बरड़ुओ सुथार अर जसहड़ भाटी | राजस्थानी बातपोश | दीपसिंह भाटी | डिंगल रसावल
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- čas přidán 12. 09. 2024
- बरड़ुओ सुथार अर जसहड़ भाटी
(ऐतिहासिक राजस्थानी बातपोश)
लेखक एवं स्वर: दीपसिंह भाटी 'दीप'
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Edited by : / spsinghbhati
बहुत ही शानदार इतिहास कथा सुनाई।एक बरड़वा सुथार री तरफ सू घणों घणों धन्यवाद
धन्यवाद दीपसिंह जी साहब
आपकी इस प्रस्तुती को सुनते सुनते रोम रोम जाग गया। आपको माँ देगराय सदा खुश रखें। बरड़वा सुथार और जसहडोत भाटियों का यह सनातन संबंध जुग जुग बना रहें।
जय देगराय माताजी री सा
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🚩🚩🚩🚩 jai ma degray
Sohan ram bardwa jinjinyala
धन्यवाद दीपसिंह जी मां देग राय आपको खुश रखे , बरड़वा सुथार व जसहाड़ोत भाटी यह सनातन संबध अमर रहे ।
जांगिड़-सुथार समाज का भाटीयों के साथ बड़ा भाईपा रहा है सा 🙏🏻
बिल्कुल सा हुकुम
जाल वाली जय हो माता जी की और सुथार बड़वा और बहुत बधाईभाटीराजपुतपाडवपरीवारहै
मै आज बहुत खुश हुआ हूं कि आपका हृदय से आभारी हूं मोहन आर बरड़वा ❤🙏🙏
🙏🏽🙏🏽🙏🏽
Jai ma degray 🙏🙏🙏
Sohan ram bardwa jinjinyala
वाह वाह भाटी साहब
घणी ठावकी प्रस्तुति सा
धन्यवाद सा ।यह बात रघुवीर सिंह बोनाडा की पुस्तक " जसोड़ो का इतिहास" में भी लिखी हुई है सभी भाइयों से निवेदन है कि यह पुस्तक जरूर पढ़े ।
धन्यवाद जशहर जी की संतति की पौराणिक बात सुन कर गर्व महसूस हुआ
शुक्रिया 🙏🏽🚩
दीप सिंह जी आपरे शरणो मेरो प्रणाम है आप तीन जमारा भेला जिओ हो सा कवि ज्ञानी ओर क्षत्रीय आप घणा घणा नमस्कार प्रणाम ओर जय माताजी री
लख लख आभार हुकुम।
Jai shree Ram
हुक्म भभुता सिंध नखत सिध बना का पुरा इतिहास बताये
आप ने तो मारे मनरो वीडीओ बनादिओ❤🎉 दाता हुक्म❤ पर एक ओर जसोड़ भाटी योरो वीडीओ भले होजावे तो आणन्द आ जावे दादा जी❤❤❤ लव यू दादु😊
🙏🏽
घणी खम्मा कवि राज कविताएं कहानियां चंद रा धणी दिप सिंह जी भाटी चोहटन चालकना में मां आई चालकनेशी पैनोरमा का उद्घाटन माननीय मुख्यमंत्री महोदय भजन शर्मा के आगमन में जी चारण समाज कवि सम्मेलन हो रहे हैं आप का भी आगमन हो और मां आई कि कृपा हो तो हमारा ओहभाग 2024 ,21,2, है तों आप जरुर पधारो सा
जरुर सा देग मां चालकनेशी आईं मां की लिला है सा आप जरूर पधारों सा
100
श्री दिपसिह भाटी आप को बहुत बहुत धन्यवाद जय श्री आईनाथ जी री
हुक्म मोरे भी उज्जैनी वीर भुर सिंह राठौड़ और धोणारी वीर मोमाजी रो मंदिर है सा में खुद मोमाजी रो भोपाजी हु सा और हुक्म साथ में 52 वीर मोमाजी कुन कुण है और 52 वीरों में पाटवी कुन है सा बताओ सा प्लीज 🙏🙏⛳⛳⚔️⚔️🐎🐎❤️❤️😍😍🚩🚩
खुद को बढ़ावा देना होगा और
भोपा से हटना चाहिए
Sikha का प्रोग्राम है
@@ramlalchoudhary9532 हुक्म आपका ये कहना गलत है सा
