राम नाम में कितनी शक्ति है ? || स्वामी रामसुखदास जी || Swami Ramsukhdas Ji
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- čas přidán 28. 06. 2021
- नमस्कार ,
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#BhajanMarg #Satsang #RamNaam
श्रद्धेय रामसुखदास जी महाराज को सादर प्रणाम। जय श्री राम। ॐ नमः शिवाय।
बहुत ही सुंदर राम नाम की महिमा कही है।।। सभी सन्त महात्माओं की जय।।। जय सिया राम ।।।।
राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम
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राम हरे कृष्ण हरे
राम हरे कृष्ण हरे
राम हरे कृष्ण हरे
अनंत माधव हरे
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🔆 *प्रभु का रंग* 🔆
यह प्रसंग एक राजा की जिन्दगी का है, उसका नाम था राजा पीपा। उसने दुनिया में जो कुछ इन्सान पाना चाहता है, वो सब कुछ पाया था, महल, हीरे-जवाहरात, नौकर-चाकर, सब उसका आदेश मानते थे।
इतना सब कुछ पाने के बावजूद अचानक एक दिन उसे लगा कि कुछ कमी है, कुछ ऐसा है जो नहीं है।
अंदर एक तलब-सी जग गई प्रभु को पाने की। अब राजा कभी एक महापुरुष के पास जाएं, कभी दूसरे के पास, पर प्रभु को पाने का रास्ता मिले ही नहीं।
राजा बड़ा निराश था तब किसी ने बताया कि एक संत हैं रविदास जी महाराज! आप उनके पास जाएं।
राजा पीपा संत रविदास जी के पास पहुँचे।
वहाँ देखा कि वो एक बहुत छोटी-सी झोपड़ी में रहते थे-भयानक गरीबी, उस झोपड़ी में तो कुछ था ही नहीं।
राजा को लगा, ये तो खुद ही झोपड़ी में जी रहे हैं,
यहाँ से मुझे क्या मिलेगा।
लेकिन वहाँ पहुँच ही गए थे तो अन्दर भी गए और राजा ने संत रविदास जी को प्रणाम किया।
संत रविदास जी ने पूछा, किस लिए आए हो ?
राजा ने इच्छा बता दी, प्रभु को पाना चाहता हूँ।
उस समय संत रविदास महाराज एक कटोरे में चमड़ा भिगो रहे थे-मुलायम करने के लिए, तो उन्होंने कहा, ठीक है, अभी बाहर से आए हो थके होगे, प्यास लगी होगी लो तब तक यह जल पियो।
कह कर वही चमड़े वाला कटोरा राजा की ओर बढ़ा दिया।
राजा ने सोचा, ये क्या कर दिया कटोरे में पानी है, उसमें चमड़ा डला हुआ है, वो गन्दगी से भरा हुआ है, उसको कैसे पी लूँ ?
फिर लगा कि अब यहाँ आ गया हूँ, सामने बैठा हूँ तो करूँ क्या ?
इन संत जी का आग्रह कैसे ठुकराऊँ ?
उस समय बिजली होती नहीं थी, झोपड़ी में अन्धेरा था, सो राजा ने मुँह से लगाकर सारा पानी अपने कपडो के अन्दर उडेल दिया और पीये बगैर वहाँ से चला आया।
वापस घर आ कर उसने कपडे उतारे धोबी को बुलाया और कहा कि इसको धो दो।
धोबी ने राजा का वो कपडा अपनी लड़की को दे दिया धोने के लिए। लड़की उसे ज्यों-ज्यों धोने लगी, उस पर प्रभु का रंग चढ़ना शुरू हो गया। उसमें मस्ती आनी शुरू हो गई और इतनी मस्ती आनी शुरू हो गई कि आस-पास के दूसरे लोग भी उसके साथ आ कर प्रभु के भजन मे गाने-नाचने लगे।
धोबी की लड़की बड़ी मशहूर भक्तिन हो गई। अब धीरे-धीरे खबर राजा के पास भी पहुँची। राजा उससे भी मिलने पहुँचा, बोला कि कुछ मेरी भी मदद कर दो।
धोबी की लड़की ने बताया कि जो कपडा आपने भेजा था, मैं तो उसी को साफ कर रही थी, तभी से लौ लग गई है, मेरी रूह अन्दर की ओर उड़ान कर रही है।
राजा को सारी बात याद आ गई और राजा भागा- भागा फिर संत रविदास जी महाराज के पास गया और उनके पैरों में पड़ गया। फिर रविदास महाराज ने उसको नाम की देन दी।
जब तक इन्सान अकिंचन न बन जाए, छोटे से भी छोटा, तुच्छ से भी तुच्छ न हो जाये, तब तक नम्रता नहीं आती। और जब तक विनम्र न हो जायें, प्रभु नहीं मिल सकते।💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗
