माँ कामाख्या देवी🚩नए साल में बड़े सौभाग्य से दर्शन हुआ | मातृभूमि मेरा गाँव Tour Vlog ❤️

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  • čas přidán 5. 09. 2024
  • माँ कामाख्या देवी🚩नए साल में बड़े सौभाग्य से दर्शन हुआ | मातृभूमि मेरा गाँव Tour Vlog ❤️
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    Hello Friends ,
    आज हम आपको लाए हैं दर्शन कराने माँ कामाख्या देवी जी का | आपको हम ये भी बता दें कि ये हमारी कुल देवी हैं |
    संस्कृति का प्रतीक और गंगा-जमुनी तहजीब की पहचान रखने वाला एशिया का सबसे बड़ा गांव गहमर एक अलग स्थान रखता है। इस गांव में मां कामाख्या का मंदिर वर्षो से सभी की आस्था का केंद्र बना हुआ है। नवरात्र के समय यहां श्रद्धालुओं की भीड़ का सैलाब उमड़ता है। इस धाम पर चैत्रीय रामनवमी और पूर्णिमा के दिन भव्य मेले का आयोजन होता है। शक्तिपीठों में खास महत्व रखने वाला यह धाम अपने अंदर तमाम पौराणिक इतिहास समेटे हुए है। पुरानी मान्यताओं और पुराणों के अनुसार माँ कामाख्या देवी को सिकरवार वंशीय राजपूतों की कुल देवी के रूप में बताया गया हैं।
    मंदिर की स्थापना के बारे में कहा जाता है कि पूर्व काल में फतेहपुर सिकरी में सिकरवार राजकुल पितामह खाबड़ जी महाराज ने कामगिरी पर्वत पर जाकर मां कामाख्या देवी की घोर तपस्या की थी। उनकी तपस्या से प्रसन्न मां कामाख्या ने कालांतर तक सिकरवार वंश की रक्षा करने का वरदान दिया था। वर्ष 1840 तक मंदिर में खंडित मूर्तियों की ही पूजा होती रही।
    1841 में गहमर के ही एक स्वर्णकार तेजमन ने मनोकामना पूरी होने के बाद इस मंदिर के पुर्ननिर्माण का बीड़ा उठाया। वर्तमान समय में मां कामाख्या सहित अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां मंदिर परिसर में स्थापित है |
    Thanks for Watching ❤️

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