🙏🏽🌷🪴🪔🚩जय श्रीकृष्ण जी ।जय गिरिराज धरण की जय। जय गोवर्धन नाथ महाराज की जय। जय वल्लभाचार्य महाराज की जय। जय गुरूदेव चरण स्पर्श वंदन नमन कोटी कोटी प्रणाम नमन राधे राधे 🚩🪔🪴🌷🙏🏽
मूल पुरुष नारायण यज्ञ। श्रुति अवतार भये सर्वज्ञ॥ शाखा तैत्तरीय गोत्र भारद्वाज। तैलंग कुल उदित द्विजराज॥ द्विजराज तें हरि आय प्रगटे सोम यज्ञ कियो जबें। कुंड तें हरि कहि जु बानी जन्म कुल तुम्हरे अबें॥ चकित तत्छन भये सब जन ऐसी अब लों न भई कबें। सुनत ही मन हरख कीनो धन्य धन्य कह्यो सबें॥१॥ तिनके पुत्र भये गंगाधर। तिनके गनपति सुत वल्लभवर॥ श्री लक्षमन भट अनुभव टेव। सुद्ध सत्व ज्यों श्री वसुदेव॥ सत्व गुन विद्या पयोनिधि विसद कीरति प्रगटई। गाम कांकरवार में तही जाति सब हरखित भई॥ परव पर सह कुटुम्ब लेके चले प्राग को साथ लै। स्नानदान दिवाय द्विज कों चले कासी पांत लै॥२॥ कछुक दिन रहिकें चले सब दच्छन। आनंदित तनु सगुन सुलच्छन॥ चम्पारन्य माहि जब आये। एलम्मगारू गर्भ स्त्रवित जताये॥ स्त्राव जानि चले तहां ते नगर चोडा में बसे। जगत में आनंद फैल्यो दसो दिसा मनों हँसे॥ चैन है सुनि चले कासी फेर वहि बन आवहिं। अग्नि चहुँधा मधि बालक देख सन्मुख धावहीं॥३॥ मारग दियो जानि जिय माता। लिये उछंग मोहि दियो है विधाता॥ तात सुनत दौरि कंठ लगाये। तिहिं छिन मंगल होत बधाये॥ मंगल बधायो होत तिहुंपुर देव दुंदुभी बाजहीं। जोतसी कों लग्न पूछत प्रथम समयो साध ही॥ धन्य संवत पंद्रहा पेंतीस माधव मास है। कॄष्णा एकादशी श्री वल्लभ प्रगटा वदन विलास है॥४श्री वल्लभ को ले आये कासी। सुंदर रूप नयन सुख रासी॥ सात बरस उपवीत धराये। तब तें विद्या पढन पठाये॥ पढें चारों वेद अरु खट शास्त्र महिना चार में। तात को अचरज भयो यह कौन रूप विचार में॥ नींद आई कह्यो प्रभु संदेह क्यों तुम करत हो। प्रथम बानी भई है सो प्रगट जानो अब भयो॥५॥ जाग परि कह्यो पत्नी आगे। ये हैं पूरन ब्रह्म अनुरागे॥ श्री मुख बचन कहे श्री वल्लभ। माया मत खंडन भये सुलभ॥ सुलभ तें दच्छिन पधारे ग्यारह बरस को बपु धरे। देख मामा हरख के आदर कियो आवो घरें॥ विद्यानगर कृष्णदेव राजा बहुत मतही जहाँ मिले। जीत के कनकाभिषेक सों पढे आवत यहाँ पहले॥६॥ रामानुज अरु माध्वाचारज। विष्णुस्वामि निमादित्य हरि भज॥ संकर में अनुसरत और मत। युक्ति बल तें आज सबल अति॥ सबल सुन आपहिं पधारे द्वार पें पहुँचे जबे। भृत्य दौरि प्रताप बरन्यो राय आवो इहां सबे॥ राय आय प्रनाम कीनो सभा में जु पधारिये। सुनहुं बिनती कृपासागर दुष्ट मतहि विडारिये॥७॥ गजगति चाल चले श्री वल्लभ। इनकी कृपा भये सब सुलभ॥ रवि के उदय किरन ज्यों बाढी। तैसी सभा पांत उठ ठाडी॥ ठाडे सब स्तुति करें जब, कियो मायामत खंडन। सब्द जै जै होत सब मुख, भक्ति पथ भुव मंडन॥ स्तुति करें द्विज हाथ जोरें राय मस्तक नाव ही। परम मंगल होत है कनकाभिषेकपाछे जलसों न्हाय बिराजे। बिनती करी राये मन साजे। द्रव्य सबे अंगीकृत करिये। प्रभु बोले यह नाहिंन ग्रहिये॥ ग्रहिए नाहिन स्नान जलवत बाँट सबकों दीजिये। बांट दीनो करी बिनती मोहि सरन जू लीजिये॥ कृपा करिके सरन लीनो थार भरी मोहोरे धर्यो। सप्त लेके कह्यो दैवी द्रव्य अंगीकृत कर्यो॥९॥ तहाँ ते पंढरपुर जु सिधारे। श्री विट्ठलनाथ मिलन को जु पधारे॥ भीमरथी के पार मिले जब। दोऊ तन में आनंद बढ्यो तब॥ बढ्यो आनंद करी विनती आप कों यह श्रम भयो। कही श्री विट्ठलनाथ जी ने मित्रता पथ प्रगटियो॥ फेरि श्री गोकुल पधारे निरख यमुना हरख हीं। संग दमालिक हते तिन पै कृपा रस बरखहिं॥१०॥ एक समै चिन्ता चित्त आई। दैवी किहिं बिधि जानी जाई॥ आसुरी सों सब मिलित सदाई। भिन्न होय सो कौन उपाई॥ भिन्न को जब चित्त धरे तब प्रभु पधारे तिहिं समे। मधुर रूप अनंग मोहित कहत सुध कीने हमें॥ करो अब तें ब्रह्म को सबंध दैवी सृष्टि सों। पांच दोष न रहे ताके निवेदन करो वृष्टि सों॥११॥ वचन सुनी हरखे श्री वल्लभ। यह आज्ञा ते परम अति सुलभ॥ कंठ पवित्रा ले पहराये। मिश्री भोग धरी मन भाये॥ भयो भायो चित्त कौ तब पुष्टिपंथ को अनुसरे। सरन जे आवे निरंतर काल भय तें ना डरे॥ प्रगट सब लीला दिखावत नंदनंदन जे करी। अवनि पर पद पद्म राखी परिक्रमा मिष उर धरी॥१२॥
श्रीमद् आचार्य चरणं शरणं सर्व देहीनाम् समस्त दोष दहनं मस्तके राजताम् मम पुर्व में गाये गऐ मूलपूरुष की शैली अति क्लासीकल होने के कारण हम जैसे साधारण लोगों के लिए उसे नित्य सूनना थोड़ा कठीन था । आपने मधुर कंठ से जिस सहजता से गाया है उसके लिए आप धन्यवाद के पात्र है। साथ ही यह विनती है कि प्राचीन से प्राचीन धोल-पद-किर्तन आदि को ही अपने चैनल के माध्यम से हमें प्रसादीत कीजिए। पुनः एक बार आपकी पूरी किर्तन मंड़ली को अभिनंदन और जय श्री कृष्ण 👏👏👏
Khub sundar thanks for posting 🙏🏾🙏🏾🙏🏾
ऐसा सुंदर भावपूर्ण मूल पुरुष आज सुनने मिला धन्य है आपकी कीर्तन भावना महाप्रभुजी की बधाई में बहुत भावना बढ़ाएंगे और पुष्टि भावना बढ़ाएंगे
Baho sundar gan karyu man jitu lidhu
Jay shree krushn bahut sunder ❤❤
Shree Vallabh ni krupa sada tamara par rahe khub sundar gan kariyou che Jay shree krushna 🌹🙏🌹
Khub sundar, jay ho prabhu🙏🙏,
श्रीवल्लभाधिशकी जय हो
जयश्रीकृष्ण 🌹 राधे राधे
॥ જય શ્રીકૃષ્ણ ॥ khub sundar 🙏🙏
🙏🏽🌷🪴🪔🚩जय श्रीकृष्ण जी ।जय गिरिराज धरण की जय। जय गोवर्धन नाथ महाराज की जय। जय वल्लभाचार्य महाराज की जय। जय गुरूदेव चरण स्पर्श वंदन नमन कोटी कोटी प्रणाम नमन राधे राधे 🚩🪔🪴🌷🙏🏽
🙏Jay shree krishna 🙏 🙏jay shree vallabh🙏🌹🙏🌹👌🌹🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Jay Jay Shree Gokulesh, jay Jay Shree Vallabh Prabhu.
🌷🙏🙏🌷shree vallabhadhis ki Jay 👌👌🙏
0😊😊p
સુંદર અવાજ માં આપણી પ્રસુતિ સાંભળવા નો અનેરો આનંદ મેળવયો...