जय श्री राम
जय श्री सियाराम
जय श्री सिताराम
जय श्री सिताराम हनुमान जी 🌹🙏🌹
श्री राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम
Jai sri ram sita ram hanuman 🌺🌺🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽
जय श्री राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम
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Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Jai Jai shree Ram 👃👃👃👃👃👃👃👃👃👃
Jai shri ram,
Jai gurudev 🙏🙏🙏
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प्रभु श्रीराम चंद्र भगवान की जय
सियावर रामचंद्र भगवान् की जय
जय श्री राम🙏🙏 🚩🚩🙏🙏🚩🚩
श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम🙏🙏 जय हनुमानजी🙏🙏
जय श्री राम🙏🙏
श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम श्री राम🙏🙏 जय हनुमानजी🙏🙏
राम राम
Om jay shree ram jay hunaman
,,रामरामरामजेगुरुदेव
Hare krishan hare krishan krishan krishan hare hare hare ram hare ram ram ram hare hare
Jai shree Ram 🙏🙏🙏🙏
Jay hanuman🙏🌼🌺
Jai shree ram 🙏🙏🙏
RAM RAM RAM RAM RAM RAM RAM RAM RAM RAM RAM RAM RAM RAM RAM ji
Shri Ram Jai Ram Jai Jai Ram
**समझिये कैसे आज का दु:ख कल का सौभाग्य बनता है....*
महाराज दशरथ को जब संतान प्राप्ति नहीं हो रही थी, तब वो बड़े दुःखी रहते थे...पर ऐसे समय में उनको एक ही बात से होंसला मिलता था जो कभी उन्हें आशाहीन नहीं होने देता था...
*मजे की बात ये कि इस होंसले की वजह किसी ऋषि-मुनि या देवता का वरदान नहीं बल्कि श्रवण के पिता का श्राप था....!*
दशरथ जब-जब दुःखी होते थे तो उन्हें श्रवण के पिता का दिया श्राप याद आ जाता था... (कालिदासजी ने रघुवंशम में इसका वर्णन किया है)
श्रवण के पिता ने ये श्राप दिया था कि *''जैसे मैं पुत्र वियोग में तड़प-तड़प के मर रहा हूँ, वैसे ही तू भी तड़प-तड़प कर मरेगा.....'!'*
*दशरथ को पता था कि ये श्राप अवश्य फलीभूत होगा और इसका मतलब है कि मुझे इस जन्म में तो जरूर पुत्र प्राप्त होगा.... (तभी तो उसके शोक में मैं तड़प के मरूँगा ?)*
*यानि यह श्राप दशरथ के लिए संतान प्राप्ति का सौभाग्य लेकर आया....!!*
ऐसी ही एक घटना सुग्रीव के साथ भी हुई....!
सुग्रीव जब सीताजी की खोज में वानर वीरों को पृथ्वी की अलग - अलग दिशाओं में भेज रहे थे.... तो उसके साथ-साथ उन्हें ये भी बता रहे थे कि किस दिशा में तुम्हें क्या मिलेगा और किस दिशा में तुम्हें जाना चाहिए या नहीं जाना चाहिये....!
प्रभु श्रीराम सुग्रीव का ये भगौलिक ज्ञान देखकर हतप्रभ थे...!
उन्होंने सुग्रीव से पूछा कि सुग्रीव तुमको ये सब कैसे पता...?
तो सुग्रीव ने उनसे कहा कि... *''मैं बाली के भय से जब मारा-मारा फिर रहा था, तब पूरी पृथ्वी पर कहीं शरण न मिली... और इस चक्कर में मैंने पूरी पृथ्वी छान मारी और इसी दौरान मुझे सारे भूगोल का ज्ञान हो गया....!!''*
*सोचिये, अगर सुग्रीव पर ये संकट न आया होता तो उन्हें भूगोल का ज्ञान नहीं होता और माता जानकी को खोजना कितना कठिन हो जाता...!!*
इसीलिए किसी ने बड़ा सुंदर कहा है :-
*"अनुकूलता भोजन है, प्रतिकूलता विटामिन है और चुनौतियाँ वरदान है और जो उनके अनुसार व्यवहार करें.... वही पुरुषार्थी है....!!!"*
*ईश्वर की तरफ से मिलने वाला हर एक पुष्प अगर वरदान है.......तो हर एक काँटा भी वरदान ही समझो....!!!*
*मतलब.....अगर आज मिले सुख से आप खुश हो...तो कभी अगर कोई दुख, विपदा, अड़चन आ जाये.....तो घबराना नहीं....! क्या पता वो अगले किसी सुख की तैयारी हो....!
