Satnam sakhi | सोलह शिक्षाएं | Sixteen teachings सोलह शिक्षाएं सुनो सुखदायक हैं जोय कह टेऊँ.....

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  • čas přidán 7. 06. 2020
  • Satnam sakhi | Sixteen teachings | सोलह शिक्षाएं
    आचार्य सतगुरु स्वामी टेऊँराम जी महाराज जी द्वारा रचित पावन सोलह शिक्षाएं :
    दोहा: सोलह शिक्षाएं सुनो, सुखदायक हैं जोय।
    कह टेऊँ संकट कटे, देत परम गति सोय।।
    1)आदि फल वीचार के तुम, कर पीछे सब काम जी।
    ये वचन मन माहीं धारे, पाय सुख आराम जी।।
    2)उधम कर शुभ कर्म कारण, सीख ये ही सार है।
    भाग पर कछु नाहीं राखो, वेद ग्रंथ पुकार है।।
    3)समय का अति कदर करना, खोइये न कुसंग में।
    जो बचे व्यवहार से, सो सफल कर सत्संग में।।
    4)सर्व से तुम गुण उठाओ, दोष दृष्टी को हरे।
    देख अवगुण आपना, जो बहुत हैं मन में भरे।।
    5) सर्व जीवों से करो हित, नीन्द किसकी ना करो।
    ना बुरा चाहो किसी का, भाव शुद्ध हृदय धरो।।
    6)जीव किसको ना दिखाओ, दया सब पर कीजिये ।
    राम व्यापक जान सबमें, द्वेष को हर लीजिये।।
    7) समय जोई गुजर जावे, याद ना तुम ताहिं कर।
    आने वाले वक्त की भी, चिंता मन में नाहीं कर।।
    8)जो बनावे ईश्वर तुम, ताहिं पर राजी रहो।
    जा बनी सा है भली सब, यों सदा मुख से कहो।।
    9)आपने स्वार्थ लिए तुम, झूठ ना कब बोलना।
    वचन साचा मधुर हो जब, तबहिं मुख को खोलना।।
    10)शरण तेरी आय जोई, ताहिं दे सन्मान जी।
    यद्यपि वैरी होय तो भी, ना करो अपमान जी।।
    11)और का उपकार कर तुम, छोड़ स्वार्थ आपना।
    लोक पुनि परलोक में कब, होय तुमको ताप ना।।
    12)धर्म अपने माहीं हरदम, प्यार कर नाटना नहीं।
    सीस जावे जान दे पर, धर्म से नाटना नहीं।।
    13)मौत अपना याद कर ले, तिंह भुलावो ना कभी।
    जान मन में मरण का दिन, निकट आया है अभी।।
    14)धर्मशाला जान जग को, जीव सब मेहमान है।
    मोह किससे ना करो, सब स्वप्न सम सामान है।।
    15)वेद गुरु के वचन पर नित, तुम करो विश्वास जी।
    अटल श्रद्धा धार मन में, भ्रम कर सब नास जी।।
    16)आदि मन्तर ले गुरु से, जाप जप धर ध्यान को।
    जगत बंधन तोड़ विचरो, पाय आतम ज्ञान को।।
    ये शिक्षाऐं याद कर, मन में पुनि वीचार।
    कह टेऊँ करनी करे, भव निधि उतरो पार।।

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