Main Udeekan Kar Rahi || Kalaam Saaeen Bulleh Shah Ji || Aarti Voice ||

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  • čas přidán 14. 04. 2024
  • #AartiShabad
    #AartiVoice
    ● कलाम साईं बुल्लेशाह जी :-
    मैं उडीकाँ कर रही, कदी आ कर फेरा ।
    मैं जो तैनूँ आखया, कोई घल सुनेहड़ा ।
    चशमां सेज विछाईआँ दिल कीता डेरा ।
    लटक चलंदा आँवदा शाह इनायत मेरा ।
    ओह अजेहा कौण है जा आखे जेहड़ा ।
    मैं विच कीह् तकसीर है मैं बरदा तेरा ।
    तैं बाझों मेरा कौण है दिल ढाह न मेरा ।
    ढूँढ शहर सभ भालया कासद घल्ला केहड़ा ।
    चढ़ियाँ डोली प्रेम दी दिल धड़के मेरा ।
    आ ओ इनायत कादरी जी चाहे मेरा ।
    पहली पौड़ी प्रेम दी पुलसराते डेरा ।
    हाजी मक्के हज करन, मैं मुख वेखाँ तेरा ।
    आ ओ इनायत कादरी हत्थ पकड़ीं मेरा ।
    बुल्ला शौह दे वासते दिल भड़कन भाहीं ।
    औखा पैंडा प्रेम दा सो घटदा नाहीं ।
    दिल विच धक्के झेड़दे सिर धाईं बेड़ा ।
    मैं उडीकाँ कर रही, कदी आ कर फेरा ।

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