🙏
Beautiful 🙏🙏
ATI sundar Jai shree ram
Bhaiya ati uttam gyan diya h mere jeevan me is samay bhot tension h lekin aapki baat sunkar jine ki asha jag gyi h
Jabardast Prnam he apko 🙏
Koti koti pranam
हरे कृष्ण हरे कृष्ण
कृष्ण कृष्ण हरे हरे ।
हरे राम हरे राम
राम राम हरे हरे ।।
Ram ram ji ❤❤
॥राम॥ 🙏
राम राम राम्🙏
Ram Ram Ji 🙏❤️ Jai Shree Ram Ji 🙏❤️ Sitaram Ji 🙏❤️
🕉️🌹जय जय श्री सीताराम हनुमानजी🌹🕉️
🚩🙏🌹🌺जय जय श्री राम जी🌺🌹🙏🚩
जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम
जय जय श्री राधा बल्लभ श्री हित हरिवंश 🙏🙏श्री गुरु महराज की जय हो 🙏🙏
Jay Siyaram ji Jay shree Ram bhakt sri Hanuman ji Maharaj
Joy Sri Sitaram Sitaram Sitaram Sitaram Sitaram Sitaram Sitaram Sitaram Sitaram Sitaram Sitaram Sitaram Sitaram Sitaram Sitaram Sitaram Sitaram Sitaram Sitaram Sitaram Sitaram Sitaram Sitaram Sitaram Sitaram Sitaram Sitaram Sitaram 🙏🙏 thanks 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 Joy Sri Hanuman babaki joy 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
जय श्री सीताराम
Mere aaradhye parbhu jay shree ram
सीताराम जय सीताराम
🙏🙏🙏🙏हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे... हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे🙏🙏
🙏🙏Param pujya Sant Swami Ramsukhdas ji Maharaj ko koti koti pranam 🙏🙏
हरे राम हरे राम , राम राम हरे हरे 🌹🙏🙏🌹
हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे 🌹🙏🙏🌹
जय जय जय जय जय श्री राम श्रीराम जय राम जय जय राम जय जय श्री कृष्ण राम श्रीराम जय राम जय जय राम जय श्री राम श्रीराम जय राम जय जय राम जय श्री राम श्रीराम जय राम जय जय राम जय श्री राम श्रीराम जय राम जय ।
श्री राम राम राम राम राम राम राम
रामराम राम राम जी
राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम । राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम ।।जय सिताराम ।। जय हनुमान जी महाराज 🙏🙏🙏🌹🌹🎉🚩
Jay shree sita ram 🙏🙏 jay Shree Hanuman ji Maharaj ki jay 🙏🙏🙏 Maharaj shree ke shree charno me koti koti dandavat pranam 🙏🙏🙏
जय श्री राम 🚩🙏📿🏹🔱🍎🌹🌅🌻🥥⛳✡️🕉
Ram ram ram ram ram ram ram ram ram ram ram ram ram ram ram
Maine bhi socha ha ki sote jagte khate pete sita ram jaota rahu....har har mahadev
🙏🙏🙏भायँ कुभायँ अनख आलस हूँ। नाम जपत मंगल दिसि दसहूँ॥
सुमिरि सो नाम राम गुन गाथा। करउँ नाइ रघुनाथहि माथा🙏🙏
🙏🙏श्री राम जय राम जय जय राम🙏🙏
जय श्री राम
Jai sita ram
Jai SriRam
ram ram ji prabhu kripa hamesha aap per asi hi bani rahe
Sita ram
Jay Sri Ram
🙏🌷🌹🌷🌹🌷🌷🌷💕💕
সীতারাম সীতারাম সীতারাম ❤❤❤
Bohoth Sundar
जीवन मुकुति हेतु जनु कासी।।
Ram ram ram ram ram ram ram ram ram ram ram
