राष्ट्र में बदल दिया है। हमें इतिहास पर एकमत होने की जरूरत है. इतनी बुनियादी बात हम सुलझा नहीं पाते और दावा करते हैं विश्वगुरु होने का. हकीकत तो यह है कि मूर्खता में हम विश्वगुरु हैं।
मूलतः इतिहास एक शैक्षणिक विषय है। लेकिन भारत में यह एक राजनीतिक उपकरण बन गया है।इसे अकादमिक विषय बनाने के लिए हमें संघर्षों, विरोधाभासों का समाधान करना होगा।
मैं इतिहास, जाति और धर्म से संबंधित विवादों को सुलझाने के लिए देशव्यापी चर्चा करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। मैंने 2012 में अपनी नौकरी छोड़ दी और इन विषयों का अध्ययन करना शुरू कर दिया और अब सरकार के आशीर्वाद से मैं देशव्यापी चर्चा करने की स्थिति में हूं।सरकारी सहयोग जरूरी है.
मैं देश के हर नागरिक को इसमें शामिल करना चाहता हूं. मैंने आवश्यकताओं के अनुरूप चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिंदुओं पर उचित ध्यान देता है
1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल आबादी जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य का पता लगाने में सक्षम है।
कृपया राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें और साझा करें। आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें।
अवधूत जोशी
भाषा ज्ञान पर सार्थक व्याख्या ।🙏👍
बहुत दिन से इस vedio का इंतज़ार था sir
पुनियानी जी का धन्यवाद 🙏🙏
@@sumityadav7nastik.with.science 😁😁😁
मानव संसाधन धड़ों में बटेगा तो झगड़े बढ़ेंगे ही। एकरुपता से आगे बढ़ेगा
आदरणीय मुकेश जी, पुनियनी जी सादर प्रणाम
मैं देहाती अल्प शिक्षित हूँ, क्षमा चाहता हूँ हिन्दू शब्द अरबी भाषा का है जिसका हिन्दी अर्थ है शरण देने वाला, भूमण्डल पर पहाड़ी, पठारी, मारू भूम मैदानी और समुद्री क्षेत्र थे और क्षेत्र के अनुसार मानव जाति के गुण धर्म थे , पहाड़ी शांति एकांत, पथरी आत्म विश्वासी, marubm भूखे में लूटेरे तो मैदानी वाले सम्पन्न दयवान थे
Puniyani ji really you provide a strong and excellent explanation for Indian History,
Salute your knowledge of scholar
Brahmin word has been firstly used in brahmin mythological books only.
@@sumityadav7nastik.with.science @mundu
Pahle jab koi tha hi nhin to Ham samgra ki Bodh wale shabd ki pahchan ke taur par kyun apni pehchan batate...
Ab jab saare samuday ke dusman khade hain sajis ke taur par aur sangathit hokar to aap kya sabit karne ko tule hain???
Nafrat felata hua Bhimta
@@jai_ji499 सत्य बात कड़वा लगता है
@@sumityadav7nastik.with.science ye kiya badtamzi hai dost
धर्म के सद्गुण लक्षण ही हिन्दू समाज का धर्म है धर्म शब्द संस्कृत भाषा का है जो हिन्दू समाज कि देन हैं
अब तो सिर्फ भारत का संविधान ही हम भारतीयों का धार्निक ग्रंंथ है
But aap logo ka to ek hi granth hai islam
@@vinodbhandari6679 aur tumhara mnnusmriti
@@wall3423 ha
आदरणीय @ramchandraraipure7573🙏!
श्री पुनियानी पूरी तरह से सही नहीं हैं। यह हमारे देश की एक बड़ी समस्या है.
भारत में इतिहास एक बहुत ही चिंताजनक विषय है। इतिहास पर कुछ भी बात करें, कुछ समर्थन करेंगे, कुछ विरोध.
स्थिति ऐसी क्यों है?
स्वतंत्रता संग्राम काल में भारतीय हिन्दू धर्म को लेकर विभाजित थे। परम्परागत हिन्दू, हिन्दू धर्म के पक्षधर थे। महात्मा फुलेजी, डॉ. अम्बेडकरजी और पेरियारजी जैसे समाज सुधारक हिन्दू धर्म के विरोधी थे। वे हिन्दू धर्म को निम्न धर्म समझते थे। इसलिए उस काल की सत्तारूढ़ हिंदू पार्टी, कांग्रेस पार्टी ने नेहरूजी के नेतृत्व में हिंदू धर्म की स्थिति पर एक पवित्र समझौता अपनाया।
और इसलिए उनकी सरकार में हिंदू धर्म के दो चरमपंथ शामिल थे.... वह हैं माननीय डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकरजी और माननीय शमाप्रसाद मुखर्जी (सावरकरजी के शिष्य और वर्तमान भाजपा के पिता)
समय के साथ, चीजें गलत हो गई हैं।जिस व्यक्ति ने देश को एकता के सूत्र में पिरोया, वह अब गद्दार है।सावरकर को पाठ्यपुस्तक में शामिल करने और नेहरू को हटाने की हालिया घटना भी इसी हास्यास्पद प्रवृत्ति का हिस्सा है।
मैं बुनियादी मुद्दे पर इस विरोधाभास को दूर करने के लिए एक लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए सबसे सही तरीका बता रहा हूं। इस विरोधाभास ने जाति या धर्म या राजनीतिक झुकाव के आधार पर इतिहास के विभिन्न संस्करणों को जन्म दिया है। ऐसा इतिहास बहुत गंभीर धार्मिक और जातिगत विवादों का कारण बन रहा है। इसने हमारे देश को मूर्ख राष्ट्र में बदल दिया है। हमें इतिहास पर एकमत होने की जरूरत है. इतनी बुनियादी बात हम सुलझा नहीं पाते और दावा करते हैं विश्वगुरु होने का. हकीकत तो यह है कि मूर्खता में हम विश्वगुरु हैं।
मूलतः इतिहास एक शैक्षणिक विषय है। लेकिन भारत में यह एक राजनीतिक उपकरण बन गया है।इसे अकादमिक विषय बनाने के लिए हमें संघर्षों, विरोधाभासों का समाधान करना होगा।
मैं इतिहास, जाति और धर्म से संबंधित विवादों को सुलझाने के लिए देशव्यापी चर्चा करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। मैंने 2012 में अपनी नौकरी छोड़ दी और इन विषयों का अध्ययन करना शुरू कर दिया और अब सरकार के आशीर्वाद से मैं देशव्यापी चर्चा करने की स्थिति में हूं।सरकारी सहयोग जरूरी है.
मैं देश के हर नागरिक को इसमें शामिल करना चाहता हूं. मैंने आवश्यकताओं के अनुरूप चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिंदुओं पर उचित ध्यान देता है
1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल आबादी जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य का पता लगाने में सक्षम है।
कृपया राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें और साझा करें। आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें।
अवधूत जोशी
Main Bhartiya hun, Aur Main Aadivasi jaati se hun, aur Main Isai Dharm me Vishwas rakhti hun.