इस ऐतिहासिक वार्ता का बहुत समय से इंतजार था। आपने इतिहास के उन ओझल पृष्ठो को पुनः जीवंत किया।
धन्यवाद सा
सांगाराम बरडुआ सांवता
लख लख आभार अर धनेवाद।
ओज से ओतप्रोत 👍
जय श्री आईनाथ,जय वीर दूदो जी
जय हो मां देगाणाराय कृपा करो मां
जय हो सा
जोधपुर महाराजा साथी रहा आशूजी रायका री बात सुनाओ ऊनरे ऊपर राजी वेन रायका बाग बचाईयो महाराजा
हुक्म खम्मा घणी सा। जय मां श्री देगराय कृपा
जी 👌👍
दुदाजी संत ,के नाम से महाराज ने
नाम दिलाया।
बोरड़ी बोली नामकरण , दूदासिंह जसौड़ भाटी
🙏🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹🌹
हम भी बरड़वा सुथार है।
❤🎉 शेयर करें
सरजी बरड़वा और बलडवा एक ही है या अलग
मे बलडवा सुथार हु बीदासर चुरू
@@suthar-palash एक ही है।
उच्चारण में थोड़ा चेंज हो गया होगा
Deepsingh ji bahut bahut dhanyavaad. Aap ki is prastuti ko sunkar room rom jag gaya. Ma degray ka asirwad aap par barse...
साधुवाद हुकुम
बरदू सुधार ने जसहर जी के लिए संवंगिया जी देवी से याचना की जशोर जी के प्राणों की रक्षा की
आपरो घणों घणों आभार दीपसिंहजी🙏
जय मां देगराय
टिकुराम सुथार बलडवा
Bardwa suthar samaj me ek gotra hoti h ..
Bahut sandar katha sunai hukam
आभार भाटी साहब
जय जुनीजाल मां देगराय आईनाथ मां🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🙏
बरडुआ खड़ीन
अद्भुत प्रस्तुती ❤
बहुत बहुत आभार
जय मां आईनाथ 🔱
❤❤❤❤
जय हो
जय मां देगराय जी री सा 🚩🙏
हुक्म एक वीडियो उज्जैनी वीर भुर सिंह राठौड़ मोमाजी रो बनाओ सा जिनने किरवा वीर मोमाजी और हिंगोला वीर भी केवे और सा राजस्थान में प्रथम स्थान बागोल है सा वीडियो बनाओ सा ❤❤🙏🙏🐎🐎⚔️⚔️⛳⛳
Very nice 🎉 डिंगल रसावल ❤
जय देव राय माता
🙏🚩
बहुत बहुत धन्यवाद
very good
Thanks
Jai shree Ram 🚩
🙏🏽🚩
जय श्री कृष्ण श्री दीप सिंह जी हुक्म
जय श्री कृष्ण हुक्म
Very nice 🎉
Jai ho deepji ki
Hukum रणधवल राजपुत योद्धा धवल सिंह सिसोदिया जी की भी गोरवशाली इतिहास रि एक विडियो बना दिजीये 1 साल से coment kar rahe hai ham 🙏 hukum
इतिहास लिख भेजिए
@@deepsinghbhati287 (1)
थरप थांन चित्तौड़ पर , माता बायण आई ।
गोती रा गुणी जन किया , दत्त पदवी पाई ।।
(2)
दन्सेन रा दांतिया , थरप्या बायण देव ।
घर गहलोतां उपन्या , घड़ लछमण करता सेव ।।
(3)
लाख समां पै घड़ लखनसी, धवण ज्यो मांड्यो हाथ ।
गोती रा कविजन कियो, सिसोदयां री साथ ।।
(4)
धवल ने बणायो रणधवल, देदी हाथ तलवार ।
काकासा रो भतीजो, खिलजी रे किदो वार ।।
उपरोक्त दोहो का पूरा सारांश इनके अतिरिक्त और भी छंद व पद्य है :-