Ram
Bahut achcha laga! Dhanyvad 🙏
Ram Ram Ram
Jai shree raam
Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram
Ram ram ram ram ram ram
Ram ram ram ram ram ram ram ram
Jai Shree ram jai Shree Hanuman
જય શ્રી રામ
Shree Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe
Jai shri Ram ji
Jai shri Ram ji
jai shri Ram ji
RAM RAM🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Kroro bar Gurudev ji ke charno me koti koti pranam
Sits ram
हरे राम हरे राम श्री राम जय श्री राम जय श्री कृषणा
Ram ji se bada Ram ji ka Naam jai siya ram ji jai hanuman ji🙏🙏❤❤baba ji sach kaha apne🙏🙏
ऊं जय श्री हरि विष्णु नारायण भगवान 🌹🙏🙏🌹
Jay sita ram jay shree ram jay sita ram jay shree krishna jay shree krishna jay radhe krishna jay hanuman baba ji
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Ram Ram
Bahut hi sundar! Jai Shri Ramji🙏
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Thank you
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।।मुक्तक छंद कविता।।:+:जिसके पास कुछ नही है, उस पर संसारी लोग हंसते है। जिसके पास सब कुछ है, उस पर संसारी लोग जलते है।।मेरे संग तो सतधामी सारशबदी नूरी विदेही स्वरुपी सत कबीर जी है। ऐसे सतगुरु पाने के लिऐ संसारी लोग तरसते है।।जय बोलो सतगुरु सुजान की, जय बोलो सारशबद महान की। तुम सुनलो चतुर सुजान, निगुरे होकर नही रहना।।01।।निगुरे का ना कही ठिकाना, लख चौरासी मे आना जाना। पडे नरक की खान जी, तुम बिना सतगुरु के नही रहना।।लखचौरासी का जो चक्र छुडावे, सारशबद सतगुरु जी से जो पा जावे। सतगुरु सहज समाधि योग सिखलावे, सुरति शबद का मेल मिलाप करावे।।02।।कलियुग खा गया धरम करम जी, और खा गया सदग्रंथ सभी जी। संसारी गुरुआ कल्पना के सहारे, प्रगट किऐ, नाना पंथ जगत मे जी।।घोर कलिकाल के मानव से कहना, साँई अरुण जी महाराज के सतसंग सुनना जी। सुनते सुनते सतसंग मे अचानक, सत कबीर जी घर बैठे आकर देते चित्त मे सारशबद गुरु प्रसाद जी।।03।।जब सतगुरु जी ने मुझको सारशबद चित्त मे घर मे मेरे आकर दीन्हा, बडे भाग्य से आतम चीन्हा। अहो भाग्य आतमा ने परमात्मा पाये, जो अंत समय सीधा सतधाम लेकर जाये।।जाननहारा संतो को सारशबद की नौका बैठा कर,भवसागर के उस पार कराये।।04।।जय बोलो सतगुरु सुजान की--।।00।।,,साँई अरुण जी महाराज नासिक महाराष्ट्र को सादर समर्पित,,सालिकराम सोनी।।,,।।
राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम ऊं श्री राम राम राम राम राम राम राम राम ऊं ऊं ऊं ऊं ऊं ऊं ऊं ऊं ऊं ऊं ऊं ऊं श्री राम राम राम राम राम राम राम ऊं ऊं राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम
*जय श्री राम🚩🙏🚩 सीताराम जी*
हनुमानजी को प्रभु श्रीराम संगम तट पर मिल जाते, तो रामायण-?
