श्री जिनसहस्त्रनाम स्तोत्रं(shri JinSahastranam Stotra){1008 भगवान के नाम}पूर्णमति माताजी के स्वर मे
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- čas přidán 29. 04. 2020
- मूल स्तोत्र रचयिता - परम पूज्य श्री जिनसेन आचार्य
श्री जीन सहस्त्रनाम स्तोत्रं अनादि से प्रवर्तित हैं...।।।
जब तीर्थंकरों भगवंतों का जन्म होता हैं तक जन्मोतस्व मे इन्द्र श्री
जिन सहस्त्रनाम स्तोत्र से भागवान की स्तूूूति करता हैं..।।
इसी तरह इन्द्र समोसरण मैं सहस्रनाम पढकर भगवान की भक्ति करता है..।। यह बात आदि पुराण मैं मिलती हैं..।।
वर्त्तमान मैं जो सहस्त्रनाम है,इन सहस्रनाम का सबसे प्राचीन उल्लेख श्री
जिन सहस्त्रनाम केे रुप मे हमें आचार्य जिनसेन कृृत्य माहा पुराण
आदि पुराण मे मिलाता हैं..।।।।
जिन सहस्त्रनाम सेे भगवान का स्मरणन करना उनकी पूूर्ण स्तुती करना
होता है....।।।
यह हमारी कर्म निर्जरा का एक श्रेेष्ट साधन हैं..।।
इनका पाठ मुनि हो या श्रावक हो कोई भी कर सकता हैं..आराम से कर सकता हैं खूब विशुद्धि के साथ करन चाहिये.।।।
नियमित जिन सहस्त्रनाम का पाठ करन से हमारे अंतराय कर्म टलते हैं...।।
इस स्तोत्र् मे ३४ प्रस्तावना +१२९(1008 नाम)+१३ समापन =166 श्लोक है..।।।
🙏🙏🙏🙏🙏 - Hudba
वन्दामी माताजी 🙏🙏🙏
जय. हो.माता.जी.जय.हो.सब.शक्ती. मय.शब्द.से.अर्थ.से. परी. पुर्ण.स्तोत्रं. म. शत शत शत नमन.
जय.हो. गुरु देव की जय हो गुरु शिष्य की. जय हो.माता...जी..की.जय...हो.. हार..स्तोत्र..के..शब्द..का..समावेश..शक्ती..से.पूर्ण.हैं. शत शत शत शत शत नमन.
जय.हो..माता..जी..जीन.वाणी.सरस्वती... महासागर.हैं...विद्या....की...जीन.वाणी.. ओ.तो.सरस्वती.हैं..महाशक्ती..हैं.
जय...हो...माता...जी.की. शत शत शत शत शत नमन..जय..हो..
जय.हो.माता.जी.हार.स्तोत्रं. हर.रचना. लिकीता.ओर.शक्ती.से. पुर्ण.हैं.हार.समस्या.के.उपाय.होते.हैं.रहस्य. समजना .जरुरी.होता.हैं.जय.हो.
जय.हो..माता..जी.. जय हो.
आर्यिका श्री पूर्णमति माता जी
वन्दामी वन्दामी वन्दामी माताजी🙏🙏🙏
🙏🙏🙏
Om Arham Om Shanti Sardarshahr Chennai
L
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
णमो जिणाणम
जय.हो. माता की जय हो.माता.जी.८४.शाखा..के.साथ..धर्म.. आगे आगे बढे.जा.रहा.हैं. ओ.महा.शक्ती.प्रथम.तीर्थंकर.ने.सत्य. मार्ग.की.जीन.वाणी..की. रचणा.कर. रखी.हैं.ये.स्तोत्रं..मे..सब..समावेश.हैं.ये.रहस्य.. जो.. सम जेगा.जय.तो.होगी.शब्द..के.आर्थ..मे. सब कुछ.हैं.चिंतन..विद्या..तो.हैं.सब.४.वेद..से. पुर्ण.हैं.
🙏🙏🙏🙏🙏
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Vandana
वन्दामी माताजी 🙏🙏🙏
🙏🙏🙏
वन्दामी माताजी🙏🙏🙏