Puniyani ji aapne bahut hi sundar saral shabdo me samjhaya. Janta KO samajhne me asani huwi hai. Thank you so much Sir. Thank you to mukesh sir also
@@sumityadav7nastik.with.science नास्तिक ➡️ प्लास्टिक ➡️ गपास्तिक 🤣🤣🤣🖕
@@sumityadav7nastik.with.science आ गए अपनी नीचता पर 😁😁
@@sumityadav7nastik.with.science कुछ ना हो तो गाली दो यही नास्तिक होता है 🤮🤮🤮🤮
I love Ram Puniyani style of explanation, he has in depth knowledge of history of our country. God bless him, may his tribe rise in our country. Goor job by Sathya TV.
सन् १९९५ में सुप्रीम कोर्ट्स ने निर्णय दिया कि हिंदू धर्म कोई धर्म नहीं है बल्कि मुग़लों द्वारा दी हुई गाली है इस पर आप की क्या राय है कृपया बताएँ ।
right
सुप्रीम कोर्ट ने दीयां हुवां फैसला सही हीं है । एक गाली वालें हीं दु धर्म में कौन ढलान समझदार आदमी रहेगां ?
तबसे मैंने तो हीं दु धर्म छोड़ हीं दीयां है ।
अब मैंने माणवतावादी तथागत बुद्ध कां बौध्द धम्म अपना लीया है । ।
कोर्ट ने जो कहा गलत नही कहा ।और मुगलो ने जो हिंदू कहा वो भी गलत नही कहा । हमारा देस हिंद महासागर से जादा मिला हुआ है इसलिए अरबो ने इस भू भाग को हिंद कहा और हिंद में रहने वालें सारे लोगो को हिंदी कहा और आज भी अरब में हिंदुस्तान में रहने वाले सभी लोगों को हिंदी कहते है पर भारत में रहने वाले लोग खुद को हिंदू कहते है । और जब मुस्लिम धर्म यहां आया तो दो धर्मो की पहचान अलग हो इसलिए सनातनियो ने खुद को हिंदू कहने लगे और दूसरा धर्म इस्लाम जो मुसलमान होते थे ।
आपकी बात सत्य है मैंने भी वह न्यूज़ पड़ी है वो पत्रिका भी मेरे पास है
जो हम पर टैग लगाया गया कि हम हिंदू हैं हम हिंदू नहीं है ना ही हमारे पूर्वज हिंदू थे जय भीम नमो बुद्धाय
बहूतेक बहूतेक धन्यवाद
बढिया जानकारी दी है आपने 👌🙋♂️🇮🇳
सत्य तो अक्सर नंगा सामने आता है,झुठ हमेशा नये नये लिबास पहने रहता है वह उसकी जरुरत होती है.
धन्यवाद साहब यह जानकारी देने के लिए
Bahut achchi sahi bat ki.dhanyvad
Very interesting and knowledgeable program.
@@dallah72hoorwala12 😄😄😄😄आ गया टुन्नी.......
@Yezmin Yaseen Superior Bomb fodne mai.
@Yezmin Yaseen O tao dekh raha hai,Commonwealth game mai Pakistan ka kustibeero ko pata chala geya kitna tis maar khan ho tumlog.Jawahari America ne bhej diya 72 hooro ke pass.
@Yezmin Yaseen Ajkaal Hum chamar hi Dunia ka Top MNC ka CEO ban raha hai.OR tumlog Ugrabaadi kutte ka maot mar rahe ho.
Tujhe badi padi hai, hinduon ko muslim banana chahta hai
सबका पहचान भारतीय से होना चाहिए
शत्य ईतिहास भारत का अाच्छा लगा ये भिडीयाे शन्देस धन्यबाद सर 🙏
Wah keya charcha hai,,,, very good 👍 lntervew,,prof, Dr Ram puniyani,,
Mukesh Kumar ji and Dr. Ram puniyani ji thank you so much for this snow.
He is talking more about Religions NOT about The Origin of The Word Hindu. He Himself appears to be pretty Confused or uncertain. Little knowledge is a dangerous thing. One Must Study The World's History. Period & Date wise.These are The Reasons Hindu Religion is Considered as Mythology & is interpreted as Hinduism. However This discussion was almost out of Context & couldn't produce concrete Logic. The first & formost Point is, that we all are The Living Creatures as Human beings, Created by The Sovereign & Almighty GOD. Meant to Live in PEACE with each other & to Love & Respect every Human Race. GLORY to GOD Alone forever Amen. 🙏👍🙏
धन्यवाद बहुत कुछ नया जानने मिला ।।।
Ha to ab khud ko hindu mat bolna
Or sanatani kahalwane ka Hak tumko hai hi nhi qki tum sanatan ki raah pe Chloe hi nhi
Apne bahut sary batoonko bataya iskeliye apkomobarakbad
Mukeshji , pl do a show on Jain philosophy also. People know very little about Mahavir bhagwan.
कुछ दिन ही सही, आंधी आयीं तो है,
क्या पता हवा किस रुख़ से चले,
दिल में वतन की खुश्बू लहेरायी तो है! 🇮🇳
१. भारत देश का नाम कैसे और किसने दिया? २.आद्य जगद्गुरु शंकराचार्य किस कालखंड में हुए?
३. उन्होंने हिंदू और हिंदुधर्म के लिए क्या कार्य किया?
इन बातों को लेकर इस व्हिडिओ में कुछ नहीं कहां गया।
हिंदू के बारे में कहीं गई बातों से पुर्ण समाधान नहीं होता, हिंदू के बारे में कहीं गई गोलमोल बातें से हिंदूओंकी स्तुती है या निंदा ये भी स्पष्ट नहीं होता। 🇮🇳❤️🚩 वंदे मातरम।
आदरणीय @so-luckyvijay7460🙏!
श्री पुनियानी पूरी तरह से सही नहीं हैं। यह हमारे देश की एक बड़ी समस्या है.
भारत में इतिहास एक बहुत ही चिंताजनक विषय है। इतिहास पर कुछ भी बात करें, कुछ समर्थन करेंगे, कुछ विरोध.
स्थिति ऐसी क्यों है?