प्रयाग के दक्षिणी तट पर झूंसी नामक स्थान है जिसका प्राचीन नाम पुरुरवा था। कालांतर में इसका नाम उलटा प्रदेश पड़ गया। फिर बिगड़ते बिगड़ते झूंसी हो गया। उल्टा प्रदेश पड़ने का कारण यह है कि यहां शाप के चलते सब कुछ उल्टा पुल्टा था। यहां के महल की छत नीचे बनी है जो आज भी है। इसकी खिड़कियां ऊपर तथा रोशन दान नीचे बने हैं। यानी कि सब कुछ उलटा। मान्यता अनुसार उलटा प्रदेश इसलिए पड़ा, क्योंकि यहां भगवान शिव अपनी पत्नीं पार्वती के साथ एकांत वास करते थे तथा यहां के लिए यह शाप था कि जो भी व्यक्ति इस जंगल में प्रवेश करेगा वह औरत बन जाएगा। मतलब उल्टा होगा।
त्रेतायुग में श्रीराम को जब अपनी माता कैकेयी के शाप से वनवास हुआ तो उनके कुल पुरुष भगवान सूर्य बड़े ही दुखी हुए। उन्होंने हनुमान जी को आदेश दिया कि वनवास के दौरान राम को होने वाली कठिनाईयों में सहायता करोगे। चूंकि हनुमान ने भगवान सूर्य से ही शिक्षा दीक्षा ग्रहण की थी। अतः अपने गुरु का आदेश मान कर वह प्रयाग में संगम के तट पर आकर उनका इंतजार करने लगे। कारण यह था कि वह किसी स्त्री को लांघ नहीं सकते थे। गंगा, यमुना एवं सरस्वती तीनों नदियां ही थी। इसलिए उनको न लांघते हुए वह संगम के परम पावन तट पर भगवान राम की प्रतीक्षा करने लगे।
जब भगवान राम अयोध्या से चले तो उनको इस झूंसी या उलटा प्रदेश से होकर ही गुजरना पड़ता, लेकिन प्रचलित मान्यता अनुसार शिव के शाप के कारण उन्हें स्त्री बनना पड़ता। इसलिए उन्होंने रास्ता ही बदल दिया। एक और भी कारण भगवान राम के रास्ता बदलने का पड़ा। यदि वह सीधे गंगा को पार करते तो यहां पर प्रतीक्षा करते हनुमान सीधे उनको लेकर दंडकारण्य उड़ जाते तथा बीच रास्ते में अहिल्या उद्धार, शबरी उद्धार तथा तड़का संहार आदि कार्य छूट जाते। यही सोच कर भगवान श्रीराम ने रास्ता बदलते हुए श्रीन्गवेर पुर से गंगाजी को पार किया। चूंकि भगवान श्रीराम के लिए शर्त थी कि वह वनवास के दौरान किसी गांव में प्रवेश नहीं करेगें तो उन्होंने इस शर्त को भी पूरा कर दिया।
इस बात को प्रयाग में तपस्यारत महर्षि भारद्वाज भली भांति जानते थे। वह भगवान श्रीराम की अगवानी करने के पहले ही श्रीन्गवेरपुर पहुंच गए, भगवान राम ने पूछा कि हे महर्षि! मैं रात को कहां विश्राम करूं? महर्षि ने बताया कि एक वटवृक्ष है। हम चल कर उससे पूछते हैं कि वह अपनी छाया में ठहरने की अनुमति देगा या नहीं। कारण यह है कि तुम्हारी माता कैकेयी के भय से कोई भी अपने यहां तुमको ठहरने की अनुमति नहीं देगा। सबको यह भय है कि कही अगर वह तुमको ठहरा लिया, तथा कैकेयी को पता चल गाया तो वह राजा दशरथ से कहकर दंड दिलवा देगी। इस प्रकार भगवान राम को लेकर महर्षि भारद्वाज उस वटवृक्ष के पास पहुंचे।
भगवान राम ने उनसे पूछा कि क्या वह अपनी छाया में रात बिताने की अनुमति देगें। इस पर उस वटवृक्ष ने पूछा कि मेरी छाया में दिन-रात पता नहीं कितने लोग आते एवं रात्री विश्राम करते हैं लेकिन कोई भी मुझसे यह अनुमति नहीं मांगता। क्या कारण है कि आप मुझसे अनुमति मांग रहे हैं? महर्षि ने पूरी बात बताई।
वटवृक्ष ने कहा, 'हे ऋषिवर! यदि किसी के दुःख में सहायता करना पाप है। किसी के कष्ट में भाग लेकर उसके दुःख को कम करना अपराध है तो मैं यह पाप और अपराध करने के लिये तैयार हूं। आप निश्चिन्त होकर यहां विश्राम कर सकते हैं और जब तक इच्छा हो रह सकते हैं।' यह बात सुन कर भगवान राम बोले 'हे वटवृक्ष! ऐसी सोच तो किसी मनुष्य या देवता में भी बड़ी कठनाई से मिलती है। आप वृक्ष होकर यदि इतनी महान सोच रखते हैं तो आप आज से वटवृक्ष नहीं बल्कि 'अक्षय वट' हो जाओ। जो भी तुम्हारी छाया में क्षण मात्र भी समय बिताएगा उसे अक्षय पुण्य फल प्राप्त होगा और तब से यह वृक्ष पुराण एवं जग प्रसिद्ध अक्षय वट के नाम से प्रसिद्ध होकर आज भी संगम के परम पावन तट पर स्थित है।
जय श्री राम🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩
Jay shri ram jai shree hanuman
Jai sitaram🙏🙏🙏🌹🥀🌺🌼🌼
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