९ ||कुमारिल भट्ट का उद्भव|| जगतगुरु शंकराचार्य_जीवनी|| AadiGuru Shankaracharya_Biography||

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  • čas přidán 10. 09. 2024
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Komentáře • 4

  • @tapukumar6973
    @tapukumar6973 Před 2 měsíci +2

    Jay ho kumaril Bhatt

  • @jayeshsomaiya8319
    @jayeshsomaiya8319 Před rokem +3

    સત્ય વચન

  • @Shriramkrishnhari
    @Shriramkrishnhari Před rokem +3

    आज भी नवीन अमर गाथा है यह पाते हैं
    कुमारिल भट्ट के समक्ष सिर झुकाते हैं
    सत्य ईश्वर है आत्म चिंतन शांति दायक है
    अन्यथा संसार कहां सुखदायक है।।
    सधन्यवाद सादर अभिवादन 🙏

  • @coders__corner
    @coders__corner Před 4 měsíci +2

    आपके कुछ तथ्य गलत है। जिसकी सच्चाई ये है।
    १.कुमारिल पहले बौद्ध धर्म को मानते थे लेकिन बाद में वेदों के प्रति उनकी रुचि हुई।
    २.बौद्धों द्वारा जब कुमारिल को दीवार से गिराया गया तो उन्होंने कहा की यदि वेद सत्य है तो मेरी रक्षा होगी तथा उनकी एक आंख जाने को उन्होंने यह कहा था कि उन्होंने वेद के ऊपर संशय किया इसलिए परमात्मा ने उनको एक आंख जाने का दंड दिया।
    ३. कुमारिल ने आत्मदाह इसलिए किया क्योंकि उन्होंने बौद्ध गुरु से बौद्ध शिक्षा प्राप्त की और उसी से बौद्धों की पोल खोली और उन्हें परास्त किया, वेदों में इसे गुरु द्रोह कहा गया और गुरु से छल के पश्चाताप के लिए उन्होंने आत्मदाह किया था।
    ३.उन्होंने बौद्ध शिक्षा किसी से छुपा कर नही ली थी सबको पता था कि कुमारील ब्राह्मण पुत्र है।
    धन्यवाद!