स्वतंत्रता संग्राम काल में भारतीय हिन्दू धर्म को लेकर विभाजित थे। परम्परागत हिन्दू, हिन्दू धर्म के पक्षधर थे। महात्मा फुलेजी, डॉ. अम्बेडकरजी और पेरियारजी जैसे समाज सुधारक हिन्दू धर्म के विरोधी थे। वे हिन्दू धर्म को निम्न धर्म समझते थे। इसलिए उस काल की सत्तारूढ़ हिंदू पार्टी, कांग्रेस पार्टी ने नेहरूजी के नेतृत्व में हिंदू धर्म की स्थिति पर एक पवित्र समझौता अपनाया।
और इसलिए उनकी सरकार में हिंदू धर्म के दो चरमपंथ शामिल थे.... वह हैं माननीय डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकरजी और माननीय शमाप्रसाद मुखर्जी (सावरकरजी के शिष्य और वर्तमान भाजपा के पिता)
समय के साथ, चीजें गलत हो गई हैं।जिस व्यक्ति ने देश को एकता के सूत्र में पिरोया, वह अब गद्दार है।सावरकर को पाठ्यपुस्तक में शामिल करने और नेहरू को हटाने की हालिया घटना भी इसी हास्यास्पद प्रवृत्ति का हिस्सा है।
मैं बुनियादी मुद्दे पर इस विरोधाभास को दूर करने के लिए एक लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए सबसे सही तरीका बता रहा हूं। इस विरोधाभास ने जाति या धर्म या राजनीतिक झुकाव के आधार पर इतिहास के विभिन्न संस्करणों को जन्म दिया है। ऐसा इतिहास बहुत गंभीर धार्मिक और जातिगत विवादों का कारण बन रहा है। इसने हमारे देश को मूर्ख राष्ट्र में बदल दिया है। हमें इतिहास पर एकमत होने की जरूरत है. इतनी बुनियादी बात हम सुलझा नहीं पाते और दावा करते हैं विश्वगुरु होने का. हकीकत तो यह है कि मूर्खता में हम विश्वगुरु हैं।
मूलतः इतिहास एक शैक्षणिक विषय है। लेकिन भारत में यह एक राजनीतिक उपकरण बन गया है।इसे अकादमिक विषय बनाने के लिए हमें संघर्षों, विरोधाभासों का समाधान करना होगा।
मैं इतिहास, जाति और धर्म से संबंधित विवादों को सुलझाने के लिए देशव्यापी चर्चा करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। मैंने 2012 में अपनी नौकरी छोड़ दी और इन विषयों का अध्ययन करना शुरू कर दिया और अब सरकार के आशीर्वाद से मैं देशव्यापी चर्चा करने की स्थिति में हूं।सरकारी सहयोग जरूरी है.
मैं देश के हर नागरिक को इसमें शामिल करना चाहता हूं. मैंने आवश्यकताओं के अनुरूप चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिंदुओं पर उचित ध्यान देता है
1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल आबादी जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य का पता लगाने में सक्षम है।
कृपया राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें और साझा करें। आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें।
अवधूत जोशी
I AM HUNDRED TIMES THANKFUL TO PUNYANI JI AND KUMARJI THE Y ARE REALLY TRUTH SPEAKING HUMAN THANKS TO THEM FROM MY INNER HEART
मोहम्मद के बारे में भी सच्चाई सुननी है
Sach sunke ke kai logo ko kabziyat ho gai hai.....
@@akaa-gl9ve Muhammad peace be upon him ki tarif ved me v mil jayega...
Ved aapke pass hai to bolye...
कुछ लोगौं का धर्म सिर्फ और सिर्फ जबरिया है।है कुछ नहीं बताओ और तीन लो सबका सब कुछ करो कुछ नहीं ऐश करो सबकुछ,मिशाल के तौर पर,साधु संतों ने बांधी गांठ बहुजन पाये सौ में साठ,बहुजनौं ने ललकारा है नब्बे भाग हमारा है।लेकीन ये दस परसैंट लुटेरे हमारा नब्बे प्रतिशत भाग चुराए बैठे हैं।जो इन्हें बिहार की तरह आखिर देना ही पड़ेगा।जय भीम, खुदा हाफ़िज़, जय मंडल, जय संविधान, जय विज्ञान।
Islam ka bara ma truth bol denga to Thanks bologa ya gala katoga
Mukesh kumar jee aap sht sht namn jug jug jiyo imandari ke sath🍎🍎🍎🥊🥊🥊🚜🚜🚜🏓🏓🚜🚜🥊🥊🥊🍎🍎🥊🥊🍅🚛🚛🍓🍅🍒🍒🥊🥊🥊
मुगलों ने यहाँ के पराजित लोगों को दिया हुआ नाम है हिन्दू ।
कोन से मुग़ल ने दिया व किस किताब में लिखा है। हिनदवा सूर्य महाराणा प्रताप। हिमालय से लेकर समूद तक जो भूभाग है वह भारत देश है उसमें रहने वाले को हिन्दू कहां जाता है
@@jagdishvaishnav6128 mughlo ka phala koi hindu word ki koi history nahi thi
@@kingsharukhkhan हिन्द महासागर का नाम कबसे पड़ा किसने रखा अरबों को एक से लेकर जीरो शुन्य का ज्ञान भारत ने दिया जिसको अरबी लोग हिन्दसा कहते थे ये बात हजारों वर्षों पुरानी है हि से हिमालय इंदू से समूद तक जो भूभाग है उसमें रहने वाले को हिन्दू कहां जाता रहा है इस पूरे भूभाग में दूसरे मत पंथ मजहब का एक भी दूसरे नहीं थे
@@kingsharukhkhan hindu shbd 2500 purana hai ,Darius ka inscription
@@jagdishvaishnav6128 ha ha 😂😂😂😂😂😂😂😂 desh ki koi bhasha me hindu shabd nahi hai 4 vedon me HINDU shabd nahi hai 18 purano me hindu shabd nahi hai 108upnishad me hindu shabd nahi hai lekin ek bhasha me hindu shabd hai o hai farashi jiska arth hota hai kala chor daku nakta butaka
सर आप लगातार मेहनत करते रहिए हम आपके जी जान से साथ हैं और आप जो यह पुण्य का काम करते हैं सबसे को उजागर करके उसके लिए आपको ढेर सारी शुभकामनाएं बहुत ही सराहनीय कदम
Dr. Punyani is a gem of man. How erudite and balanced are his views!
आजकल कुछ लोग हैं जो हिंदू धर्म पर खोज कर रहे हैं हमारे महा पुरुष जो लिखे उसपर इनको बिसवास नहीं है जो बआंमपथी बिचार धारा के लोग लिखें उस पर भरोसा रखते हैं ये बेसरमी लोग हमारे हिन्दू धर्म और हिन्दू इतिहास को षणयंत के तहत खत्म करने में लगे रहते हैं लेकिन कितने आततायी आये और मिट गए सनातन संस्कृति कोई भी धर्म को खत्म नहीं कर सका अगर इन इतिहास कार में हिम्मत है तो किसी बिसेश धर्म पर बोले दूसरे दिन सायद बोलने लायक नहीं रहेंगे नहीं उस समय पर रहने वाले लोगों को जानवर बोला जाता है सही है न यही आप सुनना चाहते हों मैं ही बता दिया अब तो खुसी हुई होगी
बाबा साहब खुद मुसलमान क्यों नहीं बने अगर बाबा साहब को हिंदू धर्म से नफ़रत थी बाबा साहब ने कभी भी हिंदू बिरोधी नहीं थे हां छुआ छूत से परेशान थे यह सही है छुआ छूत समाज हित में नहीं था मुकेश जी धर्म परिवर्तन की आजादी है कोई दबाव नहीं है कि न चाहते हुए भी धर्म का पालन करें जिस धर्म से आप प़भावित है वहां पर भी अलग अलग तरह से मानने वाले लोग हैं और छुआ छूत है कहो तो मैं। प़माण दे सकता हूं क्या जो दलित भाई धर्म परिवर्तन किया वो आज समान रूप से उस समाज में है
Respected @francisp9509 🙏!
Mr.Puniyani is not totally correct.
History in India is a very disturbing subject. That is a big problem of our nation. Talk anything on history, some will support, some will oppose. Why is the situation like this?
