अकबर प्रतिवर्ष नौरोज मेले का आयोजन करता था, जिसमें वह सुंदर युवतियों को खोजता था,और उनसे अपने शरीर की भूख शांत करता है। एक बार अकबर नौरोज के मेले में बुरका पहनकर सुंदर स्त्रियों की खोज कर ही रहा था,कि उसकी नजर मेले में घूम रही किरणदेवी पर जा पड़ी। वह किरणदेवी के रमणीय रूप पर मोहित हो गया। किरणदेवी मेवाड़ के महाराणा प्रतापसिंह के छोटे भाई शक्तिसिंह की पुत्री थी... और उसका विवाह बीकानेर के प्रसिद्ध राजपूत वंश में उत्पन्न पृथ्वीराज राठौर के साथ हुआ था। अकबर ने बाद में किरणदेवी का पता लगा लिया कि यह तो तुम्हारे ही गुलाम की बीबी है, तो उसने पृथ्वीराज राठौर को जंग पर भेज दिया और किरण देवी को अपनी दूतियों के द्वारा बहाने से महल में आने का निमंत्रण दिया। अब किरणदेवी पहुंची अकबर के महल में, तो स्वागत तो होना ही था और इन शब्दो में हुआ, ‘‘हम तुम्हें अपनी बेगम बनाना चाहते हैं।’’ कहता हुआ अकबर आगे बढ़ा, तो किरणदेवी पीछे को हटी... अकबर आगे बढ़ते गया और किरणदेवी उल्टे पांव पीछे हटती गयी... लेकिन कब तक हटती बेचारी पीछे को... उसकी कमर दीवार से जा ली। ‘‘बचकर कहाँ जाओगी,’’ अकबर मुस्कुराया, ‘‘ऐसा मौका फिर कब मिलेगा, तुम्हारी जगह पृथ्वीराज के झोंपड़ा में नहीं हमारा ही महल में है’’ ‘‘हे भगवान, ’’ किरणदेवी ने मन-ही-मन में सोचा, ‘‘इस राक्षस से अपनी इज्जत आबरू कैसे बचाउ?’’ ‘‘हे धरती माता, किसी म्लेच्छ के हाथों अपवित्र होने से पहले मुझे सीता की तरह अपनी गोद में ले लो।’’ व्यथा से कहते हुए उसकी आँखों से अश्रूधारा बहने लगी और निसहाय बनी धरती की ओर देखने लगी, तभी उसकी नजर कालीन पर पड़ी। उसने कालीन का किनारा पकड़कर उसे जोरदार झटका दिया। उसके ऐसा करते ही अकबर जो कालीन पर चल रहा था, पैर उलझने पर वह पीछे को सरपट गिर पड़ गया, ‘‘या अल्लाह!’ ’ उसके इतना कहते ही किरणदेवी को संभलने का मौका मिल गया और वह उछलकर अकबर की छाती पर जा बैठी और अपनी आंगी से कटार निकालकर उसे अकबर की गर्दन पर रखकर बोली, ‘‘अब बोलो शहंशाह, तुम्हारी आखिरी इच्छा क्या है? किसी स्त्री से अपनी हवश मिटाने की या कुछ ओर?’’ एकांत महल में गर्दन से सटी कटार को और क्रोध में दहाडती किरणदेवी को देखकर अकबर भयभीत हो गया। एक कवि ने उस स्थिति का चित्र इन शब्दों में खींचा है सिंहनी-सी झपट, दपट चढ़ी छाती पर, मानो शठ दानव पर दुर्गा तेजधारी है। गर्जकर बोली दुष्ट! मीना के बाजार में मिस, छीना अबलाओं का सतीत्व दुराचारी है। अकबर! आज राजपूतानी से पाला पड़ा, पाजी चालबाजी सब भूलती तिहारी है। करले खुदा को याद भेजती यमालय को, देख! यह प्यासी तेरे खून
Thank you to inspire me by your drawings .So I never thought of giving it up
Full video pleaseeeee!!!🙏🙏🙏🙏🙏
Sasuke with perfect susanoo please 😅
bro please make tutorial bcz i want to draw like you
Pls draw usopp
One of my favorites spiderman from the new movie
Day 2 of asking you to draw deidara in your artstyle
Draw Miles Morales without a mask .this will be very cool in your art style
Nice drawing
So beautiful work❤
First
1st comment bro itna accha drawing mat banaya karo mera phone process nahi kar payega🗿
❤❤❤
Day 79 plz draw BATMAN in your style
I love you bro
Very Nice artwork
Bro can you please draw naruto and kurama
Bhai Naruto ki pan wali sketch ka full video dalo na
Which type of pen you use to make your Arts.✍️
Plz drew tim drek(robin)😊
Sikha bhi de yr
I am honored 🙇♂️
Next drow plss goku m.u.i ☯️ plss
Day 46 of asking for Dabi and touya todoroki from mha in 3D
Day 43 of asking to draw Shivaji Maharaj in shadow style
Anos voldigoad plsss 😢😢
Day 9 Pls draw obanai iguro from demon slayer
Obanai Iguro
czcams.com/users/shortsr0oFgWzKI8M?feature=share
PLEASE BRO HOW TO DRAW ANIME FACE LIKE YOU
Your sketchbook sise
Drawing book brand ?
