Jai Sarswati Mata | जय सरस्वती माता | Mata Aarti | Aarti | Sarswati Mata Aarti | Hari Bhakti Bhajan

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  • čas přidán 10. 02. 2024
  • Jai Sarswati Mata | जय सरस्वती माता | Mata Aarti | Aarti | Sarswati Mata Aarti | Hari Bhakti Bhajan
    पूजा के लिए सुबह उठकर स्नानादि कर साफ कपड़े पहन लें. फिर मां सरस्वती की प्रतिमा या मूर्ति को पीले रंग के वस्त्र अर्पित करें. अब रोली, चंदन, हल्दी, केसर, चंदन, पीले या सफेद रंग के पुष्प, पीली मिठाई और अक्षत अर्पित करें. पूजा के स्थान पर वाद्य यंत्र और किताबों को अर्पित करें.
    हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल 14 फरवरी 2024 को बसंत पंचमी है। ज्योतिष शास्त्र में इस शुभ दिन मां सरस्वती की विधिवत पूजा और उनके बीज मंत्रों का जाप करने का बड़ा महत्व है।
    पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष माघ माह में शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर बसंत पंचमी का पर्व मनाया जाता है। यह पर्व मुख्य रूप से ज्ञान, विद्या, संगीत और कला की देवी मां सरस्वती को समर्पित है।
    हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर बसंत पंचमी मनाई जाती है। इस दिन ज्ञान और विद्या की देवी मानी गई मां सरस्वती की पूजा की जाती है।
    बसंत पंचमी के दिन स्नान के बाद पूजा स्थान को गंगाजल (गंगाजल रखने के नियम) से शुद्ध करें।
    मां सरस्वती की मूर्ति या फोटो स्थापित करें। ...
    मां सरवती के समक्ष धूप-दीप, अगरबत्ती जलाएं और उनका ध्यान करें।
    पूजा आसन पर बैठकर ही करें। ...
    मां सरस्वती को तिलक लगाएं और उन्हें माला पहनाएं।
    ॐ जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता।
    सदगुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता॥
    ॥ जय सरस्वती माता…॥
    चन्द्रवदनि पद्मासिनि, द्युति मंगलकारी।
    सोहे शुभ हंस सवारी, अतुल तेजधारी॥
    ॥ जय सरस्वती माता…॥
    बाएं कर में वीणा, दाएं कर माला।
    शीश मुकुट मणि सोहे, गल मोतियन माला॥
    ॥ जय सरस्वती माता…॥
    देवी शरण जो आए, उनका उद्धार किया।
    पैठी मंथरा दासी, रावण संहार किया॥
    ॥ जय सरस्वती माता…॥
    विद्या ज्ञान प्रदायिनि, ज्ञान प्रकाश भरो।
    मोह अज्ञान और तिमिर का, जग से नाश करो॥
    ॥ जय सरस्वती माता…॥
    धूप दीप फल मेवा, माँ स्वीकार करो।
    ज्ञानचक्षु दे माता, जग निस्तार करो॥
    ॥ जय सरस्वती माता…॥
    माँ सरस्वती की आरती, जो कोई जन गावे।
    हितकारी सुखकारी, ज्ञान भक्ति पावे॥
    ॥ जय सरस्वती माता…॥
    जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता।
    सदगुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता॥
  • Hudba

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