In freedom struggle period, Indians were divided on Hindu religion. Traditional Hindu were in favor of Hindu religion. Social reformers like Mahatma Fuleji, Dr.Ambedkarji and Periyarji were against Hindu religion. They thought of Hindu religion as inferior religion.
Hence the ruling Hindu party of that period, Congress party under leadership of Nehruji adopted a sacred compromise on position of Hindu religion. And hence his government included two extremes of Hindu religion....that is Honorable Dr.Babsaheb Ambedkarji and Honorable Shamaprasad Mukherji( disciple of Sawarkarji and father of present BJP)
With time, things have gone wrong. The person who achieved unity of nation in freedom struggle is now a traitor. The inclusion of Sawarkarji in a text book and removal of Nehruji is also part of this ridiculous trend. This contradiction has given birth to different versions of history based on caste or religion or political inclination. Such history is causing very serious religion and caste conflicts.
Basically history should be an academic subject. But in India, history has became a political tool.
It has converted our nation into stupid nation. We need unanimity on history. We cannot solve such a basic thing and we claim to be Vishwaguru. The reality is that we are world gurus in stupidity.
I want to hold nationwide discussions to resolve history, caste and religion related disputes and I have made 1400 requests to the government by May 2022. I quit my job in 2012 and started studying these topics and now I am in a position to do such nationwide discussions. I want to include every citizen of the country.
I have developed a special system of discussion according to the needs. It gives due attention to the following points
1) The delicate nature of issues like caste and religion 2) The satisfaction of all the participants 3) The vast population of our country consisting of educated and uneducated sections 4) The political system of our country. 5) It is able to find the truth in an unbiased way.
Please support and share idea of nationwide discussion. Let us revive social and religious harmony.
Avdhut Joshi
જય ભીમ જય ભારત જય સંવિધાન સત્ય મેવ જયતે નમો બુદ્ધાય જય મુલ નિવાસી બૈદ્વ મૈં ભારત દેશ કે મુલ નિવાસી બૈદ્વ ભારતીય સંવિધાનિક સૈદ્ધાંતિક સંવિધાન કે આધાર પર
Dr.Ram Puniani is a Noble being.
Nicely explained
हिन्दू शब्द कबीलाई शब्द है जब से इसका प्रयोग बढ़ा है तब से सनातन सोच कबीलाई होती जा रही है।इसका ख़तरनाक असर परिवार समाज व्यवहार में दिख रहा है। राजनीतिक रूप से जरूर लाभकारी सिद्ध हो रहा है।
Mukeshji salute to your guts for coming up with this topic 👏
Islam ke bare mein bhi Kuchh bologe
@@up8199 abey be akal yahi to point hai ki wo Islam ki copy kr rahe hai ,jaise unka ek paigambar hai tum ram ko bana rahe ho ,unka ek holybook hai tum bhi koshish kr rahe ho ,unka ek holy place hai tum ayodhya ko bana rahe ho , jaisaki aamtaur pey har ek dharm ka hota hai jaise Sikhism ya Buddhism lekin ye nahi samjhtey ki hindu ek sandkriti hai ek jeene ka tareeka ek particular area ka aur ismey kai anekta hai isko waise hi rehney dete lekin nahi copy krna hai aur C banana hai
@@sumityadav7nastik.with.science nahi bhai yahi to nahi krna hai sabki apni manyata hai don't disrespect anyone... baat yahapar ye sach batana hai ki hindutva k neta kis tarah se khoot se logo ko gumrah aur Lada rahe hai ..insaan insaan k hi kaam ata hai hum bachpan se insaan ko hi dekhte hai bhagwaan ko to sirf kahaniyo mry hi suna hai so ko real mey exist krta hai usko mardogey jisey dekha.nahi abtak
@@binuvarghese09 wo bhi gu kha rahe hain, ye bhi gu kha rahe hain, same same 😆
correct. dabholkar, gauri lakesh etc paid the price
Thank you Mukesh hi n Puniya ji
Yahi farq hai padhney mei aur ladney mei
किसी दिन भगवा और हिंदुत्व शब्द पर सर पुनियानी जी से चर्चा परिचर्चा हो सर जी 🙏🏻
जय भारत हम सब एक है
Thanks for giving us true information about creation of Hinduism
Thanks to satya news channel for this Programme
१. भारत देश का नाम कैसे और किसने दिया? २.आद्य जगद्गुरु शंकराचार्य किस कालखंड में हुए?
३. उन्होंने हिंदू और हिंदुधर्म के लिए क्या कार्य किया?
इन बातों को लेकर इस व्हिडिओ में कुछ नहीं कहां गया।
हिंदू के बारे में कहीं गई बातों से पुर्ण समाधान नहीं होता, हिंदू के बारे में कहीं गई गोलमोल बातें से हिंदूओंकी स्तुती है या निंदा ये भी स्पष्ट नहीं होता। 🇮🇳❤️🚩 वंदे मातरम।
ऐ नहीं बताएंगे भाई पोल खुल जाएगी
I am very much thankful to Sh Mukesh g and Sh Puniyani g for their truthfulness and honest worth knowledge 🎉
Respected @inderpalsaphiya2389 🙏!
Mr.Puniyani is not totally correct.
History in India is a very disturbing subject. That is a big problem of our nation. Talk anything on history, some will support, some will oppose. Why is the situation like this?
In freedom struggle period, Indians were divided on Hindu religion. Traditional Hindu were in favor of Hindu religion. Social reformers like Mahatma Fuleji, Dr.Ambedkarji and Periyarji were against Hindu religion. They thought of Hindu religion as inferior religion.
Hence the ruling Hindu party of that period, Congress party under leadership of Nehruji adopted a sacred compromise on position of Hindu religion. And hence his government included two extremes of Hindu religion....that is Honorable Dr.Babsaheb Ambedkarji and Honorable Shamaprasad Mukherji( disciple of Sawarkarji and father of present BJP)
With time, things have gone wrong. The person who achieved unity of nation in freedom struggle is now a traitor. The inclusion of Sawarkarji in a text book and removal of Nehruji is also part of this ridiculous trend. This contradiction has given birth to different versions of history based on caste or religion or political inclination. Such history is causing very serious religion and caste conflicts.
Basically history should be an academic subject. But in India, history has became a political tool.
It has converted our nation into stupid nation. We need unanimity on history. We cannot solve such a basic thing and we claim to be Vishwaguru. The reality is that we are world gurus in stupidity.
I want to hold nationwide discussions to resolve history, caste and religion related disputes and I have made 1400 requests to the government by May 2022. I quit my job in 2012 and started studying these topics and now I am in a position to do such nationwide discussions. I want to include every citizen of the country.
I have developed a special system of discussion according to the needs. It gives due attention to the following points
1) The delicate nature of issues like caste and religion 2) The satisfaction of all the participants 3) The vast population of our country consisting of educated and uneducated sections 4) The political system of our country. 5) It is able to find the truth in an unbiased way.
Please support and share idea of nationwide discussion. Let us revive social and religious harmony.
Avdhut Joshi
Sir!
How do you certify Shri.Mukesh and Puniyani for their truthfulness? I will not object their honesty and knowledge. However honesty and knowledge can be wrong. The tools for deciding honesty and truth must be different. Please think over this and support my idea of nationwide discussion.
