अधम उद्धारनी मैं जानी, श्री जमुना जी अधम उद्धारनी मैं जानी, श्री जमुना जी। गोधन संग स्यामघन सुन्दर तीर त्रिभंगी दानी॥१॥ गंगा चरन परस तें पावन हर सिर चिकुर समानी। सात समुद्र भेद जम-भगिनी हरि नखसिख लपटानी॥२॥ रास रसिकमनि नृत्य परायन प्रेम पुंज ठकुरानी । आलिंगन चुंबन रस बिलसत कृष्ण पुलिन रजधानी ॥३॥ ग्रीष्म ऋतु सुख देति नाथ कों संग राधिका रानी। गोविन्द प्रभु रवि तनया प्यारी भक्ति मुक्ति की खानी ॥४॥
यमुना जी परम कृपालु हमारे पूर्वज चमवल के किनारे रहते थे पर वह स्नान करने यमुना मै ही करते थे तो उन्हो भदावर महाराज ने यमुना के पास ही रहने के लिए जगह दी ।होलीपुरा गांव है
अधम उद्धारनी मैं जानी, श्री जमुना जी
अधम उद्धारनी मैं जानी, श्री जमुना जी।
गोधन संग स्यामघन सुन्दर तीर त्रिभंगी दानी॥१॥
गंगा चरन परस तें पावन हर सिर चिकुर समानी।
सात समुद्र भेद जम-भगिनी हरि नखसिख लपटानी॥२॥
रास रसिकमनि नृत्य परायन प्रेम पुंज ठकुरानी ।
आलिंगन चुंबन रस बिलसत कृष्ण पुलिन रजधानी ॥३॥
ग्रीष्म ऋतु सुख देति नाथ कों संग राधिका रानी।
गोविन्द प्रभु रवि तनया प्यारी भक्ति मुक्ति की खानी ॥४॥
यमुना जी परम कृपालु हमारे पूर्वज चमवल के किनारे रहते थे पर वह स्नान करने यमुना मै ही करते थे तो उन्हो भदावर महाराज ने यमुना के पास ही रहने के लिए जगह दी ।होलीपुरा गांव है
अति सुन्दर
👌👌
શ્રી યમુનાજી ના ૪૧ પદ ની કીર્તન છે.
જયશ્રીકૃષ્ણ
Waah
Ati sundar
We listen every night
Yamune Maharani ki Jay
सभी कलाकारों को सदेन्य भगवत स्मरण , परन्तु बन्सिवादक को शत शत नमन !
खूब खूब सुन्दर
one of the suppr rag and rhythem of kirtan...
Please lirics