(गीता-38) गीता की सबसे प्रसिद्ध बात, जो हम समझ ही नहीं पाए || आचार्य प्रशांत, भगवद् गीता पर (2024)
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- čas přidán 5. 04. 2024
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वीडियो जानकारी: 24.01.24, गीता समागम, ग्रेटर नॉएडा
प्रसंग:
यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत।
अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्।।
भारत (हे अर्जुन) यदा यदा हि (जिस जिस समय) धर्मस्य (धर्म की) ग्लानिः (ग्लानि या न्यूनता) अधर्मस्य (अधर्म का) अभ्युत्थानम् (अभ्युदय) भवति (होता है) तदा (तब) अहं (मैं) आत्मानं (अपने को) सृजामि (प्रकट करता हूँ) ॥७॥
हे भारत! हे भरतवंशी, जब-जब धर्म की हानि होती है और अधर्म का अभ्युदय होता है, अधर्म सिर चढ़कर बोलता है तब-तब मैं उस धारा से अपनेआप को प्रकट करता हूँ।
जा मुझसे दूर जितना जाएगा
टकराएगा चिल्लाएगा गिर जाएगा
मत बचा मिटा दे प्यारे अंधेरे को
तू लाख बचा वो बच नहीं पाएगा
~ आचार्य जी द्वारा दिया गया काव्यात्मक अर्थ
~ जब अधर्म होता है, तब सत्य अपने विस्फोटक रूप में प्रकट होता है।
~ जो जग गया, वही कृष्ण है।
~ धर्म की हानि होना काफी नहीं, अहम को धर्म की हानि का पता चलना ज़रूरी है, तभी क्रांति होगी।
~ आज दुर्दशा से गहरा है नशा।
~ जब अधर्म पूरी तरह प्रकट हो जाता है, तो विरोध अपने आप उठता है और वास्तविक क्रांति होती है। पर जब अधर्म छिपा रहता है तो कोई क्रांति नहीं होने पाती।
~ धर्म की हानि आज पहले से ज़्यादा है, पर आज क्यों नहीं क्रांतिकारी पैदा हो रहे हैं?
~ आज कृष्ण उसमें आयेंगे जो सामने जो है, उसे वैसे ही दिख रहा है, जो संवेदनशील हैं और अधर्म को साफ़-साफ़ देख पा रहा है।
~ कृष्ण आपकी छाती से जनमते हैं, आसमान से नहीं।
संगीत: मिलिंद दाते
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🙏🙏🙏🙏🙏
Acharya ji ke charno me koti koti naman
🙏🏼🌷❤
🙏🙏🙏🙏
Nice ❤
यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारतः
अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम् ❤
"जब धर्म है तब तो सत्य है ही परंतु जब अधर्म है तब सत्य का विस्फोट है।"
"जब धर्म है तब सत्य शांत,स्निग्ध,मौन रूप में है।
और जब अधर्म है तब सत्य अपने विस्फोटक और विध्वंसात्मक रूप में है , दोनों ही दशाओं में है तो सत्य ही।"
या तो अपनी समझदारी से मान लो कि वो है नहीं तो उसका थप्पड़ खा कर मानो।
- आचार्य जी।🌿
विषय वासना उरझिकर, जन्म गंवाया बाद। अब पछतावा क्या करे, निज करनी कर याद ॥
☝🏻संत कबीर
हमारे आचार्य जी की आवाज अब हर घर घर में गूंजेगी बहुत सुकून मिलता हैं ये देखकर 💯🙏❤️
What an awareness❤🙏🏼Vande Bharatam 🌷🌷🌷🌷🌷🇮🇳🙏🏼
Hum bhot anadi log h bhot kuch sikhna h abhi apse acharya ji 🙏
आचार्य जी संग गीतासत्र में जुड़ने के बाद अब लोगों में कृष्णत्व के जन्म की सम्भावना उपजने लगी है। और ये शुभता आचार्य जी की ही देन है।🙏
आचार्य जि 🕉️🕉️🕉️🙏🙏🙏🇳🇵
जैसे रोशनी के सामने अंधेरे का होना वर्जित होता है , वैसे ही सच्चाई के सामने झूठ का होना वर्जित होता है। 🌞
नमन आचार्य जी 💖💖🙏🏻🙏🏻🌼🌼
Let this system fail and let acharya ji our ruler..we all the beings will put step on heaven in live body . 🙏 ..our king acharya prashant ❤
प्रणाम आचार्य जी 🙏🙏🙏🙏🙏
जो खुद से लड़ने की हिम्मत रखता हो कृष्ण उसके साथ हैं ।
~आचार्य प्रशांत
This is one of the best videos of Geeta ❤❤
प्रणाम आचार्य जी!
