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History of ancient Agam Kuan in Patna city

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  • čas přidán 12. 02. 2017
  • राजधानी पटना का प्राचीन नाम पाटलिपुत्र और अजीमाबाद भी रहा है. इसी प्राचीन पाटलिपुत्र के समय से ही यहाँ एक ऐसा प्राचीन और खास कुआं भी स्थित है. जिसका रहस्य आज भी बरक़रार है. स्मार्ट अशोक काल से ही स्थित इस चमत्कारी कुएं का धार्मिक और पुरातात्विक दोनों तरह से महत्त्व माना जाता है. हम बात कर रहे हैं पटना के अगमकुआं तुलसी मंडी इलाके में स्थित अगमकुआं की. यहां कुएं के साथ-साथ शीतला माता का मंदिर भी स्थित है. ऐसा मान्यता है कि इस कुएं की खुदाई सम्राट अशोक के काल 273-232 ईस्वी पूर्व में की गई थी. इस कुएं की ख़ासियत यह है कि भयंकर सूखा पड़ने पर भी कुआं सूखता नहीं. वहीं दूसरी तरफ बाढ़ आने पर भी इसका जलस्तर में कोई वृद्धि नहीं होती. इस कुएं की एक और ख़ासियत यह है कुए का पानी सात रंगों में बदलता रहता है. बताया जाता है कि इस कुएं के अंदर 9 और छोटे-छोटे कुएं है जिसमे एक तहखाना में सम्राट अशोक का खजाना रहता था. इसे खजानागृह भी कहा जाता था. यह कुआं शीतला माता का मंदिर के प्रागण में स्थित है . ऐसी मान्यता है कि पहले कुएं की पूजा की जाती है और फिर शीतला माता की. रोज़ाना यहां हजारो भक्त आते है और कुएं की पूजा करने के बाद शीतल माता की पूजा करते है. आस्था से जुड़े लोग कुएं में सिक्के भी डालते हैं. 1902-03 में ब्रिटिश खोजकर्ता लौरेंस वाडेल ने उल्लेख किया है सबसे पहले 1932 में अंग्रेजी हुकूमत ने प्रयास किया था. लेकिन, कई फीट पानी बाहर निकलाने के बाद भी कुएं की गहराई का पता नहीं चल पाया. तीसरी बार दिसंबर 1995 में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालूप्रसाद यादव ने पुरातत्व विभाग की मदद से कुएं के रहस्य को पता लगवाने की कोशिश की. जब उस कचरे की गहराई का पता लगाया गया तो वह भी 90 फीट मापी गयी जिसके बाद फिर पानी का स्त्रोत आना शुरू हो गया. फिर इस प्रक्रिया को यहीं रोक दिया गया. फिर उसी दिन कुएं का जलस्तर सामान्य हो गया. इन तीनों प्रयास के बाद भी कुएं का रहस्य अभी तक पूरी तरह खुल नहीं पाया है.
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