🙏
Avadhut Joshi
Important knowledge very nice
हम मुस्लमान है लेकिन हम को सऊदी अरब मे हिन्दू बोलते है कियोकि हम हिंदुस्तान मे रहते है आप ने सही कहा
Wo hindu nahi... Hindi boltey hain jsika matlab indian hota hai
Are chuttye tere purvej pahle hindu he thain baad main dharm parivartan karke muslim bane samjhe
Very interesting and informative talk! Tribute from Pakistan
AAP KO NAMAN
"THU HINDU BANE GA NA
MUSALMAN BANE GA
INSAAN KI AULAAD HAI
INSAAN BANE GA"
AAJ HUM 130 KARODE AADMI
HAI LEKIN NEECH SATTA KE LALUCH
SE INSAANIYAT DHARM KE AAD MEIN
HAIVANIAT KA ROOP LE RAHI HAI
CHAAR DIN KI DUNIYAAN HAI
HUMDARD BANO SAR DARD NAHI
DHANYAVAAD
महाभारत में युध्दिष्टिर से यक्ष नें पुछा कि एक व्यक्ति जन्म से उंच-नीच होता है या कर्म से तो युध्दिष्टिर नें कर्म को महत्तम बताया था।
Excellent ......and very effectively explained......Great analysis
Thanks bahut achchhi jaankari
मैं यह जानना चाहता हूं, वाल्मीकि रचित रामायण में और व्यासजी द्वारा रचित महाभारत में हिंदू शब्द का प्रयोग हुआ है कि नहीं ?
आपसे उचित उत्तर की अपेक्षा है ।
Nahi huwa Bhai agar wiswas nahi h to dusron ko puchne ki bjay khud padho
१. भारत देश का नाम कैसे और किसने दिया? २.आद्य जगद्गुरु शंकराचार्य किस कालखंड में हुए?
३. उन्होंने हिंदू और हिंदुधर्म के लिए क्या कार्य किया?
इन बातों को लेकर इस व्हिडिओ में कुछ नहीं कहां गया।
हिंदू के बारे में कहीं गई बातों से पुर्ण समाधान नहीं होता, हिंदू के बारे में कहीं गई गोलमोल बातें से हिंदूओंकी स्तुती है या निंदा ये भी स्पष्ट नहीं होता। 🇮🇳❤️🚩 वंदे मातरम।
नही भाई
इस्लाम को पुचकारने वाले इस रास्ते पर न जाएं
उनके लिए नहीं है हिंदू धर्म
अगर स की जगह ह उच्चारण करने से ,हिंदू, हो गया तो "सिंधु नदी"को भी "हिंदू नदी" हो जाना चाहिए था।
तभी तो सिंधु नदी पार वाले एरीये के नाम से 'ईंडीका' लिखा गया और सिंधु घाटी की सभ्यता को 'ईंडस वैल्ली सिविलाईजेशन' कहा गया.
West Rajasthan me ab bhi sha ko hai hi bola jata hai.jase Sathi ko hathi pahli baar jab jodhpur gya to koi address puccha to reply mila hidi hadak jaana yani Sidhi sadak chale jaayo
@@vinodburhade5093 इंडिका एक ग्रीक शब्द है जिसका मतलब होता है इंडियन और इंडियन एक गाली है जिसका अर्थ होता है असभ्य जंगली लोग |
Mukesh Kumar ji or Ram puniyani ji aapki baatein sunn ke bhot achcha lga or bhot kuch Jana Dhanyawad
Jai bhim
Hindu dharam manuwadiyoun ki soch par aadharit hai.
Aur bhim kya hai fir
Zaroori & important speech tanks Sir.
Hindu koi dharam nahin ...mughal ke zariye diya gaya naam hai...
72 hoore bs ek dharm jo sari duniya me bum fodta h 🤣🤣🤣🤣
@@sumityadav7nastik.with.science chuslman whi h jo sari duniya me atankwad failate hai 🤣🤣🤣😂
72 hoore ke name pr
Nice video. Good style, editing. 💕👍👫
8. It is the outsiders who see them as a group, as a single unit and thus give them a name, which later sometimes comes to define the ‘in’ group. There is nothing odd about it.
यहां के भारतीय पोंगा पंडित जो यह तक नहीं जानते कि हमारे देश में केवल और केवल पैगम्बरी धर्म इस्लाम धर्म मात्र है क्रिश्चन और मुसलमान अपनी धार्मिक बुक बाईबल और कुरान को लेकर दिखाकर बता सकते हैं कि हमारे किसी पैगम्बर द्वारा कथितरूप से कोई धार्मिक रास्ता दिखाया गया है परन्तु हिन्दुओं में ऐसी कोई किताब या पैगम्बरनाम का कुछ चीज ही नहीं जिसके आधार पर यह कहा जाए कि हमें कभी किसी समय पर किसी अग्रिम धार्मिक नेता या पैगम्बर द्वारा कथितरूप से किसी किताब को हमारा धर्म चलाने के लिए कुछ कहा है।फिर भि जबरदस्ती हम हिन्दू वाले बड़े हैं।जय भीम, खुदा हाफ़िज़, जय मंडल, जय संविधान , जय विज्ञान।
सिन्धु से हिन्दू बनी हमारी पहचान क्योकी उनका उच्चारण सही नहीं था उन लोगों को अच्छे से भाषा आती नहीं थी खैर जो भी हो आज हमारी वर्तमान पहचान है उसे ही संभालना सहेजा ना हमारा नैतिक दायित्व व जिम्मेमदारी है उसपर किसी प्रा कार की कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए यह गलत है हम विदेशी चीजों से जितना बहार निकले उतना अच्छा
जय श्री राम
Hum Dalit Aadivaasi Hindu nhi hai
Buddh ban jawo
बुद्ध बन जाओ,,, document में भी
Bimte apke swagat keliye hamesa ready rahte h
Thanku🙏
Very nice,, 👍 interesting & knowledgeable subject.
Haraam kaam maat kar bus quran par aur kuch nahi
Sachwala ji ko suno bhai
मेरी जान तिरंगा है
मेरी शान तिरंगा है🇮🇳
इतिहास कि रहस्य खुल्दिया आपको बहुत बहुत धन्यवाद सर। मै नेपाल से हुँ। ऐतिहासिक रहस्य जन्नेके लिय बहुत बहुत इच्छा है।
जो भी कठीण हो,फैला हूवाॅ था,उसको वक्त के साथ बदलाव आता हैं,उसको एक रूप दिया जाता हैं, शायद यही हिंदू धर्म के साथ हूवाॅ हैं, लेकीन आज एक सच है,हम हिंदू धर्म के लोग हैं
This kind of journalism is lost today. There is no intellectual debate in news. These days.