Jay Shree Krishna 🙏❤️ Dear Sir 🙏❤️
Pranam acharya ji🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
समाज में जब जब अधर्म फैलेगा तो कोई न कोई ऐसा होगा जिसमें कृष्णत्व उदित होगा ही होगा ,
कोई न कोई ऐसा होगा,जिसका अंहकार टूटेगा ,
और कोई न कोई ऐसा होगा ही जिसकी समझ जग जायेगी,
शत शत नमन आचार्य जी 🙏🙏🙏❤️
अहम बढ़ाकर अनंत नही अंत होता है ,आत्मा हो जायेगे अनंत होकर नही अंत होकर
नियम है की अहम हो नही सकता , उसका दंड है अहम का होना| जितना ज्यादा उतना ज्यादा दंड
Pranam Acharya Ji ! Hum sab k jeevan ko prakash se bharne k liyea bohot bohot dhanyawad. 🙏
प्रणाम आचार्य जी ❤
आचार्य जी इस युग के संत हैं।🙏सभी लोग केवल सुने नहीं,जीवन में भी उतारें,तभी फ़ायदा होगा।
यथा संभव दान💸 करें।🫵कौन-कौन चाहता है आचार्य जी का चैनल 100✓Milion का हो।🥰
Acharya ji pranam🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
चरण स्पर्श आचार्य जी🙏🙏🙏❤❤❤
Kaas Pehle Mile Hote Acharya Prashant Ji🙏
अंधकार में अज्ञान में, अंहकार में मति भ्रष्ट हैं,
कल उन्हें क्या कष्ट हो, वो आज ही जब नष्ट हो।
जो व्यक्ति चुनौती और संघर्ष स्वीकारता है। उसी की मुक्ति की संभावना अधिक है।
सादर प्रणाम आचार्य जी। 🙏
Namaste 🙏 Acharya ji
धन्यवाद acharya ji ❤❤
कृष्णा भगवान जी को धन्यवाद आई लव आई
One of my favorite video
अहम् अपने दुख में डूबा ही रह गया, ये पाप है।
अहम् दुख से मुक्त हो गया, यही पुण्य है।
~~Acharya ji 🙏🏻🙏🏻♥️♥️
गीता को जाने बिना तुम, कैसे पाओगे आत्मा
कृष्णत्व से होगा मिलन, बस अहम् का करते रहों खात्मा... 🙏
जो तुम चाहते हो वो तुम्हें मिल तो जाएगा, मगर तुम्हारे तरीके से नहीं,🙏🏼
जो तुम चाहते हो वो तुम्हे मिल तो जायेगा, मगर तुम्हारे तरीके से नही ❤❤🙏🙏
Ab Gita ka raaj hogi....🙏🙏🙏🙏🙏
बहुत सुंदर विवेचन ❤
जब धर्म की हानि स्पष्ट हो तब कृष्ण का प्रदुर्भाव होता है
सुप्रभातम शत् शत् नमन आचार्य श्री🙏🙏🙏 एवं समस्त श्रोतागण
🍀"धर्म का अर्थ यही थोड़े होता है कि हम आप आनंद से रहें , दुनिया के बाकी सब प्राणी जो हमसे अलग हैं वो भी आनंद से रहें ये भी तो धर्म की ही बात है ना। "
मेरे अंदर बदलाव maine देखा और यही कोशिस मै दुसरो पर भी करूंगी 🙏 आचार्य जी
Parnam Acharya ji.
