खुदरंग शायर अदम गोंडवी भाग 2 || Adam Gondvi part 2 ||

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  • čas přidán 6. 09. 2024
  • दोस्तों, अदम गोंडवी साहब की रचनाओं की दुनिया मे आपका एक बार फिर से स्वागत है | इस वीडियो में हम अदम गोंडवी साहब की 2 सुप्रसिद्ध गज़लें लेकर आएं हैं। साथ ही तुकबंदी वाली कविताएं भी है |
    रचनाकार चैनल के माध्यम से आपको हिंदी के साहित्यकार, कवि, गज़लकार आदि सभी विधाओं की रचनाएं सुनने को मिलेगी।
    वीडियो में प्रस्तुत गज़लें कुछ इस तरह से है।
    1. मुक्तिकामी चेतना अभ्यर्थना इतिहास की
    यह समझदारों की दुनिया है विरोधाभास की
    आप कहते हैं इसे जिस देश का स्वर्णिम अतीत
    वो कहानी है महज़ प्रतिरोध की ,संत्रास की
    यक्ष प्रश्नों में उलझ कर रह गई बूढ़ी सदी
    ये परीक्षा की घड़ी है क्या हमारे व्यास की?
    इस व्यवस्था ने नई पीढ़ी को आखिर क्या दिया
    सेक्स की रंगीनियाँ या गोलियाँ सल्फ़ास की
    याद रखिये यूँ नहीं ढलते हैं कविता में विचार
    होता है परिपाक धीमी आँच पर एहसास की |
    2. जो डलहौज़ी न कर पाया वो ये हुक्काम कर देंगे
    कमीशन दो तो हिंदुस्तान को नीलाम कर देंगे
    सुरा व सुंदरी के शौक़ में डूबे हुए रहबर
    दिल्ली को रंगीलेशाह का हम्माम कर देंगे
    ये वंदेमातरम् का गीत गाते हैं सुबह उठकर
    मगर बाज़ार में चीज़ों का दुगना दाम कर देंगे
    सदन को घूस देकर बच गई कुर्सी तो देखोगे
    अगली योजना में घूसख़ोरी आम कर देंगे |
    दोस्तों, आगे आने वाली पॉडकास्ट में अदम गोंडवी साहब के साथ-साथ अन्य साहित्यकारों की रचनाओं को भी लाने का हमारा प्रयास है।
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