______________________________________________
सिसोदा गावँ के सरदार घड़ लक्ष्मण सिंह रावल समर सिंह के पुत्र थे जो द्वारिका की तीर्थयात्रा से लौटते समय पाटण (गुजरात) के सोलंकी राजा सिद्धराज सिंह के महल में अतिथि बन के ठहरे । पाटण नरेश की रानी ने भैसे के लोह (भैंसा-बकरा काटना) पर मुग्ध होकर राजा के सन्मुख महारावल की प्रसंसा की । जिससे राजा ने क्रोधित हो कर कहा कि "यदि यह वीर तुम्हे इतना ही पसंद आया तो इसी के साथ चली जावो"। अंत में इस रानी ने जेवर के बक्से के भरोसे (समझकर) बायणदेवी का बक्सा लेकर कुंवर लक्ष्मणसिंह के पास आकर पूरा वृतांत कहा, तब प्रातः ही उस रानी को साथ लेकर कुंवरसा ने प्रस्थान किया मगर पाटण नरेश को पता चल जाने से रास्ते में फ़ौज की धड़ बांध (घेरा) दी। फल यह हुआ कि तलवारे चमक उठी सिसोदिया की फ़ौज का रणधवल अणता जी चौहान युद्ध में शहीद हो गया । तब कुंवर साहब ने अपने काका धवलजी को उस नगाड़े के घोड़े पर चढ़ाकर सोलंकियों के पैर उखाड़ दिये और चित्तौड़ सुरक्षित आगये ।
फिर संवत 1358 में समर सिंह के बाद चित्तौड़ राज्य के अधिकारी रतन सिंह जी हुये । आपके समय संवत् 1359 माह सुदी 9 सोमवार को अलाउद्दीन खिलजी ने चित्तौड़ पर चढ़ाई की, इस युद्ध में इन्ही धवलजी को नगाड़े के घोड़े पर चढ़ाया था और अपने गहलोत वंशी प्राचीन "दत्त" की उपाधि देकर स्वतंत्र रणधवल (पोलपात) बनाया । यह युद्ध 6 मास और 7 दिवस बाद (वि. संवत् 1360 चैत सुदी 4) को समाप्त हुआ । यह युद्ध चित्तौड़ का प्रथम साका नाम से प्रसिद्ध है, इस युद्ध धवलजी वीरगति को प्राप्त हुये । गढ़मंगा राव की बही अनुसार इनकी जयंती फाल्गुन सुदी 4 को तथा हर वर्ष दमामी राजपूत धवल सिंह जी की पुण्यतिथि 9 अप्रेल को मनाते है।
इनके वंशज अपनी गौत्र दांत्या लिखते है जिनमे भी भोमावत, मालावत और नीकावत तीन प्रशाखाये है । इस कौम की पूज्य माता बाणेश्वरी का मंदिर ग्राम लकड़वास ( उदयसागर के समीप ) में है जहाँ किसी समय मेला भी भरता था परन्तु अब नहीं भरता। तीसरी शाखा का मूल पुरुष निकाजी दांत्या को कुछ षड्यंत्रकारियो ने महाराणा प्रताप के खिलाफ भड़का कर उदयपुर से देश निकाला कर दिया जिनको "मंदारिया" के ठाकुर दूदाजी चूंडावत ने शरण दी। इन्ही निकाजी के एक पुत्र छत्ता दात्या मारवाड़ चला गया और इनके वंशज छाता कहलाये।
संदर्भ:-
उदयपुर महाराणा फतहसिंह जी के राज्य काल में चारणों के और दांत्यों के खटपट हो गई थी तब माणिक्य लाल दांत्या को राज से उपरोक्त छंद सहित सनद मिली जिसका हुक्म न. 1139 महक्मा दीवानी वि.स. 1944 को प्राप्त हुआ । इसके अतिरिक्त "टोकरा" के बड़वा जी की पुस्तक में भी दांत्यों का इतिहास उक्त प्रकार से ही है फिर देखों - रणधवल परिचय पृष्ट संख्या 30 से 32 तक ।
राज परिजन परिचय , राजस्थानी जातियों की खोज , मेवाड़ का इतिहास, शाईनिंग राजस्थान नामक पुस्तकों में इसी प्रकार लेख मिलते है।
जय राजपुताना जय मेवाड़ 🚩🚩🚩🚩🙏🙏🙏
जय माँ भवानी 🚩🚩 जय रणधवल 🙏🙏🙏🚩🚩
@@deepsinghbhati287 (1)
थरप थांन चित्तौड़ पर , माता बायण आई ।
गोती रा गुणी जन किया , दत्त पदवी पाई ।।