Aabhar bahut bahut Abhar
Good morning acharya ji
Aacharya ji parnam
तथ्य सत्य का द्वार है , जिसने अधर्म को देख लिया हो,
वह ही कृष्णत्व का वाहक और वाहन बन जाता है ,
उसके भीतर से ही एकदम नयी,अनूठी और अनोखी उर्जा फूट रही है,
अधर्म बच जाता है जब अधर्म छुपा रहता है। अधर्म बच जाता है जब अधर्म धर्म का नाम ले लेता है। आज अधर्म धर्म का नाम लेकर छुपी हुई है ।
प्रणाम आचार्य जी 🙏🏾🙏🏾🙏🏾❤️❤️❤️
Love you aachariye ji ❤❤
🍁आचार्य प्रशांत संग श्रीमद्भगक्ट्रीता🍁
जा मुझसे दूर जितना जाएगा
टकराएगा चिल्लाएगा गिर जाएगा
मत बचा मिटा दे प्यारे अंधेरे को
तू लाख बचा वो बच नहीं पाएगा
(अध्याय 4, श्लोक 7)
सराहना दिल से, हस्तक्षेप दिमाग से और समीक्षा विवेक से करने में ही समझदारी है अन्यथा मौन ही उत्तम है ।
🙏🌹प्रणाम जी🌹🙏
जो तु चाहे मुक्ति को, छोड़ सकल की आस।
मुक्त जैसा हो रहे, सब कुछ तेरे पास।।
दौड़त दौड़त दौड़िया, जेति मन की दौड़।
दौड़ी थके मन धिर भया, वस्तु ठौर की ठौर।।
जेसे आप हमें जगाने का काम कर रहे हैं
मद अभिमान न कीजिए,
कहें कबीर समुझाय।
जा सिर अहं जो संचरे,
पड़े चौरासी जाय ।।
~संत कबीर
Sir good morning
अहम कभी भी अनंत नही हो सकता है मगर अहम चाहता है अनंत होना।
प्रणाम आचार्य जी🙏🙏🙏🙏🙏
जो तुम(अहम्) चाहते हो, तुम्हें मिल जाएगा। पर वेसे नहीं, जैसे तुम चाहते हो। फूलकर नहीं, मिटकर मिलेगा (विगलन)। 🙏🏻🪔
beautiful discourse .... ❤
Jay shree krishna sabko ji 🤗
जब धर्म है तो सत्य है ही लेकिन जब अधर्म है तो सत्य बहुत ही विस्फोटक स्तिथि में होता है।
आपका एक एक शब्द जागरूकता लाता हैं और स्वयं को बदलणे के लिये प्रेरित करता हैं.. 💯❤
❤❤❤ नमन आचार्य जी🙏🙏🙏❤️❤️❤️❤️
Very nice explanation ❤😊😊🙏🙏🙏🙏 Krishna toh hamare vitar se hin Aayenge....😊😊
प्रणाम आचार्य जी
अहम आत्मा के समान अनंत होना चाहता है पर वह जैसे-जैसे आगे बढ़ता जाता है वह अनंत नहीं होता है उसका अंत हो जाता है...🙏
Ek ek shabd Geeta ka Gyan lagta Hai, mere sochne ka v tarika kafi badal gya h, pr kisi aur ko apko sunne ko kahti hoon to koyi sunta hi nahi,
अहम चाहता है कि मैं आत्मा के समान अनंत हो जाऊ लेकिन जब वह फुलता है तो सोचता है कि मैं अनंत हो रहा हूँ लेकिन वह नहीं जानता है कि वह अनंत नही हो रहा है उसका अंत हो रहा है जब तक अहम का अंत होता है तभी वह आत्मा के समान होता है।
चूंकि नियम तोड़ने की सजा मिलती है, इसलिए अहम् को सजा मिलती है, अहम् जितना ज्यादा होगा उतना ही वह दर्द में होगा,
उसकी हस्ती ही उसका दण्ड हैं,
जब धर्म की हानि होती है तब धर्म की रक्षा करने के लिए किसी न किसी के अंदर कृष्णत्व का जन्म होता है।
और आज के समय में वो कृष्णत्व आपके अंदर है आचार्य जी 🙏🙏🙏🙏🙏
अहम् की दुर्दशा जितनी बढ़ती जाती है उसको उतना ही नशा दिया जाता है, ताकि उसे अपनी दुर्दशा पता ही न चले, और जब दुर्दशा पता नहीं चलती तो वह कराहता नहीं पुकारता नहीं, और जब वह पुकारता नहीं तो कृष्ण आते नहीं,
Jay shree Ram
कृष्ण हमारे ही भीतर जन्म लेंगे, जब अहंकार कटेगें, मिटाएंगे।