मुकेश जी और पुनियानी साहब, सबसे पहले नमस्कार
मैं एक स्रोता हूँ और इस लिहाज से कई चैनल हैं जो तर्क पर आधारित बात करते हैं, सुनता हूँ । वेदिक काल को जो ठहराया जा रहा है कि यह पाली, प्राकृत भाषा व बुद्धकाल से पुरानी मानी जाती है तो साफ कर दूँ कि ब्राह्मणों में सिर्फ़ मान्यता ही होती है पर कोई ठोस प्रमाण होता ही नहीँ ।
science journey channel कहता है कि आजतक जितनी भी सभ्यताएँ मिली हैं उनका archaeological evidences मिले हैं॥ हमारे यहाँ सिंधुघाटी सभ्यता मिली है पर आजतक उसकी लिपि पढ़ी नहीं जा सकी, जो पढ़ी जा सकी वह पाली है और सबूत भी हैं । यदि संस्कृत पाली से पहले का है तो कोई भी शिलालेख क्यों नहीँ मिलता। अशोक सम्राट अपनी शिलालेखों में क्यों नहीं करते। संस्कृत तो देवनागरी लिपि में है तो उसका असर पाली में भी होता, फिर जो भाषा जानकार पहले की भाषा संस्कृत पढ़ लेते हैं तो वे पाली, खरोस्ती भाषा क्यों पढ़ नहीं पा रहे। भारत सरकार ने UNESCO में लिखकर क्यों दिया कि देवनागरी लिपि का इतिहास 1464 AD के पहले का नहीं ।
उत्खनन सबूत ही असली सबूत है । मान्यतायें नहीँ
मुकेश जी, महाराष्ट्र में ब्राह्मण अपने बच्चों का स्कुलमे दाखला करते समय जाती और धर्म लिखवाते थे। इस का मतलब वो खुद को हिंदू नहीं मानते।
आप झुट मत फैलैना। ब्राह्मण तो हिंदु जाती है।शायद आपको ऊनसे ज्यादा नफरत हो गयी है।
Hindu shabd ka. Aarth aa. Thag. Chor. Dikshanri. Me dekho. Fir Btao
हिंदू शब्द ही उधार का है।
विदेशियों का दिया गया नाम है।
@@bb5920 सही कहा आपने। अंग्रेजों ने हमें विश्व पटल पर कमजोर और असभ्य के तौर पर प्रचारित करने के लिए ही अपने डिक्शनरी में हिन्दू की ऐसी परिभाषा गढ़ी है। फिर भी हम अंग्रेजी और अंग्रेज़ो की गुलामी से बाहर नहीं निकल पा रहें हैं। क्योंकि हिन्दू हिन्दू कहते सुनते हमारे मानस में हीन भावना भर गई है।
हिंदू ये पारसी शब्द है उसमे चोर,लुटेरा,डाकू,हरा हुवा बताया है!स्वामी दयानंद सरस्वती ने उसका अर्थ मुगलो ने दी हुई गाली बताया है.
आप दोनों सही कह रहें है कि मजहबी कट्टरता भारत में विदेशीयों (मुसलमानों और अग्रेंजो) नें फैलाई 👈👈और शायद इसीलिए हिन्दू कहता हैं कि अगर दुनिया के 57 मुस्लिम देश खुद को मुस्लिम राष्ट्र कह सकते हैं तो भारत खुद को हिन्दू राष्ट्र क्यों नहीं कह सकता??
हम वो लोग हैं, जो जीव में शिव देखते हैं, हम वो लोग हैं, जो नर में नारायण देखते हैं, हम वो लोग हैं, जो नारी को नारायणी कहते हैं, हम वो लोग हैं, जो पौधे में परमात्मा देखते हैं, हम वो लोग हैं, जो नदी को मां मानते हैं, हम वो लोग हैं, जो कंकड़-कंकड़ में शंकर देखते हैं:
यह हमारी पहचान है
यही हिंदुस्तान है 🙏🚩🚩🚩🚩
Nari ko narayani kehte ho aur dahez ke liye usi ko jala kar aur gala ghont kar mar daalte ho
जय जवान ! जय किसान ! जय हिन्द ! जय भारत ! जय भारतीय संविधान !
Phirbi jai hind kar raha h video dekh kar murk
@@enceegamer4577तुम्हारे हिसाब से "जय हिंद" न बोलकर "जय इंड" बोला जाये। तुम खुद को बहुत बड़ी विदुषी समझ रही हो। किंतु एक चलन जब इस्तेमाल में आ जाती है तो उसे जल्द समाप्त करना संभव नहीं। जो शख्स बिना सोचे समझे दूसरे को गाली दे उससे बड़ा मूर्ख कोई हो ही नहीं सकता। तुम्हें पता होना चाहिए कि ये एक प्रचलन है जो भारतीय सेना और पुलिस में नमस्कार/प्रणाम के बदले में भी इस्तेमाल होती है।
जय जय श्री राम। सत्य मेव जयते
रावण की इस लंका में सिया राम की जय हो
हनु याने दाढी मान याने वाला
हनु मान याने दाढी वाला
Since Hindus are getting united and becoming powerful in every sector including politics. Some people have started getting severe headache. That's the problem...
Hindu Name / came from Sindhu..( Sindh) People of Sindh are Called Sindhi, which is in the South of Pakistan & in the North of Gujrat ) History is The Witness. This is why it's Called, " Sindhu Ghati ki Sabhyata." ( Sindhi mostly don't Pronounce ( S ) like in Hindi or English.) They pronounce it almost like Hind. So it became like Pak + stan. Hind + Stan. So in English this Means, " Indus valley Civilization." There is NO Cofusion about it. These People were Wanderers, They Travelled from Egypt in Search of Green Pastures through Mesopotamia to Syria, Greece & Europa, Kabul to lNDIA. Indus is just the Translation of Sindhu to INDU. There was No Hindu Dharama. " Little Knowledge is a dangerous Thing "...to know the Fact, These Wanderers once they Settled in The Sindh Valley. There they experienced their own issues so they decided to devide their SOCIETY in Four Casts / Classes, according to Their Work. 1. BRAHMIN / Teachers 2. KSHATRI / Fighters 3. VASHYA / Farmers & Sheapard 4. SHUDRA / Cleaners. And Once they got settled, then They wrote their Own Philosophies & Stories Thus, formed their own Pattern of Religion. In which they combined some ldeas
of foreign Cultures. e.g. Swastika from Germany. Yoga from GREECE. On their Way or from Kabul etc. Whatever they discovered suitable for their own individual Community. The very CAST System started with them even as when They started Travelling into The Land of INDIA ( They Named it Bharat ) according to Their Stories of ( Mythology ) They Constructed Beautiful & Powerful Stories of Which one finds No Connections to The TRUE History or Dates, though they maintained the actual Geographical Background of lNDIA. Then the TRUE Natives of India were Called DRAVEDIANS. They were very intelligent & Honest People. Which were later Pushed by them Towards South. Weapons of Kshatriya were Bow, Arrows and Spears mostly which were fashioned exactly like the Then Egyptian Style. Which we also see in the Mahabharata & Ramayana Films / Serials. later The Brahmins considered themselves as Superior Class.. and started keeping a distance from Shudra because their Work was to maintain Cleanliness. Which is found even Today. They consider the SHUDRA as Scheduled Class. You called them Hindu, Sindhi or lndian, all The Same. ( Religion i. e. Faith has Nothing to do with all This ) FAITH & Religion is a Very Personal Matter for every individual in every Democratic country. INDIA is & was from Ages a Beautiful Prosperous Country, which Teaches LOVE, Sincerity, Generosity and Tolerance. Here Hindu, Muslim, Sikh, Isai & Parsi. All live with Love and Enjoy their Togetherness with Great Blessings from GOD Almighty. HaleluJah Amen SHALOM 🙏👍🙏💥💥💥 M. Krug. Thanks CZcams Channel as always.
