पूज्य गुरुदेव जी सादर चरण वंदन। घर में 28/29 अप्रैल को रामचरितमानस पाठ रखा है। 02 संपुत सोचा है। जेहि विधि प्रभु प्रसन्न मन होई। करुणा सागर किजिए सोई। नाथ सकल संपदा तुम्हारी मैं सेवक समेत सुत नारी। मेरी दृष्टि में प्रभु को कोई कष्ट मेरी तरफ से न हो इसलिए 01 संपूत ठीक लग रहा। अपने गुरूजी के आदेश की प्रतीक्षा में। सादर जय सियाराम। संतोष कुमार अवस्थी जय माता दी भवन लखनऊ।
Jai shree ram ❤ guruji❤😊
Radha Radha
पूज्य गुरुदेव जी
सादर चरण वंदन। घर में 28/29 अप्रैल को रामचरितमानस पाठ रखा है। 02 संपुत सोचा है।
जेहि विधि प्रभु प्रसन्न मन होई।
करुणा सागर किजिए सोई।
नाथ सकल संपदा तुम्हारी
मैं सेवक समेत सुत नारी।
मेरी दृष्टि में प्रभु को कोई कष्ट मेरी तरफ से न हो इसलिए 01 संपूत ठीक लग रहा। अपने गुरूजी के आदेश की प्रतीक्षा में। सादर जय सियाराम।
संतोष कुमार अवस्थी
जय माता दी भवन
लखनऊ।
RamRam बहुत बहुत साधुबाद, 🙏🙏
गुरुदेव भगवान के चरणों में कोटि कोटि प्रणाम नमन 🙏🙏🙏🌹🌹
जय श्री राम
Jai Siya Ram
Ram Ram bholenath ji 🙏
🙏🙏🙏
एक ही जीबन मे चार आश्रम..कितनी कितनी आयु का एक आश्रम होता है और चारो को समझाने की कृपा करे🙏 सीताराम
गुरु जी को तहेदिल से कोटि कोटि नमन
सादर चरण स्पर्श 🙏🙏 सीताराम सीताराम 🙏🚩
Sadar prnam 🙏🙏🙏🙏
Jai siya ram🙏🙏
गुरु जी प्रणाम 🙏🙏🙏🙏🙏
जय सिया राम! बाबा 🙏 बाबा मेरी भी एक जिज्ञासा है ! " रामचरितमानस के सात कांडों को सात सीढियां की उपमा क्यों दी गई है ?"
गुरु जी प्रणाम
जय श्री राम