(2)
दन्सेन रा दांतिया , थरप्या बायण देव ।
घर गहलोतां उपन्या , घड़ लछमण करता सेव ।।
(3)
लाख समां पै घड़ लखनसी, धवण ज्यो मांड्यो हाथ ।
गोती रा कविजन कियो, सिसोदयां री साथ ।।
(4)
धवल ने बणायो रणधवल, देदी हाथ तलवार ।
काकासा रो भतीजो, खिलजी रे किदो वार ।।
उपरोक्त दोहो का पूरा सारांश इनके अतिरिक्त और भी छंद व पद्य है :-
______________________________________________
सिसोदा गावँ के सरदार घड़ लक्ष्मण सिंह रावल समर सिंह के पुत्र थे जो द्वारिका की तीर्थयात्रा से लौटते समय पाटण (गुजरात) के सोलंकी राजा सिद्धराज सिंह के महल में अतिथि बन के ठहरे । पाटण नरेश की रानी ने भैसे के लोह (भैंसा-बकरा काटना) पर मुग्ध होकर राजा के सन्मुख महारावल की प्रसंसा की । जिससे राजा ने क्रोधित हो कर कहा कि "यदि यह वीर तुम्हे इतना ही पसंद आया तो इसी के साथ चली जावो"। अंत में इस रानी ने जेवर के बक्से के भरोसे (समझकर) बायणदेवी का बक्सा लेकर कुंवर लक्ष्मणसिंह के पास आकर पूरा वृतांत कहा, तब प्रातः ही उस रानी को साथ लेकर कुंवरसा ने प्रस्थान किया मगर पाटण नरेश को पता चल जाने से रास्ते में फ़ौज की धड़ बांध (घेरा) दी। फल यह हुआ कि तलवारे चमक उठी सिसोदिया की फ़ौज का रणधवल अणता जी चौहान युद्ध में शहीद हो गया । तब कुंवर साहब ने अपने काका धवलजी को उस नगाड़े के घोड़े पर चढ़ाकर सोलंकियों के पैर उखाड़ दिये और चित्तौड़ सुरक्षित आगये ।
फिर संवत 1358 में समर सिंह के बाद चित्तौड़ राज्य के अधिकारी रतन सिंह जी हुये । आपके समय संवत् 1359 माह सुदी 9 सोमवार को अलाउद्दीन खिलजी ने चित्तौड़ पर चढ़ाई की, इस युद्ध में इन्ही धवलजी को नगाड़े के घोड़े पर चढ़ाया था और अपने गहलोत वंशी प्राचीन "दत्त" की उपाधि देकर स्वतंत्र रणधवल (पोलपात) बनाया । यह युद्ध 6 मास और 7 दिवस बाद (वि. संवत् 1360 चैत सुदी 4) को समाप्त हुआ । यह युद्ध चित्तौड़ का प्रथम साका नाम से प्रसिद्ध है, इस युद्ध धवलजी वीरगति को प्राप्त हुये । गढ़मंगा राव की बही अनुसार इनकी जयंती फाल्गुन सुदी 4 को तथा हर वर्ष दमामी राजपूत धवल सिंह जी की पुण्यतिथि 9 अप्रेल को मनाते है।
इनके वंशज अपनी गौत्र दांत्या लिखते है जिनमे भी भोमावत, मालावत और नीकावत तीन प्रशाखाये है । इस कौम की पूज्य माता बाणेश्वरी का मंदिर ग्राम लकड़वास ( उदयसागर के समीप ) में है जहाँ किसी समय मेला भी भरता था परन्तु अब नहीं भरता। तीसरी शाखा का मूल पुरुष निकाजी दांत्या को कुछ षड्यंत्रकारियो ने महाराणा प्रताप के खिलाफ भड़का कर उदयपुर से देश निकाला कर दिया जिनको "मंदारिया" के ठाकुर दूदाजी चूंडावत ने शरण दी। इन्ही निकाजी के एक पुत्र छत्ता दात्या मारवाड़ चला गया और इनके वंशज छाता कहलाये।
संदर्भ:-