શ્રી કૃષ્ણઃ શરણં મમઃ ્્્્
Khub sundar
अति सुंदर । जयश्रीकृष्ण
श्री सर्वोतम स्तोत्र अने श्री नवरत्न नुं धोण पण मुकवा विनंती ।
बहुत-बहुत सुन्दर जयश्रीकृष्ण
🙏Shri Vallabhadish Ki Jai, thank you for uploading, bahut sunder 🙏
Jay vallbhdhis ki jay ho apane Ati sundar sree mulputush bataya apaka bahut sukaya prabhu apaki bahut khayati Mile AJ prathna Jay Jay Jay ho
श्री वल्लभाधीश की जय हो
Vallabhadhish ki Jay ati sundar bhav se sunaya or sath me padgte huve vaisnav ga bhi shake dhanyvad aloukik anand aya Jay Sri Krishna
बहुत-बहुत सुन्दर, जयश्रीकृष्ण
Jayhojayho❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
Ati sundar Darshan, Kirtan. Jai Shri Krushna Sarve Vaishnavone.
Vallabhadhis Ki Jay Ho
Bahot hi sundar with pictures
Bahot sundar
Jay vallbhdhis ki jay ho apane bahut bahut badhai badhai prabhu apaki khayati Mile AJ prathna
Panchang Pranam 🙏🙏
Ati sunder
Ati suder
Sri vallabha dhish ki jay ho
Govind Das Gujrati,Varanasi
Ati sundar Jay ho
Ati sundar.Jay shree krishna 🎉
JAI MHALSA JAI NAVDURGA SHRI SWAMI SAMARTH JAI SHANKER SAMARTH JAI SHRIKRISHNA
🎉🎉
🎉❤🎉
Shree Vallbhadhish Prabhu ki Jay ho
Bahut Anand avyo
Jay Shree Krishna
Jay Shree Krushn khub sunder.🙏🙏👌👌
❤jay shree krishna ❤
❤jay shree vallabh ❤
જય હો પરમાનંદ 👌🏻👌🏻
Amara shree Vallabh prabhu.
Shree Vallabhadhish Ki Jay 🙌🏽
Goosebumps 😍
Sunder
@@prafulnasit3569 h
H
@@prafulnasit3569 SW de ce
Khub sunder jankhi 🙏🙏🙏👌👌
Jai shree krishana vallbhadhish ki jay
Jai hoooooooo Una thi kirtan
Shri vallabhadheesh ki jay
Shyam sundr shri yamune maharani ki jay
Shri nathji baba ki jay.
Sundr stuti.
Sundr voice. 🙏🙏🙏🙏
ખુબ્ ખુબ્ સુંદર.🙏🙏🙏
Ati Sundar 👏👏 madhur swar
वल्लभाधीश की जय
मूल पुरुष नारायण यज्ञ। श्रुति अवतार भये सर्वज्ञ॥
शाखा तैत्तरीय गोत्र भारद्वाज। तैलंग कुल उदित द्विजराज॥
द्विजराज तें हरि आय प्रगटे सोम यज्ञ कियो जबें।
कुंड तें हरि कहि जु बानी जन्म कुल तुम्हरे अबें॥
चकित तत्छन भये सब जन ऐसी अब लों न भई कबें।
सुनत ही मन हरख कीनो धन्य धन्य कह्यो सबें॥१॥
तिनके पुत्र भये गंगाधर। तिनके गनपति सुत वल्लभवर॥
श्री लक्षमन भट अनुभव टेव। सुद्ध सत्व ज्यों श्री वसुदेव॥
सत्व गुन विद्या पयोनिधि विसद कीरति प्रगटई।
गाम कांकरवार में तही जाति सब हरखित भई॥
परव पर सह कुटुम्ब लेके चले प्राग को साथ लै।
स्नानदान दिवाय द्विज कों चले कासी पांत लै॥२॥
कछुक दिन रहिकें चले सब दच्छन। आनंदित तनु सगुन सुलच्छन॥
चम्पारन्य माहि जब आये। एलम्मगारू गर्भ स्त्रवित जताये॥
स्त्राव जानि चले तहां ते नगर चोडा में बसे।
जगत में आनंद फैल्यो दसो दिसा मनों हँसे॥
चैन है सुनि चले कासी फेर वहि बन आवहिं।
अग्नि चहुँधा मधि बालक देख सन्मुख धावहीं॥३॥
मारग दियो जानि जिय माता। लिये उछंग मोहि दियो है विधाता॥
तात सुनत दौरि कंठ लगाये। तिहिं छिन मंगल होत बधाये॥
मंगल बधायो होत तिहुंपुर देव दुंदुभी बाजहीं।
