मरने के बाद क्या होता है ? Swami Mukundananda Hindi

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  • čas přidán 25. 04. 2023
  • स्वामी मुकुंदानंद इस वीडियो में स्वयं की पहचान से हमें अवगत करवाते हैं। वह वीडियो के प्रारंभ में कहते हैं कि हम अपने को शरीर माने बैठे हैं तो शरीर के सुखों को अपने जीवन का लक्ष्य बना लिए हैं। लेकिन हम शरीर नहीं आत्मा हैं। आत्मा की उपस्थिति के कारण यह शरीर चैतन्य हैं। जिस दिन यह आत्मा शरीर से निकल गई यह शरीर पुनः मिट्टी में परिवर्तित हो जाएगा। हमारी भूल तो तब से आरंभ हुई जब से हम अपने को शरीर मान बैठें।
    जब हम लोगों से पूछते हैं कि आपका परिचय क्या है? लोग अपना नाम बताते हैं। कुछ लोग अपनी पदवी के बारे में बताते हैं कि मैं क्लर्क हूँ। अब अधिकांश लोग कहते हैं कि मैं गुजराती हूँ, मारवाड़ी हूँ इत्यादि। लेकिन आप तो आत्मा हैं। आपको बुद्धि द्वारा यह निश्चय करना होगा कि इस संसार में जो सुख आप चाहते हैं उसकी तृप्ति कभी नहीं होगी। जब आप अपने को भगवान का अंश मानेंगे तब भगवत्प्राप्ति को अपने जीवन का लक्ष्य बनाएँगे।
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    ✨ स्वामी मुकुंदानंद परिचय -
    स्वामी मुकुंदानंद एक प्रसिद्ध भक्ति योग संत, मन नियंत्रण के प्रवक्ता, आध्यात्मिक एवं योग शिक्षक और जगदगुरु श्री कृपालु जी महाराज के वरिष्ठ शिष्य हैं। स्वामीजी एक अभूतपूर्व योग प्रणाली 'जगदगुरु कृपालु जी योग ' (JKYog) के संस्थापक है। एक इंजीनियर (आईआईटी) और प्रबंधन (आईआईएम) स्नातक के रूप में स्वामीजी का प्रशिक्षण उन बुद्धिजीवियों को बहुत आकर्षित करता है, जो वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ आध्यात्मिकता सीखना चाहते हैं। ईश्वर के विषय में सच्चे दर्शन को प्रस्तुत करने की उनकी अनूठी और उच्च पद्धतिगत प्रणाली आज की दुनिया में अत्यंत दुर्लभ है। उनकी उपस्थिति भगवान् और उन सभी आत्माओं के प्रति प्रेम का संचार करती है जो मार्गदर्शन के लिए उनसे संपर्क करते हैं।
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