उदयपुर महाराणा फतहसिंह जी के राज्य काल में चारणों के और दांत्यों के खटपट हो गई थी तब माणिक्य लाल दांत्या को राज से उपरोक्त छंद सहित सनद मिली जिसका हुक्म न. 1139 महक्मा दीवानी वि.स. 1944 को प्राप्त हुआ । इसके अतिरिक्त "टोकरा" के बड़वा जी की पुस्तक में भी दांत्यों का इतिहास उक्त प्रकार से ही है फिर देखों - रणधवल परिचय पृष्ट संख्या 30 से 32 तक ।
राज परिजन परिचय , राजस्थानी जातियों की खोज , मेवाड़ का इतिहास, शाईनिंग राजस्थान नामक पुस्तकों में इसी प्रकार लेख मिलते है।
जय राजपुताना जय मेवाड़ 🚩🚩🚩🚩🙏🙏🙏
जय माँ भवानी 🚩🚩 जय रणधवल 🙏🙏🙏🚩🚩
@@deepsinghbhati287 contact numbers
9460221222 / WhatsApp
गुरुदेव को प्रणाम
Aabhar
Jay ho aavad maa degray ri🔱
बहुत शानदार इतिहास बताया हुकुम।
आभार हुकुम
जय हो मां देगराय ।
Ek number 👌👌
Jai ma sawangiya 🙏🙏🙏🙏
जय जेसाण जय माता जी
Jay ho 🚩🚩
हुक्म एक वीडियो भाटी राजपूत हूर रो मीट कियू नी खावे सा बनाओ सा प्लीज में खुद भाटी राजपूत हु सा पर मने ध्यान भी नही है सा 🙏🙏
हूर ?
जंगली सुअर सा
सुंदर वर्णन
धन्यवाद सा!
जय हो!!
अंतस सूं आभार
Ati Sundar sa
Nice🎉❤
Glad you like it
VERY NICE
Very Very nice videos 🎉🎉
Jai shri Degray maa❤
जय हो
I'm.suthar.dhamu.bishnoi
Jai sri krisna hkm
जय श्री देगराय माँ 🙏🙏
जय माताजी सा
Jai maa आई नाथ 🙏🙏🙏🙏🙏
जय माताजी
जय माता दी हुकम
शानदार जी❤❤
आभार सा
Jai mata di
बहुत सुंदर ❤❤
🙏🏽🚩
हुकम परखा गाडेती कोई कथा है , जो किसी बैलगाड़ी वाले ब्राह्मण को घानेराव, सांडेराव में डाकुओं से मुठभेड़ होती है , उसकी शौर्य कथा है, जिसको पाउआ आज भी गाते है , उस कथा को बताओ सा
Hkm satriya sargara samaj ke bari mebe bataiye 🙏
🙏🙏
उत्तर भड़ किवाड़ भाटी का क्या मतलब है
उत्तर दिशा से आने वाले आक्रांताओं से देश की सुरक्षा करने वाले रक्षक भाटी।
खाटू श्याम मंदिर का इतिहास बताइए सर please
कवि दीप सिंह जी भाटी साहब आपसे अर्ज है कि आप राम भक्त श्री श्रीयादे माता और प्रहलाद की पौराणिक कथा के बारे में हमें बताएं
अवश्य ही
👌🙏🙏
Good
❤🎉 गाव किया किया है और भी भले
🙏💖
Good story sir
Many many thanks
🎉
Kya koi hindi me btayga is kahani ke bare me. ? Samjh ni aayi muje
👍🙏🙏
🙏☺️🚩
एक स्टोरी गुर्जर भगडावतो री बनाओ
हुक्म एक विडियो महाराजा सुरजमल मते भी बनाओ
विडिओ बना हुआ है सा : czcams.com/video/ySmGbcSNEuc/video.html
पांच बेटों का नाम क्या था लीमकरणसिह जी उनके बेटे शीश काटने के बाद भी धड़ झुजीया सूरज पोल के अंदर उनकी मूर्ति है
गुजरात में चारण समाज का अपमान हुआ है गीगा भंमर (आहिर)नाम के व्यक्ति ने 14/2/2024 तारीख को अभद्र टिप्पणी की है गुजरात चारण समाज उसके विरुद्ध आवेदन पत्र दे रहा है राजस्थान चारण समाज की क्या प्रतिक्रिया है?
आप रा फ़ोन नंबर कोई है
बरड़वा है
जय माँ भवानी
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Jai swangiya maa
जय हो
Jai Mata dee
जय माताजी
जय देव राय माता