जोतसी कों लग्न पूछत प्रथम समयो साध ही॥
धन्य संवत पंद्रहा पेंतीस माधव मास है।
कॄष्णा एकादशी श्री वल्लभ प्रगटा वदन विलास है॥४श्री वल्लभ को ले आये कासी। सुंदर रूप नयन सुख रासी॥
सात बरस उपवीत धराये। तब तें विद्या पढन पठाये॥
पढें चारों वेद अरु खट शास्त्र महिना चार में।
तात को अचरज भयो यह कौन रूप विचार में॥
नींद आई कह्यो प्रभु संदेह क्यों तुम करत हो।
प्रथम बानी भई है सो प्रगट जानो अब भयो॥५॥
जाग परि कह्यो पत्नी आगे। ये हैं पूरन ब्रह्म अनुरागे॥
श्री मुख बचन कहे श्री वल्लभ। माया मत खंडन भये सुलभ॥
सुलभ तें दच्छिन पधारे ग्यारह बरस को बपु धरे।
देख मामा हरख के आदर कियो आवो घरें॥
विद्यानगर कृष्णदेव राजा बहुत मतही जहाँ मिले।
जीत के कनकाभिषेक सों पढे आवत यहाँ पहले॥६॥
रामानुज अरु माध्वाचारज। विष्णुस्वामि निमादित्य हरि भज॥
संकर में अनुसरत और मत। युक्ति बल तें आज सबल अति॥
सबल सुन आपहिं पधारे द्वार पें पहुँचे जबे।
भृत्य दौरि प्रताप बरन्यो राय आवो इहां सबे॥
राय आय प्रनाम कीनो सभा में जु पधारिये।
सुनहुं बिनती कृपासागर दुष्ट मतहि विडारिये॥७॥
गजगति चाल चले श्री वल्लभ। इनकी कृपा भये सब सुलभ॥
रवि के उदय किरन ज्यों बाढी। तैसी सभा पांत उठ ठाडी॥
ठाडे सब स्तुति करें जब, कियो मायामत खंडन।
सब्द जै जै होत सब मुख, भक्ति पथ भुव मंडन॥
स्तुति करें द्विज हाथ जोरें राय मस्तक नाव ही।
परम मंगल होत है कनकाभिषेकपाछे जलसों न्हाय बिराजे। बिनती करी राये मन साजे।
द्रव्य सबे अंगीकृत करिये। प्रभु बोले यह नाहिंन ग्रहिये॥
ग्रहिए नाहिन स्नान जलवत बाँट सबकों दीजिये।
बांट दीनो करी बिनती मोहि सरन जू लीजिये॥
कृपा करिके सरन लीनो थार भरी मोहोरे धर्यो।
सप्त लेके कह्यो दैवी द्रव्य अंगीकृत कर्यो॥९॥
तहाँ ते पंढरपुर जु सिधारे। श्री विट्ठलनाथ मिलन को जु पधारे॥
भीमरथी के पार मिले जब। दोऊ तन में आनंद बढ्यो तब॥
बढ्यो आनंद करी विनती आप कों यह श्रम भयो।
कही श्री विट्ठलनाथ जी ने मित्रता पथ प्रगटियो॥
फेरि श्री गोकुल पधारे निरख यमुना हरख हीं।
संग दमालिक हते तिन पै कृपा रस बरखहिं॥१०॥
एक समै चिन्ता चित्त आई। दैवी किहिं बिधि जानी जाई॥
आसुरी सों सब मिलित सदाई। भिन्न होय सो कौन उपाई॥
भिन्न को जब चित्त धरे तब प्रभु पधारे तिहिं समे।
मधुर रूप अनंग मोहित कहत सुध कीने हमें॥
करो अब तें ब्रह्म को सबंध दैवी सृष्टि सों।
पांच दोष न रहे ताके निवेदन करो वृष्टि सों॥११॥
वचन सुनी हरखे श्री वल्लभ। यह आज्ञा ते परम अति सुलभ॥
कंठ पवित्रा ले पहराये। मिश्री भोग धरी मन भाये॥
भयो भायो चित्त कौ तब पुष्टिपंथ को अनुसरे।
सरन जे आवे निरंतर काल भय तें ना डरे॥
प्रगट सब लीला दिखावत नंदनंदन जे करी।
अवनि पर पद पद्म राखी परिक्रमा मिष उर धरी॥१२॥
Khub sundar vallabh prbhu ne krupa
Dandavat🙏🙏
🙏🙏💐👌💐🙏🙏
Beautifully explained with video
Hats off
Vallabhadish ki jay 🙏🙏
Khub khub mangal badhai shree vallabhadhis ki jay
@@sandhyashah7727 orp
@@sandhyashah7727 a ni pl pom
बा
@TyPiCaL YT🔥🔥
🎉
Khub sundar shree vallbhadis ki jai ho👏👏
Jai Shri Krishna KK ati sunder , one of my favourite!