Manjur krug you have great knowledge. Thanks for great, & true comments. 👍👍👍. May Almighty God bless you abundantly. 🙏🌝
Revise and update your knowledge Mr. Kurg. The very three words clearly declare your intention, Hallelujah, Amen and Shalom!
@@nathjha61 Thank you so much.
God bless you ...Praise the Lord. Amen. Hallelujah..👏👏👏
@manjur king
It means rajput are Sindhis
Great knowledge but is this absolute truth..
सर नमस्कार 🙏 बहुत अच्छी जानकारी दी है पुनियानी जी ने, और आपके सवाल भी अच्छे रहे।
मुकेश जी आपको बताना चाहूंगा कि सिख इतिहास और गुरबाणी में भी हिन्दू शब्द एक धर्म के रूप में ही आता है। और वर्ण बांट, ब्राह्मण वाद एवं पूजा पद्धति के बारे में भी जिक्र किया गया है। गुरु नानक देव जी समेत दूसरे गुरु साहिबान और भक्तों की बाणी में भी हिन्दू शब्द धर्म के रूप में ही आया है। इसलिए मेरा मानना है कि गुरु नानक जी और उन भक्तों जिन की बाणी श्री गुरु ग्रंथ साहिब में दर्ज है के समय से भी हिन्दू जिसे भौगौलिक माना जाता है, एक धर्म के रूप में माना गया।
God Bless all those who strive to enhance our perspectives and worldview....
Thanks. Jai-Hind. Jai-Bheem
@@sumityadav7nastik.with.science Brilliant, and beautiful, Guruji. Jai-Hind
Just one question sir,
Why Indian architecture and knowledge and grammar is so precise that today’s scientists researching and implementing in their lives?
Please make video on this
मुझे तो आपका वर्णन सत्य नहीं लगता। क्योंकि आपका आधार ही अव्यावहारिक है। यदि सिन्धु के इधर रहने वाले को हिन्दू कहा गया तो फिर सिन्धु नदी को हिन्दू नदी क्यों नहीं कहा गया है और सिन्ध प्रान्त क्या पहले हिन्द प्रान्त था। सबसे बड़ा हिन्द महासागर का नाम पहले सिन्ध महासागर था क्या। हिन्दू के बारे में गलत बात फैलाया गया है। जहाँ तक हिन्दू धर्म का बात है उस धर्म का आदि गुरू शंकराचार्य जी महाराज हैं उससे पहले हिन्दू धर्म के नाम का कोई धर्म नहीं था । उनके समय में भारत में बहुत सारे लोग जो अलग अलग मान्यता को स्वीकार कर अपना धर्म का पालन करता था। शंकराचार्य जी महाराज अपने तर्क से सबों को एक दिशा दिए और सत्य को स्थापित किए और सबों को अपने अंदर से हीनता के भावना को दूर करने का ज्ञाण दिए और भारत में आपसी द्वेष को दूर करने का ज्ञाण दिए। इसलिए उनके द्वारा धर्म को हिन्दू कहा गया। हिन्दू का मतलब ही है हीनता के भावना को अपने अंदर से दूर करना। भारत को जम्बू द्वीप, आर्यावर्त, भारत खंड कहा जाता है ना कि हिन्दूस्थान। जब शंकराचार्य जी महाराज अपने धर्म को हिन्दू कहा उसके बाद से ही हिन्दू धर्म और हिन्दूस्तान प्रचलित हुआ। धर्म का मतलब होता है कर्म पर नियंत्रण जिससे समाज का विकास हो सके। अब तुम्हारा मन या सोच जितना व्यापक होगा तुम्हारा समाज भी उसी अनुपात में बड़ा होगा।
Thanks for satya hindi
Thanks professor ram puniyani ji
It is quite informative and interesting.
Thank you very much.
Every Indian should watch this channel, so that no polical party can fool them in the name of religion.
Thanks Mr. Mukesh Kumar for your Analysis regarding Hinduism. 🙏
Respected @manjurkrug1855 🙏!
Mr.Puniyani is not totally correct.
History in India is a very disturbing subject. That is a big problem of our nation. Talk anything on history, some will support, some will oppose. Why is the situation like this?
In freedom struggle period, Indians were divided on Hindu religion. Traditional Hindu were in favor of Hindu religion. Social reformers like Mahatma Fuleji, Dr.Ambedkarji and Periyarji were against Hindu religion. They thought of Hindu religion as inferior religion.
Hence the ruling Hindu party of that period, Congress party under leadership of Nehruji adopted a sacred compromise on position of Hindu religion. And hence his government included two extremes of Hindu religion....that is Honorable Dr.Babsaheb Ambedkarji and Honorable Shamaprasad Mukherji( disciple of Sawarkarji and father of present BJP)
With time, things have gone wrong. The person who achieved unity of nation in freedom struggle is now a traitor. The inclusion of Sawarkarji in a text book and removal of Nehruji is also part of this ridiculous trend. This contradiction has given birth to different versions of history based on caste or religion or political inclination. Such history is causing very serious religion and caste conflicts.
Basically history should be an academic subject. But in India, history has became a political tool.
It has converted our nation into stupid nation. We need unanimity on history. We cannot solve such a basic thing and we claim to be Vishwaguru. The reality is that we are world gurus in stupidity.
I want to hold nationwide discussions to resolve history, caste and religion related disputes and I have made 1400 requests to the government by May 2022. I quit my job in 2012 and started studying these topics and now I am in a position to do such nationwide discussions. I want to include every citizen of the country.
I have developed a special system of discussion according to the needs. It gives due attention to the following points
1) The delicate nature of issues like caste and religion 2) The satisfaction of all the participants 3) The vast population of our country consisting of educated and uneducated sections 4) The political system of our country. 5) It is able to find the truth in an unbiased way.
Please support and share idea of nationwide discussion. Let us revive social and religious harmony.