Niceeeeeeee....👍👍👍
First view pin the comment
Draw one of your classmates
Please draw Naruto baryon mode in your style
First pin please 🥺 btw luv your vids
🫢
Day 2 of asking you to draw the once-ler (the lorax) in your style
How to draw anime face by guidelines easily because I am not drawing anime face by guidelines
Bro are you Indian??
Bhai please 🥺
where do you get those references
😂😊
😊
Please how to draw anime face iAm not draw anime face easy
Please
You are a indian
अकबर प्रतिवर्ष नौरोज मेले का आयोजन करता था,
जिसमें वह सुंदर युवतियों को खोजता था,और उनसे अपने शरीर की भूख शांत करता है।
एक बार अकबर नौरोज के मेले में बुरका पहनकर सुंदर स्त्रियों की खोज कर ही रहा था,कि
उसकी नजर मेले में घूम रही किरणदेवी पर जा पड़ी।
वह किरणदेवी के रमणीय रूप पर मोहित हो गया।
किरणदेवी मेवाड़ के महाराणा प्रतापसिंह के छोटे भाई शक्तिसिंह की पुत्री थी...
और उसका विवाह बीकानेर के प्रसिद्ध राजपूत वंश में उत्पन्न पृथ्वीराज राठौर के साथ हुआ था।
अकबर ने बाद में किरणदेवी का पता लगा लिया कि यह तो तुम्हारे ही गुलाम की बीबी है,
तो उसने पृथ्वीराज राठौर को जंग पर भेज दिया और किरण देवी को अपनी दूतियों के द्वारा बहाने से महल में आने का निमंत्रण दिया।
अब किरणदेवी पहुंची अकबर के महल में,
तो स्वागत तो होना ही था और इन शब्दो में हुआ,
‘‘हम तुम्हें अपनी बेगम बनाना चाहते हैं।’’
कहता हुआ अकबर आगे बढ़ा,
तो किरणदेवी पीछे को हटी...
अकबर आगे बढ़ते गया और किरणदेवी उल्टे पांव पीछे हटती गयी...
लेकिन कब तक हटती बेचारी पीछे को...
उसकी कमर दीवार से जा ली।
‘‘बचकर कहाँ जाओगी,’’ अकबर मुस्कुराया, ‘‘ऐसा मौका फिर कब मिलेगा, तुम्हारी जगह पृथ्वीराज के झोंपड़ा में नहीं हमारा ही महल में है’’
‘‘हे भगवान, ’’ किरणदेवी ने मन-ही-मन में सोचा,
‘‘इस राक्षस से अपनी इज्जत आबरू कैसे बचाउ?’’
‘‘हे धरती माता, किसी म्लेच्छ के हाथों अपवित्र होने से पहले मुझे सीता की तरह अपनी गोद में ले लो।’’
व्यथा से कहते हुए उसकी आँखों से अश्रूधारा बहने लगी और निसहाय बनी धरती की ओर देखने लगी, तभी उसकी नजर कालीन पर पड़ी। उसने कालीन का किनारा पकड़कर उसे जोरदार झटका दिया। उसके ऐसा करते ही अकबर जो कालीन पर चल रहा था, पैर उलझने पर वह पीछे को सरपट गिर पड़ गया, ‘‘या अल्लाह!’
’
उसके इतना कहते ही किरणदेवी को संभलने का मौका मिल गया और वह उछलकर अकबर की छाती पर जा बैठी और अपनी आंगी से कटार निकालकर उसे अकबर की गर्दन पर रखकर बोली, ‘‘अब बोलो शहंशाह, तुम्हारी आखिरी इच्छा क्या है? किसी स्त्री से अपनी हवश मिटाने की या कुछ ओर?’’
एकांत महल में गर्दन से सटी कटार को और क्रोध में दहाडती किरणदेवी को देखकर अकबर भयभीत हो गया।
एक कवि ने उस स्थिति का चित्र इन शब्दों में खींचा है
सिंहनी-सी झपट, दपट चढ़ी छाती पर,
मानो शठ दानव पर दुर्गा तेजधारी है।
गर्जकर बोली दुष्ट! मीना के बाजार में मिस,
छीना अबलाओं का सतीत्व दुराचारी है।
अकबर! आज राजपूतानी से पाला पड़ा,
पाजी चालबाजी सब भूलती तिहारी है।
करले खुदा को याद भेजती यमालय को,
देख! यह प्यासी तेरे खून
Please reply my answer Please
Your drawings are all the same 🧐
❤ لمحبي الرسم بقلم الرصاص تابعوني. Please
First
Plz drew tim drek ( robin)😊
Plz drew tim drek ( robin)😊
Plz drew tim drek ( robin)😊
Plz drew tim drek ( robin)😊
Plz drew tim drek ( robin)😊