Ati Sundar jakhi 🙏
Ati Sundar Kirtan 🙏
Khub khub Sundar sundar
Mahaprabhu ji ke janam jivan ki sundor janki jay shree krishna
VALLABHADHISH KI jai 🙏🙏 great voice 🙏🙏🙏😍
Ati sundar swar 🙏🙏🙏👌👌👌
@@madhushah6534 -_-+
Shri Vallabhadhish Prabhu Dandvat pranam 👏🙏.Thanks for uploading beautifully.Your voice very nice.Aise krupa bani rahe Thanks.🙏💐
Ati sundar Thanks Bhai.👏🙏
Ap,
Jy
,
@@malashah3338 lol I don't
🙏જય શ્રી કૃષ્ણ 🙏
Kya gaya he bahot mithaaaa jay hooooo
👌
Jay Shree Krushna adbhut very nice 👍
श्रीमद् आचार्य चरणं शरणं सर्व देहीनाम्
समस्त दोष दहनं मस्तके राजताम् मम
पुर्व में गाये गऐ मूलपूरुष की शैली अति क्लासीकल होने के कारण हम जैसे साधारण लोगों के लिए उसे नित्य सूनना थोड़ा कठीन था ।
आपने मधुर कंठ से जिस सहजता से गाया है उसके लिए आप धन्यवाद के पात्र है। साथ ही यह विनती है कि प्राचीन से प्राचीन धोल-पद-किर्तन आदि को ही अपने चैनल के माध्यम से हमें प्रसादीत कीजिए।
पुनः एक बार आपकी पूरी किर्तन मंड़ली को अभिनंदन और जय श्री कृष्ण 👏👏👏
🙏🙏🙏🙏
Shri vallbhadish ki jay
Bahu saras gayu che
Bahu saras gayu che
श्री विट्ठलनाथ की जय
Jay shree Valladish ki jai 🌹🙏🏻
Sundar bahut sundar
❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
🙏🙏🌹
Jayshrikrishna............s.v.bhayani....જામખંભાળિયા
Ati sundar 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
જય શ્રી કૃષ્ણ
🌹શ્રી વલ્લભ 🌹
Ati sundar
🙏
Shri mahaprabhuji ki Jay Ho 🙏🙏🙏🙏🙏🙏👌❤️😀
Khub khub khub sunder
Jay shree krushna aap sundar voice ma shravan karavi rahya cho
Khub Sundar ji
Jai shree krushan
Jay ho jay ho .........
Jay ho jayy ho
બહુ સરસ આનંદ આનંદથઈ ગયો
Aati Sundar
अति सुन्दर
Very nicely recited.
Shri Vallabhadhishji ki Jay Ho.
श्री वल्लभाधीश की जय
Ati Sundar 👌
अति सुंदर ।
ખુબ સરસ
Khub sunder🙏🙏
Shree Vallabhadhies ke Jay ho🙏🙏
Ati sunder🙏🙏🙏🙏
Jaiho Prabhu Shri Vallabhadhish ki
Bahut sunder
અતિ સુંદર ગાન
ખૂબ જ સુંદર શ્રી આચાર્ય ચરણ ના ચિત્રજી સહિત માહિતી 🙏🏻🙏🏻
89😊है
Shri Vallabha dish ki Jay ho
Jay Shree Vallabh
Bahut hi sundar hai 🙏jai ho shree Ballabh 🌷🌷
Shri vallabhadthish ki jay 🙏🙏
Ati sunder jhaki
Jay shree krishna
Jeshreekrushn
Jai Shri Krishn 👌👏
Jai shrï krishn💓💓💓👌👌👌🎉🙏🙏🙏
Jay ho khubaj sundar shree mahaprabhuji na 542 ma pradurbhav ki khub khub mangal badhai Jay shree Krishna
khubaj sundar 👌🙏
jai shree Krishna 🙏💐