सुप्रभात आचार्य श्री एवम समस्त स्रोतागड़ 🙏🙏🙏
हमने श्री कृष्ण को सिर्फ बांसुरी बजाने वाले ,माखन खाने वाले और गोपियों के साथ रासलीला करने वाला बना दिया है क्योंकि इसमें अहंकार को सुविधा मिलती है, कृष्ण वो है जिन्होने धर्म युद्ध कराया, कृष्ण वो है जो अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाते है ,कृष्ण वो है जो हमे सही काम के लिए प्रेरित करते है 🙏🙏
आधुनिक युग के बुद्ध को मेरा प्रणाम
Pranaam acharya ji 🙏
🏃🏼♂️😩🤕😞😵💯🔥जा मुझसे दूर जितना जाएगा, टकराएगा चिल्लाएगा गिर जाएगा मत बचा मिटा दे प्यारे अंधेरे को, तू लाख बचा वो बच नहीं पाएगा (आचार्य प्रशांत द्वारा काव्यात्मक अर्थ)
भगवद् गीता - 4.7
👌👏🏽🌟
Pranam acharya ji
इस कल्युग के कृष्ण आप है, आचार्य जी 🙏🙏🤗
(श्रीमद्भागवत गीता) ~श्री कृष्ण मात्र सत्य है - यह युद्ध तुम मेरे लिए कर रहे हों अर्जुन अपने लिया नहीं तुम सत्य के लिए धर्म के लिए कर रहे हों अपने लिए नहीं, य़ह है
[निष्काम कर्म योग] अपने आप को जिताने से कहीं बेहतर है सच्चाई को जीतना l
~श्रीमद्भागवत गीता~
❤❤❤ Jay shree Krishna 🚩🚩
I follow Mr acharya Prashant since 3 years on utube. I do not know what is truth and how it is but after hearing acharya Prashant I understand that before finding the truth a man can find the ugliness in his own mind that suffer him and try to reduce the ugliness. I follow this process since 3 years and my life is much better better than previous 3 years from the prospective of understanding the ugliness. Thanks a lot to the warrior.
Hey, I'd love if you read his books and join live sessions too,, please it will give you clarify you can't imagine ❤❤
Jay ho aachary Prashant ji
नमस्कार आचार्य श्री
Tqq sir ❤
ये मुफ्त की रोटी मेहेंगी पड़ेगी मेरे देश को
किसी के भीख देने से मेरा घर नहीं चला
मेरी नौकरी, मेरी डिग्री , मेरी काबिलियत मेरे बक्से में है
ये बेरोजगारी मेरी मौत का फंदा हो चला
ये नौजवानों को खुदकुशी करता नहीं देख पा रहा
किसी ने मेरे देश का गला घोट दिया
या मेरा देश अंधा हो चला
श्री कृष्ण बाहर नहीं है कहीं वो हमारे अंदर ही है, जिसने ये जान लिया उसके लिए हो ही नहीं सकता कि वह अपनी उच्चतम सम्भावना की तरफ़ ना बढ़ पाए,दूसरों के प्रति करुणा ना आए 🙏🙏🙏🙏
जब धर्म है तब सत्य है ही लेकिन जब अधर्म है तब सत्य का विस्फोट है,
जब धर्म है तो सत्य अपने शांत, संदिग्ध और मौन रुप में है, और जब अधर्म है तब सत्य अपने विस्फोटक,विध्वासंक रुप में है , दोनो ही दशाओं में है तो सत्य ही,
Acharya ji ko pranam
❤
अहम का फूलना ही उसका अंत है
Aap sahi kah rahe hai aacharya ji
तथ्य सत्य का द्वार है।
🙏
Koti koti pranam guruji ke charno me
❤ Jai parmatma naman je
🪔 जैसे रोशनी के सामने अंधेरे का होना वर्जित होता है , वैसे ही सच्चाई के सामने झूठ का होना वर्जित होता है ।
🪔 आप रोशनी के सामने अंधेरे को तुलना के लिए भी नहीं ला सकते ।
🪔 एक है तो दूसरा बिल्कुल नहीं , दूसरे का होना बिल्कुल वर्जित हो जाता है ।