Shree Lalitprabh Sagar ji Maharaj : budhape ko sanvarne ke prektikal tarike

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  • čas přidán 23. 09. 2015
  • अंतर्राष्ट्रीय साधना तीर्थ संबोधि धाम, जोधपुर राजस्थान द्वारा प्रस्तुत
    देश के महान प्रवचनकार राष्ट्र-संत महोपाध्याय श्री ललितप्रभ सागर जी
    महाराज का प्रवचन
    विषय - बुढ़ापे को संवारने के प्रेक्टिकल तरीके
    स्थान - आजाद चौक मैदान, भीलवाड़ा राजस्थान
    दिनांक - 22 अगस्त, 2015, शनिवार
    भरा बनाएँ। बचपन ज्ञानार्जन के लिए, जवानी धनार्जन के लिए और बुढ़ापा
    पुण्यार्जन के लिए है। बचपन में व्यक्ति माँ की अंगुली थामे,यौवन में
    पत्नी का हाथ थामे, पर बुढ़ापे में परमात्मा की शरण स्वीकार करे। जो लोग
    बुढ़ापे में भोग की बजाय योग का, लाभ की बजाय भला का और अर्जन की बजाय
    विसर्जन का मार्ग अपनाते हैं उसका जीवन सत्यम् शिवम् सुंदरम् सरीखा बन
    जाता है।

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