Avdhut Joshi
Good subject
आप से पहले भी बहुत कुछ यादों को ताजा रखने वाले लोगों के लिए मेरा प्रणाम।
आप के यूं ट्यूब चैनल पर अभी हमने हिन्दू शब्द के बाहर से आने व उसकी उत्पत्ति के सम्बन्ध में विचार सुने। अत्यंत हार्दिक पीड़ा हुई। भारतीय विद्वानों की चिन्तन दृष्टि मन्द हो चुकी है।
कतिपय तथ्यों के विषय में पुनर्विचार करना अति आवश्यक है--
स अक्षर को ह का रूपांतरण विदेशी भाषा - बोली के आधार पर सिन्धु नदी के नाम से हिन्दू शब्द उत्पति परिकल्पित की गई है। यदि सिन्धु नदी के आधार पर हिन्दू शब्द की उत्पन्न हुआ है तो आज भी सिन्धु नदी का नाम सिन्धु नदी क्यों है ? उसका हिन्दू नदी क्यों नहीं कहा गया।
हम भारत वासी प्राचीन काल से आर्य
सम्बोधन से पुकारे गये हैं हम वेदों के अनुयाई हैं हमारा धर्म वैदिक धर्म है वैदिक धर्म ही हिन्दू धर्म है। वैदिक धर्म उदारता,
दया, करुणा, प्रेम, मानवता , वसुधैव कुटुंबकम् की उद्दात भावनाओं के साथ विश्व
शान्ति के पथ पर अग्रसर है, इस लिए वह
हिन्दू धर्म है। संसार के विभिन्न मजहब, कथित धर्मों,व विभिन्न नस्लों के व्यक्तियों के बीच एक आर्य की स्थिति उसके गुण कर्म और स्वभाव के अनुसार उसी भांति है
जैसे तारा गणों के बीच चन्द्रमा ( इन्दु )की
होती है। इस लिए एक आर्य को हिन्दू कहा
गया है यह एक आलंकारिक शब्द है साहित्यकार ने रुपक अलंकार में आर्य व्यक्ति को अभिव्यक्त किया है। जिसका अर्थ होता है पूर्ण निश्चय से इन्दु।
हिन्दी भाषा में अनेक वाक्यों में (है) का
प्रयोग किया जाता है। वह भी पूर्ण निश्चय बोधक ही होता है। जैसे-यह एक पुस्तक है। प्रस्तुत वाक्य में है शब्द पूर्णतः निश्चित
करने के लिए प्रयुक्त है।
संस्कृत साहित्य में वैदिक व्याकरण के प्रसिद्ध ग्रन्थ निरुक्त (ह)निपात् (अव्यय) का वर्णन आता है। वहां पर भी (ह) निपात् का अर्थ (पूर्ण निश्चय से)लिखा हुआ है।
संस्कृत भाषा विश्व की सबसे प्राचीन भाषा है। संस्कृत भाषा की लिपि देवनागरी लिपि
सर्व श्रेष्ठ लिपि है। भाषा विज्ञान , ध्वनि विज्ञान मानकों पर खरी ऐसी लिपि संसार में दूसरी नहीं है। संस्कृत भाषा विज्ञान के
नियमों द्वारा नियमित व नियंत्रित भाषा है।
संस्कृत भाषा की जटिलता सरलता की ओर बढ़ते हुए एक नवीन सरल,सरस, अद्भुत एवं विलक्षण भाषा को जन्म देती है। जिसका वैभवशाली साहित्य है आजकल वह भारत की राष्ट्रभाषा है जिसकी महिमा का वर्णन अनन्त है।
जिसे परम पवित्र सम्बोधन हिन्दी
नाम से जाना जाता है।
वेद- शास्त्रों और उपनिषदों की भाषा संस्कृत,जो परम पूज्य अद्वितीय वैज्ञानिक
योगीराज महादेव शिव के डमरू से
नि:सृत आदि सूत्रों से प्राप्त ध्वनियों
का संयमन् है की गोद में एक नवभाषा
जन्म होता है तो क्या उस भाषा के नामकरण के लिए शिक्षा और संस्कार रहित लोभी लालची विदेशी आक्रांताओं
अपभ्रंश शब्दों पर निर्भर होना उचित माना जाएगा।मानव जाति की विश्व स्तरीय अभिव्यक्ति को स्वर देने की क्षमता को एवं उसकी जननी मातृभाषा संस्कृत को
अपनी पुत्री को सम्बोधित करने के लिए एक शब्द हिन्दी की उत्पत्ति का विवेक भी नहीं है।इस हिन्दी भाषा के नामकरण के
के विषय में षड्यंत्रकारियों ने बहुत गहराइयों में कुचक्र रचा है।
संसार की समस्त भाषाओं के बीच हिन्दी भाषा की स्थिति चन्द्रमा की चांदनी की भांति है अथवा इन्दु की इन्दी । इसे भी
पूर्ण निश्चय बोधक ह निपात् से सन्धि करके हिन्दी शब्द बना है। हिन्द, हिन्दू और हिन्दी शब्दों का यही रहस्य है। विदेशी षड्यंत्रकारियों एवं पाश्चात्य जगत के अन्धभक्तों ने हमारे देश के इतिहास को
विकृत करने में कुटिल प्रयास किए हैं।
बताया गया है कि कश्मीरी विद्वान रचनाकार कल्हण द्वारा लिखित राजतरंगिणी में सर्व प्रथम हिन्दू शब्द का प्रयोग किया गया है।
विदेशी आक्रांताओं ने भारी संख्या में
भारत के पुस्तकालय तथा गुरुकुलों को
आग लगा कर जला डाला था जिससे
भारत का ज्ञान, विज्ञान और इतिहास बड़ी संख्या में मिट गया है। साहित्य और ज्ञान की जो अपूर्णीय क्षति विदेशी आक्रमणकारियों ने भारत को पंहुचाई है वह समस्त मानव जाति की हानि है।
फारसी भाषा के ग्रन्थ गया सुल्लू गात् में
हिन्दू शब्द का अर्थ-काला,काफिर,बटमार चोर वह छुछून्दर दिया गया है।,
मुस्लिम आक्रांता तथा आज मुसलमान भी गैर मुस्लिमों को आज भी काफिर समझते हैं यह उनकी दूषित मानसिकता है। हिन्दू शब्द, अपने ही साहित्य का आलंकारिक
शब्द है यह किसी विदेशी की देन नहीं है।
इस सम्बन्ध में अपने व्यक्तिगत विचार प्रस्तुत किए गए हैं।हम एक हिन्दी के प्रेमी हैं।इसे अन्यथा न लेना। इसके पीछे एक सच्ची भावना है। हिन्दी, हिन्दू, और हिन्द
हमारे गर्व के आधार हैं।
्
हिन्दी शब्द बना है
bhai mere agar Sanskrit bahut jyada purani hoti na tab mohar jode jo bhi vahan per sanskriti hi nikalti isliye
agar sabse purani Sanskrit hoti na to mohenjodaro ke andar Jo khudai hui thi usmein Sanskrit Milani chahie thi isliye yah jyada se jyada 2000 varsh purani hai isase jyada nahin Baki Khali anuman hai
9. In fact, it is a greater proof of the oneness of our civilization. If the out groups see us as ‘one’, it means it is an objective endorsement of our ‘oneness’. It is more of a reason to feel united!
विकासवाद मानव उत्पति का सार्भौम सत्य है.जिसे हम ने मनु से मानव माना,आदम से आदमी.जब सारे मानव प्रकृति या ईश्वर् द्वारा बने,हम सब भाई-भाई,भाई-वहन हैं.वेद का भी कहना है एको$हम द्वितियो नास्ति.इस्लाम ने भी कहा होजा तो हो गया फिर भेद कहां .हम सब एक हैं.एकत्व में भेद बेतुका और बेमानी है.
@@dukhanpradadyadav2147 lll
Sachwala ji ko suno
Shahil bhai ko suno adam ko suno
सब कुछ इतिहास में दर्ज है, कितना भी जोर ब्राह्मण धर्म लगा ले अब ज्यादा दिन तक लोगों को मूर्ख नही बना सकते हैं !